आपको बता दे की अब तक स्कूलों को मध्याह्न भोजन के लिए टीन के बर्तन उपलब्ध थे । मध्याह्न भोजन पकाने वाले बर्तन भी टीन के और बच्चों के खाने वाले बर्तन भी टीन के थे। टीन के बर्तन में भोजन पकाने एवं टीन के बर्तन में खाने का असर भोजन की सुपाच्यता पर पड़ता है। अब स्टील के बर्तन में भोजन पकाने एवं स्टील के ही बर्तन में खाने से बच्चों का सेहत बेहतर होगा ।प्रधान मंत्री पोषण योजना केंद्र प्रायोजित है । यह योजना राज्य में पहली से 8वीं कक्षा के बच्चों के लिए 70,333 स्कूलों में चल रही है। इस योजना से राज्य में 1ली से 8वीं कक्षा के तकरीबन 1.19 करोड़ बच्चे आच्छादित हैं । योजना के तहत भोजन पकाने के लिए स्कूलों में तकरीबन 2.17 लाख रसोइये हैं ।
बच्चों को प्रतिदिन मेनू के हिसाब से भोजन परोसे जाते हैं। अलग-अलग दिन के लिए अलग-अलग मेनू हैं। सोमवार को चावल, मिश्रित दाल और हरी सब्जी, मंगलवार को जीरा चावल और सोयाबीन व आलू की सब्जी, बुधवार को हरी सब्जीयुक्त खिचड़ी, चोखा व मौसमी फल, वृहस्पतिवार को चावल, मिश्रित दाल और हरी सब्जी, शुक्रवार को पुलाव, काबुली या लाल चना का छोला, हरा सलाद, अंडा - मौसमी फल तथा हरी सब्जीयुक्त खिचड़ी, चोखा व मौसमी फल परोसे जाते हैं ।
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