राज्य के सभी राजकीयकृत, प्रोजेक्ट (परियोजना) हाईस्कूलों व उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालयों में स्थानीय विधायक,विधान पार्षद, लोकसभा अथवा राज्य सभा के सदस्य की अध्यक्षता में एक माह के भीतर विद्यालय प्रबंध समिति गठित होगी। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को गुरुवार को एक माह के अंदर सभी विद्यालयों में नियमानुसार प्रबंध समिति गठित करने का आदेश दिया है।
गौरतलब है कि दो दिन पूर्व बिहार विधानसभा में पक्ष-विपक्ष के सदस्यों ने प्रबंध समिति नहीं गठित होने का मामला उठाया था और इसपर गहरी नाराजगी भी जाहिर की थी तब शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने जहां कमेटी नहीं है, वहां एक माह के भीतर कमेटी गठित कर लेने का भरोसा दिया था। उनकी घोषणा के दो दिन में ही विभाग ने जिलों को इसको लेकर निर्देशित कर दिया है।
अपर मुख्य सचिव ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों से कहा है कि एक माह के अंदर समिति का गठन सुनिश्चित करते हुए इस आशय का प्रमाण पत्र सभी हेडमास्टर से प्राप्त करें और उसे विभाग में उपलब्ध कराएं। हेडमास्टर यह प्रमाणित करेंगे कि उनके स्कूल में प्रबंध समिति का गठन किया जा चुका है। प्रबंध समिति के गठन में शिथिलता बरतने के लिए दोषी को चिह्नित कर डीईओ कार्रवाई प्रस्ताव के साथ रिपोर्ट विभाग को देंगे ताकि दोषी के विरुद्ध कार्रवाई की जा सके।
हेडमास्टर जिम्मेवार
समिति का गठन नहीं होने के लिए हेडमास्टर जिम्मेवार अपर मुख्य सचिव ने कहा कि प्रबंध समिति गठित नहीं किया जाना गंभीर विषय है और इसके लिए सीधे तौर पर हेडमास्टर जिम्मेवार हैं। वे समिति के सदस्य सचिव होते हैं, उनकी जवाबदेही है कि प्रबंध समिति का गठन सुनिश्चित करें।
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