पटना हाइकोर्ट ने राज्य के 2459 अनुदानित मदरसों की जांच से संबंधित याचिका पर बुधवार को सुनवाई की। कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति चक्रधारी शरण सिंह और न्यायमूर्ति मधुरेश प्रसाद की खंडपीठ ने सीतामढ़ी जिले के मदरसों की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए सीआईडी को 16 सप्ताह (चार माह) की मोहलत दी।आवेदक की ओर से अधिवक्ता राशिद इजहार ने कोर्ट को बताया कि 2459 प्लस 1 कोटि के मदरसों में से प्रथम चरण में पूरे राज्य में जांचोपरांत 1128 और दूसरे चरण में 205 मदरसों को अनुदान दिया गया था।
कोर्ट के आदेश के बाद गत 25 जनवरी को अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कीगई है। उनका कहना था कि 814 अनुदानित मदरसों की जांच के लिए जिलावार तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया गया है। बाकी की जांच का जिम्मा डीईओ को दिया गया है। सरकारी वकील का कहना था कि राज्य सरकार ने पूरे मामले में जांच की जिम्मेवारी सीआईडी को सौंप दी है। इससे पूर्व कोर्ट ने राज्य के अनुदानित 2459 मदरसों की जांच का आदेश राज्य के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को दिया था। कोर्ट ने अल्लाउद्दीन बिस्मिल की ओर से दायरलोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को इनकी जांच चार महीने में पूरा कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव को शीघ्र राज्य के सभी डीएम के साथ बैठक कर उनके संसाधनों के बारे में जांच करने का आदेश दिया था।
जांच पूरी होने तक 609 मदरसों को अनुदान राशि नहीं देने का आदेश भी दिया था। कोर्ट को बताया गया कि सीतामढ़ी जिले के 88 मदरसों की जांच सीआईडी कर रही है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता राशिद इजहार ने कोर्ट को बताया कि माध्यमिक शिक्षा के विशेष निदेशक मो. तस्नीमुर रहमान ने सीतामढ़ी जिले के सरकारी अनुदान लेने वाले मदरसों की जांच रिपोर्ट दी थी।
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