रविवार, 12 सितंबर 2021

शिक्षकों के ट्रांसफर पर आ रही है बड़ी खबर।देखिए ये रिपोर्ट




नियोजित शिक्षकों की ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर सरकार व विभाग द्वारा अधिसूचना तो जारी कर दी गयी, लेकिन यह केवल अधिसूचना भर ही रह गयी। ट्रांसफर प्रक्रिया इससे एक कदम आगे भी नहीं बढ़ी है। नतीजतन इससे सबसे अधिक लाभान्वित होने वाले महिला और दिव्यांग शिक्षकों में मायूसी देखी जा रही है। 
वहीं सारण जिला परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार ने ट्रांसफर-पोस्टिंग की प्रक्रिया को इतना जटिल बना दिया है कि इस प्रक्रिया को पूरा ही नहीं कराया जा सकता है। सरकार की मंशा इस मामले में भी ठीक नहीं दिख रही है। इधर, विभागीय अधिकारियों की माने, तो जारी की गयी स्थानांतरण अधिसूचना पर आचार संहिता की मार पड़ गयी है।सबसे अधिक महिला व दिव्यांग शिक्षकों में नाराजगी है।

शिक्षक संगठनों ने सरकार की ट्रांसफर- पस्टिंग नियमावली को लेकर सवाल खड़े कर दिये।शिक्षकों का कहना था कि नियमावली को इतना पेचीदा बना दिया गया है कि प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकती।सरकार को चाहिए था कि जहां-जहां महिला या दिव्यांग शिक्षकों की रिक्ति है, फिलहाल वहां उनके इच्छा अनुसार पोस्टिंग कर दी जाये. लेकिन नियमावली में जो बातें रखी गयी हैं उसके अनुसार महिला व दिव्यांग शिक्षकों को सुविधा की जगह असुविधा अधिक हो रही है। इसी को लेकर सभी शिक्षक संघों ने सरकार के सामने अपनी मांगे रखी और नियमावली को सरल बनाने की मांग की। इधर पंचायत चुनाव भी शुरू हो चुका है और इसे आचार संहिता के दायरे में ला दिया गया है। कुल मिलाकर ट्रांसफर-पोस्टिंग का यह मामला फिलहाल कुछ महीनों के लिए फंसता दिख रहा है।

ट्रांसफर का लाभ पहली से उच्च माध्यमिक विद्यालय में काम कर रहे नियोजित  शिक्षक, शिक्षिकाओं और पुस्तकालय अध्यक्ष को मिलना था। इसके अलावा जिन शिक्षकों ने तीन साल या उससे अधिक की नौकरी कर ली है, उन्हें भी ट्रांसफर का लाभ मिलना था निलंबित शिक्षकों और अनुशासनात्मक कार्रवाई का दंश झेल रहे शिक्षकों को इसका लाभ नहीं मिलता यह भी स्पष्ट कर दिया गया था कि नियोजित शिक्षकों में जिनके प्रमाणपत्र सही थे या किसी तरह की जांच में कोई खामी नहीं पायी गयी उन्हें ही ट्रांसफर का लाभ मिलेगा।







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