बिहार ही एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां पूर्व से कार्यरत शिक्षकों को शिक्षामित्र कहा जाता है, के साथ सवा लाख टीईटी पास शिक्षकों को भी उन्ही के श्रेणी में रख दिया गया है। इसलिए शिक्षको ने ट्वीटर पर अभियान चलाया है। टीईटी पास शिक्षकों को शिक्षामित्रों से इतर सर्वोच्च न्यायालय के न्यायनिर्णय पाराग्राफ 78 के आलोक में एक अलग संवर्ग एवं बेटर स्केल प्रदान करने, टीईटी पास बीएड योग्यताधारी बेसिक ग्रेड के शिक्षकों को नियुक्ति तिथि से प्रशिक्षित शिक्षक का वेतनमान देने, टीईटी शिक्षकों को प्रशिक्षण की तिथि से प्रशिक्षित वेतनमान देने एवं बकाये का भुगतान करने की मांग की है।
आपको बता दे कि राज्य में टीईटी शिक्षक अलग संवर्ग की मांग कर रहे हैं। टीइटी संवर्ग को अलग करो के हैशटैग के साथ ट्वीटर पर शनिवार कैंपेन चलाया। यह हैशटैग राष्ट्रीय स्तर को टीईटी शिक्षकों और अभ्यर्थियों ने पास शिक्षकों का कहना है कि शिक्षा का अधिकार कानून 2009 तथा राष्टीय अध्यापक शिक्षा परिषद् के मापदंडों पर टीईटी उत्तीर्ण शिक्षक सहायक शिक्षक के हकदार हैं।टीईटी- एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ (गोपगुट) के प्रदेश प्रवक्ता अश्विनी पांडेय एवं मीडिया प्रभारी राहुल विकास ने कहा कि वर्तमान नियमावली के अधीन कार्यरत पात्रता उत्तीर्ण शिक्षक अपने पेशागत प्रतिबद्धताओं के बावजूद इस दिशा में अपने भविष्य को लेकर आशंकित और चिंताग्रस्त हैं।
सरकार टीईटी शिक्षकों को सहायक शिक्षकों के विनिर्दिष्ट वेतन भत्ते के अनुरूप सांतवे वेतन आयोग में वर्णित वेतन भत्ते एवं अन्य सुविधाए दे। टीईटी शिक्षकों के लिए अंतर्जिला स्थानान्तरण, प्रोन्नति, इपीएफ, ग्रेच्युटी, अर्जित अवकाश, मातृत्व पितृत्व व शिशु देखभाल अवकाश शिक्षकों की अलग संवर्ग समेत राज्यकर्मियों के तमाम सेवाशर्त की गारंटी हो। दूसरी ओर टीईटी शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति सह टीईटी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमरदीप जल्द टीईटी शिक्षकों की समस्याओं डिसूजा ने कहा है कि सरकार जल्द से शिक्षक ट्वीटर पर अपना अभियान जारी रखेंगे।
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