बुधवार, 22 जुलाई 2020

अभिभावकों ने सरकार को स्कूल बंद करने को कहा।





राज्य में स्कूली बच्चों के अभिभावकों ने सरकार को राय दी है कि अगस्त में स्कूल नहीं खुले । कोरोना से उत्पन्न परिस्थितियों को पूरी तरह से आंकने और बच्चों की सुरक्षा के प्रति आश्वस्त होने के बाद ही स्कूल खोलने के निर्णय लिये जायें।

प्रदेश के स्कूली बच्चों के अभिभावकों की राय से केंद्र को राज्य सरकार अवगत करायेगी। दरअसल, केंद्र ने राज्यों से कहा था कि वह स्कूली बच्चों के अभिभावकों से राय ले कि पढ़ाई के लिए स्कूल कब से खोले जायें ? अगस्त से, सितम्बर से या अक्तूबर से? इन सवालों पर अभिभावकोंकी राय लेकर केंद्र ने राज्यों से रिपोर्ट मांगी है।



इसके मद्देनजर ही अभिभावकों की राय ली गयी है। अभिभावकों की राय पर केंद्रित रिपोर्ट केंद्र को सौंपने की तैयारी है। अभिभावकों ने साफ-साफ शब्दों में कहा है कि उनके लिए स्कूलों में अपने बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि है। हर दृष्टि से बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित होने के बाद ही स्कूल खोले जायें।



स्कूल खोलते समय स्थानीय परिवेश और परिस्थितियों पर गंभीरतापूर्वक ध्यान दिये जायें।स्कूल खोलने और बंद करने के समय, स्कूल अवधि, मध्याह्न भोजन योजना के संचालन, आउटडोर कक्षाओं का संचालन, स्कूल का पाली में संचालन एवं कक्षा की अवधि पर भी अभिभावकों के राय लिये गये हैं।


कोरोना को लेकर स्कूलों में छात्रों, शिक्षकों एवं प्रशासकों के लिए अनुशानिक सीमाएं तय करने तथा थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही स्कूलों में आंगतुकों को प्रवेश देने के अभिभावकों के सुझाव हैं।

अभिभावकों की राय है कि स्कूल जब खुलें, तो छात्रों द्वारा एसेम्बली एवं प्रार्थना का आयोजन नहीं किये जायें। उचस्तरीय स्कूल प्रणाली के भी सुझाव आये हैं । ऐसे सुझावों में वर्चुअल क्लासरूम एवं आईसीटी व्यवस्था भी शामिल हैं।

स्कूलों को अपने परिसर में स्वस्थ परिवेश विकसित करने एवं बच्चों को स्वास्थ्य की दृष्टि से बेहतर सुविधाएं देने के सुझाव भी अभिभावकों के हैं। अभिभावकों ने कहा है कि खासकर पढ़ाई के लिए प्राइवेट स्कूल सरकार के आदेश के बाद ही खुलें। साथ ऐसी व्यवस्था हो कि प्राइवेट स्कूलों पर सरकार का नियंत्रण रहे।


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