बिहार के प्रारम्भिक विद्यालयों में संचालित मध्याह्न भोजन (MDM) में अब सब्जी-नमक से लेकर तेल तक की खरीद कैश पेमेंट से नहीं होगी। खरीद डिजिटल मोड में की जायेगी। वेंडर के जरिये खरीदारी करनी पड़ेगी। सीधे दुकानदार या वेंडर विशेष के खाते में खरीद का पैसा जायेगा। इसके लिए राज्य सरकार ने सिंगल नोडल एकाउंट का सिस्टम तैयार किया है। विभागीय जानकारी के मुताबिक सिंगल नोडल एकाउंट से स्कूल का अकाउंट कनेक्ट रहेगा। जैसे ही वह पैसा किसी दुकानदार के खाते में जायेगा वैसे ही इसकी जानकारी मध्याह्न भोजन निदेशालय और शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अफसरों के पास पहुंच जायेगी। इस व्यवस्था के जरिये मध्याह्न भोजन की खरीदी में पारदर्शिता आयेगी। नये सिस्टम के तहत इस बात का भी पता चल जायेगा कि मध्याह्न भोजन में पेमेंट किस- किस वस्तु की खरीद पर किया गया है। इससे पहले मध्याह्न भोजन से जुड़ी वस्तुओं की खरीद पूरी तरह कैश पेमेंट के जरिये होती थी।
एमडीएम डीपीओ संजय कुमार ने बताया कि सरकार स्कूलों में मध्याह्न भोजन योजना को और बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास में जुटी है। नई व्यवस्था को सुचारू और पारदर्शी बनाने के लिए सभी का सहयोग और सहभागिता जरूरी है।बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के अफसरों की माने तो मार्च तक सभी प्रखंड संसाधन केंद्रों और संकुल संसाधन केंद्रों के खाली पदों को भी भरने की प्रक्रिया चल रही है। खाली पदों के भरे जाने से मिड डे मील योजनाओं के क्रियान्वयन में और बेहतरी आएगी। मिड डे मील योजना के कार्यान्वयन के लिए लागू सिंगल नोडल एकाउंट सिस्टम के संचालन को लेकर दो दिवसीय मास्टर ट्रेनरों को प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है।
आपको मालूम हो कि कोरोना काल के बाद विद्यालयों में पढ़ाई तो शुरू हो चुकी है लेकिन मिड डे मील के चावल का सिर्फ वितरण चल रहा था लेकिन नई व्यवस्था शुरू होते ही पका पकाया पौष्टिक भोजन भी बच्चों को खिलाने की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। सूत्रों की माने तो बाल दिवस के मौके पर शुभारंभ होने की पूरी संभावना
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