बिहार विधानमंडल के अंतिम दिन बिहार विधान परिषद में राज्य सूचना आयोग के वित्तीय वर्ष 2016-17 और 2017-18 के वार्षिक प्रतिवेदन की प्रति रखी गई। परिषद में शिक्षा मंत्री से भी सवाल जवाब हुए जो इस प्रकार है।
मुकेश यादव द्वारा सरकार से सवाल किया गया कि क्या सरकार बिहार के नियोजित शिक्षकों को वेतन वृद्धि देने का विचार रखती है, नहीं तो क्यों?
इस सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री ने कहा कि वस्तुस्थिति यह है कि विभागीय संकल्प संख्या-1157 दिनांक-29.08.2020 के द्वारा पंचायतीराज संस्थानों एवं नगर निकाय संस्थानों अंतर्गत कार्यरत शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों के वर्तमान वेतन संरचना में 01 अप्रैल, 2021 को देय मूल वेतन में 15 प्रतिशत की वृद्धि का निर्णय लिया गया है। उक्त संकल्प में यह भी वर्णित है कि वर्द्धित दर से वेतन के निर्धारण हेतु वित्त विभाग के परामर्श से प्रशासी विभाग द्वारा विस्तृत दिशा-निर्देश अलग से निर्गत किया जायेगा। विस्तृत दिशा-निर्देश देने की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है।
वही एमएलसी केदारनाथ पांडेय ने सवाल किया कि करोना काल मे मरने वाले शिक्षको के बारे सरकार क्या सोच रही है?
इस सवाल के जवाब में मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि कोरोना काल में बिहार में 693 शिक्षकों की मौत हुई है। इन सभी की जिलाधिकारी द्वारा जांच कराकर 4-4 लाख रुपए का जल्द भुगतान किया जाएगा। ये सारी बाते जब हो रही थी उस समय मुख्यमंत्री सदन में उपस्तिथ थे । शिक्षा मंत्री ने बिहार में शिक्षा की गुणवत्ता कैसे बढ़ेगी इस बात पर भी चर्चा की।
संजीव चौरसिया ने भी अयांश का मामला सदन में उठाया जिसमे उन्होंने सरकार से हस्तक्षेप कर इलाज कराने की अपील की। पटना का रहने वाला अयांश स्पाइनल मस्कुलर स्ट्रॉफी बीमारी से ग्रसित है।
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