शुक्रवार, 7 मई 2021

एक ही डोज काफी है इस वैक्सीन का।भारत सरकार ने दी मंजूरी। sputnik covid vaccine only single doje



रूस ने कोरोना की सिंगल डोज वैक्सीन बनाने में कामयाबी हासिल कर ली है। इस वैक्सीन का नाम है स्पुतनिक लाइट और यह 80% असरदार है। यह उसी स्पुतनिक फैमिली की नई वैक्सीन है, जिसक अभी यूरोप और अमेरिका को छोड़कर दुनिया के 60 देशों में इस्तेमाल हो रहा है।
भारत भी स्पुतनिक V को मंजूरी दे चुका है। 1 मई को इसकी पहली खेप भारत आ चुकी है। इसलिए उम्मीद की जा रही है कि इसकी नई सिंगल शॉट लाइट वैक्सीन को आने वाले वक्त में देश में मंजूरी मिल सकती है।



स्पुतनिक लाइट को मॉस्को के गमलेया रिसर्च इंस्टीट्यूट ने बनाया है। स्पुतनिक-V की तरह इसे भी रशियन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट फंड ने फाइनेंस किया है। RDFI के CEO किरिल दिमित्रिएव ने गुरुवार को NNबताया कि दुनियाभर में इसकी कीमत करीब 730 रुपए  से कम रहेगी।इस वैक्सीन के फेज-3 ट्रायल में 7000 लोगों को शामिल किया गया। ट्रायल रूस, UAE और घाना में हुए। 28 दिनों बाद इसका डेटानएनालाइज किया गया। नतीजों में पाया गया कि यह वैक्सीन वायरस के सभी नए स्ट्रेन पर असरदार है। इसका डेटा बता रहा है कि यह कई दूसरी डबल डोज वैक्सीन से ज्यादा असरदार है।


इसका ओवरऑल असर 80% है। वैक्सीन लगवाने वाले 100% लोगों में 10 दिन बाद ही एंटीबॉडीज 40 गुना तक बढ़ गईं। वैक्सीन लगवाने वाले सभी लोगों में कोरोना वायरस के S-प्रोटीन के खिलाफ इम्यून रिस्पॉन्स डेवलप हुआ।


इस वैक्सीन के सिंगल डोज होने की वजह से बड़ी आबादी वाले देशों में वैक्सीनेशन रेट बढ़ाया जा सकेगा। स्पुतनिक लाइट को 2 से 8 डिग्री टेम्प्रेचर पर स्टोर किया जा सकतानहै। इससे यह आसानी से ट्रांसपोर्ट हो सकेगी।


जिन लोगों को पहले कोरोना संक्रमण हो चुका है, ये वैक्सीन उन पर भी असरदार है।वैक्सीन लगवाने के बाद कोरोना के गंभीर असर का खतरा कम हो जाएगा। ज्यादातर मामलों में मरीज को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

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