मिड डे मील की राशि अब कैश के रूप में प्रधानाध्यापक के पास नहीं रहेगी और न ही स्कूल के खाते में वास्तविक राशि रहेगी। अब नए सिरे से जीरो बैलेंस वाला खाता जिले के सभी स्कूलों काखुलेगा। एक जुलाई से मिड डे मील राशि भुगतान की प्रक्रिया पूरी तरह बदल जाएगी। मिड डे मील सिस्टम में पारदर्शिता लाने के लिए एक नई पहल हो रही है। शिक्षा विभाग ने सभी जिलों को निर्देश दिया है कि वर्तमान खाते को तत्काल बंद कर देना है और नए सिरे से जीरो बैलेंस का खाता खुलवाना होगा। मिड डे मील गया के डीपीओ अनिल कुमार ने बताया कि शिक्षा विभाग ने इस संबंध में पत्र जारी कर दिया है। सभी स्कूल के प्रधानाध्यापकों को 27 जून तक इस संबंध में जिला शिक्षा कार्यालय को सूचित करना होगा।
अब किसी भी स्कूल के खाते में वास्तविक राशि नहीं रहेगी, बल्कि क्रेडिट कार्ड की तरह खरीदारी करनी होगी, यानी जिस तरह क्रेडिट कार्ड की राशि खाते में रहती है, उसी तरह स्कूल के नए खाते में फ्लोटिंग राशि रहेगी। वास्तविक राशि स्टेट खाते में रहेगी। आमतौर पर एमडीएम राशि वसूलने में काफी लेट लतीफी हो रही थी, इसको ध्यान में रखकर और अधिक पारदर्शिता लाने के लिए नई व्यवस्था शुरू की जा रही है।
शिक्षा विभाग ने स्कूल के प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिया है कि सबसे पहले कैश राशि को अपने खाते में जमा करें। फिर अपने खाते को ब्याज सहित अपडेट कराना होगा। इसके बाद विभाग द्वारा दिए गए खाते में पैसा ट्रांसफर करना होगा। राशि ट्रांसफर होने के बाद बैंक से क्लोजर सर्टिफिकेट लेना होगा। इसके बाद जमा राशि का विवरण और क्लोजर सर्टिफिकेट जिला शिक्षा कार्यालय को तत्काल जमा करना होगा।
0 टिप्पणियाँ: