मंगलवार, 16 नवंबर 2021

वेतन पर लगी रोक।जांच के दायरे में फसे शिक्षक।देखिए ये रिपोर्ट




राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण वाले दिन 60 स्कूलों के गैरहाजिर शिक्षकों के वेतन पर रोक लग गयी है। शिक्षकों के गैरहाजिर रहने की वजह से संबंधित 60 स्कूल राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण में शामिल नहीं हो पाये।

इन 60 स्कूलों में सहरसा एवं गोपालगंज ,दरभंगा, कैमूर, रोहतास एवं समस्तीपुर के तीन-तीन, औरंगाबाद, लखीसराय, मुजफ्फरपुर एवं सुपौल के दो-दो तथा अररिया, अरवल, बांका, भागलपुर, भोजपुर, गया, जमुई, कटिहार, मधेपुरा, मुंगेर, नालंदा, पूर्वी चंपारण एवं सिवान के एक- एक स्कूल शामिल हैं।आपको याद दिला दूं कि केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने देश के 36 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के 733 जिलों 12 नवंबर को राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण कराया है। सर्वेक्षण के लिए देश भर के 1.24 लाख स्कूल चिन्हित किये गये थे।इनमें केंद्र एवं राज्य सरकारों के स्कूलों के साथ ही वित्त सम्पोषित एवं प्राइवेट स्कूल शामिल थे राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण में जिन राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण वाले दिन कक्षाओं का असेसमेंट 3री, 5वीं,8वीं एवं 10वीं कक्षा के बच्चों का असेसमेंट हुआ।

बिहार की बात करें, तो राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण के लिए राज्य के 5,727 स्कूल चिन्हित थे। इसके लिए चिन्हित स्कूलों को उस दिन निश्चित रूप से ससमय खोलने एवं शिक्षक कर्मचारियों को ससमय उपस्थित रहने के निर्देश शिक्षा विभाग के अपर मुख्यसचिव संजय कुमार द्वारा दिये गये थे। इसके साथ ही हर जिले में नोडल अफसर भी तैनात किये गये थे। 5,727 चिन्हित स्कूलों में 1,95,092 बच्चों को सर्वेक्षण में शामिल होना था शिक्षा विभाग को मिली रिपोर्ट के मुताबिक शिक्षकों की गैरहाजिरी की वजह से चिन्हित 5,727 स्कूलों में से।5,667 स्कूल ही राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण में शामिल हो पाये। इस वजह से सर्वेक्षण में 1,95,092 बच्चों के बदले 1,70,875 बच्चे ही शामिल हो पाये।


शिक्षकों की गैरहाजिरी की वजह से राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण में शामिल होने से वंचित रह गये 60 स्कूलों के शिक्षक काररवाई के दायरे में आ गये हैं ।बहरहाल, राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण की रिपोर्ट केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा आगामी अप्रैल माह में जारी करने की तैयारी है।


रविवार, 14 नवंबर 2021

शिक्षा मंत्री ने दी शिक्षको को बधाई।देखिए ये रिपोर्ट




शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने वेतन वृद्धि पर पंचायतीराज एवं नगर निकाय शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों को बधाई दी है। शिक्षा मंत्री श्री चौधरी ने कहा है कि शिक्षा विभाग ने अपना वायदा पूरा किया है। यह शिक्षकों के लिए नये साल का अग्रिम तोहफा है।दीपावली एवं छठ पर बकाये वेतन का भुगतान किया गया।अब एक अप्रैल, 2021 के प्रभाव से मूल वेतन में 15 फीसदी की एकमुश्त वृद्धि की गयी है। शिक्षा मंत्री श्री चौधरी ने कहा है कि शिक्षक संतुष्ट रहेंगे, तभी स्कूलों में शैक्षिक माहौल बनेगा।हमारे सारे शिक्षक योग्य हैं। उन्होंने शिक्षकों से अपेक्षा की है कि स्कूलों में बेहतर शैक्षिक माहौल बनायेंगे।|


शनिवार, 13 नवंबर 2021

ऑनलाइन होगा वेतन निर्धारण।2021 से प्रभावी।देखिए रिपोर्ट



राज्य के पंचायतीराज एवं नगर निकायों के प्राथमिक विद्यालयों से लेकर उच्च माध्यमिक विद्यालयों के 3.5 लाख शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों के 15 प्रतिशत बढ़े हुए वेतन के भुगतान के लिए वेतन निर्धारण होगा। वेतन निर्धारण ऑनलाइन कैलकुलेटर से होगा। 15 प्रतिशत बढ़े हुए वेतन का भुगतान एक अप्रैल, 2021 के प्रभाव से होगा। एक अप्रैल, 2021 के प्रभाव से।शिक्षकों के मूल वेतन में 15 प्रतिशत की वृद्धि होगी। ।एक अप्रैल, 2021 के प्रभाव से मूल वेतन में 15 किया  प्रतिशत की बढ़ोतरी के भुगतान के लिए राज्य के शिक्षा विभाग ने शुक्रवार को आदेश जारी कर दिया है। आपको बता दे कि सूत्रों से जानकारी मिल रही है 1 जनवरी 2022 से बढ़े हुए वेतन का फिक्सेशन शुरू हो जाएगा।




शुक्रवार, 12 नवंबर 2021

स्कूलों में जांच शुरु।देखिए ये रिपोर्ट


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बिहार शिक्षा परियोजना के तत्वावधान में शुक्रवार कक्षा तीन, पांच,आठ एवं दसवीं के बच्चों की दक्षता की जांच की जाएगी। इसका आयोजन राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण के तहत किया जा रहा है। । इसके लिए पटना जिला के कुल 196 स्कूलों का चयन किया गया है। इसके लिए जिला शिक्षा कार्यालय को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिया है। सर्वेक्षण के लिए जिन स्कूलों का चयन किया गया है, वे सुबह सात बजे ही खुल जाएंगे। सर्वेक्षण में सरकारी एवं निजी दोनों तरह के स्कूलों को शामिल किया गया है।


सर्वेक्षण के दौरान स्कूल में सभी शिक्षकों, छात्रों एवं कर्मचारियों को मौजूद रहना होगा। जिला शिक्षा कार्यालय ने स्कूलों को निर्देश दिया है कि सर्वेक्षण के दिन स्कूलों में यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि बिजली की आपूर्ति बनी रहे। पेयजल, शौचालय आदि की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। स्कूल का कमरा हवादार हो। कमरे में पंखेएवं बिजली की व्यवस्था हो। स्कूल में पेन या पेंसिल की व्यवस्था होनी चाहिए। 


बच्चों की दक्षता जांच के दौरान जांच टीम को स्कूल के प्राचार्य एवं शिक्षक हर संभव सहयोग करेंगे। दक्षता जांच के लिए विभाग की ओर से आब्जर्वर तैनात कर दिए गए हैं। सर्वेक्षण के दौरान प्राचार्य या शिक्षकों को कुछ प्रश्नों का उत्तर भी देना पड़ सकता है। जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज कुमार का कहना है कि सर्वेक्षण के लिए तैयारी पूरी कर ली गई है। यह एक राष्ट्रीय आयोजन है। हर तीन वर्ष बाद इस तरह का सर्वेक्षण किया जाताहै। इसके लिए पटना जिले के196 स्कूलों का चयन किया गया है।



बुधवार, 10 नवंबर 2021

शिक्षक देंगे सवालो के जवाब।स्कूलों की होगी जांच।देखिए ये रिपोर्ट




बिहार शिक्षा परियोजना के तत्वावधान में 12 नवंबर को बच्चों की दक्षता की जांच की जाएगी। राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण का आयोजन किया जाएगा, इसके तहत ही बच्चों की दक्षता की जांच की जाएगी। इसके लिए पटना जिले के कुल 196 स्कूलों का चयन किया गया है। इस कार्यक्रम को सफल संचालन के लिए जिला शिक्षा कार्यालय को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिया है। जिन स्कूलों में सर्वेक्षण होगा, उन्हें सुबह सात बजे से खोलने का निर्देश दिया गया है।

इस अभियान में सरकारी एवं निजी दोनों तरह के स्कूलों को शामिल किया गया है। सर्वेक्षण के दिन स्कूल के सभी शिक्षक, छात्र एवं कर्मचारी मौजूद रहेंगे। स्कूल बंद रहने पर  शिक्षा विभाग उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई कर सकता है। विद्यालय में विशेष साफ-सफाई करने का निर्देश दिया गया है। जिला शिक्षा कार्यालय ने स्कूलों  को निर्देश दिया है कि सर्वेक्षण के दिन स्कूलों में पेयजल, शौचालय आदि की व्यवस्था होनी चाहिए। स्कूल का कमरा हवादार हो। कमरे में पंखे एवं बिजली की व्यवस्था हो।

बच्चों की दक्षता जांच के दौरान जांच टीम को स्कूल के प्राचार्य एवं शिक्षक हर संभव सहयोग करेंगे। दक्षता जांच के लिए विभाग की ओर से ऑब्जर्वर तैनात कर दिए गए हैं। हर तीन वर्ष बाद इस तरह का सर्वेक्षण किया जाता है। यह एक राष्ट्रीय आयोजन है। इसके लिए पटना जिले के स्कूलों का चयन किया गया है। जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज कुमार का कहना है कि सर्वेक्षण के लिए तैयारी पूरी कर ली गई है। 12 को सर्वेक्षण समय पर शुरू हो जाएगा। सर्वेक्षण के दौरान प्राचार्य या शिक्षकों को कुछ प्रश्नों के उत्तर देने पड़ सकते हैं। प्रश्न शिक्षा एवं विद्यालय से संबंधित हो सकते हैं।इसका एक फार्म शिक्षक को दिया जाएगा, जिसे भरकर आर्बजवर को देना होगा। 

मंगलवार, 9 नवंबर 2021

एमडीएम में प्रधानाध्यापको को नहीं मिलेगी नगद राशि।देखिए ये रिपोर्ट



बिहार के प्रारम्भिक विद्यालयों में संचालित मध्याह्न भोजन (MDM) में अब सब्जी-नमक से लेकर तेल तक की खरीद कैश पेमेंट से नहीं होगी। खरीद डिजिटल मोड में की जायेगी। वेंडर के जरिये खरीदारी करनी पड़ेगी। सीधे दुकानदार या वेंडर विशेष के खाते में खरीद का पैसा जायेगा। इसके लिए राज्य सरकार ने सिंगल नोडल एकाउंट का सिस्टम तैयार किया है। विभागीय जानकारी के मुताबिक सिंगल नोडल एकाउंट से स्कूल का अकाउंट कनेक्ट रहेगा। जैसे ही वह पैसा किसी दुकानदार के खाते में जायेगा वैसे ही इसकी जानकारी मध्याह्न भोजन निदेशालय और शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अफसरों के पास पहुंच जायेगी। इस व्यवस्था के जरिये मध्याह्न भोजन की खरीदी में पारदर्शिता आयेगी। नये सिस्टम के तहत इस बात का भी पता चल जायेगा कि मध्याह्न भोजन में पेमेंट किस- किस वस्तु की खरीद पर किया गया है। इससे पहले मध्याह्न भोजन से जुड़ी वस्तुओं की खरीद पूरी तरह कैश पेमेंट के जरिये होती थी।

एमडीएम डीपीओ संजय कुमार ने बताया कि सरकार स्कूलों में मध्याह्न भोजन योजना को और बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास में जुटी है। नई व्यवस्था को सुचारू और पारदर्शी बनाने के लिए सभी का सहयोग और सहभागिता जरूरी है।बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के अफसरों की माने तो मार्च तक सभी प्रखंड संसाधन केंद्रों और संकुल संसाधन केंद्रों के खाली पदों को भी भरने की प्रक्रिया चल रही है। खाली पदों के भरे जाने से मिड डे मील योजनाओं के क्रियान्वयन में और बेहतरी आएगी। मिड डे मील योजना के कार्यान्वयन के लिए लागू सिंगल नोडल एकाउंट सिस्टम के संचालन को लेकर दो दिवसीय मास्टर ट्रेनरों को प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है।


आपको मालूम हो कि कोरोना काल के बाद विद्यालयों में पढ़ाई तो शुरू हो चुकी है लेकिन मिड डे मील के चावल का सिर्फ वितरण चल रहा था लेकिन नई व्यवस्था शुरू होते ही पका पकाया पौष्टिक भोजन भी बच्चों को खिलाने की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। सूत्रों की माने तो बाल दिवस के मौके पर शुभारंभ होने की पूरी संभावना 



सोमवार, 8 नवंबर 2021

यूटीआई में शिक्षको का पैसा हुवा डबल। निकालने की मिली अनुमति।देखिए ये रिपोर्ट



यूटीआई रिटायरमेंट बेनीफिट पेंशन स्कीम में शिक्षको का पैसा लगभग डबल हो चुका है। आपको बता की सरकार ने अपना अंशदान अगस्त 2020 तक ही यूटीआई में दिया है जिसके बाद अक्टूबर 2021 में शिक्षको का पैसा डबल हो चुका है।अपने यूटीआई फण्ड की जानकारी लेने के लिए आपको यूटीआई के नंबर 09289607090 पर केवल मिसकॉल देने की जरूरत है। और आपके मैसेज बॉक्स में आपके यूटीआई फण्ड की जानकारी आ जायेगी। आपको बता दे कि बहुत जरूरत पड़ने पर ही आप इस फण्ड को निकाले अन्यथा इसे लंबे समय के किए यूटीआई में ही छोड़ दे इससे आपके पैसे में चार गुना से भी ज्यादा ग्रोथ मिल सकता है।

यूटीआई रिटायरमेंट बेनीफिट पेंशन स्कीम के मद में जमा राशि की निकासी अब की जाकेगी। प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने सभी जिलों को इससे संबंधित आदेश भी जारी कर दिया है। यूटीआई रिटायरमेंट बेनिफिट फण्ड स्कीम में राज्य सरकार के द्वारा प्रति शिक्षक 200 रुपये प्रतिमाह का अंशदान 31 अगस्त 2020  तक ही दिया गया है, यदि शिक्षक शिक्षिका चाहे तो इस पैसे को बढ़ने के लिए छोड़ सकते है या फिर अपनी जरूरत के हिसाब से निकाल सकते है।

सेवा अवधि के दौरान  या प्राकृतिक आपदा की स्थिति में आप संचित राशि का अधिकतम पचास प्रतिशत निकाल सकते है। ये काम आप अपने सर्विस के दौरान एक बार ही कर सकते है। लेकिन सेवानिवृत्ति, सेवा से त्याग या मृत्यु की स्थिति में एकमुश्त निकासी की जा सकती है। सितम्बर 2020 से ईपीएफ लागू होने के बाद सरकार ने यूटीआई में अपना अंशदान देना बन्द कर दिया है।आपको बता दे कि यूटीआई रिटायरमेंट बेनिफिट फण्ड स्कीम में जमा राशि की निकासी हेतु पत्र निर्गत करने के लिए टीईटी-एसटीईटी उत्तीर्ण शिक्षक संघ बेतिया के डीइओ से बात कर लिया। आप भी अपने जिले के डीईओ से बात करके यूटीआई का पैसा निकलवाने का पत्र निर्गत करवा सकते है।


15% वृद्धि की करवाई की प्रक्रिया शुरू।देखिए ये रिपोर्ट


राज्य में प्राथमिक विद्यालयों से लेकर माध्यमिक विद्यालयों के पंचायतीराज एवं नगर निकायों के तकरीबन 3.5 लाख शिक्षकों एवं  पुस्तकालयाध्यक्षों के मूल वेतन में हुई 15 प्रतिशत की वृद्धि के भुगतान का रास्ता साफ हो गया है । मूल वेतन में 15 प्रतिशत की वृद्धि का लाभ बढ़ा हुआ वेतन पंचायतीराज एवं नगर निकाय शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों को एक अप्रैल,2021 से मिलेगा। विभाग के पर वित्त विभाग मुहर लग चुकी है। वित्त विभाग के सूत्रों के मुताबिक इससे संबंधित संचिका शिक्षा विभाग को भेज दी गयी है। इधर, वित्त विभाग के परामर्श केआलोक में शिक्षा विभाग के स्तर पर काररवाई की प्रक्रिया शुरू हो गयी है।

आपको याद दिला दूं कि पंचायतीराज एवं नगर निकाय शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों को एक अप्रैल-2021 से मूल वेतन में 15 प्रतिशत की वृद्धि का फैसला कैबिनेट ने 18 अगस्त, 2020 को ही लिया था। कैबिनेट की बैठक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई थी। हालांकि, राज्य सरकार की योजना थी  वेतन में गत वित्तीय वर्ष 2020, 2021 में ही वृद्धि की जाय, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न वित्तीय संकट के चलते यह संभव नहीं हो पाया। वर्तमान में पंचायतीराज संस्थानों एवं नगर निकाय संस्थानों के अंतर्गत कार्यरत शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों की संख्या लगभग 3.5 लाख है। एक अप्रैल, 2021 को देय मूल वेतन में 15 प्रतिशत की वृद्धि करने पर लगभग 1950 करोड़ का वार्षिक अतिरिक्त व्यय होगा।

इससे पहले एक जुलाई 2015 को वेतन में 20 प्रतिशत की वृद्धि, वर्ष 2017 में 7वें वेतन आयोग के अनुशंसा के अनुरूप वेतन में 17 प्रतिशत की वृद्धि और वर्तमान में 15 प्रतिशत की वृद्धि पंचायतीराज संस्थानों एवं नगर निकाय संस्थानों अंतर्गत कार्यरत शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों को दी गयी है ।खैर, एक अप्रैल 2021 से पंचायतीराज एवं नगर निकाय शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों के मूल वेतन में 15 प्रतिशत की वृद्धि के कैबिनेट के फैसले के बाद इससे संबंधित संकल्प भी जारी हो गया है।

इसके अनुरूप एक अप्रैल-2021 से पंचायतीराज एवं नगर निकाय शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों के मूल वेतन में 15 प्रतिशत की वृद्धि के भुगतान के लिए वेतन निर्धारण के प्रस्ताव के साथ शिक्षा विभाग ने मार्च में ही संचिका वित्त विभाग को भेजी थी। बहरहाल, पंचायतीराज एवं नगर निकाय शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों को बढ़े हुए वेतन का भुगतान वेतन निर्धारण के बाद होगा।


रविवार, 7 नवंबर 2021

भुगतान रोकते हुए सेवामुक्त करने का आदेश।देखिए ये रिपोर्ट



सप्रारंभिक विद्यालयों के पुराने वेतनमान वाले जिला संवर्ग के वैसे शिक्षक भी सेवामुक्त होंगे, जो 31 मार्च, 2019 के बाद भी अप्रशिक्षित हैं। दरअसल, प्रारंभिक विद्यालयों के पुराने वेतनमान वाले जिला संवर्ग के 31 मार्च, 2019 के बाद भी अप्रशिक्षित रह गये शिक्षकों के मामले में जहानाबाद के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) ने वहां के जिला शिक्षा पदाधिकारी से मार्गदर्शन मांगा था। इसके मद्देनजर जिला शिक्षा पदाधिकारी ने जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) से कहा है कि शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम, 2009 की धारा 33 (2) के तहत 31 मार्च, 2019 के पश्चात अप्रशिक्षित शिक्षकों से पठन-पाठन का कार्य नहीं लेना है तथा उनके वेतनादि भुगतान को स्थगित रखते हुए सेवामुक्त करने का निदेश प्राथमिक शिक्षा निदेशकके पत्रांक-978 (13 नवंबर, 2020) द्वारा निर्गत है।


जिला शिक्षा पदाधिकारी ने जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) को दिये निर्देश में कहा है कि जिला संवर्ग के नियमित शिक्षक, जो 31 मार्च, 2019 के पश्चात प्रशिक्षित हैं, उन्हें सेवामुक्त करने हेतु जिला प्रारंभिक शिक्षक स्थापना समिति की बैठक आहूत कर अप्रशिक्षित शिक्षकों को सेवामुक्त करने की काररवाई करना सुनिश्चित करें।इसकी प्रति सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों एवं चिन्हित मध्य विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को देते हुए उन्हें निर्देश दिया गया है कि अपनेअपने प्रखंड के जिला संवर्ग के अप्रशिक्षित शिक्षकों की सूची स्थापना शाखा को उपलब्ध करायें।

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शुक्रवार, 5 नवंबर 2021

वेतन अपडेट।अक्टूबर तक भुगतान हुवा।देखिए ये रिपोर्ट


जैसा कि आप सभी जानते है कि SSA मद के शिक्षकों का दो माह का आवंटन जिलो को प्राप्त हो चुका है लेकिन अधिकारियों की सुस्ती के कारण शिक्षको के भुगतान में देरी हो रही है। वही सूत्रों से पता चला है कि पूर्वी चंपारण जिलें का  दो माह का वेतन भुगतान आज और कल में हो जाएगा। वही पश्चिम चंपारण जिले के शिक्षको का माह सितंबर का भुगतान जल्द होने की उमीद है और अक्टूबर के वेतन भुगतान में एक हफ्ते की देरी हो सकती है। आपको बता दे कि जिओबी से वेतन पाने वाले शिक्षको का अक्टूबर तक का वेतन भुगतान हो गया है।