नेशनल काउंसिल के कर्मचारी पक्ष के सचिव शिव गोपाल मिश्र ने बताया कि सरकार ने कोविड महामारी के बीच कर्मचारियों को जो महंगाई भत्ता बढ़ाकर दिया है, उससे कर्मचारियों का मनोबल बढ़ा है। इसे लेकर काउंसिल की 26 जून को बैठक भी हुई थी। इसके बाद सरकार ने डीए बढ़ाने का ऐलान कर दिया। हालांकि सरकार ने बीते डेढ़ साल का एरियर का भुगतान करने के बारे में कोई बात नहीं की है। सरकार की यह चुप्पी सही नहीं है।
पहली वजह
शिव गोपाल मिश्र ने बकाया एरियर की मांग के पीछे दो ठोस वजह भी बताईं। उन्होंने मिडिया से बातचीत में कहा कि डीए और डीआर (Dearness Relief) कर्मचारी और पेंशनर का अधिकार हैं। इसे किसी सूरत में नहीं रोका जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी 2021 में इसे लेकर फैसला भी दिया है। जिसमे कोर्ट ने कहा कि स्लैरी और पेंशन कर्मचारी का अपना पूर्ण अधिकार है और इस कानून के मुताबिक अदा करना चाहिए।
दूसरी वजह
दूसरी वजह शिव गोपाल मिश्र ने यह बताई कि अगर सरकार 1 जनवरी 2020, 1 जुलाई 2020 और 1 जनवरी 2021 के डीए का एरियर दे देती है तो इससे कर्मचारियों और पेंशनर का फायदा होगा। इससे बाजार में कैश फ्लो (Cash Flow) बढ़ेगा, जो की कोरोना के कारण इकोनॉमी में आई सुस्ती को दूर करने में मदद करेगी। शिव गोपाल मिश्र ने बताया कि 1 जनवरी 2020 से 30 जून 2021 के बीच रिटायर लोगों को Arrear ने मिलने से काफी नुकसान होगा। उनकी ग्रेचुयटी और लिव एनहैश्मेन्ट (Leave encashment ) की रकम घट जाएगी। यह उनके साथ अन्याय है क्योंकि उन्हें डीए में बढ़ोतरी का भी फायदा नहीं मिलेगा।
Mai isse Puri trah sahmat hun
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