बिहार में अरसे से शिक्षक बनने का सपना संजोने वाले अभ्यर्थियों के साथ ही स्वैच्छिक तबादले की बाट जो रहे शिक्षकों को पंचायत चुनाव के कारण आचार संहिता का झटका लग सकता है। राज्य निर्वाचन आयोग पांच जुलाई बाद किसी भी दिन पंचायत चुनाव की डुगडुगी बजाने की तैयारी में जुट गया है। ऐसे में त्रिस्तरीय पंचायत और ग्राम दशक कचहरियों के चुनाव का एलान होते ही तमाम नियुक्ति और तबादले की प्रक्रिया पर आचार संहिता का अड़ंगा लग जाएगा। नई विकास योजनाओं का सरकार एलान नहीं कर सकेगी। अहम यह है कि आयोग की तैयारी आचार संहिता का सर्वाधिक प्रभाव परीक्षण 1.25 लाख शिक्षकों की नियुक्ति और करीब 1.50 लाख शिक्षकों के प्रस्तावित स्वैच्छिक तबादले की प्रक्रिया पर पड़ेगा।
शिक्षा विभाग डेढ़ दशक से अंतर जिला तबादले की बाट जोह रही महिला और दिव्यांग शिक्षकों के हक में स्वैच्छिक तबादला करने की तैयारी में जुटा है। इसी के साथ पुरुष शिक्षकों को तबादले की सौगात देने की तैयारी है। आनलाइन पोर्टल का परीक्षण करने के बाद शिक्षा विभाग आवेदन लेने की तैयारी कर रहा है।
इसके अलावा 94 हजार प्रारंभिक और 30 हजार माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होनी है। इनमें 90 फीसद से ज्यादा शिक्षकों के तबादले ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद क्षेत्र में होने हैं। इसी तरह नियुक्ति वाले शिक्षकों में भी बड़ी संख्या ग्रामीण क्षेत्रों के शिक्षकों की है। फिलवक्त शिक्षा विभाग की तैयारियों को देखते हुए नहीं लगता है अगले दो महीने में भी नियुक्ति और तबादले की प्रक्रिया पूरी हो पाएगी।
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