शुक्रवार, 31 दिसंबर 2021

शिक्षक से मिलकर भावुक हुए नीतीश कुमार।देखिए ये रिपोर्ट




मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उजियारपुर थाना के भगवानपुर कमला निवासी नंद किशोर प्रसाद सिंह जो शिक्षक हैं और बीमार हैं उनका हाल चाल पूछ भावुक हो गये। शिक्षक श्री सिंह काफी दिनों से अस्वस्थ हैं । मुख्यमंत्री ने अपने बचपन के शिक्षक नंद किशोर प्रसाद सिंह का चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लिया। नंद किशोर प्रसाद सिंह श्री गणेश सिंह हाई स्कूल बख्तियारपुर के अवकाश प्राप्त शिक्षक हैं, जिनसे मुख्यमंत्री ने शिक्षा ग्रहण किया था। मुख्यमंत्री ने नंदकिशोर प्रसाद सिंह की पुत्रवधू अनामिका सिंह, सुपूत्री लालिमा सिंह एवं दामाद प्रो शिवानंद सिंह से मिलकर उनके स्वास्थ्य एवं चल रहे चिकित्सा के संबंध में जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने नंद किशोर प्रसाद सिंह के बेहतर चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराने को लेकर डीएम समस्तीपुर को निर्देश दिया। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, जल संसाधन एवं सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री संजय कुमार झा, शिक्षक अरुणेश्वर ठाकुर, आयुक्त दरभंगा प्रमंडल मनीष कुमार, जिलाधिकारी शशांक शुभंकर एवं पुलिस अधीक्षक मानवजीत सिंह ढिल्लो उपस्थित थे।

वेतन निर्धारण में सीनियर से ज्यादा जूनियर का वेतन।देखिए ये रिपोर्ट

पंचायत और नगर निकायों के लगभग 3.57 लाख शिक्षकों को 15 प्रतिशत वेतन वृद्धि के बाद संशोधित वेतन का निर्धारण जनवरी में हो जायेगा। शिक्षक तीन से चार जनवरी तक अपना संशोधित वेतन देख सकेंगे। वेतन निर्धारण संबंधी शिकायत शिक्षक डीईओ कार्यालय में कर सकेंगे। 10 जनवरी से  मेधासॉफ्ट के माध्यम से शिक्षक अपना पे स्लिप डाउनलोड कर सकेंगे। पे स्लिप दो प्रति में तैयार होगा। एक प्रति को सेवापुस्त में अटैच किया जाएगा।

इस संबंध में विशेष सचिव ने  गुरुवार को सभी डीईओ को पत्र भेजा। माध्यमिक शिक्षा निदेशक मनोज कुमार ने गुरुवार को सभी डीईओ को पत्र भेजा। दूसरी ओर शिक्षा विभाग के उप सचिव द्वारा जारी आदेश में कहा गया है।सीनियर से जूनियर शिक्षक का वेतन अधिक होने की कुछ जिलों से शिकायत मिल रही हैऑनलाइन कैलकुलेटर से 15 प्रतिशत के वेतनवृद्धि नर्धारण के दौरान वेतन विसंगति दूर करने के लिए कहा है। वेतन निर्धारण में गड़बड़ी हुई,तो डीपीओ (स्थापना) जिम्मेदार होंगे। 

जिलों के लिए एनआईसी द्वारा ऑनलाइन पे कैलकुलेटर सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है। इसकी मदद से वेतन वृद्धि के बाद वेतन निर्धारण हो जायेगा। प्रांरभिक से लेकर उच्च माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों को वेतन में लगभग तीन से चार हजार रुपये प्रतिमाह वृद्धि का लाभ मिलेगा। पहले से मिल रहे वेतन में 1.15 से गुणा करने पर जो राशि आएगी, उसे पे मैट्रिक्स के अनुसार निर्धारित कर एक अप्रैल 2021 से वेतन वृद्धि का लाभ मिलेगा।


मंगलवार, 7 दिसंबर 2021

15% वेतन वृद्धि के साथ होगा वेतन भुगतान।देखिए ये रिपोर्ट



कक्षा एक से 12 तक के साढ़े तीन लाख से अधिक शिक्षकों की मूल सैलरी में 15% जोड़ कर वेतन दिसंबर माह में मिलने जा रहा है. शिक्षा विभाग ने इसकी तैयारी कर ली है। दरअसल, एनआइसी के सहयोग से उसके कैलकुलेटर का निर्माण अंतिम दौर में है। इस हफ्ते वह बन कर तैयार हो जायेगा।इस तरह जनवरी में मिलने वाला वेतन बढ़ा हुआ होगा।सूत्रों के मुताबिक यह कैलकुलेटर बहुवैकल्पीय होगा।

इसका संख्यात्मक विस्तार सामान्य कैलकुलेटर से अधिक  होगा। इस कैलकुलेटर में शिक्षकों व पुस्तकालयाध्यक्षों के मूल वेतन में 1.15 से गुणा कर, जो राशि आयेगी, उसे पे मैट्रिक्स के सापेक्ष अथवा ठीक ऊपर के लेक्ल के अनुसार निर्धारित करते हुए वेतन जारी किया जायेगा। इस तरह कैलकुलेटर में निर्धारित पे मैट्रिक्स फीड कर दी जायेगी. उस पे मेट्रिक्स पर नया वेतन निर्धारित किया जायेगा. यह वेतन लाभ एक अप्रैल, 2021 से दिया जायेगा। हाल ही में शिक्षा विभाग ने राज्य के पंचायत एवं नगर निकायों के 3.5 लाख शिक्षकों व पुस्तकालयाध्यक्षों के 15% बढ़े हुए वेतन के भुगतान के लिए गजट जारी कर दिया गया है. वेतन निर्धारण  से संबंधित अधिसूचना 12 नवंबर को जारी हो चुकी है।

उल्लेखनीय है कि पंचायती राज एवं नगर निकाय शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों के लिए 5200 से 20200 के वेतनमान के साथ ग्रेड पे क्रमशः 2000, 2400 एवं 2800 लागू है। साथ ही उसमें यह भी प्रावधान है कि उन्हें समय-समय पर राज्यकर्मियों के अनुरूप घोषित महंगाई भत्ता, चिकित्सा भत्ता, मकान किराया भत्ता व वार्षिक वेतनवृद्धि देय होगी. साथ ही ग्रेड पे की देयता भी उनकी सेवा के दो वर्ष पूरा होने के बाद देय होगी। इस बीच शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों की वर्तमान वेतन संरचना में सुधार के लिए राज्य सरकार नेएक अप्रैल, 2021 के प्रभाव से उनके मूल वेतन में 15% की वृद्धि का आदेश 29 अगस्त, 2020 को जारी किया था।


सोमवार, 6 दिसंबर 2021

प्रधानाध्यापको को निर्देश।एक मुश्त वेतन से होगा वसूली।देखिए ये रिपोर्ट



नियमित शिक्षकों से आवास भत्ते के मद में अधिक ली गयी राशि एकमुश्त वसूल की जायेगी। इससे संबंधित निर्देश जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) अरुण कुमार मिश्र द्वारा संबंधित चिन्हित मध्य विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिये गये हैं। संबंधित चिन्हित मध्य विद्यालय बिहटा एवं फतुहा के हैं। दरअसल, आवास भत्ते के मद में अधिक राशि लिए जाने का मामला संज्ञान में आने के बाद नवंबर माह के उपस्थिति विवरणी की जांच की गयी, तो स्पष्ट हुआ कि कुछ शिक्षकों का आवास भत्ता वित्त विभाग के प्रावधानों के प्रतिकूल भेजा जा रहा है। इसके मद्देनजर अधिक ली गयी राशि की एकमुश्त वसूली नवंबर के वेतन से करने के निर्देश दिये गये हैं। इसके साथ ही इस मामले में संबंधित चिन्हित मध्य विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों से स्पष्टीकरण भी मांगे गये हैं। संबंधित प्रधानाध्यापकों को यह निर्देश भी दिया गया है कि इस बात की जांच करने के बाद ही नियमित शिक्षकों की अनुपस्थिति विवरणी भेजें कि उन्हें वित्त विभाग के प्रावधानों के अनुरूप आवास भत्ता का भुगतान किया जा रहा है।


मंगलवार, 16 नवंबर 2021

वेतन पर लगी रोक।जांच के दायरे में फसे शिक्षक।देखिए ये रिपोर्ट




राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण वाले दिन 60 स्कूलों के गैरहाजिर शिक्षकों के वेतन पर रोक लग गयी है। शिक्षकों के गैरहाजिर रहने की वजह से संबंधित 60 स्कूल राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण में शामिल नहीं हो पाये।

इन 60 स्कूलों में सहरसा एवं गोपालगंज ,दरभंगा, कैमूर, रोहतास एवं समस्तीपुर के तीन-तीन, औरंगाबाद, लखीसराय, मुजफ्फरपुर एवं सुपौल के दो-दो तथा अररिया, अरवल, बांका, भागलपुर, भोजपुर, गया, जमुई, कटिहार, मधेपुरा, मुंगेर, नालंदा, पूर्वी चंपारण एवं सिवान के एक- एक स्कूल शामिल हैं।आपको याद दिला दूं कि केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने देश के 36 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के 733 जिलों 12 नवंबर को राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण कराया है। सर्वेक्षण के लिए देश भर के 1.24 लाख स्कूल चिन्हित किये गये थे।इनमें केंद्र एवं राज्य सरकारों के स्कूलों के साथ ही वित्त सम्पोषित एवं प्राइवेट स्कूल शामिल थे राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण में जिन राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण वाले दिन कक्षाओं का असेसमेंट 3री, 5वीं,8वीं एवं 10वीं कक्षा के बच्चों का असेसमेंट हुआ।

बिहार की बात करें, तो राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण के लिए राज्य के 5,727 स्कूल चिन्हित थे। इसके लिए चिन्हित स्कूलों को उस दिन निश्चित रूप से ससमय खोलने एवं शिक्षक कर्मचारियों को ससमय उपस्थित रहने के निर्देश शिक्षा विभाग के अपर मुख्यसचिव संजय कुमार द्वारा दिये गये थे। इसके साथ ही हर जिले में नोडल अफसर भी तैनात किये गये थे। 5,727 चिन्हित स्कूलों में 1,95,092 बच्चों को सर्वेक्षण में शामिल होना था शिक्षा विभाग को मिली रिपोर्ट के मुताबिक शिक्षकों की गैरहाजिरी की वजह से चिन्हित 5,727 स्कूलों में से।5,667 स्कूल ही राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण में शामिल हो पाये। इस वजह से सर्वेक्षण में 1,95,092 बच्चों के बदले 1,70,875 बच्चे ही शामिल हो पाये।


शिक्षकों की गैरहाजिरी की वजह से राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण में शामिल होने से वंचित रह गये 60 स्कूलों के शिक्षक काररवाई के दायरे में आ गये हैं ।बहरहाल, राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण की रिपोर्ट केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा आगामी अप्रैल माह में जारी करने की तैयारी है।


रविवार, 14 नवंबर 2021

शिक्षा मंत्री ने दी शिक्षको को बधाई।देखिए ये रिपोर्ट




शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने वेतन वृद्धि पर पंचायतीराज एवं नगर निकाय शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों को बधाई दी है। शिक्षा मंत्री श्री चौधरी ने कहा है कि शिक्षा विभाग ने अपना वायदा पूरा किया है। यह शिक्षकों के लिए नये साल का अग्रिम तोहफा है।दीपावली एवं छठ पर बकाये वेतन का भुगतान किया गया।अब एक अप्रैल, 2021 के प्रभाव से मूल वेतन में 15 फीसदी की एकमुश्त वृद्धि की गयी है। शिक्षा मंत्री श्री चौधरी ने कहा है कि शिक्षक संतुष्ट रहेंगे, तभी स्कूलों में शैक्षिक माहौल बनेगा।हमारे सारे शिक्षक योग्य हैं। उन्होंने शिक्षकों से अपेक्षा की है कि स्कूलों में बेहतर शैक्षिक माहौल बनायेंगे।|


शनिवार, 13 नवंबर 2021

ऑनलाइन होगा वेतन निर्धारण।2021 से प्रभावी।देखिए रिपोर्ट



राज्य के पंचायतीराज एवं नगर निकायों के प्राथमिक विद्यालयों से लेकर उच्च माध्यमिक विद्यालयों के 3.5 लाख शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों के 15 प्रतिशत बढ़े हुए वेतन के भुगतान के लिए वेतन निर्धारण होगा। वेतन निर्धारण ऑनलाइन कैलकुलेटर से होगा। 15 प्रतिशत बढ़े हुए वेतन का भुगतान एक अप्रैल, 2021 के प्रभाव से होगा। एक अप्रैल, 2021 के प्रभाव से।शिक्षकों के मूल वेतन में 15 प्रतिशत की वृद्धि होगी। ।एक अप्रैल, 2021 के प्रभाव से मूल वेतन में 15 किया  प्रतिशत की बढ़ोतरी के भुगतान के लिए राज्य के शिक्षा विभाग ने शुक्रवार को आदेश जारी कर दिया है। आपको बता दे कि सूत्रों से जानकारी मिल रही है 1 जनवरी 2022 से बढ़े हुए वेतन का फिक्सेशन शुरू हो जाएगा।




शुक्रवार, 12 नवंबर 2021

स्कूलों में जांच शुरु।देखिए ये रिपोर्ट


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बिहार शिक्षा परियोजना के तत्वावधान में शुक्रवार कक्षा तीन, पांच,आठ एवं दसवीं के बच्चों की दक्षता की जांच की जाएगी। इसका आयोजन राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण के तहत किया जा रहा है। । इसके लिए पटना जिला के कुल 196 स्कूलों का चयन किया गया है। इसके लिए जिला शिक्षा कार्यालय को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिया है। सर्वेक्षण के लिए जिन स्कूलों का चयन किया गया है, वे सुबह सात बजे ही खुल जाएंगे। सर्वेक्षण में सरकारी एवं निजी दोनों तरह के स्कूलों को शामिल किया गया है।


सर्वेक्षण के दौरान स्कूल में सभी शिक्षकों, छात्रों एवं कर्मचारियों को मौजूद रहना होगा। जिला शिक्षा कार्यालय ने स्कूलों को निर्देश दिया है कि सर्वेक्षण के दिन स्कूलों में यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि बिजली की आपूर्ति बनी रहे। पेयजल, शौचालय आदि की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। स्कूल का कमरा हवादार हो। कमरे में पंखेएवं बिजली की व्यवस्था हो। स्कूल में पेन या पेंसिल की व्यवस्था होनी चाहिए। 


बच्चों की दक्षता जांच के दौरान जांच टीम को स्कूल के प्राचार्य एवं शिक्षक हर संभव सहयोग करेंगे। दक्षता जांच के लिए विभाग की ओर से आब्जर्वर तैनात कर दिए गए हैं। सर्वेक्षण के दौरान प्राचार्य या शिक्षकों को कुछ प्रश्नों का उत्तर भी देना पड़ सकता है। जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज कुमार का कहना है कि सर्वेक्षण के लिए तैयारी पूरी कर ली गई है। यह एक राष्ट्रीय आयोजन है। हर तीन वर्ष बाद इस तरह का सर्वेक्षण किया जाताहै। इसके लिए पटना जिले के196 स्कूलों का चयन किया गया है।



बुधवार, 10 नवंबर 2021

शिक्षक देंगे सवालो के जवाब।स्कूलों की होगी जांच।देखिए ये रिपोर्ट




बिहार शिक्षा परियोजना के तत्वावधान में 12 नवंबर को बच्चों की दक्षता की जांच की जाएगी। राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण का आयोजन किया जाएगा, इसके तहत ही बच्चों की दक्षता की जांच की जाएगी। इसके लिए पटना जिले के कुल 196 स्कूलों का चयन किया गया है। इस कार्यक्रम को सफल संचालन के लिए जिला शिक्षा कार्यालय को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिया है। जिन स्कूलों में सर्वेक्षण होगा, उन्हें सुबह सात बजे से खोलने का निर्देश दिया गया है।

इस अभियान में सरकारी एवं निजी दोनों तरह के स्कूलों को शामिल किया गया है। सर्वेक्षण के दिन स्कूल के सभी शिक्षक, छात्र एवं कर्मचारी मौजूद रहेंगे। स्कूल बंद रहने पर  शिक्षा विभाग उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई कर सकता है। विद्यालय में विशेष साफ-सफाई करने का निर्देश दिया गया है। जिला शिक्षा कार्यालय ने स्कूलों  को निर्देश दिया है कि सर्वेक्षण के दिन स्कूलों में पेयजल, शौचालय आदि की व्यवस्था होनी चाहिए। स्कूल का कमरा हवादार हो। कमरे में पंखे एवं बिजली की व्यवस्था हो।

बच्चों की दक्षता जांच के दौरान जांच टीम को स्कूल के प्राचार्य एवं शिक्षक हर संभव सहयोग करेंगे। दक्षता जांच के लिए विभाग की ओर से ऑब्जर्वर तैनात कर दिए गए हैं। हर तीन वर्ष बाद इस तरह का सर्वेक्षण किया जाता है। यह एक राष्ट्रीय आयोजन है। इसके लिए पटना जिले के स्कूलों का चयन किया गया है। जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज कुमार का कहना है कि सर्वेक्षण के लिए तैयारी पूरी कर ली गई है। 12 को सर्वेक्षण समय पर शुरू हो जाएगा। सर्वेक्षण के दौरान प्राचार्य या शिक्षकों को कुछ प्रश्नों के उत्तर देने पड़ सकते हैं। प्रश्न शिक्षा एवं विद्यालय से संबंधित हो सकते हैं।इसका एक फार्म शिक्षक को दिया जाएगा, जिसे भरकर आर्बजवर को देना होगा। 

मंगलवार, 9 नवंबर 2021

एमडीएम में प्रधानाध्यापको को नहीं मिलेगी नगद राशि।देखिए ये रिपोर्ट



बिहार के प्रारम्भिक विद्यालयों में संचालित मध्याह्न भोजन (MDM) में अब सब्जी-नमक से लेकर तेल तक की खरीद कैश पेमेंट से नहीं होगी। खरीद डिजिटल मोड में की जायेगी। वेंडर के जरिये खरीदारी करनी पड़ेगी। सीधे दुकानदार या वेंडर विशेष के खाते में खरीद का पैसा जायेगा। इसके लिए राज्य सरकार ने सिंगल नोडल एकाउंट का सिस्टम तैयार किया है। विभागीय जानकारी के मुताबिक सिंगल नोडल एकाउंट से स्कूल का अकाउंट कनेक्ट रहेगा। जैसे ही वह पैसा किसी दुकानदार के खाते में जायेगा वैसे ही इसकी जानकारी मध्याह्न भोजन निदेशालय और शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अफसरों के पास पहुंच जायेगी। इस व्यवस्था के जरिये मध्याह्न भोजन की खरीदी में पारदर्शिता आयेगी। नये सिस्टम के तहत इस बात का भी पता चल जायेगा कि मध्याह्न भोजन में पेमेंट किस- किस वस्तु की खरीद पर किया गया है। इससे पहले मध्याह्न भोजन से जुड़ी वस्तुओं की खरीद पूरी तरह कैश पेमेंट के जरिये होती थी।

एमडीएम डीपीओ संजय कुमार ने बताया कि सरकार स्कूलों में मध्याह्न भोजन योजना को और बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास में जुटी है। नई व्यवस्था को सुचारू और पारदर्शी बनाने के लिए सभी का सहयोग और सहभागिता जरूरी है।बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के अफसरों की माने तो मार्च तक सभी प्रखंड संसाधन केंद्रों और संकुल संसाधन केंद्रों के खाली पदों को भी भरने की प्रक्रिया चल रही है। खाली पदों के भरे जाने से मिड डे मील योजनाओं के क्रियान्वयन में और बेहतरी आएगी। मिड डे मील योजना के कार्यान्वयन के लिए लागू सिंगल नोडल एकाउंट सिस्टम के संचालन को लेकर दो दिवसीय मास्टर ट्रेनरों को प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है।


आपको मालूम हो कि कोरोना काल के बाद विद्यालयों में पढ़ाई तो शुरू हो चुकी है लेकिन मिड डे मील के चावल का सिर्फ वितरण चल रहा था लेकिन नई व्यवस्था शुरू होते ही पका पकाया पौष्टिक भोजन भी बच्चों को खिलाने की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। सूत्रों की माने तो बाल दिवस के मौके पर शुभारंभ होने की पूरी संभावना 



सोमवार, 8 नवंबर 2021

यूटीआई में शिक्षको का पैसा हुवा डबल। निकालने की मिली अनुमति।देखिए ये रिपोर्ट



यूटीआई रिटायरमेंट बेनीफिट पेंशन स्कीम में शिक्षको का पैसा लगभग डबल हो चुका है। आपको बता की सरकार ने अपना अंशदान अगस्त 2020 तक ही यूटीआई में दिया है जिसके बाद अक्टूबर 2021 में शिक्षको का पैसा डबल हो चुका है।अपने यूटीआई फण्ड की जानकारी लेने के लिए आपको यूटीआई के नंबर 09289607090 पर केवल मिसकॉल देने की जरूरत है। और आपके मैसेज बॉक्स में आपके यूटीआई फण्ड की जानकारी आ जायेगी। आपको बता दे कि बहुत जरूरत पड़ने पर ही आप इस फण्ड को निकाले अन्यथा इसे लंबे समय के किए यूटीआई में ही छोड़ दे इससे आपके पैसे में चार गुना से भी ज्यादा ग्रोथ मिल सकता है।

यूटीआई रिटायरमेंट बेनीफिट पेंशन स्कीम के मद में जमा राशि की निकासी अब की जाकेगी। प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने सभी जिलों को इससे संबंधित आदेश भी जारी कर दिया है। यूटीआई रिटायरमेंट बेनिफिट फण्ड स्कीम में राज्य सरकार के द्वारा प्रति शिक्षक 200 रुपये प्रतिमाह का अंशदान 31 अगस्त 2020  तक ही दिया गया है, यदि शिक्षक शिक्षिका चाहे तो इस पैसे को बढ़ने के लिए छोड़ सकते है या फिर अपनी जरूरत के हिसाब से निकाल सकते है।

सेवा अवधि के दौरान  या प्राकृतिक आपदा की स्थिति में आप संचित राशि का अधिकतम पचास प्रतिशत निकाल सकते है। ये काम आप अपने सर्विस के दौरान एक बार ही कर सकते है। लेकिन सेवानिवृत्ति, सेवा से त्याग या मृत्यु की स्थिति में एकमुश्त निकासी की जा सकती है। सितम्बर 2020 से ईपीएफ लागू होने के बाद सरकार ने यूटीआई में अपना अंशदान देना बन्द कर दिया है।आपको बता दे कि यूटीआई रिटायरमेंट बेनिफिट फण्ड स्कीम में जमा राशि की निकासी हेतु पत्र निर्गत करने के लिए टीईटी-एसटीईटी उत्तीर्ण शिक्षक संघ बेतिया के डीइओ से बात कर लिया। आप भी अपने जिले के डीईओ से बात करके यूटीआई का पैसा निकलवाने का पत्र निर्गत करवा सकते है।


15% वृद्धि की करवाई की प्रक्रिया शुरू।देखिए ये रिपोर्ट


राज्य में प्राथमिक विद्यालयों से लेकर माध्यमिक विद्यालयों के पंचायतीराज एवं नगर निकायों के तकरीबन 3.5 लाख शिक्षकों एवं  पुस्तकालयाध्यक्षों के मूल वेतन में हुई 15 प्रतिशत की वृद्धि के भुगतान का रास्ता साफ हो गया है । मूल वेतन में 15 प्रतिशत की वृद्धि का लाभ बढ़ा हुआ वेतन पंचायतीराज एवं नगर निकाय शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों को एक अप्रैल,2021 से मिलेगा। विभाग के पर वित्त विभाग मुहर लग चुकी है। वित्त विभाग के सूत्रों के मुताबिक इससे संबंधित संचिका शिक्षा विभाग को भेज दी गयी है। इधर, वित्त विभाग के परामर्श केआलोक में शिक्षा विभाग के स्तर पर काररवाई की प्रक्रिया शुरू हो गयी है।

आपको याद दिला दूं कि पंचायतीराज एवं नगर निकाय शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों को एक अप्रैल-2021 से मूल वेतन में 15 प्रतिशत की वृद्धि का फैसला कैबिनेट ने 18 अगस्त, 2020 को ही लिया था। कैबिनेट की बैठक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई थी। हालांकि, राज्य सरकार की योजना थी  वेतन में गत वित्तीय वर्ष 2020, 2021 में ही वृद्धि की जाय, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न वित्तीय संकट के चलते यह संभव नहीं हो पाया। वर्तमान में पंचायतीराज संस्थानों एवं नगर निकाय संस्थानों के अंतर्गत कार्यरत शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों की संख्या लगभग 3.5 लाख है। एक अप्रैल, 2021 को देय मूल वेतन में 15 प्रतिशत की वृद्धि करने पर लगभग 1950 करोड़ का वार्षिक अतिरिक्त व्यय होगा।

इससे पहले एक जुलाई 2015 को वेतन में 20 प्रतिशत की वृद्धि, वर्ष 2017 में 7वें वेतन आयोग के अनुशंसा के अनुरूप वेतन में 17 प्रतिशत की वृद्धि और वर्तमान में 15 प्रतिशत की वृद्धि पंचायतीराज संस्थानों एवं नगर निकाय संस्थानों अंतर्गत कार्यरत शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों को दी गयी है ।खैर, एक अप्रैल 2021 से पंचायतीराज एवं नगर निकाय शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों के मूल वेतन में 15 प्रतिशत की वृद्धि के कैबिनेट के फैसले के बाद इससे संबंधित संकल्प भी जारी हो गया है।

इसके अनुरूप एक अप्रैल-2021 से पंचायतीराज एवं नगर निकाय शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों के मूल वेतन में 15 प्रतिशत की वृद्धि के भुगतान के लिए वेतन निर्धारण के प्रस्ताव के साथ शिक्षा विभाग ने मार्च में ही संचिका वित्त विभाग को भेजी थी। बहरहाल, पंचायतीराज एवं नगर निकाय शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों को बढ़े हुए वेतन का भुगतान वेतन निर्धारण के बाद होगा।


रविवार, 7 नवंबर 2021

भुगतान रोकते हुए सेवामुक्त करने का आदेश।देखिए ये रिपोर्ट



सप्रारंभिक विद्यालयों के पुराने वेतनमान वाले जिला संवर्ग के वैसे शिक्षक भी सेवामुक्त होंगे, जो 31 मार्च, 2019 के बाद भी अप्रशिक्षित हैं। दरअसल, प्रारंभिक विद्यालयों के पुराने वेतनमान वाले जिला संवर्ग के 31 मार्च, 2019 के बाद भी अप्रशिक्षित रह गये शिक्षकों के मामले में जहानाबाद के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) ने वहां के जिला शिक्षा पदाधिकारी से मार्गदर्शन मांगा था। इसके मद्देनजर जिला शिक्षा पदाधिकारी ने जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) से कहा है कि शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम, 2009 की धारा 33 (2) के तहत 31 मार्च, 2019 के पश्चात अप्रशिक्षित शिक्षकों से पठन-पाठन का कार्य नहीं लेना है तथा उनके वेतनादि भुगतान को स्थगित रखते हुए सेवामुक्त करने का निदेश प्राथमिक शिक्षा निदेशकके पत्रांक-978 (13 नवंबर, 2020) द्वारा निर्गत है।


जिला शिक्षा पदाधिकारी ने जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) को दिये निर्देश में कहा है कि जिला संवर्ग के नियमित शिक्षक, जो 31 मार्च, 2019 के पश्चात प्रशिक्षित हैं, उन्हें सेवामुक्त करने हेतु जिला प्रारंभिक शिक्षक स्थापना समिति की बैठक आहूत कर अप्रशिक्षित शिक्षकों को सेवामुक्त करने की काररवाई करना सुनिश्चित करें।इसकी प्रति सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों एवं चिन्हित मध्य विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को देते हुए उन्हें निर्देश दिया गया है कि अपनेअपने प्रखंड के जिला संवर्ग के अप्रशिक्षित शिक्षकों की सूची स्थापना शाखा को उपलब्ध करायें।

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शुक्रवार, 5 नवंबर 2021

वेतन अपडेट।अक्टूबर तक भुगतान हुवा।देखिए ये रिपोर्ट


जैसा कि आप सभी जानते है कि SSA मद के शिक्षकों का दो माह का आवंटन जिलो को प्राप्त हो चुका है लेकिन अधिकारियों की सुस्ती के कारण शिक्षको के भुगतान में देरी हो रही है। वही सूत्रों से पता चला है कि पूर्वी चंपारण जिलें का  दो माह का वेतन भुगतान आज और कल में हो जाएगा। वही पश्चिम चंपारण जिले के शिक्षको का माह सितंबर का भुगतान जल्द होने की उमीद है और अक्टूबर के वेतन भुगतान में एक हफ्ते की देरी हो सकती है। आपको बता दे कि जिओबी से वेतन पाने वाले शिक्षको का अक्टूबर तक का वेतन भुगतान हो गया है।


रविवार, 31 अक्तूबर 2021

एक महीने चलेगा स्कूलों में ये कार्यक्रम।शिक्षको की उपस्तिथि जरूरी।देखिए ये रिपोर्ट



31 अक्टूबर को सरदार बल्लभ भाई पटेल की जयंती है। रविवार होने से प्रदेश के सारे स्कूल बंद हैं। ऐसे में सभी सरकारी और निजी स्कूलों में 1 नवम्बर, सोमवार को राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जाएगा और बच्चे राष्ट्रीय एकता की शपथ लेंगे। इसको लेकर बीईपी के राज्य परियोजना निदेशक ने शनिवार को सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को विस्तृत निर्देश जारी किया है। जिलों को राष्ट्रीय एकता शपथ का प्रारूप भी भेजा गया है तथा अधिकाधिक विद्यार्थियों व शिक्षकों की इसमें भागीदारी सुनिश्चित कराने को कहा गया है।


राष्ट्रीय एकता दिवस के मौके पर 31 अक्टूबर से 30 नवम्बर की अवधि में कक्षा 6-12 के विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन राष्ट्रीय कहानी लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। इस प्रतियोगिता का शीर्षक ‘भारत के स्वतंत्रता संघर्ष में संघ राज्य क्षेत्र का योगदान है। इस प्रतियोगिता में बच्चे 30 नवम्बर तक भाग ले सकते हैं। राष्ट्रीय एकता दिवस पर 1 से 15 नवम्बर की अवधि में किसी 7 दिन ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम के तहत पहली से 12वीं तक के बच्चों के लिए गतिविधियां आयोजित की जाएंगी।


शुक्रवार, 29 अक्तूबर 2021

वेतन अपडेट। जिलो को आवंटन प्राप्त।देखिए ये रिपोर्ट



बिहार,पटना से प्राप्त जानकारी के अनुसार SSA मद का दो महीने का आबंटन माननीय शिक्षा मंत्री के अनुमोदन के बाद अगले दो कार्य दिवस में प्रत्येक जिला को उपलब्ध करा दिया जायेगा। वही जिओबी शिक्षको का माह अक्टूबर तक का आवंटन जिलो को प्राप्त हो चुका है।

पटना जिला के GOB आच्छादित सभी शिक्षकों का डीए अंतर राशि का भुगतान कर दिया गया हैं जबकि आबंटन के अभाव में SSA और अन्य जिलों के जिओबी आच्छादित  शिक्षकों का भुगतान लंबित है । आबंटन उपलब्ध होते ही उक्त राशि का भुगतान हो जायेगा ।





शनिवार, 23 अक्तूबर 2021

शिक्षको पर लगेगा लगाम। मॉनिटरिंग हो रही है शुरू।देखिए ये रिपोर्ट



राज्य में प्राइमरी से लेकर साझा प्लस टू स्कूलों तक की मॉनीटरिंग बेस्ट एप्प से शुरू हो गयी है। बिहार शिक्षा मॉनीटरिंग परियोजना परिषद को मिली रिपोर्ट के लक्ष्य मुताबिक सितंबर में एक से तीस तारीख तक 8,230 प्राइमरी-मिडिल स्कूलों की मॉनीटरिंग बेस्ट एप से हुई। जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी एवं प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सहित सभी संबंधित पदाधिकारियों द्वारा 27 जिलों के प्राइमरी-मिडिल स्कूलों की मॉनीटरिंग हुई। इसी प्रकार सितंबर में एक से तीस तारीख तक 168 सेकेंडरी एवं प्लस-टू स्कूलों की मॉनीटरिंग भी बेस्ट एप से हुई। 


जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला परियोजना कार्यक्रम पदाधिकारी एवं प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सहित सभी संबंधित पदाधिकारियों द्वारा 18 जिलों के सभी सेकेंडरी एवं प्लस-टू स्कूलों की मॉनीटरिंग की गयी। इसके मद्देनजर के बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के निदेशक श्रीकान्त शास्त्री ने जिला शिक्षा पदाधिकारियों से रिपोर्ट साझा करते हुए उन्हें निर्देश दिया है कि अचूक रूप से स्कूलों की बेस्ट एप से मॉनीटरिंग करायी जाय।अधिकारियो को लक्ष्य के अनुरूप स्कूलों की मॉनीटरिंग हो  यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है। 



सोमवार, 4 अक्तूबर 2021

डीईओ ने कहा प्रधानाध्यापको पर होगी कारवाई।देखिए ये रिपोर्ट


बेगूसराय जिले में सरकारी स्कूलों की शैक्षणिक व्यवस्था में व्यापक बदलाव को लेकर अब सघन जांच अभियान चलाया जाएगा। किसी भी स्कूल में गड़बड़ी मिलने पर अब सीधे उस प्रखंड के बीईओ जिम्मेवार होगें। इसके लिए उनपर कार्रवाई भी की जाएगी। डीईओ रजनीकांत प्रवीण ने सभी बीईओ को अपने-अपने प्रखंड के विद्यालयों का औचक निरीक्षण करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि अगर विद्यालय खुला है तो वहां पढ़ाई होगी ही, अगर ऐसा नहीं होता है संबंधित स्कूल के एचएम से लेकर बीईओ को इसका जिम्मेवार माना जाएगा। 

डीईओ ने कहा कि हर हालत में स्कूल जैसा लगना चाहिए। उन्होंने स्कूलों में पाठ्य टीका होना आवश्यक है। साथ ही स्कूलों में हरेक घंटी निर्धारित होनी चाहिए। जिसकी जानकारी बड़े-बड़े अक्षरों में विद्यालय की दीवार पर चिपका होना चाहिए। ताकि बाहर से कोई भी अधिकारी आए तो उन्हें यह पता चल सके कि उस समय किसी वर्ग में किस विषय की पढ़ाई हो रही है, और उस वर्ग में कौन से शिक्षक की घंटी है। उन्होंने कहा कि कई बार यह देखने को मिलता है कि विद्यालय से कई शिक्षक गायब रहते हैं, किस वर्ग में क्या पढ़ाई होनी है अधिकांश विद्यालयों में दिखता ही नहीं है। उन्होंने कहा कि विद्यालय में हरेक चीज अपडेट और अद्यतन होनी चाहिए। उन्होंने सबसे अधिक साफ-सफाई को लेकर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि सफाई हरेक स्कूल में प्रमुख विषय होना चाहिए।


शुक्रवार, 1 अक्तूबर 2021

लागू हुई नई पेंशन योजना।देखिए ये रिपोर्ट


एक सितम्बर 2005 को या उसके बाद नियुक्त हुए सभी सरकारी कर्मी नई पेंशन योजना के दायरे में आ गए हैं। हालांकि व्यवहार में यह पहले से लागू था। लेकिन, नियमावली नहीं बनी थी। वित्त विभाग ने गुरुवार को इसे अधिसूचित कर दिया है। वित्त सचिव लोकेश कुमार सिंह के हस्ताक्षर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि एक सितम्बर 2005 से नियुक्त सभी सरकारी कर्मचारी नई अंशदायी पेंशन योजना से जुड़ गए हैं। यह राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के नाम से जानी जाएगी। इधर, एक कर्मचारी संगठन ने सरकार की पहल का विरोध किया है।


नेशनल मूवमेंट फार ओल्ड पेंशन स्कीम की बिहार इकाई के अध्यक्ष बरुण कुमार पांडेय ने कहा कि नई पेंशन योजना का विरोध किया जाना चाहिए। सरकारी सेवकों के लिए यह एक स्वप्न से अधिक कुछ नहीं है। इसमें पेंशन जैसी कोई बात नहीं है। इस योजना में सरकारी सेवकों के बदले बाजार का हितों का ध्यान रखा गया है।यह योजना शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव पर आधारित है। इसमें कर्मियों की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है। उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन योजना में कर्मियों के वेतन से किसी तरह की कटौती नहीं की जाती है। सेवा निवृत्ति के बाद मूल वेतन का 50 फीसद हिस्सा पेंशन के तौर पर मिलने की गारंटी है। नई पेंशन योजना में इस तरह की सुरक्षा का कोई प्रावधान नहीं है। फिलहाल एक सितम्बर 2005 को या उसके बाद नियुक्त हुए सभी सरकारी कर्मी नई पेंशन योजना के दायरे में आ गए हैं।

मंगलवार, 28 सितंबर 2021

विभागीय करवाई से शिक्षको में हड़कंप।देखिए ये रिपोर्ट


बिना सूचना विद्यालय से फरार शिक्षकों के ऊपर कारवाई प्रारंभ करते हुए प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी गोरौल दिनेश प्रसाद सिंह ने मध्य विद्यालय बकसामा के प्रधानाध्यापक सहित 4 शिक्षकों का वेतन रोकते हुए स्पष्टीकरण पूछा है। वहीं विद्यालय के प्रधानाध्यापक प्रमोद कुमार के द्वारा माध्यमिक वार्षिक परीक्षा 2022 के फॉर्म भरने में अधिक राशि वसूलने को लेकर भी स्पष्टीकरण मांगा गया है। साथ ही विद्यालय का संपूर्ण प्रभार बनाकर प्रखंड संसाधन केंद्र कार्यालय को 7 दिनों के अंदर उपस्थापित करने का निर्देश प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा प्रधानाध्यापक प्रमोद कुमार को दिया गया है ।


मालूम हो कि जूनियर शिक्षक होने के बावजूद विगत कई वर्षों से प्रखंड शिक्षक प्रमोद कुमार विद्यालय के प्रभारी के पद पर जमे हुए है। स्थानीय होने के कारण बहुत कम लोग इनके खिलाफ आवाज उठा पाते हैं जिसका नतीजा है कि विद्यालय की स्थिति दिनोंदिन खराब होते जा रही है। विगत दिनों बी ई ओ के द्वारा किए गए निरीक्षण के दौरान विद्यालय की दयनीय स्थिति का खुलासा हुआ था निरीक्षण में प्रधानाध्यापक प्रमोद कुमार सहित शिक्षक उमेश कुमार , काजल किरण एवं यासमीन खातून बिना किसी सूचना के विद्यालय से गायब पाए गए थे ।इन सभी शिक्षकों का अनुपस्थित तिथि का वेतन स्थगित करते हुए बी ई ओ के द्वारा स्पष्टीकरण पूछा गया है। अनुपस्थित शिक्षकों पर कार्रवाई से फरारी शिक्षकों में हड़कंप मच गया है तो कुछ राजनीतिक पहुंच वाले फरारी शिक्षक शिक्षा अधिकारी को ही दुरुस्त कर देने की बात भी कर रहे हैं।


शनिवार, 25 सितंबर 2021

6750 रुपए मिलेगा चुनाव में शिक्षको को।देखिए ये रिपोर्ट


बिहार पंचायत चुनाव में चुनाव कर्मियो को कितना मिलेगा दैनिक भत्ता जानेंगे इस रिपोर्ट में।

पीठासीन पदाधिकारी को प्रथम चुनाव में कुल 3250 रुपए मिलेंगे। यानी कि रोज का 500 रुपए और खाना का 250 रुपए, इस हिसाब से अगर आप लगातार तीन चुनाव कराते है तो आपका कुल 12 दिनों का  दैनिक भत्ता होगा 6750 रूपए। (12*500+250*3=6750)

पी वन ओर पी टू को प्रथम चुनाव में कुल 2500 रुपए मिलेंगे।यानी कि रोज का 375 रुपए और खाना का 250 रुपए, इस हिसाब से अगर आप लगातार तीन चुनाव कराते है तो आपका कुल 12 दिनों का दैनिक भत्ता होगा 5250 रूपए। (12*375+250*3=5250)

मतदान पदाधिकारी थ्री ए, थ्री बी,थ्री सी को प्रथम चुनाव में कुल 1750 रुपए मिलेंगे। यानी कि रोज का 250 रुपए और खाना का 250 रुपए, इस हिसाब से अगर आप लगातार तीन चुनाव कराते है तो आपका कुल 12 दिनों का दैनिक भत्ता होगा 3750 रूपए। (12*250+250*3=3750)

सेक्टर पदाधिकारी, जोनल दंडाधिकारी और गस्ती दल को एक मुश्त कुल 2250 रुपए मिलेंगे।सरकारी चालक को चुनाव में एक मुस्त कुल 1375 रुपए मिलेंगे।मतगणना पर्यवेक्षक को कुल 1000 रुपए मिलेंगे।मतगणना सहायक को कुल 750 रुपए मिलेंगे। पर्दानशीं के मिहिला कर्मी को एक दिन का 250 रुपए मिलेगा।

 


आदेश । प्रधानाध्यापक अपने स्तर से करे ये कार्य।देखिए ये रिपोर्ट




निर्वाचन पदाधिकारी चनपटिया ने सभी प्रधानाध्यापको को आदेश दिया है कि प्रखण्डान्तर्गत जितने भी विद्यालय में मतदान केन्द्र अवस्थित है, उसमें आवश्यक सामग्री के रुप मे 07 बेंच, 07 डेस्क/15 कुर्सी,.08 टेबल,लाइट और चार्जिंग प्वाइंट की व्यवस्था करनी है अगर ये विद्यालय में नहीं है तो उस परिस्थिति में बगल के विद्यालय से समन्वय स्थापित कर मतदान केन्द्रों पर बेंच, डेस्क/कुर्सी, टेबल उपलब्ध कराते हुए लाईटिंग और चार्जिग प्वाइंट का व्यवस्था अपने स्तर से कराना सुनिश्चित करेंगे। प्रधानाध्यापक इसे अत्यावश्यक समझें। किसी भी तरह की लापरवाही इसमें न हो।







शुक्रवार, 24 सितंबर 2021

वेतन अपडेट।देखिए ये रिपोर्ट



प्राप्त सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि जिओबी से वेतन पाने वाले शिक्षको का चार माह का आवंटन की जारी हुवा है ये बताया जा रहा है कि अगले हफ्ते यह राशि सभी जिलों के खाते में भेज दी जाएगी। वही एसएसए से वेतन पाने वालों शिक्षको का भी  आवंटन जारी हो गया है यह राशि सोमवार तक सभी जिलों के खाते में भेज दी जाएगी। कुछ विभागीय कारणों से अब तक राशि जारी करने में देरी हुई लेकिन अब विभाग ने समस्या का समाधान कर दिया है।


मंगलवार, 21 सितंबर 2021

डीईओ ने किया प्रधानाध्यापक को कार्य से मुक्त।देखिए ये रिपोर्ट



सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद शिक्षा विभाग में व्यवस्था सुधरने का नाम नही ले रही है। एक तरफ राज्य स्तरीय टीम तो दूसरी ओर जिला स्तरीय पदाधिकारियों का विद्यालयों में लगातार निरीक्षण हो रहा है, परन्तु शिक्षक हैं कि विद्यालय से अनुपस्थित रहने से बाज नही आ रहे हैं। 

ताजा मामला जिले के उत्क्रमित उच्च विद्यालय लाखापुर का है, जहां सोमवार को जिला शिक्षा पदाधिकारी रौशन आरा ने निरीक्षण किया। निरीक्षण के क्रम में विद्यालय की कई खामियां उजागर हुई, जिसका जांच प्रतिवेदन डीईओ ने जिलाधिकारी को भेजा है। डीईओ ने अपने प्रतिवेदन में उल्लेख किया कि निरीक्षण के क्रम में विद्यालय में  कुल पदस्थापित १२ शिक्षकों में से ३ शिक्षक अनुपस्थित पाए गए, जिनका वेतन कटौती करने का आदेश दिया गया । साथ ही विद्यालय में पदस्थापित शिक्षकों का प्रतिस्थापन विवरणी एवं वर्ग रूटीन नहीं पाया गया। उन्होंने प्रतिवेदन में कहा है कि ग्रामीणों ने बताया है कि विद्यालय का संचालन नियमित ढंग से नहीं किया जाता है, और ना ही कोई शिक्षक विद्यालय में  नियमित रूप से ससमय उपस्थित होते हैं। निरीक्षण के दौरान सबसे बड़ी बात यह सामने आई है कि छात्र-छात्राओं की उपस्थिति चालू शैक्षणिक सत्र में दर्ज नहीं की गई है। इस बाबत पूछे जाने पर वर्ग शिक्षकों ने बताया कि विद्यालय प्रधान द्वारा उपस्थिति पंजी, उपस्थिति दर्ज करने के लिए नहीं दिया जाता है। 

डीईओ लिखा है कि प्रभारी प्रधानाध्यापक के द्वारा निरीक्षण के दौरान विद्यालयी अभिलेख उपलब्ध नही कराना व विद्यालय का संचालन सुचारू रूप से नही किया जाना कर्तव्य के प्रति लापरवाह एवं स्वेच्छाचारी होना दर्शाता है। इसके आलोक में उन्हें प्रभारी प्रधानाधयापक के कार्य से तत्काल मुक्त कर दिया गया है।


सोमवार, 20 सितंबर 2021

जितना ज्यादा वेतन उतना बड़ा ड्यूटी मिलेगा चुनाव में महिलाओं को।देखिए ये रिपोर्ट

 

पंचायत चुनाव में महिला शिक्षक भी ड्यूटी बजायेंगी। ड्यूटी बजाने के लिए महिला शिक्षकों की ट्रेनिंग शुरू हो गयी है। महिला शिक्षकों की पहली ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है। अब, दूसरी ट्रेनिंग की बारी है। पुरुष शिक्षकों की तरह ही महिला शिक्षकों की ड्यूटी भी उनके ओहदे के हिसाब से लगी है। यानी, जिनका वेतन जितना ज्यादा, उनका ओहदा उतना ऊंचा। खासकर पंचायतीराज एवं नगर निकाय महिला शिक्षकों की बात करें, तो ड्यूटी के लिए उन्हें नियुक्ति पत्र पोलिंग ऑफिसर के रूप में मिले हैं। पोलिंग ऑफिसर की तीन श्रेणियां हैं। पोलिंग ऑफिसर-वन, पोलिंग ऑफिसर-टू एवं पोलिंग ऑफिसर-थ्री। ओहदे के अनुसार इन्हीं श्रेणियों की पोलिंग ऑफिसर के रूप में पंचायतीराज एवं नगर निकाय महिला शिक्षक ड्यूटी बजायेंगी।आपको याद दिला दूं कि पंचायत चुनाव का पहला चरण 24 सितंबर को और आखिरी चरण 12 दिसंबर को है। यैसे में हो सकता है कि एक महिला शिक्षक को 2 से 3 चरण में डियूटी करनी पड़े।



सभी शिक्षक एवं प्रधानाध्यापको को निर्देश।वेतन हो सकता है बाधित।देखिए ये रिपोर्ट।

 


जिले के करीब 13 हजार नियोजित शिक्षकों को पेशा कर जमा करने के लिए अब बैंक का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा क्योंकि जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना ने सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी एवं सभी प्रधानाध्यापक व चिन्हित मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक को पत्र के माध्यम से निर्देश दिया है कि जिले कार्यरत सभी प्रकार के नियमित एवं नियोजित शिक्षकों के पेशा कर की कटौती उनके सितंबर माह के वेतन में समाहित करवेतन विपत्र उपलब्ध कराये। प्राथमिक शिक्षक संघ के कार्यकारी जिलाध्यक्ष ने यह दावा किया है कि उनके प्रयास से ही डीपीओ ने पत्र जारी किया है। मालूम हो कि पूर्व में पेशा कर के दायरे में आने वाले शिक्षकों को 'चालान के माध्यम से व्यक्तिगत रूप से प्रत्येक शिक्षक को अपना टैक्स भारतीय स्टेट बैंक मुख्य शाखा छपरा मे जमा करना पड़ता था। बैंक में लाइन लगानी पड़ती थी। पेशा कर वैसे नियोजित शिक्षक को देना है जिनकी वार्षिक वेतन तीन लाख से अधिक है।

प्रत्येक वर्ष सितंबर माह में पेशा कर की राशि जमा करना अनिवार्य है अन्यथा वेतन भी बाधित हो सकता है। प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रधान सचिव दिनेश कुमार सिंह अध्यक्ष ब्रजेश कुमारसिंह संयुक्त सचिव सुरेंद्र सिंह मीडिया प्रभारी संजय कुमार, महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष शिखा सिन्हा, कोषाध्यक्ष विजेंद्र कुमार विजय व अन्य ने खुशी जाहिर की है।

रविवार, 19 सितंबर 2021

शिक्षको को सितंबर के वेतन में हुई वृद्धि।देखिए ये रिपोर्ट



सरकार के द्वारा शिक्षको को दिनांक 01/07/2021 के प्रभाव से महँगाई भत्ता की दर 17 प्रतिशत से बढ़ाकर 28 प्रतिशत स्वीकृत कर लिया गया है और इसका पत्र भी जारी कर दिया गया है। अभी तक शिक्षको को केवल 17 प्रतिशत महंगाई भत्ता के साथ ही भुगतान किया जारहा था ।आपको बता दे कि महंगाई भत्ता की गणना में 50 पैसे या उससे अधिक पैसे को रूपये में बदल दिया जाता है तथा 50 पैसे से कम राशि को छोड़ दिया जायेगा। आप ये जान ले कि बढ़ी हुई महंगाई भत्ता दिनांक-01/07/2021 से भुगतेय है और बढी हुई दर से महंगाई भत्ता का भुगतान माह सितम्बर, 2021 के वेतन में जोड़कर होगा, परन्तु इसके पूर्व के माह जुलाई 2021 के बकाये राशि का भुगतान माह अक्टूबर, 2021 में होगा।




प्रधान शिक्षक को पीटकर फाड़ डाली पंजी।देखिए ये रिपोर्ट



भोरे प्रखंड के राजकीय प्राथमिक विद्यालय सिसई युगल टोला में शिक्षा समिति का सचिव नहीं बनाये जाने पर विद्यालय के प्रधान शिक्षक को मारपीट कर घायल करते हुए पंजी फाड़ दिया गया। साथ ही एक सप्ताह के अंदर सचिव नहीं बनाये जाने पर 10 हजार रुपए प्रति माह रंगदारी वसूलने की धमकी भी दी गयी। 

मामले को लेकर विद्यालय के प्रधान शिक्षक बृज बिहारी विश्वकर्मा ने सिसई टोला राम नगर के मुन्ना सिन्हा, मनीष कुमार सिन्हा और तीन अज्ञात लोगों के खिलाफ थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है।कहा गया है कि भोरे थाने के खजुरहां गांव के निवासी बृज बिहारी विश्वकर्मा राजकीय प्राथमिक विद्यालय सिसई युगल टोला में प्रधान शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं।

  15 सितंबर को अपने विद्यालय पर थे। उसी समय रामनगर गांव के मुन्ना सिन्हा और मनीष कुमार सिन्हा तीन अज्ञात लोगों के साथ लाठी-डंडे से लैस होकर पहुंचे और गाली गलौज करते हुए कहने लगे कि बिना हमारी उपस्थिति के विद्यालय शिक्षा समिति के सचिव का चुनाव कैसे करा दिया। मेरी पत्नी को सचिव क्यों नहीं बनाया।उनलोगों ने धमकी भी दी कि अगर एक सप्ताह के अंदर मेरी पत्नी को सचिव नहीं बनाया, तो 10 हजार रुपए प्रति माह रंगदारी वसूल किया जायेगा। 

विद्यालय के अन्य शिक्षकों को भी मारने की धमकी दी गयी।साथ ही छात्र उपस्थिति पंजी और शिक्षक उपस्थिति पंजी भी फाड़ दी गयी।जाते समय वे लोग मुंह पर थूक कर भी चले गये।पुलिस प्राथमिकी दर्ज कर मामले की छानबीन कर रही है। इस तरह के मामलों में शिक्षक संघ को जरूर इस पर कड़ा कदम उठाते हुए अपने शिक्षक की मदद करनी चाहिए।


शनिवार, 18 सितंबर 2021

प्रधानाध्यापको के लिए जारी हुवा आदेश।देखिए ये रिपोर्ट

 



16 सितंबर को जिला कार्यक्रम पदाधिकारी  मध्याहन भोजन योजना के साथ बैंक खाता खोलने से संबंधित Virtual webinar के माध्यम से बैठक किया गया। बैठक में कतिपय जिला के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, मध्याह्न भोजन योजना द्वारा मार्गदर्शन की मांग की गई कि वर्तमान समय में अधिकांश विद्यालयों में विद्यालय शिक्षा समिति का गठन नहीं हुआ है। इस प्रकार के विद्यालयों में बैंक खाता के संचालन हेतु संयुक्त हस्ताक्षरी कौन होगें ?

इस पर विभाग ने यह स्पष्ट किया है कि जिन विद्यालयों में विद्यालय शिक्षा समिति वर्तमान में भंग है, तत्काल उन विद्यालयों का बैंक खाता केवल प्रधान शिक्षक या प्रभारी प्रधान शिक्षक के सिंगल हस्ताक्षर से खुलेगा। विद्यालय शिक्षा समिति गठन के पश्चात् अविलंब चुने हुए सचिव को संयुक्त हस्ताक्षर बनाया जाएगा। विभाग ने सभी जिला में मध्याह्न भोजन योजना से अच्छादित विद्यालयों का बैंक खाता दिनांक 22.09.2021 तक Zero Balance पर खोलकर निदेशालय को सूची उपलब्ध कराने का आदेश दिया है।


पत्र



शुक्रवार, 17 सितंबर 2021

सरकारी स्कूलों को मिला 400 करोड़ रूपए ।देखिए ये रिपोर्ट


राज्य के तकरीबन 72 हजार सरकारी प्राइमरी-मिडिल स्कूलों के 2री से 8वीं कक्षा के बच्चों को किताब के पैसे मिलने शुरू हो गये हैं। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार पाठ्यपुस्तक के पैसे सीधे बच्चों के बैंक खाते में डीबीटी के जरिये जा रहे हैं । 2री से 5वीं कक्षा के बच्चों को प्रति बच्चा 250 रुपये एवं 6ठी से 8वीं कक्षा के बच्चों को प्रति बच्चा 400 रुपये की दर से पैसे दिये जा रहे हैं 2री से 8वीं कक्षा के 1 करोड़ 29 लाख 6 हजार 662 बच्चों के खाते में 402 करोड़ 71 लाख 15 हजार 200 रुपये की राशि डीबीटी के जरिये हस्तांतरित की जा रही है।


शिक्षा का अधिकार कानून के तहत 1ली से 8वीं कक्षा के बच्चों नि:शुल्क पाठ्यपुस्तक उपलब्ध कराने की व्यवस्था है । इसी व्यवस्था के तहत 1ली से 8वीं कक्षा के बच्चों को पाठ्यपुस्तक खरीदने के लिए पैसे दिये जाते हैं। वर्तमान में 1ली कक्षा के बच्चों के लिए राशि इसलिए नहीं जा रही है, क्योंकि उसमें दाखिला चल ही रहा है। 

गुरुवार, 16 सितंबर 2021

अब शिक्षको को स्कूल आने में नहीं होगी देरी।देखिए ये रिपोर्ट




शिक्षा विभाग के वो शिक्षक जो अपनी मर्जी से अपने समय के अनुरूप स्कूल आते-जाते हैं, उनके लिए अच्छी खबर नहीं है। क्योंकि, वैसे शिक्षकों की लेटलतीफी पर लगाम लगाने के लिए विभाग ने ऐप जारी कर दिया है। उसी ऐप पर शिक्षकों को हाजिरी बनानी होगी। ऐसा नहीं है कि इस ऐप पर जिले में पहली बार काम हो रहा है। बल्कि, शिक्षा विभाग इससे अछूता था, जिस पर विभाग की नजर अब पड़ी है। विभाग के आदेश पर ऐप पर केवल शिक्षक नहीं, बल्कि डीईओ व डीपीओ से लेकर कार्यालय के सभी कर्मियों को हाज़िरी बनानी होगी।

डीएम योगेन्द्र सिंह ने बताया कि ऐप में सेटिंग के अनुसार कार्यालय पहुंचने पर ही हाज़िरी बन सकेगी। जब तक शिक्षक या अन्य कर्मी कार्यालय नहीं पहुंचेंगे, हाजिरी नहीं बनेगी। स्कूल या कार्यालय पहुंचने व छोड़ते वक्त शिक्षकों व अन्य अधिकारियों और कर्मियों को उसी ऐप के जरिए हाजिरी बनानी होगी। ऐप की सबसे बड़ी विशेषता यह कि संबंधित लोग जितने बजे हाजिरी बनाएंगे, उसपर समय भी स्पष्ट दिखने लगेगा। उसके बाद चाहकर भी कोई उसमें फेरबदल नहीं कर सकेगा। ऐप से बनने वाली हाज़री पर डीएम व डीईओ नज़र रखेंगे।


सरकार ने सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की।देखिए ये रिपोर्ट



राज्य में 11 चरणों में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थानों के लिए होने वाले मतदान के दिन  सरकार ने संबंधित प्रखंडों में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है ।सामान्य प्रशासन से जारी अधिसूचना के  अनुसार बिहार पंचायत राज अधिनियम 2006 तथा संशोधित को धारा 131 में कनहित प्रावधानों के आलोक  में पंचायत आम निर्वाचन 2021 के तहत त्रिस्तरीय पंचायत एवं ग्राम कचहरी के निर्वाचन के लिए राज्य निर्वाचन आयोग से प्राप्त अनुसूची के अनुसार जिन क्षेत्रों में जिस तिथि को मतदान निर्धारित है, उन निर्वाचन क्षेत्रों के लिए मात्र उस तिथि के लिए सवैतनिक अवकाश घोषित किया जाता है। इस अधिसूचना की प्रति सभी सरकारी कार्यालयों एवं निजी संस्थानों को भेज दी गयी है ।अधिसूचना के अनुसार चुनाव कुल 11 चरणों मे हो रहा है जिसमे प्रथम चरण का चुनाव 24 सितंबर से शुरू हो रहा है  और 12 दिसंबर को 11 वे चरण के चुनाव के साथ समाप्त हो रहा है।  आप नीचे डिस्क्रिप्शन में दिए लिंक पर क्लिक करके सभी पंचायतों का नाम देख सकते है जहाँ जहाँ चुनाव होने वाले है।




बुधवार, 15 सितंबर 2021

शिक्षको के बकाया भुगतान पर जारी हुवा पत्र।देखिए ये रिपोर्ट




विभाग ने पत्र जारी करके बताया कि शिक्षकों का मातृत्वकाश, चिकित्सा अवकाश एवं बकाया वेतनादि का बकाया विवरणी भुगतान हेतु भेजा जाता है, परन्तु उक्त विवरणी के साथ वांछित अभिलेख संलग्न कर नही दिया जाता है,जिसके कारण भुगतान में काफी कठिनाई उत्पन्न होती है। इसलिए शिक्षकों का निम्नांकित वेतनादि विवरणी के साथ जरूरी कागज देना जरूरी है।

मातृत्वकाश के भुगतान के लिए जरूरी कागज के रूप में शिक्षिका द्वारा मातृत्वाकाश में जाने की अनुमति, शिक्षिका का चिकित्सक द्वारा प्रदत प्रमाण पत्र,शपथ पत्र ( दो सन्तान तक के लिए), सक्षम प्राधिकार द्वारा स्वीकृति आदेश एवं अवकाश की स्वीकृति का सेवा पुस्तिका पर प्रविष्टि की, छायाप्रति देनी होगी।

चिकित्सा अवकाश के भुगतान के लिए जरूरी कागज के रूप में शिक्षक को  चिकित्सावकाश में जाने का अनुमति पत्र, चिकित्सक द्वारा प्रदत प्रमाण पत्र ,सक्ष्म प्राधिकार द्वारा चिकित्सावकाश का स्वीकृति आदेश एवं सेवा पुस्तिका पर प्रविष्टि की छायाप्रति देनी होगी।

बकाया वेतन के भुगतान के लिए  शिक्षकों के बकाया वेतनादि के विवरणी में वेतन नहीं मिलने का कारण स्पष्ट रूप से अंकित होना चाहिए साथ ही उक्त अवधि के संदर्भ में आदेश से संबंधित वांछित अभिलेख संलग्न करना होगा।

जिला कार्यकर्म पदाधिकारी ने सभी बीइओ को आदेश दिया है कि उपरोक्त परिपेक्ष्य में नगर/प्रखण्ड/पंचायत शिक्षक का मातृत्वकाश/चिकित्सा अवकाश/ पितृत्वकाश अवधि का वेतनादि विवरणी वांछित अभिलेख के साथ ही संलग्न कर अधोहस्ताक्षरी कार्यालय को उपलब्ध करायेगे। अगर उपरोक्त अवधि से संबंधित वेतनादि विवरणी के साथ अंकित वांछित अभिलेख संलग्न नही किया जाता है तो वैसे मामले में भुगतान नही होने की स्थिति में सारी जवाबदेही बीइओ की होगी। नीचे डिस्क्रिप्शन में पत्र का लिंक दिया हुवा है आप लिंक पर क्लिक करके पत्र डाउनलोड कर सकते है।




रविवार, 12 सितंबर 2021

शिक्षकों के ट्रांसफर पर आ रही है बड़ी खबर।देखिए ये रिपोर्ट




नियोजित शिक्षकों की ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर सरकार व विभाग द्वारा अधिसूचना तो जारी कर दी गयी, लेकिन यह केवल अधिसूचना भर ही रह गयी। ट्रांसफर प्रक्रिया इससे एक कदम आगे भी नहीं बढ़ी है। नतीजतन इससे सबसे अधिक लाभान्वित होने वाले महिला और दिव्यांग शिक्षकों में मायूसी देखी जा रही है। 
वहीं सारण जिला परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार ने ट्रांसफर-पोस्टिंग की प्रक्रिया को इतना जटिल बना दिया है कि इस प्रक्रिया को पूरा ही नहीं कराया जा सकता है। सरकार की मंशा इस मामले में भी ठीक नहीं दिख रही है। इधर, विभागीय अधिकारियों की माने, तो जारी की गयी स्थानांतरण अधिसूचना पर आचार संहिता की मार पड़ गयी है।सबसे अधिक महिला व दिव्यांग शिक्षकों में नाराजगी है।

शिक्षक संगठनों ने सरकार की ट्रांसफर- पस्टिंग नियमावली को लेकर सवाल खड़े कर दिये।शिक्षकों का कहना था कि नियमावली को इतना पेचीदा बना दिया गया है कि प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकती।सरकार को चाहिए था कि जहां-जहां महिला या दिव्यांग शिक्षकों की रिक्ति है, फिलहाल वहां उनके इच्छा अनुसार पोस्टिंग कर दी जाये. लेकिन नियमावली में जो बातें रखी गयी हैं उसके अनुसार महिला व दिव्यांग शिक्षकों को सुविधा की जगह असुविधा अधिक हो रही है। इसी को लेकर सभी शिक्षक संघों ने सरकार के सामने अपनी मांगे रखी और नियमावली को सरल बनाने की मांग की। इधर पंचायत चुनाव भी शुरू हो चुका है और इसे आचार संहिता के दायरे में ला दिया गया है। कुल मिलाकर ट्रांसफर-पोस्टिंग का यह मामला फिलहाल कुछ महीनों के लिए फंसता दिख रहा है।

ट्रांसफर का लाभ पहली से उच्च माध्यमिक विद्यालय में काम कर रहे नियोजित  शिक्षक, शिक्षिकाओं और पुस्तकालय अध्यक्ष को मिलना था। इसके अलावा जिन शिक्षकों ने तीन साल या उससे अधिक की नौकरी कर ली है, उन्हें भी ट्रांसफर का लाभ मिलना था निलंबित शिक्षकों और अनुशासनात्मक कार्रवाई का दंश झेल रहे शिक्षकों को इसका लाभ नहीं मिलता यह भी स्पष्ट कर दिया गया था कि नियोजित शिक्षकों में जिनके प्रमाणपत्र सही थे या किसी तरह की जांच में कोई खामी नहीं पायी गयी उन्हें ही ट्रांसफर का लाभ मिलेगा।







शनिवार, 11 सितंबर 2021

शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित शिक्षको पर विभाग ने बैठाई जांच।देखिए ये रिपोर्ट



आपको याद दिला दूं कि इस बार शिक्षक दिवस पर राजकीय शिक्षक पुरस्कार के लिए बीस शिक्षक चयनित हुए थे। उनमें दस महिला शिक्षक थीं और दस पुरुष शिक्षक थे। लेकिन, शिक्षक दिवस के ठीक दो दिन पहले बीस चयनित शिक्षकों में शामिल बिहारशरीफ स्थित आवासीय माडल मध्य विद्यालय, भैंसापुर की प्रधान शिक्षिका सुनीता सिन्हा पर पूर्व में लगे गबन का आरोप संबंधी शिकायत प्राप्त होने और सारण के उत्क्रमित मध्य विद्यालय, टेसुआर के शिक्षक शशिभूषण शाही पर प्राथमिकी दर्ज होने की सूचना मिलने पर शिक्षा विभाग ने उन्हें तत्काल पुरस्कार देने पर रोक लगी दी। 

इसके साथ ही दोनों शिक्षकों के मामले में संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गयी। विभाग ने तय किया कि जांच में निर्दोष पाये जाने के बाद उन्हें पुरस्कार दिया जायेगा ।यही वजह रही कि शिक्षक दिवस पर दोनों शिक्षक राजकीय शिक्षक पुरस्कार से पुरस्कृत नहीं किये गये। बाकी अठारह चयनित शिक्षक शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी के हाथों राजकीय शिक्षक पुरस्कार से पुरस्कृत हुये। उनमें नौ महिला एवं नौ पुरुष शिक्षक थे। राजकीय पुरस्कार के तहत प्रत्येक शिक्षक-शिक्षिका को पुरस्कार स्वरूप पन्द्रह हजार रुपये और प्रशस्ति पत्र दिये जाते हैं।



शुक्रवार, 10 सितंबर 2021

शिक्षक हुए चुनाव कार्य से मुक्त।देखिए ये रिपोर्ट



आपको बता दे कि 11 सितम्बर 2021 से नालन्दा खुला विश्वविद्यालय द्वारा बीएड की परीक्षा आयोजित की गई है जिसमें शिक्षक परीक्षार्थियों ने भी भाग लिया है। बिहार सरकार द्वारा जारी अधिसूचना संख्या-4715 दिनांक-24.08.2021 के आलोक में जिलावार एवं प्रखंडवार चुनाव की तिथिया निर्धारित कर दी गई हैं। इस चुनाव में वैसे शिक्षकों को भी लगाया गया है जो नालन्दा विश्वविद्यालय के बीएड की परीक्षा में शामिल होने जा रहें हैं।इसलिए विभाग ने आदेश दिया है कि परीक्षा में शामिल होने वाले शिक्षक/शिक्षकाओं को उनके परीक्षा एडमिट कार्ड के आधार पर चुनाव कार्य से मुक्त किया जाता है। नीचे डिस्क्रिप्शन में पत्र का लिंक दिया हुवा है आप लिंक पर क्लिक करके पत्र डाउनलोड कर सकते है।




चुनाव प्रशिक्षण में भाग नहीं लेने पर एफआईआर-डीएम।देखिए ये रिपोर्ट


कलेक्ट्रेट स्थित डीआरडीए सभाकक्ष में आयोजित जिला समन्वय समिति की बैठक के प्रथम चरण में पंचायत आम निर्वाचन की तैयारियों से संबंधित समीक्षा की गयी। बैठक में जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी रोहतास धर्मेन्द्र कुमार, डीडीसी शेखर आनंद, अनुमंडल पदाधिकारी डेहरी समीर सौरभ, अनुमंडल पदाधिकारी बिक्रमगंज प्रियंका रानी, सभी जिलास्तरीय नोडल पदाधिकारी,सभी निर्वाची पदाधिकारी सह प्रखंड विकास पदाधिकारी उपस्थित रहे। 

प्रभारी पदाधिकारी , प्रशिक्षण कोषांग को निदेश दिया गया कि पंचायत निर्वाचन हेतु डीएवी विद्यालय में जारी कार्मिकों के प्रशिक्षण में अनुपस्थित पाए जा रहे कर्मियों को अंतिम रूप से सूचना देते हुए 11 सितंबर को दिए जाने वाले विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम में अचूक रूप से उपस्थित रहते हुए प्रशिक्षण प्राप्त करने का निदेश दिया। उक्त दिवस को भी अनुपस्थित रहने वाले कर्मियों पर कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई यथा प्राथमिकी इत्यादि का निदेश दिया गया। 

उसी प्रकार अन्य सभी कोषांगों तथा सभी अनुमंडल पदाधिकारी, सभी निर्वाची पदाधिकारी सह प्रखंड विकास पदाधिकारी को नामांकन, आदर्श आचार संहिता, ईवीएम मैनेजमेंट, मतगणना इत्यादि से संबंधित कई महत्वपूर्ण निर्देश भी दिया गया। जिले में आदर्श आचार संहिता के 4 मामलों में अब तक प्राथिमिकी दर्ज की गई है।



स्कूल जांच में 19 शिक्षकों पर गिरि गाज।देखिए ये रिपोर्ट



7 सितंबर को जब पटना के उच्च माध्यमिक विद्यालय पैनाल का निरीक्षण किया गया तो पूरी पोल खुल गई जिस विद्यालय में 21 शिक्षक और कर्मी हों उसमें केवल 2 शिक्षक व 2 कर्मी ही विद्यालय में मौजूद थे। 
दरअसल पटना के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी अरुण कुमार मिश्रा ने उच्च माध्यमिक विद्यालय पैनाल का निरीक्षण किया तो स्थिति की पूरी पोल खुल गई. शिक्षकों की बात कौन करे न तो प्रधानाध्यापक थे न अन्य शिक्षक. सिर्फ 2 शिक्षक विद्यालय में मौजूद थे। स्कूल के प्रधानाध्यापक मोहम्मद नजमुलहसन चालान कार्य के लिए एक अन्य शिक्षक जितेंद्र कुमार यादव के साथ बैंक गए हुए थे।


जबकि विद्यालय में लिपिक तो हैं ही। प्रधान शिक्षक पढ़ाई का काम छोड़ एक अन्य शिक्षक को लेकर बैंक का चक्कर लगा रहे थे।विद्यालय में जो चार कर्मी मौजूद थे उनमें एक चपरासी, एक और दो शिक्षक मौजूद थे। पटना के डीपीओ स्थापना अरुण कुमार मिश्र ने अपनी जांच रिपोर्ट डीईओ कार्यालय को दे दिया। रिपोर्ट में लिखा गया है कि स्कूल में कार्यरत सभी शिक्षक और कर्मी द्वारा उपस्थिति निर्धारित समय सारणी के अनुसार नहीं था. डीपीओ ने प्रधानाध्यापक को निर्देश दिया कि विद्यालय निरीक्षण के क्रम में अनुपस्थित शिक्षककर्मी से स्पष्टीकरण प्राप्त कर कार्यालय को 3 दिनों के अंदर उपलब्ध कराएं।बता दें, स्कूल के प्रधानाध्यापक पर पहले भी कई तरह के आरोप लगते रहे हैं। विकास निधी की राशि में गड़बड़ी, उपस्कर व प्रयोगशाला के लिए सरकार की तरफ से भेजी गई राशि का बंदरबांट करने, छात्रों से फार्म के नाम पर अधिक पैसे लेने, स्कूल परिसर में लगे पेड़ों की कटाई कराने समेत कई अन्य आरोप हैं। इस मामले में जांच भी हुई है और शो-कॉज पूछा गया था।