रविवार, 25 अप्रैल 2021

अनुकंपा नौकरी के नियमो में सरकार ने किया बड़ा बदलाव।




अनुकंपा नौकरी के नियमों में सरकार ने वड़ा बदलाव किया है। अब सरकारी नौकरी करने वाले किसी भी सेवक की सेवाकाल के दौरान मौत हो जाने या लापता होने की स्थिति में उनके आश्रितों को नौकरी के लिए आवेदन करने के समय में पांच साल की वाध्यता को समाप्त कर दिया गया है।

पटना हाईकोर्ट के निर्देश के वादराज्य सरकार ने इस नियम को लागू कर दिया है। अव आश्रित परिवार अनुकंपा के आधार पर नौकरी पाने के लिए एक दशक वाद भी आवेदन कर सकेंगे।

दरअसल, पटना हाईकोर्ट में एक महिला ने याचिका दायर की थी, जिसमें उसने बताया था कि उसके पति सरकारी सेवक थे और वर्ष 2005 में लापता हो गये। आठ साल वाद जब हमने अनुकंपा पर नौकरी पाने के लिए आवेदन दिया, तो वताया गया कि आपने इसके लिए काफी देर कर दी है। अब आप अनुकंपा पर नौकरी पाने की पात्र नहीं हो सकती हैं। 

क्योंकि सामान्य प्रशासन विभाग के नियम के अनुसार किसी भी सरकारी सेवक के लापता या मृत होने की स्थिति में उसके परिजनों की ओर से पांच साल के अंदर ही अनुकंपा पर नौकरी पाने के लिए आवेदन देने का प्रावधान है। महिला की याचिका पर सुनवाई के वक्त हाईकोर्ट ने सामान्य प्रशासन विभाग के इस नियम पर आपत्ति जतायी। कोर्ट का कहना था कि भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 108 में किसी लापता व्यक्ति के कानूनी रूप से मृत घोषित करने की मियाद सात वर्ष है। ऐसे में कोई आश्रित सात साल से पहले अपने स्वजन कर नौकरी पाने का दावा कैसे कर सकता है। कोर्ट ने इस नियम में वदलाव करने का निर्देश दिया था। 


हाईकोर्ट की टिप्पणी के वाद सामान्य प्रशासन विभाग ने अनुकंपा आधारित नियुक्ति के नियम को वदल दिया है। अधिसूचना के मृत घोषित मुताविक किसी भी सरकारी सेवक के लापता होने के सात साल बाद या सक्षम प्राधिकार द्वारा उसे मृत घोषित करने के पांच साल बाद तक आश्रित नौकरी के लिए आवेदन कर सकता है। सामान्य प्रशासन विभाग के इस वदलाव का फायदा उन परिवारों को भी मिलेगा, जिनके घर में अनुकंपा पर नौकरी पाने के लिए कोई पात्र नहीं है। साथ ही आश्रित अगर नावालिग है, तो वह वालिग होने के बाद नौकरी के लिए आवेदन कर सकता है।

हालांकि शर्त यह है कि वालिग होने के एक साल की अवधि में उसे नौकरी के लिए आवेदन करना होगा।


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