सोमवार, 25 जुलाई 2022

शिक्षकों का नियोजन रद्द कर वेतन लौटाने का आदेश। देखिए रिपोर्ट


करगहर प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न विद्यालयों में कार्यरत फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नियोजित 14 शिक्षकों का नियोजन रद्द कर दिया गया । इस आशय की जानकारी बीईओ राज किशोर यादव ने दी । उन्होंने बताया कि जिला कार्यक्रम पदाधिकारी के निर्देश पर उच्चतर माध्यमिक शिक्षा परिषद दिल्ली से निर्गत इंटरमीडिएट के अंकपत्र व प्रमाण पत्रों के आधार पर नियोजन का लाभ लेने वाले शिक्षकों का नियोजन रद्द करते हुए उनके विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है ।

उन्होंने बताया कि यह संस्था बिहार सरकार द्वारा अमान्य घोषित की गई है । इसके बाद भी नियोजन इकाइयों द्वारा शिक्षक पद पर नियोजित कर दिया गया । 2008 से 2012 के बीच किए गए नियोजित शिक्षकों का वेतन लौटाने का आदेश दिया गया है । उन्होंने बताया कि फर्जी प्रमाण के आधार पर उत्क्रमित मध्य  विद्यालय कुडिआरी , संजय सिंह ,  मोहम्मद औरंगजेब आलम , प्राथमिक विद्यालय कनक सेमरियां हाजरा खातून , प्राथमिक विद्यालय ठोरसन मनोज कुमार पासवान प्राथमिक विद्यालय अमवलिया सदानमोइन आरजु , प्राथमिक विद्यालय अमवलिया पुष्पा कुमारी प्राथमिक विद्यालय घोरडीहां रंभा कुमारी प्राथमिक विद्यालय कौवाखोच संगीता कुमारी , प्राथमिक विद्यालय उग्रसेनपुर गोपाल तिवारी , प्राथमिक विद्यालय खड़कपुरा सुनीता कुमारी , प्राथमिक विद्यालय मठिया रसूलपुर हिमांशु सिंह , प्राथमिक विद्यालय जैतपुरा माधुरी कुमारी व रमेश कुमार सिंह सहित 14 नियोजित शिक्षकों का प्रमाण पत्र फर्जी पाए जाने पर नियोजन रद्द किया गया है ।

चयन रद्द करने वाले शिक्षकों ने बताया कि बिहार सरकार द्वारा जारी किए गए अमान्य संस्थाओं की सूची में इस संस्था का नाम नहीं है । फिर भी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी द्वारा भावना से ग्रसित होकर यह कार्रवाई की गई है । जो जांच का विषय है ।




 

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