सोमवार, 31 मई 2021

बिहार में बढ़ा लॉकडाउन ।स्कूलों के लिए भी निर्देश।देखिए ये रिपोर्ट


बिहार में लॉकडाउन अब 8 जून तक बढ़ा दिया गया है। वही राज्य सरकार ने अब छूट का दायरा भी बढ़ा दिया है। बिहार में अब लॉकडाउन के बीच अनलॉक की प्रक्रिया नजर आएगी। सुबह 6:00 बजे से 2:00 बजे तक के आवश्यक वस्तुओं की दुकानें खुली रहेंगी।

बिहार के शहरी इलाकों में पहले लॉकडाउन के दौरान सुबह 6:00 बजे से लेकर 10:00 बजे तक दुकानें खुली रहती थी लेकिन अब इन्हें 2:00 बजे तक खोलने की छूट दी गई है। इसके अलावा सरकारी कार्यालयों को भी चरणबद्ध तरीके से खोलने की तैयारी है लेकिन प्राइवेट ऑफिसेज अभी बंद रहेंगे।

सरकारी कार्यालयों में फिलहाल 25 फ़ीसदी कर्मियों के साथ कामकाज शुरू होगा। परिवहन के मामले में फिलहाल शक्ति जारी रहेगी लेकिन कारोबार के दायरे में अब लोगों को ज्यादा छूट मिल पाएगी।

कोविड-19 सेंटर पर जनप्रतिनिधियों को जाने की इजाजत नहीं होगी सभी लोगों को मास्क पहने और सामाजिक दूरी का पालन करने के लिए कहा गया है।

हालांकि शिक्षण संस्थान पहले की तरह ही बंद रहेंगे सभी तरह के धार्मिक सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों पर रोक रहेगी। कारोबार के मामले में छूट की रियायत दी गई है इसको लेकर थोड़ी देर में सरकार की तरफ से आधिकारिक घोषणा होने वाली है।

रविवार, 30 मई 2021

सरकार का फैसला।शिक्षको की नियुक्ति के साथ वेतन वृद्धि का लाभ।देखिए रिपोर्ट



राज्य के जिन पारंपरिक विश्वविद्यालयों में अतिथि शिक्षकों की 11 माह की सेवा पूरी हो चुकी है, वहां नये नियम के तहत उनकी सेवा नवीकृत होगी।11 माह की सेवा पूरी करने वाले अतिथि शिक्षकों की सेवा नवीकृत करने की प्रक्रिया कई विश्वविद्यालयों ने शुरू कर दी है।

विश्वविद्यालयों के स्नातकोत्तर  अंगीभूत कॉलेजों में उन्हीं विषयों में शिक्षकों के रिक्त पदों पर अतिथि शिक्षकों की पुनर्नियुक्ति होगी, जिसमें पूर्णकालिक शिक्षकों की संख्या शून्य अथवा कम है और छात्र अधिक हैं। विश्वविद्यालयों में 11 माह तक ही अतिथि शिक्षकों को सेवा में बनाये रखने का प्रावधान है। 11 माह की सेवा पूरी होने के बाद पुनः उनके कार्य निष्पादन मूल्यांकन के आधार  पर अगले 11 माह के लिए उनकी सेवा नवीकृत करने का प्रावधान है। 

अतिथि शिक्षकों को प्रति व्याख्यान 1500 रुपये प्रतिमाह अधिकतम 50 हजार रुपये दिये जाने हैं। यह प्रावधान विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के निर्देश पर राज्य में 13 अप्रैल, 2021 के प्रभाव से लागू है।

शनिवार, 29 मई 2021

शिक्षक बिना कुछ नही। विभाग ने मांगी मदद।शिक्षको को भी मिलेगा लाभ।देखिए रिपोर्ट



राज्य में सरकारी स्कूलों के शिक्षक बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई के लिए कार्यकारी टैब या स्मार्टफोन देने की दिशा में राज्य सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा केंद्र से की गयी पहल के बाद विभाग को अब शिक्षको का भी साथ मिल रहा है। 

विभाग का कहना है कि शिक्षको के मदद के बिना सरकार ये कार्य नही कर सकती है क्योंकि शिक्षको की मदद और उनकी रुची इस कार्य के लिए बहुत ही जरूरी है।इस कार्य से शिक्षको को भी मिलेगा लाभ। केंद्रीय शिक्षा मंत्री के साथ राज्यों की पिछले दिनों हुई बैठक में जिसमे बिहार की ओर कहा से ऑनलाइन पढ़ाई के लिए सरकारी विद्यालयों स्कूलों के बच्चों को डिजिटल डिवाइस समग्र शिक्षा से उपलब्ध कराने का आग्रह किया गया।

इससे संचालित संबंधित प्रस्ताव राज्य सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा केंद्रीय प्रोजेक्ट में बोर्ड की बैठक में रखा जायेगा, ताकि विद्यालय सरकारी स्कूलों के बच्चों को टैब या स्मार्टफोन मिल सके। ई-लर्निंग की उपयोगिता इस बीच बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष ब्रजनंदन शर्मा ने भी सभी बच्चो को इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस उपलब्ध करने की मांग सरकार से की। शिक्षक नेताओं ने कहा कि यैसे भी शिक्षक हैं जो अपने खर्चे से बच्चों को गूगल मीट, जूम एप, व्हाट्सएप, मैसेंजर आदि के माध्यम से शिक्षा दे रहे हैं। इस दिशा में बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ द्वारा भी गंभीर प्रयास किया जा रहा हैं।

सराकरी स्कूल के हित मे सरकार का बड़ा फैसला।देखिए ये रिपोर्ट


केंद्र सरकार ने छात्रों के हित मे बड़ा फैसला लिया है। मिडडे मील योजना के तहत खाते में सीधे पैसा ट्रांसफर किया जाएगा। एक से आठवीं कक्षा तक के छात्रों को ये लाभ मिलेगा लाभ मिलेगा।

केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने 11 करोड़ 80 लाख छात्रों को विशेष उपाय राहत उपाय के तौर  पर सरकारी सहायता उपलब्ध कराने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, केंद्र सरकार इसके लिए राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को एक हजार दो सौ करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि मुहैया कराएगी। इस निर्णय से कोविड महामारी के दौरान बच्चों को जरूरी पोषण उपलब्ध कराने और उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी।

इस बात की जानकारी केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने ट्वीट कर दी है। इस फैसले से मध्याह्न भोजन कार्यक्रम को तेजी मिलेगी। दोपहर भोजन योजना के तहत कैश ट्रांसफर करने का यह निर्णय बच्चों के पोषण स्तर को सुरक्षित रखने में मदद करेगा।




शुक्रवार, 28 मई 2021

शिक्षक नियोजन प्रक्रिया टली।हाइकोर्ट।देखिए ये रिपोर्ट


राज्य में शिक्षक नियोजन का मामला गरमाया हुवाँ है जिसके लिए सरकार पर दबाव बनाया जा रहा है। 

आपको बता दे कि राज्य के प्राथमिक व माध्यमिक स्कूलों में शिक्षक की बहाली के मामले पर सुनवाई 31 मई तक टल गयी है। चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने इस मामले पर सुनवाई की।

आपको ज्ञात है कि  बिहार में छठे चरण के नियोजन की प्रक्रिया के तहत करीब 1,21,000 प्राथमिक माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षक के पदों पर शिक्षक बनने का मौका मिलेगा।

शिक्षको के लिए अच्छी खबर।वेतन निर्धारण फॉरमेट जारी।डाउनलोड करे फॉरमेट।




बिहार के पौने चार लाख नियोजित शिक्षकों के सेवा पुस्तिका में वेतन निर्धारण का कार्य हर हाल में 01जुलाई 2021 से पहले कर लिया जाएगा। विभाग ने शिक्षको के वेतन निर्धारण के लिए फॉरमेट भी जारी कर दिया है।

आपको बता दे कि ये फॉरमेट सभी DEO, DPO को शिक्षा विभाग ने उपलब्ध करा दिया है। शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव ने आदेश दिया है कि 1 जुलाई से पहले सभी बिहार के नियोजित शिक्षको का वेतन निर्धारण की कर दिया जाए।








गुरुवार, 27 मई 2021

वेतन निर्धारण पर।डीपीओ ने दिया जवाब।दूर किया शिक्षको का भ्रम ।देखिए ये रिजॉर्ट


शिक्षा विभाग स्थापना शाखा के डीपीओ कपिलदेव तिवारी ने बताया कि मीडिया रिपोर्ट के माध्यम से वेतन निर्धारण के  निर्णय की जानकारी प्राप्त हुयी  है। अभी इससे सम्बन्धित विभागीय आदेश अब तक अप्राप्त है।जैसे ही आदेश प्राप्त होगा निदेशानुसार कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

प्राथमिक शिक्षक संघ के सचिव नर्वेदय ठाकुर ने बताया शिक्षा विभाग के अपर सचिव दयाल सिंह ने शिक्षकों बढ़े वेतन के आलोक में मांग संबंधी अधियाचना सभी जिला शिक्षा  से अधिकारी मंगवा लिया है। ताकि उसी अनुरुप विभिन्न चरणों में नियुक्त गए शिक्षकों का वेतन निर्धारण आवंटन सुनिश्चित किया जा सके ।

जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय सूत्रों ने बताया कि तकनीकी कारणों से बढ़े दर से शिक्षकों को वेतन भुगतान में अभी कुछ देरी हो सकती है।

आपको बता की वेतन भुगतान के लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष 2021 22 में वेतनादि मद में राशि का आवंटन वित्त विभाग की सहमति के आधार पर जारी हो पायेगा। आवंटन प्रप्ति से पहले बढ़े दर पर वेतन निर्धारण भुगतान में समस्या होगी।


शिक्षको की उमीद पर कोर्ट की लगी मुहर।देखिए ये रिपोर्ट


एक लाख 25 हजार माध्यमिक व प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति पर लगी हाई कोर्ट की रोक हटने की उम्मीद बढ़ती लग रही है। महाधिवक्ता ललित किशोर ने शिक्षा मंत्री के अनुरोध पर एक बार फिर उक्त मामले को लेकर पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का ध्यान आकृष्ट इस ओर करवाया कराया है।

राज्य सरकार के महाधिवक्ता ललित किशोर ने मुख्य न्यायाधीश से कहा है कि राज्य सरकार ने शपथ पत्र दाखिल कर अंडर टेकिंग दिया है कि दिव्यांग उम्मीदवारों को 4 फीसदी आरक्षण का लाभ दिया जाएगा। 


इसी मुद्दे को लेकर ब्लाइंड एसोसिएशन ने रिट याचिका दाखिल की है कि बहाली में दिव्यांगों के लिए निर्धारित 4 फीसदी आरक्षण का लाभ नियुक्ति की सुनिश्चित कराया जाए और इसी मुद्दे को लेकर कोर्ट ने नियुक्ति पर रोक लगा दिया है, जिसकी वजह से बहाली की पूरी प्रक्रिया स्थगित है। 


उन्होंने मुख्य न्यायाधीश से कहा कि विगत मार्च में ही मामले की सुनवाई निर्धारित थी,लेकिन कोरोना महामारी की वजह सेसुनवाई नहीं हो सकी और शिक्षकों कीबहाली नहीं हो पाई। महाधिवक्ता ने तुरंत सुनवाई का अनुरोध किया है।

कहा है कि याचिकाकर्ता की मांग सरकार ने मांग ली है, इसलिए पूरी बहाली को रोके रखने का कोई औचित्य नहीं रह गया है। इसपर, मुख्य न्यायाधीश ने कोर्ट मास्टर को सम्बंधित फाइल के अवलोकन व आवश्यक कार्रवाई हेतु पेश करने का निर्देश दिया है।ni


बुधवार, 26 मई 2021

शिक्षको की बहाली पर सरकार हुई तैयार।देखिए रिपोर्ट

 


शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बताया कि राज्य सरकार न्यायालय की इजाजत मिलते ही  नियुक्तियां करने को तैयार बैठी है। 


राज्य सरकार ने कहा कि शिक्षकों की नियुक्ति करने के प्रति सरकार  गंभीर एवं तत्पर है। ये नियुक्तियां न्यायिक हस्तक्षेप के कारण रुकी हुई हैं। सरकार के अनुसार इन नियुक्तियों से संबंधित सारी प्रक्रियाएं पिछले वर्ष ही पूरी कर ली गयी  हैं। रिक्तियां विज्ञापित कर स्थानीय निकायों के नियुक्ति प्राधिकार द्वारा आवेदन प्राप्त कर सभी का ऑनलाइन दाखिला भी हो चुका है।


सरकार ने  कहा कि अगर मंशा साफ नहीं होती, तो इसे क्यों किया जाता। शिक्षा मंत्री श्री चौधरी ने बताया कि विकलांगों के लिए आरक्षण जुड़े मामले की सुनवाई के क्रम में न्यायालय द्वारा नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगा दी गयी है। आपको बता दे कि एक लाख से ऊपर अभ्यर्थियों का भविष्य जुड़े होने के कारण मामले की सुनवाई प्राथमिकता पर करने हेतु विशेष उल्लेख भी गया है। लेकिन, कोरोना संक्रमण एवं लॉकडाउन के कारण सुनवाई नहीं हो रही है।


सरकार ने बताया कि पिछले सप्ताह भी सरकार तरफ से सुनवाई ग्रीष्मावकाश के पहले सुनवाई करने की गुजारिश न्यायालय से की  गयी। 


मंगलवार, 25 मई 2021

प्रधान सचिव ने मिडिया को दिया जवाब।कब से होगा वेतन निर्धारण।देखिए ये रिपोर्ट






बिहार सरकार अपने निर्णय के मुताबिक पौने चार लाख नियोजित शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों का बढ़ा हुआ वेतन अप्रैल से ही देगी । लेकिन कोरोना काल की वजह से अभी रुका हुआ है।

शिक्षा मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि हर हाल में  नियोजित शिक्षकों को 15 फीसदी बढ़ोतरी का लाभ दिया जाएगा लेकिन इसके लिए वेतन का पुनः निर्धारण किया जाएगा कोरोना महामारी की वजह से नियोजित शिक्षकों के वेतन निर्धारण की प्रक्रया में देर हो रही हैं।


शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव ने कहा कि 1 जुलाई से सभी बिहार के नियोजित शिक्षको का वेतन निर्धारण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी सभी नियोजित शिक्षकों की सेवा पुस्तिका को जुलाई 2021 से पहले तक संधारित कर लिया जाएगा और जुलाई 2021 से वेतन बढ़ोतरी ।के साथ वेतन भुगतान किया जाएगा ।


आपको बता दे कि अप्रैल,मई और जून महीने का बचा बढ़ोतरी वाला वेतन का भुगतान एरियर के रूप में जुलाई 2021 में ही नियोजित शिक्षकों को भुगतान कर दिया जाएगा।

इसके लिए सभी 38 जिलों के जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को फार्मेट उपलब्ध कराया गया है। फार्मेट में शिक्षकों का 15 प्रतिशत की वृद्धि सहित वर्तमान वित्तीय वर्ष के अंतर्गत आवश्यक राशि को भरना अनिवार्य है। इससे मुख्यालय स्तर पर वेतन वृद्धि का निर्धारण कर राशि जारी की जाएगी।



सूत्रों के अनुसार शिक्षको के वेतनमान में 2500 रुपये से 4500 रुपये तक की वृद्धि होना तय है। शिक्षा विभाग के अपर सचिव गिरिवर दयाल सिंह ने कहा की शिक्षकों को वेतन भुगतान में देरी हो सकती है, क्योंकि वित्त विभाग के परामर्श से ही शिक्षा विभाग द्वारा विस्तृत दिशा-निर्देश  जारी किया जाएगा।



मुख्यसचिव ने कहा।शिक्षको को मिलेगा पेंशन और रुपए।देखिए ये रिपोर्ट



 

जिन मृत शिक्षकों की ईपीएफ योजना के तहत एक माह की भी कटौती हुई है, उनके परिजनों को ढाई लाख रुपये की अनुग्रह राशि, तीन माह की कटौती के बराबर सहयोग राशि एवं कम से कम ढाई हजार रुपये के पारिवारिक पेंशन का लाभ मिलेगा। शिक्षा विभाग के अपर मुख्यसचिव संजय कुमार से सोमवार को मिलने के बाद बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष मनोज कुमार ने बताया कि इस मामले में मुख्यसचिव ने ईपीएफ अधिकारी राजेश कुमार से फोन पर बात की है।

अपर मुख्यसचिव श्री कुमार ने कहा है कि प्राथमिकता के आधार पर शिक्षकों के टीकाकरण एवं अन्य कर्मियों की भांति पारिश्रमिक देने के लिए स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखा जायेगा।मृत शिक्षकों के आश्रितों को अनुकंपा का लाभ दिया जायेगा।बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष श्री कुमार ने बताया कि अपर मुख्यसचिव ने आश्वस्त किया है कि जिम मृत शिक्षकों की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव होगी अथवा मृत्यु प्रमाण-पत्र में मृत्यु का कारण कोरोना होगा, उनके परिवार को मुख्यमंत्री राहत कोष से चार लाख रुपये की सहयोग राशि दिलायी जायेगी।

आपको बता दे कि अब तक बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ की ओर से पिछले दिनों जारी एक वक्तव्य में दावा किया गया था कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान राज्य भर में प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक स्कूलों के 786 शिक्षक कर्मियों की सांस टूटी है। मृत शिक्षको की सूची के साथ अपर मुख्यसचिव द्वारा बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रतिनिधि बुलाये गये थे।हालांकि, संघ के कार्यकारी अध्यक्ष ने सूची सौंपने के लिए समय लिया है।वार्ता के दौरान शिक्षा विभाग के विशेष सचिव गिरिवर दयाल सिंह एवं माध्यमिक शिक्षा के उपनिदेशक अमित कुमार भी उपस्थित थे।


सोमवार, 24 मई 2021

राज्य के शिक्षको का लंबे समय का इंतजार खत्म।देखिए रिपोर्ट



राज्य में लंबे अरसे से तबादले की प्रतीक्षा कर रहे पौने चार लाख शिक्षकों के लिए यह अच्छी खबर है। शिक्षा विभाग ने पंचायती राज्य और नगर निकायों के प्रारंभिक से लेकर उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के एच्छिक स्थानातंरण को लेकर तैयारी तेज कर दी है। 


अगले माह से आनलाइन आवेदन लिए जाएंगे और जुलाई में साफ्टवेयर के माध्यम से इच्छुक शिक्षकों के तबादले होंगे। सबसे पहले इच्छित तबादले लेने वालों में महिला एवं  दिव्यांग शिक्षक होंगे, जबकि पुरुष  शिक्षक पारस्परिक तबादले के जरिए  इच्छित स्थान पर जा सकेंगे।शिक्षा विभाग ने संशोधित सेवा एवं शर्त नियमावली में प्रावधान किया है कि पूरे सेवा काल  में शिक्षकों को एक ही बार तबादले  की सुविधा मिलेगी। शिक्षको का स्थानातंरण साफ्टवेयर से होगा। 



सरकारी स्कूलों के लिए सरकार ने खोला अपना खजाना।देखिए ये रिपोर्ट



बिहार के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को डिजिटल डिवाइस मिल सकती है। इसको लेकर राज्य सरकार का शिक्षा विभाग तैयारी कर रहा है। 
बिहार सरकार ने पिछले ही  सप्ताह केन्द्रीय शिक्षा मंत्री के समक्ष पुरजोर ढंग से वर्तमान दौर में सरकारी नस्कूलों के बच्चों की निरंतर प्रगति और उनकी पढ़ाई के लिए डिजिटल डिवाइस की जरूरत को रखा था।


साथ ही समग्र शिक्षा योजना के तहत डिजिटल डिवाइस को शामिल करते हुए इसके लिए राशि का प्रावधान करने की मांग रखी गयी थी। अब स्कूली बच्चों को डिजिटल डिवाइस देने को लेकर खर्च का आकलन होगा। केन्द्र की मंजूरी पर ही इस मंशा को जमीन पर उतारना निर्भर है। मंजूरी मिली तो इस मद में राशि के अनुसार मौजूदा सत्र में ही बच्चों को डिवाइस दिये जा सकते हैं। गौरतलब हो कि कोरोना संक्रमण की पहली और दूसरी लहर के कारण स्कूली बच्चों की पढ़ाई पिछले दो साल से बाधित है। 


दूरदर्शन और अन्य ई-प्लेटफॉर्म के जरिए पढ़ाई की  निरंतरता बनाने की पहल जरूर की गई, लेकिन  फोन, टैबलेट या लैपटॉप की सुविधा नहीं रहने से बहुत कम फीसदी नामांकित  बच्चे ही इसका लाभ उठा पाये। इसी  माह 17 मई को कोरोना काल में शैक्षिक प्रबंधन की समीक्षा के लिए केन्द्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने वर्चुअल बैठक की तो बिहार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने समग्र शिक्षा के अंतर्गत बच्चों को डिजिटल डिवाइस देने के प्रावधान की वकालत की।




रविवार, 23 मई 2021

संघ ने पत्र लिखकर वेतन निर्धारण और बकाया भुगतान की मांग।


             
                                  पत्र नीचे है।


बिहार प्रदेश प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष नवल किशोर सिंह ने मुख्यमंत्री और प्रधान सचिव को पत्र लिखर बताया कि इस वैश्विक महामारी कोरोना के बीच राज्य के पौने चार लाख पंचायतीराज एवं नगर निकाय अंतर्गत बहाल शिक्षक पूरी ईमानदारी एवं कर्तव्यनिष्ठा के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं।


संघ ने अपने पत्र में कहा कि इस महामारी के दौरान अब तक 750 से ज्यादा शिक्षक दम तोड़ चुके हैं लेकिन सरकार के स्तर से अब तक उनके आश्रित को कोई सहायता नहीं मिली है।



संघ ने सरकार से  मांग की है कि 1 अप्रैल 2021 से 15% पृद्धि को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किया जाए। साथ ही इस संबंध में सभी डीईओ एवं डीपीओ स्थापना को निर्देशित करते हुए संबंधित शिक्षकों का नया बेतन निर्धारण करवाते हुए बड़े हुए वेतन का लाभ दिया जाए।


संघ ने मांग की है कि वैश्विक महामारी कोरोना काल में मृत शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मी के आश्रित को 5000000/- (पचास लाख रूपये) अनुग्रह राशि, सरकारी नौकरी एवं पारिवारिक पेंशन का लाभ दिया जाए।


संघ ने कहा है कि  शिक्षकों के लिए प्राथमिकता के आधार पर कांविड-19 का टीका नजदीक के आंगनबाड़ी केन्द्र/स्वास्थ्य केन्द्रायी आर सी में पंचायतवार सूचीबद्ध करते हुए लगवाया जाए ताकि अत्यधिक भीड़ न लगे और कारांना प्रोटोकॉल

का पालन हो सके।


संघ ने अपने मांग पत्र में  कोविड ड्यूटी पर प्रतिनियुक्त पंचायतीराज एवं नगर निकाय शिक्षकों को कोरोना वारियर्स घोषित करते हुए उन्हें सभी सुविधाएं प्रदान करने की मांग की है।






 


कोरोना में अपने स्वास्थ के लिए घर पर करे ये काम ।मिलेंगे 7 फायदे।देखिए ये रिपोर्ट


दुनियाभर में वॉकिंग को बेस्‍ट वर्कआउट की कैटेगरी में रखा जाता है।इसे किसी भी उम्र के लोग बिना किसी उपकरण के कर सकते हैं। और वो भी कहीं भी अगर आप रोज 20 मिनट से लेकर एक घंटे तक वॉक कर लेते हैं तो आपकी बॉडी को इससे कई फायदे मिलते हैं। ये ना केवल आपके फिटनेस को लंबी उम्र तक बरकरार रखता है बल्कि कई बीमारियों से भी बचाए रखता है. बीतों कुछ महीनों से कोरोना महामारी की वजह से हमारी लाइफ स्‍टाइल में काफी बदलाव आये हैं। कई राज्‍यों में लॉकडाउन लगाए जा रहे हैं। ऐसे में आप चाहें तो अपने फ्लैट की गैलरी या अपने कमरे में भी वॉक कर सकते हैं. इसके लिए आप घड़ी देखकर घर के अंदर टहलना शुरू करें और जब तक घड़ी की सूई 20 मिनट ना क्रॉस कर ले लगातार यहां से वहां चलते रहे।यह खुद को फिट रखने का बहुत ही आसान और प्रभावशाली तरीका है. यही नहीं, आप जब भी समय मिले तो इसे कर सकते हैं। आइए जानते हैं पैदल चलने के क्‍या फायदे होते हैं।

1.हार्ट को बनाता है स्‍ट्रॉन्‍ग

हेल्‍थलाइन के मुताबिक, अगर आप रोज आधा घंटा वॉक करते हैं तो यह किसी भी तरह के कोरोनरी हार्ट डिजीज के खतरे को 19 प्रतिशत तक घटा देता है. अगर आप वॉक अधिक देर तक और अधिक स्‍पीड में करते हैं तो खतरे का चांस और भी घटता चला जाता है।

2.ब्‍लड शुगर को रखता है नियंत्रित

अगर आप रोज खाना खाने के बाद वॉक करें तो आपका ब्‍लड शुगर नियंत्रित रहता है.एक शोध के मुताबिक, रोज खाने के बाद 15 मिनट की वॉक आपके ब्‍लड शुगर को कम रख सकता है।

3.ज्‍वाइंट पेन को करता है कम

अगर आपके हिप और घुटने की हड्डी में दर्द रहता है तो आपको रोज वॉक करना चाहिए. यह मसल्‍स को मजबूत बनाने और लूब्रीकेट करने में काफी मदद करता है. जिन लोगों को अर्थराइटिस है उन्‍हें तो वॉक जरूर करना चाहिए.

4.इम्‍यूनिटी करता है बूस्‍ट

अगर आपको तुरंत खांसी सर्दी हो जाती है तो आपको इम्‍यूनिटी बढ़ान के लिए वॉक करनी चाहिए. फ्लू के सिजन में 1000 लोगों पर शोध किया गया जिसमें पाया गया कि जो लोग रोजाना 30 से 45 मिनट वॉक करते हैं उनमें 45 प्रतिशत कम बीमार पड़ने की संभावना देखने को मिली.

5.दिमाग के लिए बेहतर

जो लोग हफ्ते में ईमानदारी से 2 घंटे भी वॉक करते हैं उनके ब्रेन की टिश्‍यू अधिक बेहतर तरीके से काम करते हैं जिससे उनमें ब्रेन स्ट्रोक का खतरा 30 फीसदी तक घट जाता है.

6.वजन रखता है कंट्रोल

जो लोग रोज 30 मिनट पैदल चलते हैं उनमें 50 फीसदी मोटापे की दर कम होती है. आपके मसल्‍स स्‍ट्रॉन्‍ग होते हैं और आप किसी भी तर‍ह के काम को बिना आलस के करते हैं.

7.मूड रखता है बेहतर

शोधों में यह पाया गया कि अगर आप रोज 30 मिनट वॉक करते हैं तो आपका मूड बेहतर होता है. यही नहीं यह आपके अंदर तनाव, डर, डिप्रेशन, नकारात्‍मक भावनाओं को भी दूर करता है और एनर्जी से भरपूर बनाए रखता है. यही नहीं यह आपके मेंटल हेल्‍थ को भी ठीक रखता है।

बीईयो की कार्यवाई के शिकार हुए शिक्षक।


कोरोना संक्रमण को लेकर पंचायतों द्वारा मास्क वितरण कार्य में तैनात चार शिक्षकों से बीईओ ने जबाब तलब किया है। 
बीईओ के कार्रवाई का शिकार पंडितपुर व वीरछपरा के पंचायत सचिव के रिपोर्ट के आधार पर उक्त शिक्षक हुए है। 

बीईओ ने मास्क वितरण कार्य में पंचायत सचिव के सहयोग के लिए प्रखंड क्षेत्र के सभी पंचायतों में 21 शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति की है। जिसमें जीपीएस बलथरवा उर्दू के शिक्षक प्रदीप पासवान, जीपीएस पड़ौलिया के मयंकेश्वर महतो सहित चार शिक्षकों द्वारा अभी तक पंचायत सचिव से संपर्क नहीं किया गया और ना ही मास्क वितरण कार्य में सहयोग किया गया है। नतीजतन उक्त कार्रवाई की गई है। 


शनिवार, 22 मई 2021

शिक्षा विभाग ने की पहल। शिक्षको को राहत।देखिए ये रिपोर्ट



राज्य में कोरोना से संक्रमित होकर सांस तोड़ने वाले शिक्षकों का ब्यौरा शिक्षा विभाग ने जिलों से मांगा है। शिक्षा कार्यालयों के अधिकारी-कर्मचारियों की सूची भी है, जिनकी सांस कोरोना 
संक्रमण की वजह से टूटी है।इस बाबत शिक्षा विभाग के विशेष  सचिव गिरिवर दयाल सिंह द्वारा शुक्रवार को  राज्य के सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं। इसके  लिए उन्हें अलग-अलग फॉर्मेट भी दिये गये हैं ।


एक फॉर्मेट में माध्यमिक शिक्षा निदेशालय से संबंधित ब्यौरा मांगा गया है, जबकि दूसरे में प्राथमिक शिक्षा निदेशालय से संबंधित। तीसरे फॉर्मेट में अधिकारी-कर्मचारियों का ब्यौरा मांगा गया है।प्राथमिक तथा माध्यमिक शिक्षा निदेशालय से संबंधित फॉर्मेट में शिक्षक का नाम, शिक्षक की कोटि, विद्यालय का नाम एवं मृत्यु की तिथि का उल्लेख किया जाना है। तीसरे फॉर्मेट सांस तोड़ने वाले कर्मचारी का नाम, पदनाम, पदस्थापित कार्यालय का नाम एवं मृत्यु की तिथि का उल्लेख किया जाना है।


इसकी प्रति सभी क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशकों को भी भेजी गयी है।दरअसल, कोरोना संक्रमण से सांस तोड़ने वाले शिक्षक, अधिकारी एवं कर्मचारियों का ब्यौरा शिक्षा विभाग ने इसके पहले भी मांगा था। लेकिन, समीक्षा में उसे संतोषजनक नहीं पाया गया। उसके बाद ताजा निर्देश जारी हुआ है।



मुख्यमंत्री को पत्र । शिक्षको के बढ़े हुए वेतन का भुगतान। देखिए एक रिपोर्ट



पंचायतीराज एवं नगर निकाय शिक्षकों ने बढ़े हुए वेतन के भुगतान कीमांग सरकार से की है। परिवर्तनकारी शिक्षक महासंघ ने कहा है कि सरकारी निर्णय के मुताबिक पंचायतीराज एवं नगर निकाय शिक्षकों के मूल वेतन में गत एक अप्रैल पंद्रह प्रतिशत की वृद्धि होनी है।


लेकिन उसका भुगतान नहीं हुआ है। इस बाबत परिवर्तनकारी शिक्षक महासंघ के प्रदेश कार्यकारी संयोजक नवनीत कुमार एवं प्रदेश संगठन महामंत्री शिशिर कुमार पांडेय ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर पंचायती राज एवं नगर निकाय शिक्षकों के एक अप्रैल 2021 से बढ़े हुए वेतन के भुगतान की मांग की है। 



संगठन ने कहा है कि राज्य सरकार द्वारा पंचायतीराज एवं नगर निकाय शिक्षकों को एक अप्रैल 2021 से मूल वेतन में 15 प्रतिशत की वृद्धि की गयी। इस हेतु शिक्षा विभाग द्वारा संकल्प भी जारी किया गया। अप्रैल माह बीत जाने के उपरांत भी बढ़े हुए वेतन भुगतान की दिशा में कार्रवाई नहीं हुई है। अल्प वेतन भोगी शिक्षक आशापूर्ण निगाहों से बढ़े हुए वेतन की बाट जोह रहे हैं।


गुरुवार, 20 मई 2021

डीए पर केंद्र सरकार का बड़ा ऐलान।बढोतरी के साथ होगा लागू।देखिए एक रिपोर्ट



नेशनल काउंसिल स्टाफ साइड के मुताबिक केंद्र सरकार केंद्रीय कर्मचारियों के DA में बढ़ोतरी का ऐलान जून में कर सकती है। 
डीए बढ़ोतरी में देरी के पीछे की वजह के बारे में बताते हुए स्टाफ साइड के सेक्रेटरी शिवा गोपाल मिश्रा कहते हैं कि हम वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग और डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग के अधिकारियों के लगातार संपर्क में हैं


इनका कहना है कि कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर की वजह से केंद्र सरकार की पूरी योजना ही गड़बड़ हो गई. इसलिए सबकुछ एक महीना आगे खिसक गया है। जिस DA बढ़ोतरी का ऐलान अप्रैल अंत तक या मई मध्य तक होना था था अब वो जून तक खिसक गई है। 


DA में कितनी बढ़ोतरी की उम्मीद है, इस सवाल के जवाब में शिवा गोपाल मिश्रा कहते हैं कि DA बढ़ोतरी की कैलकुलेशन के हिसाब से जुलाई से दिसंबर 2020 के लिए औसत महंगाई करीब 3.5 परसेंट रही है इसका मतलब है कि केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता इस जुलाई 21 में  4 परसेंट के करीब बढ़ेगा।


बुधवार, 19 मई 2021

शिक्षको के ईपीएफ से अधिकारी कर रहे है खिलवाड़।देखिए ये रिपोर्ट




केन्द्रीय भविष्य निधि आयुक्त द्वारा सूचित किया गया है कि पंचायती संस्था एवं नगर निकाय संस्था अंतर्गत कार्यरत शिक्षकों के खाते में निर्धारित समय सीमा में अंश दान कर्मचारी भविष्य निधि संगठन को प्राप्त नहीं हो रहे है।

आपको बता दे कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा निर्गत यू०ए०एन० संख्या का संबंधित शिक्षक के बैंक खाते के साथ जुड़ना आवश्यक है, जिसका अनुपालन अधिकांश मामलों में नहीं हो रहा है।

शिक्षा निदेशक गिरीदयाल सिंह ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि उक्त मानको का अनुपालन करना सुनिश्चित किया जाए।आपको बता दे कि अगर ईपीएफ का पैसा समय से भविष्य निधि संगठन को नहीं मिलेगा तो उस पैसे का ग्रोथ भी अच्छा नहीं होगा जो शिक्षको के लिए फायदेमंद साबित नहीं होगा। इसलिए संघ को चाहिए कि ओ इस मामले पर जरूर ध्यान दे।






अड़किकरियो को मिली दो दिनों की मोहलत।देखिए ये रिपोर्ट


राज्य के राजकीय, राजकीयकृत एवं परियोजना माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों एवं सहायक शिक्षकों की रिक्तियों का शिक्षा विभाग ने जिलों से ब्यौरा मांगा है।इसके लिए जिला शिक्षा पदाधिकारियों एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को दो दिन की मोहलत दी गयी है। 


इस बाबत माध्यमिक शिक्षा की।उपनिदेशक नीता कुमारी पांडेय द्वारा राज्य के।सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों। को निर्देश दिये गये हैं। जिला  शिक्षा पदाधिकारियों।एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (माध्यमिक शिक्षा) से राजकीय, राजकीयकृत  एवं माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों एवं सहायक शिक्षकों की रिक्तियों का ब्यौरा बिहार माध्यमिक शिक्षा कार्यालय ने पहले ही मांगा था, जो उसे अब तक नहीं मिला है।


इसे गंभीरता से लेते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारियों एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (माध्यमिक शिक्षा) को हिदायत दी गयी है कि दो दिनों में ब्यौरा उपलब्ध करायें। इसकी प्रति क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशकों को भी दी गयी है।


मंगलवार, 18 मई 2021

शिक्षको की खुशियों पर सरकार ने लगाया ग्रहण।।देखिए ये रिपोर्ट



राज्य के पंचायती राज एवं नगर निकायों के अंतर्गत प्राथमिक, मध्य,माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत महिला एवं दिव्यांग शिक्षकों को अंतर जिला, अंतर नियोजन इकाई में तबादले के लिए अभी इंतजार करना पड़ेगा, क्योंकि इसके राह में अभी कई पेच हैं जिन्हें सुलझाना बाकी है। 


पिछले बीस दिनों से कोरोना की वजह से सारे कामकाज ठप हैं। शिक्षा विभाग के मुख्यालय, निदेशालय से लेकर कई  डीईओ कार्यालय तक कोरोना संक्रमण की चपेट में आने से प्रभावित हैं और ऐसे में शिक्षकों के ऐच्छिक तबादले की प्रक्रिया भी प्रभावित हुई है।

आपको बता दे कि शिक्षको का तबादला 9000 नियोजन इकाइयों से जुड़ा है और इन इकाइयों की तबादले में भी भूमिका होनी है।इसलिए इसकी जटिलताएं भी एक बाधा बन सकती है।

तबादले में ऑनलाइन आवेदन और स्थानांतरण के विकल्प मांगे जाने के पहले विद्यालयवार और विषयवार रिक्तियों की संख्या साफ्टवेयर पर अपलोड होनी है। इसी के आधार पर शिक्षक अपना आवेदन करेंगे पर यह काम उतना आसान नहीं है और इसके सम्पन्न होने में समय भी लगेगा। 

तबादले में एक और पेच है सवा लाख शिक्षकों का छठे चरण में चल रहा नियोजन। करीब दो साल में यह अब भी पूर्ण नहीं हुआ है जबकि  ये पद रिक्ति के रूप में अधिसूचित हैं।तबादले की यह प्रक्रिया करीब करीब डेढ़ लाख महिला और दिव्यांग शिक्षकों से जुड़ा है।पुरुष शिक्षकों को भी पारस्परिक तबादले का अवसर मिलना है।N


सोमवार, 17 मई 2021

ईपीएफ पर मिलेगा शिक्षको ये पाँच फायदे।देखिए ये रिपोर्ट

 




देश में सभी नौकरीपेशा लोगों के भविष्य की सुरक्षा के लिए सरकार ने भविष्य निधि यानि पीएफ खाते को अनिवार्य बनाया है। कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन सभी कर्मचारियों को पीएफ खाते की सुविधा प्रदान करता है। इसके तहत इम्प्लॉई की सैलरी का निश्चित हिस्सा पीएफ खाते में जमा किया जाता है। कर्मचारी की सेवानिवृत्ति पर या फिर जरूरत पड़ने पर उससे पहले निकाला जा सकता है।

लेकिन पीएफ खाता सिर्फ भविष्य की सुरक्षा के लिए नहीं बल्कि आपकी मौजूदा जरूरतों में भी काम करता है। कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन ने खुद ट्वीट कर आम नौकरीपेशा लोगों को पीएफ खाते पर मिलने वाले फायदों के बारे में बताया है। 


1. फ्री इंश्‍योरेेेस

भविष्‍य निधि संगठन ने बताया की एम्‍प्‍लॉई डिपोजिट लिंक्‍ड इंश्‍योरेंस के तहत कर्मचारी का 6 लाख रुपये तक का बीमा होता है। ईपीएफओ के सक्रिय सदस्‍य की सर्विस अविधी के दौरान मृत्‍यु होने पर उसके नॉमिनी या कानूनी वारिस को 6 लाख रुपये तक का भुगतान किया जाता है। यह लाभ कंपनियां और केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों को उपलब्‍ध कराती हैं।

2. टैक्स छूट

टैक्स सेविंग के लिए पीएफ को एक बेहतर विकल्प माना जाता है। हालांकि आपको ये भी जान लेना चाहिए कि नए टैक्स सिस्टम में ऐसी सुविधा नहीं है जबकि पुराने टैक्स सिस्टम में टैक्स पर छूट मिलती है। ईपीएफ खाताधारक इनकम टैक्‍स की धारा 80सी के तहत अपनी सैलरी पर बनने वाले टैक्‍स में 12 प्रतिशत तक की बचत कर सकते हैं।

3. नि‍ष्क्रिय खाते पर ब्‍याज

कर्मचारियों के निष्क्रिय पीएफ खाते पर भी ब्‍याज का भुगतान किया जाता है। 2016 में कानून में किए गए बदलाव के मुताबिक, अब पीएफ खाताधारकों को उनके तीन साल से अधिक समय से निष्क्रिय पड़े पीएफ खाते में जमा राशि पर भी ब्‍याज का भुगतान किया जाता है। इससे पहले, तीन साल से निष्क्रिय पड़े पीएफ खाते पर ब्‍याज देने का प्रावधान नहीं था।

4. ज़रुरत पर निकाल सकते हैं पैसा

पीएफ फंड की एक बेहतरीन सुविधा ये भी है कि ज़ररुत के समय इसमें से कुछ पैसे निकाले भी जा सकते हैं। इससे आप लोन की संभावनाओं से बच पाएंगे।

5. रिटायरमेंट के बाद पेंशन

सरकार द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार PF अकाउंट में जमा राशि में से 8.33% कर्मचारी पेंशन स्कीम में जाता है। जो रिटायरमेंट के बाद पेंशन के रूप में मिलता है। बता दें कि यदि आप पेंशन फंड का पैसा विड्रॉल नहीं कर सकते हैं। 

रविवार, 16 मई 2021

मुख्य सचिव ने 15% वेतन वृद्धि के सवाल से उठा दिया पर्दा। देखिए एक रिपोर्ट


15 प्रतिशत वेतन वृद्धि के सवाल पर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने कहा कि प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा गया है। स्वीकृति मिलते ही वेतन वृद्धि का लाभ दिया जाएगा।आपको बता दे कि पिछले साल सितम्बर माह में ही राज्य सरकार ने सभी नियोजित शिक्षकों को 15  प्रतिशत उनके मूल वेतन में वृद्धि करने और उन्हें ईपीएफ का लाभ देने का निर्णय लिया था। 


राज्य मंत्रिमंडल की स्वीकृति के बाद शिक्षा विभाग की ओर से संकल्प भी जारी किया गया था जिसमे शिक्षकों को वर्तमान वेतन संरचना में 1 अप्रैल 2021 को देय मूल वेतन में 15 फीसदी वृद्धि  करने का निर्णय लिया गया था। सूत्रों का मानना है कि शिक्षा विभाग ने वित्त विभाग को इससे संबंधित प्रस्ताव भेजा है। विभाग ने यह साफ कर दिया है कि वेतन वृद्धि के के संबंध में विभाग के स्तर से औपचारिक आदेश निर्गत किए जाने तक पूर्व से निर्धारित वेतन ही देय होगा।


आपको बता दे कि  वित्त विभाग से अनुमोदन मिलते ही सभी नियोजित शिक्षकों को उनके मूल वेतन में 15 फीसदी बढ़ोतरीके साथ वेतन भुगतान को लेकर जिलों के लिए विस्तृत गाइडलाइन जारी होगी। इन तमाम प्रक्रियाओं के पूरी होने तक शिक्षकों को वेतन की बढ़ी राशि के अभी इंतजार ही करना होगा।

शिक्षको के तीन माह के वेतन का होगा भुगतान।देखिए एक रिपोर्ट



राज्य के तकरीबन 72 हजार प्रारंभिक विद्यालयों के तीन  लाख 23 हजार पंचायतीराज एवं नगर अरवल निकाय शिक्षकों के वेतन भुगतान के लिए बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने जिलों को 1767 करोड़ रुपये भेजे हैं। 
इसमें समग्र शिक्षा के शिक्षकों के हैं साथ ही उन शिक्षकों के वेतन की राशि  भी शामिल है, जिनके भुगतान पर खर्च हैं होने वाली शतप्रतिशत राशि राज्य गत सरकार देती है।


शिक्षकों का वेतन भुगतान यानी फिलहाल अद्यतन हो जायेगा। इसलिए जिलों  कि 12 जिलों में समग्र शिक्षा के कटिहार शिक्षकों को गत जनवरी तक का वेतन भुगतान ही हुआ था। इसको मद्देनजर रखते हुए इन 12 जिलों के शिक्षकों को  फरवरी से अप्रैल तक के तीन महीने का वेतन मिलेगा। इन 12 जिलों में औरंगाबाद, बक्सर, दरभंगा, पूर्वी  चंपारण, गोपालगंज, लखीसराय, मधेपुरा, मुंगेर, नवादा, पूर्णिया, रोहतास एवं शेखपुरा शामिल हैं।


इसके साथ ही 15 जिले ऐसे हैं, जहां समग्र शिक्षा के शिक्षकों को फरवरी तक का वेतन मिला था। अब  इन 15 जिलों के शिक्षकों को मार्च एवं अप्रैल दो माह का वेतन भुगतान  होगा। इन 15 जिलों में अररिया, द्वारा अरवल, बेगूसराय, भागलपुर, बिहार भोजपुर, गया, कैमूर, किशनगंज, मधुबनी, नालंदा, सहरसा, शिवहर,  सिवान, सुपौल एवं वैशाली शामिल  हैं।


इधर 11 जिले ही ऐसे हैं, जहां समग्र शिक्षा के शिक्षकों को मार्च तक का वेतन मिला हुआ है। इन 11 जिलों के शिक्षकों को एक माह यानी अप्रैल का वेतन मिलेगा। इन 11 जिलों में बांका, जमुई, जहानाबाद, दो कटिहार, खगड़िया, मुजफ्फरपुर, टूट पटना, समस्तीपुर, सारण, सीतामढ़ी एवं पश्चिमी चंपारण शामिल हैं।





नहीं रहे शिक्षको के शिक्षक प्रतिनिधि।संघ ब्यक्त किया दुःख।देखिए ये रिपोर्ट




टीईटी-एसटीईटी उतीर्ण नियोजित शिक्षक संघ (गोपगुट) के दो पदाधिकारियों की सांस कोरोना से टूट गयी।संगठन के प्रवक्ता अश्विनी पांडेय ने बताया कि संघ के पश्चिमी चंपारण के जिला उपाध्यक्ष मृत्युंजय पाण्डेय एवं लौरिया प्रखंड सचिव दीपक आनंद की मृत्यु शनिवार को कोरोना से हो गयी।


इस पर दुःख व्यक्त करते हुए संगठन ने कोरोना से शिक्षकों केआश्रितों को सामाजिक सुरक्षा के तहत अविलंब अनुकंपा, विशेष पेंशन एवं आपदा कोष से चार लाख रुपये की तत्काल प्रभाव से मदद देने की मांग सरकार से की है।

शनिवार, 15 मई 2021

GOB और SSA मद में जिलावार राशि हुई जारी। देखिए एक रिपोर्ट





विभाग ने शिक्षकों का माह अप्रैल 2021 तक के वेतन भुगतान हेतु आवश्यक राशि रू० 17676436318.00 (सतह अरब संड़सठ करोड़ चौंसठ लार छत्तीस हजार तीन सौ अठारह ) रुपए  उपलब्ध करायी  है।

आपको बता दे कि इस निर्गत किए गए राशि मे जिओबी मद में  17176436318 रुपए एवं SSA मद में 500000000 रुपए शामिल है।

विभाग ने सभी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) को प्रारंभिक शिक्षक वेतन हेतु पूर्व से अवशेष राशि का अपने स्तर से समीक्षा करते हुए एवं शिक्षक वेतन हेतु मुख्यालय से निर्गत पूर्व के निदेशों का अनुपालन करते हुए अविलम्ब वेतन भुगतान करके राज्य कार्यालय को सूचित करने का आदेश दिया है।





15% वेतन वृद्धि के साथ एरियर भुगतान।देखिए ये रिपोर्ट



राज्य के सरकारी स्कूलों के 3.52 लाख पंचायतीराज एवं नगर निकाय शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों को पहली अप्रैल से बढ़ने वाले 15 प्रतिशत वेतन का एरियर मिलेगा। बढ़े हुए वेतन का भुगतान होने तक शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों के पुराने वेतन संरचना में ही वेतनादि का भुगतान होगा।


शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों को पहली अप्रैल को देय मूल वेतन में 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ भुगतान शिक्षा विभाग द्वारा औपचारिक आदेश जारी होने के बाद किया जायेगा। औपचारिक आदेश जारी करने के लिए शिक्षा विभाग द्वारा वित्त विभाग को प्रस्ताव भेजा जा चुका है। 


प्रस्तावित प्रस्ताव में ही पहली अप्रैल को देय मूल वेतन में 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ वेतन निर्धारण का फार्मूला शामिल है। आपको याद दिला दूं कि पंचायतीराज एवं नगर निकाय शिक्षकों तथा क्रियान्वयन पुस्तकालयाध्यक्षों के मूल वेतन में पहली औपचारिक अप्रैल, 2021 से 15 प्रतिशत की वृद्धि पूर्व करने का राज्य सरकार ने फैसला किया था। 

शुक्रवार, 14 मई 2021

नहीं रहे हमारे बीच ये शिक्षक।😰😰



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राज्य में संक्रमण की दूसरी लहर में सम्बद्ध डिग्री कॉलेजों के 17 शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों की जान कोरोना ने ली है। संबंधित 17 शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों की सूची बिहार राज्य संबद्ध डिग्री महाविद्यालय शिक्षक शिक्षकेतर कर्मचारी महासंघ  ने जारी करते हुए कहा है कि ये सभी ऐसे शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारी हैं, जिनकी सांस 15 अप्रैल से अब तक टूटी है।

बिहार राज्य संबद्ध डिग्री महाविद्यालय शिक्षक शिक्षकेतर कर्मचारी महासंघ (फैक्टनेब) ने कुलाधिपति एवं सरकार से कहा है कि मृत शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों के आश्रितों को दस-दस लाख रुपये की सहायता राशि दी जाय । प्रयेक मृत शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारी के एक-एक आश्रित को नौकरी देने की मांग भी की गयी है। बिहार राज्य संबद्ध डिग्री महाविद्यालय शिक्षक शिक्षकेतर कर्मचारी महासंघ  के प्रवक्ता अरुण गौतम ने बताया कि सम्बद्ध डिग्री कालेजों का नौ वर्षों का अनुदान बकाया है। 


इससे शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारी आर्थिक संकट के गंभीर दौर से गुजर रहे हैं। संगठन ने बकाया अनुदान राशि अविलंब विमुक्त करने की मांग सरकार से की है। इससे संक्रमित शिक्षक एवं।शिक्षकेतर कर्मचारियों को इलाज में मदद मिल सकेगी।

नियमित कर्मियों के भांति शिक्षको के लिए विशेष भत्ता और पारिवारिक पेंशन।देखिए ये रिपोर्ट




वैश्विक कोरोना महामारी में दिन-रात अपनी सेवा दे रहे कर्मियों के लिए जब से बिहार सरकार ने विशेष पारिवारिक पेंशन, पचास लाख रुपए का बीमा, विशेष भत्ता एवं अन्य सुविधाओं की घोषणा की है, तबसे पंचायती राज संस्था एवं अन्य स्रोतों के तहत नियुक्त कर्मी और शिक्षक भी अपने लिए उन सुविधाओं की मांग कर रहे हैं। 

दरअसल, बिहार में नियमित कर्मियों के बदले पर बड़े पैमाने पर आउटसोर्सिंग एवं पंचायती राज व्यवस्था से कर्मियों की बहाली की गई है, जिनके लिए नियमावली एवं सुविधाए तय तो सरकार करती है। लेकिन जब सुविधा देने की बात होती है, तो उन्हें अपना कर्मी मानने से इंकार कर देती है और वे उन सुविधाओं से वंचित हो जाते है ।

कोरोना महामारी के दौरान विभिन्न सरकारी कार्यो एवं सामुदायिक किचेन आदि में स्थानीय निकायों के शिक्षकों से व्यापक पैमाने पर कार्य लिया जा रहा है और नित्य ही कोई ना कोई शिक्षक कोरोना संक्रमण की चपेट में आ रहे है तथा कई शिक्षकों की जान भी इस महामारी ने ले ली है। 

टीईटी एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ (गोपगुट) के द्वारा बिहार सरकार से नियमित कर्मियों के भांति ही स्थानीय निकायों में कार्यरत शिक्षको के लिए विशेष भत्ता, विशेष पारिवारिक पेंशन, पंचास लाख की बीमा, अनुकम्पा पर सरकारी नौकरी एवं अन्य सुविधाओं की मांग की गई है। 

संघ के प्रदेश अध्यक्ष मार्कण्डेय पाठक एवं प्रदेश प्रवक्ता अश्विनी पाण्डेय ने बताया कि कोरोना संक्रमण के गिरफ्त में हजारों की संख्या में शिक्षक आ रहे है और सैकड़ों शिक्षकों की जान भी जा चुकी है। ऐसे में शिक्षकों की सुरक्षा और सुविधा का ध्यान रखना भी सरकार का दायित्व है।


गुरुवार, 13 मई 2021

हाइकोर्ट ने सरकार से 1 करोड़ रुपए शिक्षको को देने को कहा।देखिए ये रिपोर्ट



इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी पंचायत चुनाव में ड्यूटी के दौरान कोरोना की वजह से मारे गए अधिकारियों कर्मचारियों के परिजनों को मुआवजे की रकम को कम बताया है।हाई कोर्ट ने कहा कि मुआवजा कमन1करोड़ का होना चाहिए। जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस अजीत कुमार की बेंच ने यूपी महामारी फैलने और क्वारंटाइन सेंटर्स के हालात को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान यह बात कही।अगली सुनवाई 17 मई को होगी

आपको बता दे कि यूपी सरकार ने चुनाव ड्यूटी में कोरोना से मारे गए लोगों के परिजनों को 30-30 लाख मुआवजा देने का ऐलान किया था। इस पर हाईकोर्ट ने कहा, 'उम्मीद करते हैं कि राज्य चुनाव आयोग और सरकार मुआवजे की रकम पर फिर से विचार करेंगे और अगली सुनवाई पर इस बारे में हमें बताएंगे। जैसा कि आप सभी जानते है कि यूपी पंचायत चुनाव के दौरान कोरोना से सैकड़ो शिक्षक, कर्मचारियों,और अधिकारियों को अपनी जान गवानी पड़ी थी।

बुधवार, 12 मई 2021

भारत ने बनाई नाक में डालने वाली वैक्सीन।देखिए ये रिपोर्ट



हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक कोरोफ्लू (CoroFlu) नाम की वैक्सीन विकसित कर रहा है. कोरोना वायरस के इलाज के लिए बनाई जा रही यह वैक्सीन शरीर में सिरिंज से नहीं डाली जाएगी. इस वैक्सीन की एक बूंद को पीड़ित इंसान की नाक में डाला जाएगा।

भारत बायोटेक ने इस वैक्सीन को अमेरिका, जापान और यूरोप में बांटने के लिए सभी जरूरी अधिकार प्राप्त कर लिए है। इस वैक्सीन का पूरा नाम है- कोरोफ्लू: वन ड्रॉप कोविड-19 नेसल वैक्सीन कंपनी का दावा है कि यह वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है क्योंकि इससे पहले भी फ्लू के लिए बनाई गई दवाइयां सुरक्षित थीं

इस वैक्सीन का फेज-1 ट्रायल अमेरिका के सेंट लुईस यूनिवर्सिटी वैक्सीन एंड ट्रीटमेंट इवैल्यूएशन यूनिट में होगी।अगर भारत बायोटेक को जरूरी अनुमति और अधिकार मिलता है तो वह इसका ट्रायल हैदराबाद के जीनोम वैली में भी करेगी।

इस वैक्सीन को बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक के चेयरमैन डॉ. कृष्णा एला ने बताया कि हम इस वैक्सीन की 100 करोड़ डोज बनाएंगे।ताकि एक ही डोज में 100 करोड़ लोग कोरोना वायरस जैसी महामारी से बच सके। इस वैक्सीन की वजह से सुई, सीरीज आदि का खर्च नहीं आएगा। इसकी वजह से वैक्सीन की कीमत भी कम होगी।चूहों पर किए गए अध्ययन में इस वैक्सीन ने बेहतरीन परिणाम दिखाए हैं।इसकी रिपोर्ट प्रसिद्ध साइंस जर्नल सेल और नेचर मैगजीन में भी छपी है।

वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के रेडिएशन ऑन्कोलॉजी के प्रोफेसर और बायोलॉजिक थेराप्यूटिक्स सेंटर के निदेशक डॉ. डेविड टी क्यूरिएल ने कहा है कि नाक से डाली जाने वाली वैक्सीन आम टीकों से बेहतर होती है।यह वायरस पर उस जगह से ही हमला करने लगती है जहां से वह प्राथमिक तौर पर ही नुकसान पहुंचाना शुरू करता है. यानी शुरुआत में ही वायरस को रोकने का काम शुरू हो जाता है।


विभाग ने कहा जून से होगा शिक्षको का एक जिला से दूसरे जिला में तबादला।देखिए ये रिपोर्ट



राज्य के 3.57 लाख नियोजित शिक्षकों के  साथ ही पुस्तकालयाध्यक्षों का तबादला जून में होगा। शिक्षा विभाग ने तबादला की रणनीति तैयार कर ली है। नियोजित शिक्षकों की सेवाशर्त नियमावली के आधार पर तबादला का प्रारूप शिक्षा विभाग ने तैयार कर लिया है। पारदर्शी तरीके से तबादला के लिए सॉफ्टवेयर के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन लिया जाएगा। सॉफ्टवेयर तैयार कर ली गई है। तबादला के पहले शिक्षकों से आवेदन लिए जाएंगे शिक्षिकाओं और दिव्यांग शिक्षकों को दूसरे जिलों में ऐच्छिक तबादला का लाभ मिलेगा। 


लेकिन पुरुष शिक्षकों को रिक्ति के आधार पर अंडरम्युचअल अंतरजिला तबादला हो सकेगा। यानी जिस जिला से दूसरे जिला में शिक्षक जा रहे हैं, उसके बदले उस जिला में शिक्षक आना चाहिए। रिक्ति के आधार पर शिक्षकों के जिले के नजदीकी स्कूल में तबालता का भी लाभ मिल सकेगा। 


इन शिक्षकों की सेवाशर्त के आधार पर नीति कार्यान्वयन के लिएमाध्यमिक शिक्षा निदेशक गिरिवर दयाल सिंह की अध्यक्षता में बनी कमेटी सभी बिंदुओं पर विमर्श कर रणनीति तैयार कर ली है।


सरकार ने नियोजित शिक्षकों पर कसा शिकंजा।देखिए ये रिपोर्ट



राज्य में फर्जी सर्टिफिकेट पर नियुक्त पंचायतीराज एवं नगर निकाय शिक्षकों पर शिकंजा कस गया है। जांच के लिए जिन शिक्षकों के सर्टिफिकेट के फोल्डर अब तक विजिलेंस को नहीं सौंपे गये हैं, उनके नाम अब पोर्टल पर अपलोड होंगे ।ऐसे शिक्षको की संख्या तकरीबन 1,03917है।ऐसे शिक्षकों के नाम और उनसे जुड़ी अन्य जानकारियां पोर्टल अपलोड करने की तिथि 17 मई है। शिक्षकों के नाम और उनसे जुड़ी अन्य जानकारी संबंधित जिले के एनआईसी के वेबसाइट अपलोड किये जाने हैं।


यह ईमेल शिक्षा विभाग के प्राथमिक शिक्षा निदेशालय को भी उपलब्ध करायी जायेगी। इस बाबत प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ. रणजीत कुमार सिंह द्वारा मंगलवार को सभी जिलों जिला शिक्षा पदाधिकारियों जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को निर्देश दिए गए है।पोर्टल पर जानकारी जिलावार अपलोड होगी। इसमें प्रखंड का नाम, नियोजन इकाई का नाम, शिक्षक का नाम, पिता या पति का नाम, विद्यालय का नाम, नियुक्ति की तिथि, ईपीएफ एकाउंट नम्बर के साथ अभ्युक्ति होगी। इसे सर्वोच्च प्राथमिकता देने का निर्देश जिला शिक्षा पदाधिकारियों एव जिला कायक्रम को दिया गया है।


दरअसल, राज्य में 2006 से लेकर 2015 तक नियुक्त पंचायतीराज एवं नगर निकाय शिक्षकों के सर्टिफिकेट की विजिलेंस जांच पटना हाई कोर्ट के आदेश पर चल रही है। इससे संबंधित आदेश पटना हाई कोर्ट ने पांच दिसंबर, 2016 को दिया।


लेकिन, अब तक 1,03,917 शिक्षकों के सर्टिफिकेट के फोल्डर जांच के लिए विजिलेंस को नहीं मिले हैं। इसके मद्देनजर वैकल्पिक व्यवस्था के तहत शिक्षा विभाग ने वेब पोर्टल तैयार किया है।

मंगलवार, 11 मई 2021

नीतीश कैबिनेट की बैठक खत्म ।शिक्षको के वेतन के लिए राशि हुई जारी।



मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कैबिनेट की मीटिंग बुलाई थी। मंत्री अपने विभागीय सचिव के कक्ष से वर्चुअल माध्यम से कैबिनेट मीटिंग में शामिल हुए थे।आज की कैबिनेट बैठक में कुल 13 एजेंडों पर मुहर लगी है। शिक्षकों के वेतन भुगतान को लेकर 1716 करोड़ रू जारी हुए हैं. वहीं कोरोना टीका को लेकर 1000 करोड़ रू जारी किये गये हैं।

बिहार के पौने तीन लाख शिक्षकों के वेतन भुगतान के लिए बिहार कैबिनेट ने आज 1716 करोड रुपए की स्वीकृति दे दी। शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धन्यवाद दिया है।

उन्होंने बताया कि समग्र शिक्षा अभियान के तहत पूरे प्रदेश में कार्यरत इन शिक्षकों के वेतन में केंद्र एवं राज्य दोनों की हिस्सेदारी होती है. कोरोना महामारी अन्य कारणों से केंद्राश प्राप्त होने में देरी के कारण वेतन भुगतान में कठिनाई हो रही थी।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर केंद्र के हिस्से की राशि भी राज्य सरकार ने अपनी निधि से उपलब्ध कराने का निर्णय लिया. इसके बाद शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को आज मंत्रिपरिषद ने मंजूरी दे दी है। इससे अब शिक्षकों के लगभग 2 महीने के वेतन भुगतान हो सकेगा.

कोरोना के लिए 99.99 प्रतिशत सफल है ये दवा। प्रयोग हुआ सफल।



कोरोना वायरस काल में एक अच्छी खबर आई है. कनाडा की कंपनी सैनोटाइज (SaNOtize) ने दावा किया है कि उसने नाक से डालने वाला ऐसा स्प्रे बनाया है जो 99.99 फीसदी कोरोना वायरस को खत्म कर देता है।कंपनी ने कहा कि उनका ये स्प्रे कोरोना से बीमार लोगों के इलाज का वक्त कम कर देगा. साथ ही इस महामारी के लक्षणों की गंभीरता से बचाव मिलेगा द सन अखबार के मुताबिक कनाडा की कंपनी सैनोटाइज (SaNOtize) ने कहा कि उनका नाक में डालने वाला स्प्रे हवा में ही कोरोनावायरस को खत्म करना शुरू कर देता है।




इसके अलावा नाक के रास्ते वह फेफड़े तक को साफ करता है. इसका परीक्षण अमेरिका और ब्रिटेन में सफल रहा है।सैनोटाइज (SaNotize) का दावा है कि जिन लोगों ने उनका नाक का स्प्रे ट्रायल्स के दौरान उपयोग में लिया, उनके शरीर से वायरल लॉग रिडक्शन पहले 24 घंटे में 1.362 था. यानी एक दिन में वायरस की संख्या में 95 प्रतिशत की कमी आएगी अगले 72 घंटों में ये बढ़कर 99 फीसदी हो जाएगा।


यूके में ट्रायल्स के चीफ इन्वेस्टीगेटर डॉ. स्टीफन विन्चेस्टर ने कहा कि कोरोना महामारी के खिलाफ चल रही वैश्विक लड़ाई में ये स्प्रे सबसे बड़ा हथियार साबित होगी।यह एक आंदोलनकारी दवा साबित होगी।आपको बता दें कि दुनिया भर में कोरोना के खिलाफ नाक से डालने वाली दवाओं के लेकर काफी रिसर्च चल रही है। कई दवा कंपनियां तो इनका ट्रायल भी कर रही हैं।ई


शिक्षको के भुगतान के लिए जिला को भेजी गई राशि।



शिक्षा विभाग ने राज्य के गैर सरकारी सहायता प्रारंभिक विद्यालयों के शिक्षकों एवं शिक्षकेतर कर्मियों को वित्तीय वर्ष 2021-22 के वेतन एवं बकाए वेतनादि के भुगतान के लिए 29 करोड़ 11 लाख 1 हजार रुपए के सहायक अनुदान के व्यय की अनुमति दे दी है। शनिवार को ही यह स्वीकृति दे दी गई थी। साथ ही, प्रथम किस्त के रूप में 9 करोड़ 60 लाख 63 हजार 332 रुपए विमुक्त भी कर दिया गया है। यह राशि 20 जिलों के लिए जारी की गई है।शिक्षा विभाग के उप सचिव अरशद फिरोज ने इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया है।


सोमवार, 10 मई 2021

15 % वेतन बढोतरी एवं वेतन निर्धारण तथा ऐच्छिक स्थानांतरण एवं प्रोन्नति की हुई मांग।



पंचायतीराज एवं नगर निकाय शिक्षकों ने 15 प्रतिशत वृद्धि के साथ अप्रैल से वेतन भुगतान की मांग शिक्षा विभाग से की है।बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रदीप कुमार पप्पू ने कहा है कि कोरोना संक्रमण काल में भी शिक्षकों को तीन महीनों से वेतन नहीं मिला है। ईद पर भी वेतन नहीं मिलने के कारण रोजेदार शिक्षक आर्थिक समस्याओं से त्रस्त हैं। अप्रैल, 2021 से शिक्षकों के वेतन में 15 प्रतिशत बढ़ोतरी करने का आदेश अब तक विभाग के द्वारा जारी नहीं किया गया है। ऐच्छिक स्थानांतरण और प्रोन्नति के लिए भी शिक्षा विभाग से दिशा निर्देश जारी नहीं हुआ है।


श्री पप्पू ने कहा कि बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के द्वारा विगत महीने राज्य के 38 में से मात्र 33 जिलों को मात्र एक महीने के वेतन भुगतान करने हेतु आवंटन दिया गया, परंतु राज्य के अधिकांश जिले में शिक्षकों को वेतन भुगतान नहीं किया जा सका है।


उन्होंने अविलंब एसएसए एवं जीओवी दोनों मदों से आच्छादित शिक्षकों के सभी प्रकार के बकाया वेतन के भुगतान करने हेतु राज्य सभी जिलों को पर्याप्त राशि आवंटित करने, 15 प्रतिशत वेतन बढोतरी एवं वेतन निर्धारण तथा ऐच्छिक स्थानांतरण एवं प्रोन्नति हेतु स्पष्ट विभागीय आदेश जारी करने की मांग की है।


रविवार, 9 मई 2021

ईद से पहले मदरसा शिक्षको के भुगतान का रास्ता साफ



राज्य के अराजकीय प्रस्वीकृत अनुदानित मदरसों में | वेतनादि के भुगतान के लिए चार अरब रुपये की राशि जारी हुई है। इससे ईद के पहले मदरसा शिक्षकों के वेतन भुगतान का रास्ता साफ हो गया है।
यह राशि चालू वित्तीय वर्ष 2021-2022 के लिए है। इस राशि से अराजकीय प्रस्वीकृत अनुदानित 1128 मदरसे एवं 2459 प्लस वन कोटि के मदरसा अंतर्गत अनुदानित 205 मदरसे एवं 609 मदरसे यानी 814 मदरसों में कार्यरत शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों के वेतनादि का भुगतान होगा।


राशि की निकासी एवं व्यय समय-समय पर वित्त विभाग द्वारा निर्गत निर्देशों के आलोक में होगा।राशि की निकासी एवं भुगतान जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) द्वारा वित्त विभाग एवं शिक्षा विभाग के दिशा-निर्देशों के अनुसार किया जायेगा। राशि का विचलन किसी अन्य मद में नहीं होगा।


शनिवार, 8 मई 2021

दो हफ़्ते के अंदर होगा शिक्षको का भुगतान।शिक्षा मंत्री ने दिया बयान।



बिहार शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने एक बयान जारी कर बताया कि सभी शिक्षाकमियों के बकाए वेतन का भुगतान अगले दो सप्ताह के अन्दर हो जाएगा। शिक्षा मंत्री ने कहा कि  पिछले दो-तीन महीने से वेतन भुगतान लंबित रहने के कारण शिक्षाकर्मियों की बदहाली है। सरकार उनके कठिनाईयों के प्रति जागरूक एवं संवेदनशील है। इस परिप्रेक्ष्य में प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक विद्यालयों के अलावा, विभिन्न विश्वविद्यालयों के शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों के वेतन भुगतान की राशि का स्वीकृत्यादेश निर्गत किया जा चुका है।


उन्होंने ने कहा कि  कोरोना महामारी के कारण के कारण लगातार बंदी एवं लॉकडाउन की स्थिति में सभी विभागों के कर्मीगण परेशान है। अधिकतर विभाग के कर्मचारी एवं अधिकारगण कोरोना के शिकार हुए हैं एवं कई की मृत्यु भी हुई है। ऐसी परिस्थिति में भी शिक्षा विभाग की पहल से वेतनादि के भुगतान हेतु वित्त विभाग की सहमति प्राप्त कर प्रक्रियात्मक औपचारिकताएँ त्वरित गति से पूरी की जा रही है।


शिक्षा मंत्री ने बताया कि समग्र शिक्षा की राशि केन्द्र सरकार से फिलहाल प्राप्त नहीं होने के बावजूद उक्त श्रेणी के शिक्षकों के लिए राज्य की निधि से ही राशि विमुक्त की जा रही है। अल्पसंख्यक विद्यालयों एवं मदरसों में भुगतान ईद-उल-फित्र से पहले करने का प्रयास है। उन्होंने ने बताया कि  महाविद्यालयों के शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों के साथ संस्कृत शिक्षण संस्थानों के वेतन एवं पेंशन की राशि भी आवंटित की गई है। अतएव सरकार शिक्षाकर्मियों के बकाए वेतन एवं पेंशन भुगतान के लिए सजग है। 



शुक्रवार, 7 मई 2021

भारत में अब तक 3 वैक्सीन को मिली मंजूरी।जानते है तीनों वैक्सीन में क्या फर्क है।



भारत में अब तक 3 वैक्सीन को मंजूरी मिली है आइए जानते है  तीनों  वैक्सीन में क्या  फर्क है।




पहला वैक्सीन है कोवैक्सिन

इसे पारंपरिक इनएक्टिवेटेड प्लेटफॉर्म पर बनाया गया है। यानी इसमें डेड वायरस को शरीर में डाला जाता है। इससे एंटीबॉडी रिस्पॉन्स होता है और शरीर वायरस को पहचानने और उससे लड़ने लायक एंटीबॉडी बनाता है। यह एक डब्बल डोज वैक्सीन है।


दूसरा वैक्सीन है कोवीशील्ड

यह वायरल वेक्टर वैक्सीन है। इसमें चिम्पैंजी में पाए जाने वाल एडेनोवायरस  का इस्तेमाल कर उससे कोरोना वायरस जैसा ही स्पाइक प्रोटीन बनाया गया है। यह शरीर में जाकर इसके खिलाफ प्रोटेक्शन विकसित करता है। यह एक डब्बल डोज वैक्सीन है।


तीसरा वैक्सीन है स्पुतनिकम

यह भी एक वायरल वेक्टर वैक्सीन है। अंतर यह है कि इसे एक की बजाय दो वायरस से बनाया गया है। इसमें दोनों डोज अलग-अलग होते हैं, जबकि कोवैक्सिन और कोवीशील्ड के दो डोज में अंतर नहीं है।



आपको बता दे कि स्पुतनिक-v के डेढ़ लाख डोज भारत आ गए है। देश में वैक्सीन की कमी को देखते हुए सरकार ने रूसी वैक्सीन स्पुनतिक v को मंजूरी दी थी। इसकी पहली खेप 1 मई को भारत आई थी। देश में इस वैक्सीन का प्रोडक्शन कर रही डॉ. रेड्डीज लैब के CEO दीपक सपरा ने कहा था कि DCGI की मंजूरी के बाद हमें डेढ़ लाख डोज का पहला शिपमेंट मिला है। लोगों को यह वैक्सीन कुछ हफ्तों में मिलने लगेगी। यह एक सिंगल डोज वैक्सीन है।