राज्य के सभी 9430 माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों की प्रबंध समितियों को व्यापक अधिकार दिए गए हैं। इससे संबंधित प्रविधान बिहार राजकीयकृत माध्यमिक उच्च माध्यमिक विद्यालय प्रबंध समिति गठन एवं संचालन नियमावली में किए गए हैं। यह तत्काल प्रभाव से लागू भी है।प्रविधान के मुताबिक प्रधानाध्यापकों एवं शिक्षकों के कार्यकलापों पर प्रबंध समिति की निगरानी रहेगी . विद्यालय के शैक्षणिक वातावरण में सुधार , शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों पर नियंत्रण , उन्हें समयनिष्ठ बनाना , उपस्कर एवं अन्य सामग्री का संरक्षण उनका लेखा , रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए सक्षम प्राधिकार का ध्यान आकृष्ट कराना , शिक्षक प्रशिक्षण की व्यवस्था संचालन में अभिभावकों एवं स्थानीय गणमान्य व्यक्तियों के सहयोग की व्यवस्था , विद्यालय भवन की मरम्मती एवं सफाई की व्यवस्था , विद्यालय के विकास कार्यक्रमों की व्यवस्था , अनुदान राशि का समय पर उपयोग व लेखा संधारण की व्यवस्था जैसे अधिकार प्रबंध समितियों को दिए गए हैं। प्रबंध समिति के सभी निर्णय बहुमत द्वारा लिए जायेंगे।
शिक्षा विभाग ने नए प्रविधान के तहत प्रबंध समितियों के लिए विद्यालय विकास कार्य योजना बनाकर उसका ससमय क्रियान्वयन को अनिवार्य कर दिया है। यहां तक कि प्रबंध समिति की बैठक समय - समय पर बुलाने , शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों पर पूर्ण नियंत्रण , विद्यालय में समुचित अनुशासन , शिक्षण की प्रगति , पाठ्यक्रम के तहत शिक्षको की प्रगति , विद्यालय भवन , उपस्कर , पाठ्यसामग्री , कक्षा , प्रयोगशाला , पुस्तकालय की समुचित साफ - सफाई , मासिक , त्रैमासिक , अद्ववार्षिक एवं वार्षिक परीक्षाओं का समय से संचालन , मूल्यांकन एवं परीक्षाफल , खेलकूद एकेडमिक कैलेंडर का जिम्मा भी प्रबंध समितियों के अधिकार में होगा।
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