गुरुवार, 28 मई 2020

बच्चो के बिना ही चलेंगे स्कूल।






बिहार के सरकारी स्कूल अभी नहीं खुलेंगे। स्कूलों की पढ़ाई ऑनलाइन जारी रहेगी। कोरोना संक्रमण को लेकर जब स्थिति सामान्य होगी तो, स्कूलों की  सामान्य दिनचर्या सबसे अंत में जाकर शुरू होगी। 

राज्य सरकार बच्चों की सुरक्षा को लेकर कोई जोखिम मोल लेना नहीं चाह रही है। शहर के विभिन्न स्कूलों के प्राचार्यों ने कहा कि स्कूल तो खुल रहे हैं। सभी शिक्षक स्कूल आ रहे हैं। लेकिन सरकारी आदेश जारी होने के बाद बच्चे स्कूल आयेंगे।


वहीं शिक्षा विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लॉकडाउन के बाद सबसे अंत में सरकारी स्कूल खोले जायेंगे। स्कूल खुलने के बाद भी बच्चों की सुरक्षा के  लिए कई सारी पाबंदियां जारी रहेंगी, स्कूलों में सामाजिक दूरी बनाकर रखना होगा।

आपको बता दे कि  सरकारी स्कूल में सामाजिक दूरी बनाकर रखना चुनौती भरा काम होगा।बिहार शिक्षा परियोजना परिषद यूनीसेफ के साथ-साथ विश्वस्वास्थ्य संगठन और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की सलाह पर तैयार गाइडलाइन सख्ती से लागू करेगा।


स्कूल परिसर की स्वच्छता पर जोर दिया जायेगा।स्कूल की शुरुआत और अंत में बच्चों को एक जगह इकट्ठा नहीं करना होगा। बच्चे डेस्क पर कम-से-कम एक मीटर की दूरी पर बैठेंगे। बीमार कर्मियों को स्कूल आने से मना किया जायेगा।


7 महीनों से वेतन के लिए तरस गए शिक्षक।देखिए एक रिपोर्ट




बिहार के पश्चिम चम्पारण जिले के चनपटिया और रामनगर के शिक्षको को विभाग के द्वारा 7 महीने से वेतन नहीं दिया गया है।आपको बता दे कि ये दोनों शहर नगर पंचायत के दायरे में आते है और पिछले नवंबर 2019 से  यँहा के करीब 50 शिक्षको का वेतन बकाया है।


सूत्रों से पता चला है कि नगर पंचातय का आवंटन भुगतान के लिए आया था लेकिन विभागीय लापरवाही के कारण इन शिक्षको का भुगतान नहीं किया गया और पैसे को वापस कर दिया गया। विभाग के इस लापरवाही  के कारण शिक्षक भूखमरी का शिकार होने लगे है।


आपको बता दे कि पहले इन शिक्षको का जिओबी के माध्यम से भुगतान होता था लेकिन पिछले 2 साल से इन्हें जिओबी से अलग कर दिया गया है। विभाग का कहना है कि नगर पंचायत का आवंटन अलग से आता है। जिओबी में केवल नगर परिषद का आवंटन आता है।



जैसा कि आप सभी जानते है कि नगर पंचायत में शिक्षको की संख्या कम है जिस कारण संघ और विभाग दोनों इनके साथ सौतेला व्यवहार कर रहे है इन शिक्षको के बारे में कोई नहीं सोच रहा है शिक्षक भी अपने  वेतन की आश लिए विभाग और संघ के तरफ निहार रहे है।

शिक्षको ने चैनल के माध्यम से विभाग से निवेदन किया है कि जल्द जल्द नगर पंचायत के शिक्षको का भुगतान करने की कृपा की जाए ताकि शिक्षक इस आपदा की स्तिथि में आर्थिक तंगी का शिकार न हो पाए।।

चैनल सभी संघ के जनप्रतिनिधियों से आग्रह करता है कि नगर पंचातय के शिक्षको का आवंटन जिओबी के साथ जोड़ने की कोशिश कराई जाए ताकि पहले की भांति समय से शिक्षको का भुगतान हो सके।।


रविवार, 24 मई 2020

ईद में वेतन पर अधिकारियों ने लगाया ग्रहण।






राज्य में हड़ताल से लौटे शिक्षकों की  ईद वेतन के अभाव में फीकी रहेगी।निर्देश  राज्य सरकार के आदेश-दर-आदेश के बाद भी हड़ताल से लौटे लाखों शिक्षकों के समक्ष पिछले चार महीनों से वेतन के लाले हैं। खास बात यह है कि आवंटन रहने के बाद भी फरवरी, मार्च, अप्रैल और मई का वेतन जारी नहीं हुआ। 

बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के मीडिया प्रभारी सह प्रवक्ता अभिषेक कुमार ने बताया कि शिक्षा विभाग ने अपने लिखित समझौता तथा हड़ताल वापसी के बाद जिला शिक्षा पदाधिकारियों को दिए अपने आदेश में स्पष्ट किया  था कि लॉकडाउन अवधि तथा फरवरी माह के  कार्यरत अवधि का वेतन अविलंब जारी करें। 

इस बीच राज्य सरकार ने भी राज्य के सभी कर्मियों को मई माह का वेतन ईद से पूर्व भुगतान करने का निर्देश जारी किया, मगर शिक्षा विभाग के अंतर्गत राज्य के शिक्षकों का वेतन फरवरी से लेकर मई माह तक ईद के पहले जारी नहीं किया गया। यह बात अलग है कि एक-दो जिलों में शिक्षक संघ की विशेष तत्परता पर मात्र फरवरी माह के कार्यरत अवधि का वेतन भुगतान संभव हो सका है।


संघ ने बताया कि एक तरफ शिक्षक वेतन के आभाव मे अपनी गर्मियों की छुट्टियों के बाद भी शिक्षा विभाग के आदेश पर बिना सुरक्षा के कोरेंटाइन सेंटरों में सेवा दे रहे हैं। जिसकी तनिक भी चिंता सरकार को नही है। 



उन्होंने मांग की है कि कोरोना संकट के इस काल में तथा लॉकडाउन की मुश्किल घड़ी में  सरकार व विभाग के आदेश के बाद भी ईद के पर्व पर वेतन भुगतान न करने वाले अधिकारियों पर अविलंब कार्रवाई की जाय।


शुक्रवार, 22 मई 2020

शिक्षको के ऐच्छिक स्थानान्तरण के लिए आवेदन शुरू।






शिक्षा उपनिदेशक ने पटना,भोजपुर,रोहतास,नालंदा,बक्सर और कैमूर के अन्तर्गत राजकीयकृत विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों के स्थानान्तरण के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र निर्गत कर आदेश दिया है कि जून में अधोहस्ताक्षरी कार्यालय द्वारा ट्रांसफर किया जाता है। 


विभाग ने निर्देश दिया है कि सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी अपने स्तर से अपने अपने जिले के अंदर विद्यालय को अवगत करावे कि ऐच्छिक स्थानान्तरण हेतु विद्यालय में कार्यरत शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मी अपना आवेदन अधोहस्ताक्षरी कार्यालय में दिनांक 21 मई से 05 जून तक जमा कर दे  है। 



आपको बता दे कि दिनांक 05.06.2020 के उपरान्त आवेदन स्वीकृत नहीं किया जायेगा। इसलिए जिसे भी ट्रांसफर लेना है ओ समय सीमा के भीतर आवेदन जमा कर दे।

आवेदन करने का फ़ॉर्मेट आप ऊपर के बटन पर क्लिक करके डाउनलोड कर सकते है।

जानिए बच्चो के लिए हफ्ते में कितने दिन खुलेंगे स्कूल।



कोरोना संकट के चलते मार्च से बंद स्कूल 15 जुलाई के बाद खुल सकते हैं। मानव संसाधन विकास मंत्रालय स्कूलों में पढ़ाई केकोरोना संकट के चलते मार्च से बंद स्कूल 15 जुलाई के बाद खुल सकते हैं। मानव संसाधन विकास मंत्रालय स्कूलों में पढ़ाई के लिए गाइडलाइंस तैयार कर रहा है। जो जल्द जारी हो सकती है।

सूत्रों के मुताबिक एक दिन में 33% या 50% बच्चे ही स्कूल जाएंगे। उपलब्ध संसाधनों के आधार पर राज्य सरकार और स्कूल प्रशासन तय करेंगे कि कितने बच्चे बुलाने हैं। छात्रों की संख्या के आधार पर हाथ धोने की सुविधा,  टॉयलेट, पीने के पानी के नल इत्यादि बढ़ाने पड़ सकते हैं।

50% छात्रों का फॉर्मूला लागू करने वाले स्कूलों मे छात्र सप्ताह में तीन और 33% का फॉर्मूला लागू करने वाले स्कूलों में सप्ताह में 2 दिन ही स्कूल जाएंगे। बाकी दिन ऑनलाइन पढ़ाई होगी।संक्रमण की स्थिति के आधार पर जून के अंतिम सप्ताह में गाइडलाइंस का रिव्यू होगा।

स्कूलों की गर्मी की छुट्टी हुई रद्द। फूल टाइम होगी डियूटी।





सहरसा के जिलाधिकारी के निर्देश के आलोक में गुरुवार को जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारी मध्यान्ह भोजन ने संयुक्त रूप से कोरोनटाइन सेंटर के रूप में चिन्हित विद्यालयों में समुचित व्यवस्था के अनुपालन को लेकर समीक्षा बैठक किया।

समीक्षा बैठक में सभी बीआरपी, सीआरसीसी शामिल हुए ।समीक्षा के क्रम में निर्देश दिया गया कि विभागीय निर्देश के आलोक में प्रारंभिक विद्यालय में दूरदराज के महिला एवं दिव्यांग शिक्षकों को छोड़कर प्रधानाध्यापक सहित सभी शिक्षक विद्यालय में बने रहेंगे।


उन्होंने कहा कि जो विद्यालय कोरोनटाइन सेंटर के रूप में संचालित हैं वहां प्रधानाध्यापक अपने स्तर से शिफ्ट में ड्यूटी बंटवारा कर उपस्थिति सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि वैसे विद्यालय जहां पर कोरोनटाइन सेंटर नहीं है वहां प्रधानाध्यापक एवं अन्य शिक्षक 10 बजे से चार बजे तक विद्यालय में बने रहेंगे।


जिलाधिकारी ने  बताया कि कोरोना महामारी देखते हुए इस वर्ष गृष्मावकास की छुट्टी नहीं होगी। सभी सीआरसीसी प्रतिदिन अपने अपने संकुलाधीन विद्यालय का भ्रमण कर प्रखंड स्तर पर रिपोर्टिंग करेंगे।जिला स्तर पर बीईओ डीईओ कार्यालय में रिपोर्ट उपलब्ध कराएंगे।

जिलाधिकारी ने  कहा कि सभी सीआरसीसी सभी विद्यालय में साफ-सफाई, शौचालय एवं पानी की व्यवस्था सुनिश्चित रखेंगे जिससे प्रतिदिन आ रहे प्रवासी मजदूरों को सुविधानुसार रखा जा सके।


उन्होंने बताया कि सभी प्रधानाध्यापकों, शिक्षकों को इसका अनुपालन शत-प्रतिशत सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है। इसमें किसी भी प्रकार की कोताही हुई तो आपके विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी । 

जनवरी 2020 से शिक्षको वेतन में होगी बृद्धि। देखिए एक रिपोर्ट



प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली केंद्रीय केबिनट ने कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते को 17 से 21 फीसदी कर दिया है।

यह 1 जनवरी 2020 से लागू होगा।यह जानकारी केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दी।महंगाई भत्ता एक जनवरी 2020 से प्रभावी माना जाएगा।

सरकार की इस घोषणा के बाद महंगाई भत्ता 17 प्रतिशत से बढ़कर 21 प्रतिशत हो गया है। यानी पिछले साल जुलाई में 5 प्रतिशत की बृद्धि की गयी थी और इस बार जनवरी में 4 प्रतिशत की बृद्धि की गयी।


आपको बता दे कि बिहार सरकार के घोषणा करते ही शिक्षको के वेतन में 4 प्रतिशत की बृद्धि हो जाएगी।

गुरुवार, 21 मई 2020

हड़ताल में निलंबित और सेवा समाप्त हुए शिक्षको के लिए सरकार का निर्देश।






04 मई को बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति एवं विहार माध्यमिक शिक्षक संघ के द्वारा हड़ताल समाप्ति के बाद विभाग द्वारा पत्र जारी करके निलंबित शिक्षको के लिए कई निर्देश दिए गए है। 



निलम्बित नियोजित शिक्षकों के संदर्भ में निलंबन को समाप्त करते हुए विभागीय कार्यवाही से मुक्त करने की अनुशंसा जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय द्वारा संबंधित नियोजन इकाई से की जायेगी।नियोजन इकाई द्वारा प्राप्त अनुशसा के आलोक में अनुवर्ती आदेश निर्गत किए जायेंगे। 


जिन शिक्षकों का निलंबन जिला शिक्षा पदाधिकारी अथवा निदेशक, माध्यमिक शिक्षा द्वारा किया गया हो, उन शिक्षको के संदर्भ में उनके द्वारा समीक्षा कर निलबन को समाप्त करते हुए विभागीय कार्यवाही से मुक्त करने की कार्रवाई की जायेगी।

निलंबन अवधि के लिए अविलम्ब नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता का भुगतान किया जाए। निलंबन एवं विभागीय कार्यवाही से मुक्त होने के बाद 25 मार्च लॉकडाउन की अवधि है, के लिए पूर्ण वेतन में से भुगतान किये गये जीवन निर्वाह भत्ता की राशि को घटाकर शेष राशि का भुगतान किया जायेगा।


निलंबन की तिथि से 24 मार्च की अवधि,  तक हड़ताल में रहने वाले निलंबित शिक्षको का वेतन भुगतान उनको दिए जीवन निर्वाह भत्ता की राशि को घटाकर शेष राशि का भुगतान भविष्य में अवकाश की अवधि में कार्य करने के उपरान्त अन्य हड़ताली शिक्षकों की ही भांति सामंजित किया जायेगा।


हड़ताल के दौरान  जिन शिक्षकों की सेवा समाप्त की गई थी उनको अपीलीय प्राधिकार के समक्ष अपील दायर करना होगा। अपील अभ्यावेदन पर अपीलीय प्राधिकार को समीक्षा करते हुए सेवा में वापसी के आदेश पर निर्णय लेना आवश्यक होगा। 


सेवा समाप्ति की तिथि एवं सेवा में वापस होने की तिथि के बीच की अवधि को सेवा में टूट नहीं मानते हुए इस अवधि के लिए उपार्जित अवकाश स्वीकृत करेंगे। उपार्जित अवकाश नहीं रहने  स्थिति में अवैतनिक अवकाश स्वीकृत किया जायेगा।



रविवार, 17 मई 2020

नए नियम के साथ खुलेंगे स्कूल। देखिए एक रिपोर्ट





स्कूल में अब मास्क का नियम लागू होगा, इसलिए हर साल नए यूनिफार्म की सूची में मास्क भी जुड़ेगा। हर बच्चे को मास्क लगाकर आना होगा।इमरजेंसी में स्कूल में भी मास्क रखे जाएंगे। यानी स्कूल में मेडिकल फैसिलिटी में मास्क शामिल किए गए हैं। इसके अलावा बच्चों को स्कूल आने, स्कूल में रहने और छुट्टी के वक्त सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जाएगा।


यह स्कूल प्रशासन, शिक्षक और अभिभावक पर भी लागू होगा। बच्चों को लेने आने वाले अभिभावकों को स्कूल गेट पर सोशल डिस्टेंसिंग से खड़ा रहना पड़ेगा। लॉकडाउन के बाद स्कूल खुलने के लिए चार स्टेप बनाए गए हैं।  हर स्टेप पर गंभीरता से स्कूलों को पालन करना हैं।  चार स्टेप इस प्रकार है।



पहला स्टेप  विद्यालय खुलने की तिथि से दो दिन पहले केवल स्टाफ आएंगे। स्कूल को सैनेटाइज कराएंगे। कोरोना से बचाव संबंध में निर्देश जगह-जगह चिपकाए जाएंगे।



दूसरा स्टेप : नए नियमों की जानकारी अभिभावकों को दी जाएगी। स्कूल की ओर से बनाए गए नियमों का अभिभावकों को हर हाल में पालन करना अनिनार्य होगा।

तीसरा स्टेप : बच्चों के स्कूल में प्रवेश करने और जाने के समय सोशल डिस्टेंसिंग रहेगा। इसके अलावा स्कूल बस और वैन में भी इसी नियम का पालन करना होगा।

चौथा स्टेप : एक महीने तक हर दिन कोरोना पर जागरूकता क्लास चलेगी।


इसके अलावा चार बिन्दुओं पर नियमित फोकस किया जाएगा। इसमें लॉकडाउन के दोबारा होने की कल्पना करना, लापरवाही नहीं बरतने का संकल्प लेना, सोशल डिस्टेंसिंगरखा आदिशामिल है।


बुधवार, 13 मई 2020

गर्मी की छुट्टियों के लिए कार्य योजना बना रही है सरकार।।




बिहार समेत देशभर के सरकारी प्रारंभिक स्कूलों में पढ़ने वाले सभी बच्चों को पहली बार गर्मी की छुट्टियों में भी मध्याह्न भोजन मिलेगा। यह गर्म पका भोजन हो सकता है, खाद्य सुरक्षा भत्ता के तहत खाद्य सामग्री हो सकती है।

बच्चों को परिवर्तन मूल्य भी दिया जाएगा या फिर इसके एवज में समतुल्य मात्रा में दाल, तेल आदि दिये जा सकते हैं। केन्द्र सरकार नेलॉकडाउनको देखते हुए यह निर्णय लिया है।


गौरतलब है कि मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने 28 अप्रैल को बिहार समेत सभी राज्यों के शिक्षा मंत्रियों संग हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में इसके संकेत दिये थे। अब मंत्रालय के संयुक्त सचिव आरसी मीना ने इसको लेकर बिहार समेत सभी राज्यों के प्रधान शिक्षा सचिवों को पत्र लिखा है।



उन्होंने कहा है कि मध्याह्नभोजन योजना से लाभान्वित बच्चों की प्रतिरोधी क्षमता को कोविड-19 के संक्रमण काल में मजबूत बनाए रखने के मकसद से एमडीएम का निरंतर जारी रखना जरूरी है।

केन्द्रीय संयुक्त सचिव ने बिहार को गर्मी छुट्टी में एमडीएम के संचालन के लिए कार्ययोजना बनाने को कहा है। साफ-साफ कहा है कि खाद्य सुरक्षा भत्ता के रूप में घर-घर अनाज पहुंचाना या फिर ताजा पका गर्म खाना डोर-टू-डोर पहुंचाने में से जो कार्यान्वित किया जा सके, राज्य वैसी योजना बनाएं।


गौरतलब हो कि बिहार के मुख्यमंत्री के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने कोरोना संक्रमण काल में भी बच्चों को एमडीएम से वंचित नहीं रखा है। 14 मार्च से स्कूल बंद हैं और तब से लेकर 3 मई तक के लिए मध्याह्न भोजन के बदले समतुल्य मूल्य की राशि प्रत्येक बच्चे के खाते में डीबीटी के माध्यम से दी गयी है।