राजगीर के बीईओ सुरेन्द्र प्रसाद सिंह ने पत्र जारी कर आदेश दिया है कि वैक्सिनेशन नहीं कराने वाले शिक्षकों की स्कूल खुलने के बाद प्रवेश पर रोक लगा दिया जाएगा। क्योंकि, वैक्सिनेशन नहीं कराने वाले स्कूल आए शिक्षकों से बच्चों का जीवन खतरे में पड़ सकता है। इसलिए स्कूल खुलने के बाद हर हाल में वैक्सिनेशन का प्रमाणपत्र लेकर ही स्कूल आएं।
कोरोना संक्रमण में वैक्सीनेशन को लेकर जिले में असमंजश की स्थिति है। सरकारी तौर पर बहुत सारी जगहों पर यह बैनर लगा है कि वैक्सीनेशन के लिए जबरदस्ती नहीं किया जा सकता। इसके बावजूद कुछ अधिकारियों ने इसे हर हाल में जरूरी करार दिया है। इतना ही नही, वैक्सीनेशन नहीं कराने वाले को सजा भी दिया जा रहा है।
आपको बता दे कि राजगीर के बीईओ का आदेश शिक्षकों को काफी अजीब लग रहा है। शिक्षक संघ के नेताओ ने इसे तुगलकी फरमान बता रहे है।परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष रौशन कुमार ने कहा कि जब जिला व राज्य के वरीय अधिकारियों ने इसे जरूरी करार नहीं दिया है तो फिर ये इसे कैसे जरूरी करार दे सकते हैं। वैसे भी जिले के अधिकांश शिक्षक अपनी मर्जी से वैक्सीनेशन लगवा रहे हैं। ऐसे में इस फरमान क्या मतलब है निकाला जाए। बीईओ का ये आदेश सरासर गलत है। क्योंकि, जो शिक्षक अभी कोरोना से ठीक हुए हैं वे वैक्सीन नहीं ले सकते हैं। या फिर गर्भवती महिला या जिसे अभी बच्चा हुआ वे कैसे वैक्सीन ले सकती हैं। तो क्या उनलोगों को स्कूल जाने से रोक दिया जाएगा। जल्द ही संघ के लोग इस मामले को लेकर वरीय अधिकारियों से मुलाकात कर बात करेंगे।
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