राज्य में कोरोना संक्रमण से सांस तोड़ने वाले सम्बद्ध डिग्री कॉलेजों के शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों को विशेष आर्थिक सहायता देने की मांग सरकार से की गयी है पन्द्रह दिनों में सम्बद्ध डिग्री कॉलेजों के बारह शिक्षक-कर्मचारियो की सांस टूट चुकी है। इस बाबत बिहार राज्य सम्बद्ध डिग्री महाविद्यालय शिक्षक-शिक्षकेतर कर्मचारी महासंघ ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजा है।बपत्र के साथ 15 दिनों में संक्रमण से सांस तोड़ने वाले सम्बद्ध डिग्री कॉलेजों के 12 शिक्षक-कर्मियों की सूची भी भेजी गयी है।
इनमें पटना के आरपीएस कॉलेज के कुमार निशिश, बक्सर के पीसी कॉलेज के बलदेव एवं कृष्ण मुरारी सिंह, पटना के कन्हौली कॉलेज के नरेंद्र कुमार, अलीनगर के आर लाल कॉलेज के सतीश कुमार, मुजफ्फरपुर के एस एन एस कॉलेज के जयप्रकाश पांडेय, बिहटा के कन्या महाविद्यालय की सुजाता कुमारी, मोहनिया के महाराणा प्रताप महाविद्यालय के परमात्मानन्द सिंह, आरा के बीएसएस कॉलेज बचरी के डॉ. महेंद्र राय, नवादा वारसलीगंजगंज महिला कॉलेज के शशिकांत झा, वैशाली के एनएनएस कॉलेज के अनिल कुमार सिंह तथा जहानाबाद के श्रीकृष्ण महिला कॉलेज के डॉ. संजय कुमार शामिल हैं।
पत्र में इस कोरोनाकाल में सम्बद्ध डिग्री कॉलेजों को बकाया अनुदान राशि जारी करने की मांग भी की गयी है, ताकि शिक्षक-कर्मी राहत काअनुभव कर सकें।संगठन के प्रधान संयोजक डॉ.शंभुनाथ प्रसाद सिन्हा ने कहा है कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण संबद्ध महाविद्यालयों के अधिकतर शिक्षाकर्मी संक्रमित हो गये हैं। कई शिक्षकों एवं कर्मचारियों की मृत्यु भी हो गयी है।
कोरोनावायरस से संक्रमित शिक्षाकर्मियों को समुचित इलाज की व्यवस्था त्वरित गति से करने, कोरोना वायरस से मृत शिक्षक एवं कर्मचारियों के आश्रित को दस-दस लाख रुपये की विशेष आर्थिक सहायता प्रदान करने तथा करीब नौ वर्षों का बकाया सहायक अनुदान राशि का भुगतान एकमुश्त करने की मांग की है।
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