मंगलवार, 30 अगस्त 2022

राज्य सरकार सभी मांगों को करेगी पूरा। अभियान शुरू। देखिए ये रिपोर्ट


गोपालगंज में समान काम के लिए समान वेतन , राज्य कर्मी का दर्जा देने और पुरानी पेंशन लागू करने सहित अन्य मांगों को लेकर जिले के नियोजित शिक्षकों ने आंदोलन तेज वूं वु कर दिया है । इस क्रम में सोमवार को बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ गोपालगंज के आह्वान पर जिले के शिक्षकों ने हस्ताक्षर अभियान की शुरूआत की । संघ के जिलाध्यक्ष रतिकांत साह ने बताया कि सूबे के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने वादा किया था कि महागठबंधन की सरकार बनने पर राज्य के नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा पुरानी पेंशन योजना , समान काम का समान वेतन सहित सारी सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी । सूबे के शिक्षा मंत्री ने कहा है कि बिहार के शिक्षक अपने स्कूलों में शैक्षणिक माहौल को बेहतर बनाएं तो राज्य सरकार उनकी सभी मांगों को पूरा कर देगी । इसको लेकर सभी नियोजित शिक्षक हस्ताक्षर अभियान के माध्यम से ज्ञापन सौंप कर नई सरकार से अपना वादा पूरा करने की मांग करेंगे ।हस्ताक्षर अभियान में शिक्षक जलेसर प्रसाद ,  ताजुद्दीन , नितेश कुमार के साथ अन्य शिक्षक भी शामिल थे। 

आपको बता दे की  गोपालगंज शहर स्थित जिला कार्यालय में सोमवार को प्रारंभिक माध्यमिक शिक्षक संघ की भी बैठक हुई । बैठक की अध्यक्षता संघ के जिलाध्यक्ष रणदीप सिंह ने की । बैठक में प्रखंड स्तरीय व जिला स्तरीय मुद्दों पर चर्चा की गई । जिला अध्यक्ष ने कहा कि संघ | को मजबूती प्रदान करने हेतु आवश्यक कदम उठाए जाएंगे । जिले किसी भी शिक्षक को यदि कोई समस्या हो तो संघ के | पदाधिकारी से मिलकर अपनी समस्या से अवश्य अवगत कराएं , ताकि समस्या का समाधान जिला स्तर पर कराया जा सके । | बैठक में एरियर भुगतान , नव नियुक्त शिक्षकों का सेवा पुस्तिका , महगाई भत्ता का एरियर भुगतान , अर्जिता अवकाश संबंधी पत्र निर्गत आदि पर विस्तृत चर्चा की गई । जिलाध्यक्ष ने संघ द्वारा आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह में जिला से शिक्षक को चयनित करने पर चर्चा की । बैठक में जिले के सभी प्रखंडों से शिक्षक प्रतिनिधि ने भाग लिया ।




सोमवार, 29 अगस्त 2022

प्रबंधन समिति की निगरानी में प्रधानाध्यापक और शिक्षक करेंगे कार्य। देखिए ये रिपोर्ट




राज्य के सभी 9430 माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों की प्रबंध समितियों को व्यापक अधिकार दिए गए हैं। इससे संबंधित प्रविधान बिहार राजकीयकृत माध्यमिक उच्च माध्यमिक विद्यालय प्रबंध समिति गठन एवं संचालन नियमावली में किए गए हैं। यह तत्काल प्रभाव से लागू भी है।प्रविधान के मुताबिक प्रधानाध्यापकों एवं शिक्षकों के कार्यकलापों पर प्रबंध समिति की निगरानी रहेगी . विद्यालय के शैक्षणिक वातावरण में सुधार , शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों पर नियंत्रण , उन्हें समयनिष्ठ बनाना , उपस्कर एवं अन्य सामग्री का संरक्षण उनका लेखा , रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए सक्षम प्राधिकार का ध्यान आकृष्ट कराना , शिक्षक प्रशिक्षण की व्यवस्था संचालन में अभिभावकों एवं स्थानीय गणमान्य व्यक्तियों के सहयोग की व्यवस्था , विद्यालय भवन की मरम्मती एवं सफाई की व्यवस्था , विद्यालय के विकास कार्यक्रमों की व्यवस्था , अनुदान राशि का समय पर उपयोग व लेखा संधारण की व्यवस्था जैसे अधिकार प्रबंध समितियों को दिए गए हैं। प्रबंध समिति के सभी निर्णय बहुमत द्वारा लिए जायेंगे। 

शिक्षा विभाग ने नए प्रविधान के तहत प्रबंध समितियों के लिए विद्यालय विकास कार्य योजना बनाकर उसका ससमय क्रियान्वयन को अनिवार्य कर दिया है। यहां तक कि प्रबंध समिति की बैठक समय - समय पर बुलाने , शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों पर पूर्ण नियंत्रण , विद्यालय में समुचित अनुशासन , शिक्षण की प्रगति , पाठ्यक्रम के तहत शिक्षको की प्रगति , विद्यालय भवन , उपस्कर , पाठ्यसामग्री , कक्षा , प्रयोगशाला , पुस्तकालय की समुचित साफ - सफाई , मासिक , त्रैमासिक , अद्ववार्षिक एवं वार्षिक परीक्षाओं का समय से संचालन , मूल्यांकन एवं परीक्षाफल , खेलकूद एकेडमिक कैलेंडर का जिम्मा भी प्रबंध समितियों के अधिकार में होगा। 

सोमवार, 1 अगस्त 2022

स्कूल जांच मे एमडीएम की गुणवत्ता मानक के अनुरूप नहीं । प्रधानाध्यापक ने दिया जवाब। देखिए ये रिपोर्ट


विक्रमगंज। स्कूली बच्चों को पोषण युक्त आहार उपलब्ध कराने के लिए विद्यालयों में संचालित मध्याहन भोजन योजना का नाम बदल कर प्रधानमंत्री पोषण योजना कर दिया गया है । नाम बदलने के बाद भी विद्यालयों में दिए जाने वाले मिड डे मील की तस्वीर नहीं बदली है । इन दिनों पंचायतों में संचालित स्कूलों की जांच की जा रही है । निरीक्षण के दौरान 60 फीसदी से अधिक विद्यालयों में संचालित एमडीएम योजना की गुणवत्ता में कमी पाई जा रही है । निरीक्षण से स्पष्ट है कि कहीं बच्चों को कम एमडीएम दिया जा रहा है , तो कहीं है । बताया जाता है कि लिमिट और महंगाई ने प्रधानमंत्री पोषण योजना का जायका बिगाड़ दिया है । 

प्रधानमंत्री पोषण योजना के तहत एक पांच कक्षा के बच्चों को 4.97 रुपये और कक्षा छह से आठ तक के छात्रों को 7.45 रुपये की दर से पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना है । दाल , सब्जी , तेल , रसोई गैस की कीमतों में प्रत्येक दिन तेजी आ रही है । ऐसे में प्रधानाध्यापक के लिए इतनी कम राशि में गुणवत्तायुक्त भोजन उपलब्ध कराना बड़ी चुनौती साबित हो रहा है ।

दूसरी ओर विद्यालयों का लिमिट तय कर दिया गया है । किसी विद्यालय में अगर 70 या 80 प्रतिशत बच्चे आते हैं , तो भी प्रधानाध्यापक को 63 प्रतिशत बच्चे के लिए निर्धारित राशि ही मिलेगी । ऐसे में शेष बच्चों को प्रधानाध्यापक अपनी जेब से कैसे मध्याह्न भोजन खिलाएंगे । प्रधानमंत्री पोषण योजना में किसी भी प्रकार की खर्च की गई राशि का भुगतान पीएफएमएस के माध्यम से किया जाना है । यह राशि भी सीधे वेंडर के खाते में जाएगी । शिक्षक शेखर गुप्ता ने कहा कि पीएफएमस प्रणाली से राशि भुगतान में काफी परेशानी आती है । अभी तक आधे विद्यालयों का भी बीते माह के विपत्र का भुगतान नहीं हो पाया है । प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी रेणु देवी कहती हैं कि पोर्टल पर विपत्र अपलोड करने में समस्या आ रही है । इसके बावजूद 50 प्रतिशत से अधिक के विपत्र का भुगतान हो गया है ।