गुरुवार, 9 फ़रवरी 2023

जानिए सरकार कैसे कर रही है मध्यान भोजन में बदलाव। एक रिपोर्ट




राज्य के 70,333 प्रारंभिक स्कूलों में बच्चों के पोषण के लिए मध्याह्न भोजन के बर्तन बदलेंगे। इसके तहत टीन के बर्तन की जगह स्टील के बर्तन लेंगे । भोजन पकाने वाले बर्तन स्टील को होंगे । बच्चे भोजन भी करेंगे स्टील के ही बर्तन में । इस पर 109 करोड़ रुपये खर्च होंगे। शिक्षा विभाग के विशेष सचिव सतीश चन्द्र झा, जो राज्य में प्रधान मंत्री पोषण योजना के निदेशक भी हैं, ने बताया कि मार्च तक प्रधान मंत्री पोषण योजना वाले सभी 70,333 प्रारंभिक स्कूलों को स्टील के बर्तन उपलब्ध हो जायेंगे । अब तक आठ जिलों में स्टील के बर्तन उपलब्ध भी हो गये हैं। बांकी 30 जिलों में स्टील के बर्तन उपलब्ध कराये जा रहे हैं । स्कूलों को उपलब्ध कराये जाने वाले स्टील के बर्तनों की जांच आईआईटी पटना द्वारा की गयी है। 

आपको बता दे की अब तक स्कूलों को मध्याह्न भोजन के लिए टीन के बर्तन उपलब्ध थे । मध्याह्न भोजन पकाने वाले बर्तन भी टीन के और बच्चों के खाने वाले बर्तन भी टीन के थे। टीन के बर्तन में भोजन पकाने एवं टीन के बर्तन में खाने का असर भोजन की सुपाच्यता पर पड़ता है। अब स्टील के बर्तन में भोजन पकाने एवं स्टील के ही बर्तन में खाने से बच्चों का सेहत बेहतर होगा ।प्रधान मंत्री पोषण योजना केंद्र प्रायोजित है । यह योजना राज्य में पहली से 8वीं कक्षा के बच्चों के लिए 70,333 स्कूलों में चल रही है। इस योजना से राज्य में 1ली से 8वीं कक्षा के तकरीबन 1.19 करोड़ बच्चे आच्छादित हैं । योजना के तहत भोजन पकाने के लिए स्कूलों में तकरीबन 2.17 लाख रसोइये हैं ।


बच्चों को प्रतिदिन मेनू के हिसाब से भोजन परोसे जाते हैं। अलग-अलग दिन के लिए अलग-अलग मेनू हैं। सोमवार को चावल, मिश्रित दाल और हरी सब्जी, मंगलवार को जीरा चावल और सोयाबीन व आलू की सब्जी, बुधवार को हरी सब्जीयुक्त खिचड़ी, चोखा व मौसमी फल, वृहस्पतिवार को चावल, मिश्रित दाल और हरी सब्जी, शुक्रवार को पुलाव, काबुली या लाल चना का छोला, हरा सलाद, अंडा - मौसमी फल तथा हरी सब्जीयुक्त खिचड़ी, चोखा व मौसमी फल परोसे जाते हैं ।

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