रविवार, 31 अक्तूबर 2021

एक महीने चलेगा स्कूलों में ये कार्यक्रम।शिक्षको की उपस्तिथि जरूरी।देखिए ये रिपोर्ट



31 अक्टूबर को सरदार बल्लभ भाई पटेल की जयंती है। रविवार होने से प्रदेश के सारे स्कूल बंद हैं। ऐसे में सभी सरकारी और निजी स्कूलों में 1 नवम्बर, सोमवार को राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जाएगा और बच्चे राष्ट्रीय एकता की शपथ लेंगे। इसको लेकर बीईपी के राज्य परियोजना निदेशक ने शनिवार को सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को विस्तृत निर्देश जारी किया है। जिलों को राष्ट्रीय एकता शपथ का प्रारूप भी भेजा गया है तथा अधिकाधिक विद्यार्थियों व शिक्षकों की इसमें भागीदारी सुनिश्चित कराने को कहा गया है।


राष्ट्रीय एकता दिवस के मौके पर 31 अक्टूबर से 30 नवम्बर की अवधि में कक्षा 6-12 के विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन राष्ट्रीय कहानी लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। इस प्रतियोगिता का शीर्षक ‘भारत के स्वतंत्रता संघर्ष में संघ राज्य क्षेत्र का योगदान है। इस प्रतियोगिता में बच्चे 30 नवम्बर तक भाग ले सकते हैं। राष्ट्रीय एकता दिवस पर 1 से 15 नवम्बर की अवधि में किसी 7 दिन ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम के तहत पहली से 12वीं तक के बच्चों के लिए गतिविधियां आयोजित की जाएंगी।


शुक्रवार, 29 अक्तूबर 2021

वेतन अपडेट। जिलो को आवंटन प्राप्त।देखिए ये रिपोर्ट



बिहार,पटना से प्राप्त जानकारी के अनुसार SSA मद का दो महीने का आबंटन माननीय शिक्षा मंत्री के अनुमोदन के बाद अगले दो कार्य दिवस में प्रत्येक जिला को उपलब्ध करा दिया जायेगा। वही जिओबी शिक्षको का माह अक्टूबर तक का आवंटन जिलो को प्राप्त हो चुका है।

पटना जिला के GOB आच्छादित सभी शिक्षकों का डीए अंतर राशि का भुगतान कर दिया गया हैं जबकि आबंटन के अभाव में SSA और अन्य जिलों के जिओबी आच्छादित  शिक्षकों का भुगतान लंबित है । आबंटन उपलब्ध होते ही उक्त राशि का भुगतान हो जायेगा ।





शनिवार, 23 अक्तूबर 2021

शिक्षको पर लगेगा लगाम। मॉनिटरिंग हो रही है शुरू।देखिए ये रिपोर्ट



राज्य में प्राइमरी से लेकर साझा प्लस टू स्कूलों तक की मॉनीटरिंग बेस्ट एप्प से शुरू हो गयी है। बिहार शिक्षा मॉनीटरिंग परियोजना परिषद को मिली रिपोर्ट के लक्ष्य मुताबिक सितंबर में एक से तीस तारीख तक 8,230 प्राइमरी-मिडिल स्कूलों की मॉनीटरिंग बेस्ट एप से हुई। जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी एवं प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सहित सभी संबंधित पदाधिकारियों द्वारा 27 जिलों के प्राइमरी-मिडिल स्कूलों की मॉनीटरिंग हुई। इसी प्रकार सितंबर में एक से तीस तारीख तक 168 सेकेंडरी एवं प्लस-टू स्कूलों की मॉनीटरिंग भी बेस्ट एप से हुई। 


जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला परियोजना कार्यक्रम पदाधिकारी एवं प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सहित सभी संबंधित पदाधिकारियों द्वारा 18 जिलों के सभी सेकेंडरी एवं प्लस-टू स्कूलों की मॉनीटरिंग की गयी। इसके मद्देनजर के बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के निदेशक श्रीकान्त शास्त्री ने जिला शिक्षा पदाधिकारियों से रिपोर्ट साझा करते हुए उन्हें निर्देश दिया है कि अचूक रूप से स्कूलों की बेस्ट एप से मॉनीटरिंग करायी जाय।अधिकारियो को लक्ष्य के अनुरूप स्कूलों की मॉनीटरिंग हो  यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है। 



सोमवार, 4 अक्तूबर 2021

डीईओ ने कहा प्रधानाध्यापको पर होगी कारवाई।देखिए ये रिपोर्ट


बेगूसराय जिले में सरकारी स्कूलों की शैक्षणिक व्यवस्था में व्यापक बदलाव को लेकर अब सघन जांच अभियान चलाया जाएगा। किसी भी स्कूल में गड़बड़ी मिलने पर अब सीधे उस प्रखंड के बीईओ जिम्मेवार होगें। इसके लिए उनपर कार्रवाई भी की जाएगी। डीईओ रजनीकांत प्रवीण ने सभी बीईओ को अपने-अपने प्रखंड के विद्यालयों का औचक निरीक्षण करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि अगर विद्यालय खुला है तो वहां पढ़ाई होगी ही, अगर ऐसा नहीं होता है संबंधित स्कूल के एचएम से लेकर बीईओ को इसका जिम्मेवार माना जाएगा। 

डीईओ ने कहा कि हर हालत में स्कूल जैसा लगना चाहिए। उन्होंने स्कूलों में पाठ्य टीका होना आवश्यक है। साथ ही स्कूलों में हरेक घंटी निर्धारित होनी चाहिए। जिसकी जानकारी बड़े-बड़े अक्षरों में विद्यालय की दीवार पर चिपका होना चाहिए। ताकि बाहर से कोई भी अधिकारी आए तो उन्हें यह पता चल सके कि उस समय किसी वर्ग में किस विषय की पढ़ाई हो रही है, और उस वर्ग में कौन से शिक्षक की घंटी है। उन्होंने कहा कि कई बार यह देखने को मिलता है कि विद्यालय से कई शिक्षक गायब रहते हैं, किस वर्ग में क्या पढ़ाई होनी है अधिकांश विद्यालयों में दिखता ही नहीं है। उन्होंने कहा कि विद्यालय में हरेक चीज अपडेट और अद्यतन होनी चाहिए। उन्होंने सबसे अधिक साफ-सफाई को लेकर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि सफाई हरेक स्कूल में प्रमुख विषय होना चाहिए।


शुक्रवार, 1 अक्तूबर 2021

लागू हुई नई पेंशन योजना।देखिए ये रिपोर्ट


एक सितम्बर 2005 को या उसके बाद नियुक्त हुए सभी सरकारी कर्मी नई पेंशन योजना के दायरे में आ गए हैं। हालांकि व्यवहार में यह पहले से लागू था। लेकिन, नियमावली नहीं बनी थी। वित्त विभाग ने गुरुवार को इसे अधिसूचित कर दिया है। वित्त सचिव लोकेश कुमार सिंह के हस्ताक्षर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि एक सितम्बर 2005 से नियुक्त सभी सरकारी कर्मचारी नई अंशदायी पेंशन योजना से जुड़ गए हैं। यह राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के नाम से जानी जाएगी। इधर, एक कर्मचारी संगठन ने सरकार की पहल का विरोध किया है।


नेशनल मूवमेंट फार ओल्ड पेंशन स्कीम की बिहार इकाई के अध्यक्ष बरुण कुमार पांडेय ने कहा कि नई पेंशन योजना का विरोध किया जाना चाहिए। सरकारी सेवकों के लिए यह एक स्वप्न से अधिक कुछ नहीं है। इसमें पेंशन जैसी कोई बात नहीं है। इस योजना में सरकारी सेवकों के बदले बाजार का हितों का ध्यान रखा गया है।यह योजना शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव पर आधारित है। इसमें कर्मियों की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है। उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन योजना में कर्मियों के वेतन से किसी तरह की कटौती नहीं की जाती है। सेवा निवृत्ति के बाद मूल वेतन का 50 फीसद हिस्सा पेंशन के तौर पर मिलने की गारंटी है। नई पेंशन योजना में इस तरह की सुरक्षा का कोई प्रावधान नहीं है। फिलहाल एक सितम्बर 2005 को या उसके बाद नियुक्त हुए सभी सरकारी कर्मी नई पेंशन योजना के दायरे में आ गए हैं।