नेशनल मूवमेंट फार ओल्ड पेंशन स्कीम की बिहार इकाई के अध्यक्ष बरुण कुमार पांडेय ने कहा कि नई पेंशन योजना का विरोध किया जाना चाहिए। सरकारी सेवकों के लिए यह एक स्वप्न से अधिक कुछ नहीं है। इसमें पेंशन जैसी कोई बात नहीं है। इस योजना में सरकारी सेवकों के बदले बाजार का हितों का ध्यान रखा गया है।यह योजना शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव पर आधारित है। इसमें कर्मियों की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है। उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन योजना में कर्मियों के वेतन से किसी तरह की कटौती नहीं की जाती है। सेवा निवृत्ति के बाद मूल वेतन का 50 फीसद हिस्सा पेंशन के तौर पर मिलने की गारंटी है। नई पेंशन योजना में इस तरह की सुरक्षा का कोई प्रावधान नहीं है। फिलहाल एक सितम्बर 2005 को या उसके बाद नियुक्त हुए सभी सरकारी कर्मी नई पेंशन योजना के दायरे में आ गए हैं।
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