पंचायतीराज व नगर निकाय शिक्षकों को मेधा सूची अपलोड करने की जिम्मेवारी से मुक्त करने की मांग शिक्षक संगठनों ने शिक्षा विभाग से की है। शिक्षक संगठनों का तर्क है कि मेधा सूची नियोजन इकाइयों के पास होती है, उसे शिक्षक कहां से लायेंगे? बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष ब्रजनंदन शर्मा ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्यसचिव को पत्र लिख कर उनसे आग्रह किया है कि वेब पोर्टल पर शिक्षकों को मेधा सूची अपलोड करने की जिम्मेवारी से मुक्त किया जाय तथा जिन शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच हो चुकी है, उन्हें एनओसी दिया जाय।
संघ ने कहा है कि पंचायतीराज व्यवस्था के तहत 11 महीनों के लिए शिक्षा मित्र की नियुक्ति की जाती थी, जिन्हें बाद में पंचायत, प्रखंड एवं नगर शिक्षकों का दर्जा मिला। ऐसे शिक्षकों की मेधा सूची पंचायत समितियों के पास है, तो उसे शिक्षक कहां से लाएंगे।
वही बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार पप्पू ने शिक्षा निदेशक को ईमेल से पत्र भेज कर कहा है कि शिक्षकों के पास उनके शैक्षणिक एवं प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्र और नियोजन पत्र ही उपलब्ध हैं । मेघा एवं नियुक्ति संबंधी अन्य अभिलेख नियोजन इकाई के पास रहते ऐसे वेब पोर्टल पर अपलोड करने लिए शिक्षक मेघा सूची कहां से लायेंगे।उन्होंने सरकार से पत्र में शिक्षकों को मेधा सूची अपलोड करने से मुक्त करने को कहा।
इधर, परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष वंशीधर ब्रजवासी ने मुख्यमंत्री, शिक्षा विभाग अपर मुख्यसचिव एवं निदेशक से शिक्षकों को मेधा सूची अपलोड करने संबंधी शिक्षकों को दिये गये आदेश वापस लेने एवं संबंधित मेधा सूची संबंधित कार्यालयों को अपलोड का आदेश देने की मांग की है।ब्रजवासी जी ने कहा है कि संबंधित कार्यालय में मेधा सूची उपलब्ध नहीं की स्थिति में अभिलेख प्रभारी पर अभिलेख गायब करने की प्राथमिकी दर्ज होनी चाहिये।
उधर, टीईटी एसटीइटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ (गोपगुट) के मेधा सूची अध्यक्ष मार्कण्डेय पाठक ने कहा है कि मेघासूची, आवेदन रोस्टर आदि के देखरेख और संधारण कि जम्मेदारी
नियोजन इकाई की है। ऐसे में उसे शिक्षक कैसे अपलोड करेंगे? इससे शिक्षकों को मुक्त करने की मांग करते हुए संगठन ने कहा है कि टीईटीएसटीइटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के नाम पता के साथ उनकी सूची सार्वजनिक की जाय । इससे यह साफ हो जायेगा कि एक ही प्रमाण पत्र पर बहाल लोगों में कौन सही हैं और कौन गलत।
सभी संगठन शिक्षकों द्वारा प्रमाण पत्र दिये जाने के बावजूद फोल्डर जमा नहीं करने वाले अधिकारियों पर भी काररवाई की मांग कर रहे है। संघ ने शिक्षकों को दिये गये मेधा सूची अपलोड करने का बाध्यकारी आदेश वापस लेने की मांग करते हुए कहा है कि मेधा सूची अपलोड करने के लिए संबंधित नियोजन इकाइयों को जवाबदेह बनाया जाय।
0 टिप्पणियाँ: