प्रदेश के 72 हजार प्रारभिक विद्यालयों के एक करोड़ 70 लाख बच्चों का सेहत अब अक्षय पात्र रसोई से सुधरेगी। मध्याह्न भोजन में खामियों को दूर करने और शिक्षकों को इससे अलग रखने को ध्यान में रखते हुए अक्षय पात्र रसोई से बच्चों की सेहत का ख्याल रखने की तैयारी हो रही है।योजना को लागू करने से पहले अक्षय पात्र फाउंडेशन को पटना जिले में कुछ विद्यालयों में मध्यान भोजन की जिम्मेदारी दी गई है, जिसकी शिक्षकों द्वारा सतत निगरानी हो रही है।
मध्याड भोजन योजना के संचालन में तकरीबन 3.25 लाख शिक्षकों के जुड़े रहने से पढ़ाई व्यवस्था बाधित हो रही है। अक्षय पात्र रसोई लागू होने से मध्याई भोजन से जुड़े शिक्षकों को अलग किया जाएगा ताकि उनका फोकस शिक्षण कार्य और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर सुनिश्चित हो सके जबकि बच्चों के लिए बेहतर भोजन अक्षय पात्र रसोई संभालेगी।
अक्षय पात्र रसोई में एक साथ 50 हजार बच्चो का भोजन तैयार किया जाता है।साथ ही भोजन तैयार करने के बाद गरमागरम खाना बच्चो की थाली तक पहुँचाने की जिम्मेवारी रसोई संचालक की होती है। खाना कई मानकों पर परखने के बाद बच्चो को परोसा जाता है। फाउंडेशन द्वारा देश में उत्तर प्रदेश, प्रदेश असम छतीसगढ़, गुजरात, कर्नाटक, ओडिशा, और तमिलनाडु में रसोई का बचालन किया जा रहा है।रसोई में सभी के साफ-सफाई, शुद्ध मसाले और सब्जियों का विशेष ध्यान रखा जाता है।
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