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दरअसल, तकरीबन दो सौ प्रखंडों में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के पद खाली हैं। इसका असर छठे चरण के तहत 94 हजार प्रारंभिक शिक्षकों की बहाली पर पड़ रहा है।इसके मद्देनजर प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ. रणजीत कुमार सिंह ने सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया में सहयोग हेतु प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों के रिक्त पदों पर अवर शिक्षा सेवा संवर्ग के राजकीय बुनियादी विद्यालयों में पदस्थापित प्रधानाध्यापकों को उनकी वरीयता को ध्यान में रखते हुए प्रतिनियुक्ति की जाय।
यह व्यवस्था पूर्णतः अस्थायी है। छठे चरण की तहत नियोजन की प्रक्रिया समाप्त होने के उपरांत यह व्यवस्था स्वतः समाप्त हो में जायेगी। इसकी प्रति सभी खाली जिलाधिकारियों एवं क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशकों को भी दी गयी है। उल्लेखनीय है कि पहले चरण में उन नियोजन इकाइयों के लिए काउंसलिंग चल रही है, जहां छूटे हुए दिव्यांग अभ्यर्थियों के आवेदन नहीं पड़े हैं।
आपको बता दे कि प्रधानाध्यापको को बीईओ में प्रमोशन केवल नियोजन को देखते हुए किया जा रहा है। नियोजन की प्रक्रिया समाप्त होते ही सभी लोग अपने पुराने जगह पर वापस स्थापित हो जाएंगे।
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