रविवार, 19 मई 2019

सरकार से आर पार की लड़ाई के मूड में है शिक्षक।देखिए एक रिपोर्ट





समान काम का समान वेतन मामले में नियोजित शिक्षक अब सरकार से आर-पा के मूड हैं। सुप्रीम कोर्ट से 10 मई को लगे
झटके के बाद शिक्षकों में उदासी छा गई है।

शिक्षक बिहार सरकार के साथ-साथ केन्द्र सरकार पर भी गुस्साए हुए हैं। 9 मई को सुनवाई के लिए केस के लिस्टेड होने के बाद से ही सभी शिक्षक अपने पक्ष में फैसले आने की उम्मीद पाल रखे थे। मगर 10 मई को सुप्रीम कोर्ट का फैसला शिक्षकों के विपरीत आते ही सभी काफी निराश हो गए। शिक्षकों की समान काम का समान वेतन की यह लड़ाई विगत 10 साल से चल रही थी। 



पटना हाईकोर्ट ने दो साल पहले ही शिक्षकों के हक में फैसला
सुनाया था। लेकिन राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी थी। नियोजित शिक्षकों की याचिका पर आठ साल तक चली लंबी सुनवाई के बाद पटना
हाइकोर्ट ने साल 2017 में अपना फैसला शिक्षकों के पक्ष में दिया था। 



लेकिन इस फैसले को चुनौती राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दे दी। जिसके बाद सूबे के शिक्षकों संघों ने देश के जाने-माने वकीलों की फौज खड़ी कर अपनी लड़ाई लड़ी। लंबी सुनवाई
भी हुई।राज्य और केन्द्र सरकार को इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने फटकार भी लगाई।



सुनवाई पूरी होने के कई माह बाद फैसला आया तो शिक्षक हैरान रह गए। पटना हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीमकोर्ट ने पूरी तरह से खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से बिहार के 3.5 लाख से अधिक नियोजित शिक्षकों को मायूसी हाथ लगी है।

जिले के सभी कोटि के नियोजित शिक्षक गर्मी की छुट्टी खत्म होने के बाद बिहार सरकार के खिलाफ एकजुट होकर आंदोलन करेंगे। जिले के कई शिक्षकों ने तो सीआरसीसी और एचएम के पद से इस्तीफा भी दे दिया है।



शनिवार, 18 मई 2019

प्रदेश अध्यक्ष पद से दिया इस्तीफा।फिर से लड़ेंगे लड़ाई।देखिए एक रिपोर्ट




नियोजित शिक्षकों को एक साथ लाने की मुहिम में बिहार पंचायत-नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ मूल के प्रदेश अध्यक्ष के पद को केशव कुमार ने त्याग दिया है। उन्होंने बैनर का भी त्याग किया है।

श्री कुमार ने शुक्रवार को बताया कि नियोजित शिक्षकों को अब तक जो कुछ भी मिला है, वह संघर्ष के बदौलत मिला। समान काम का समान वेतन भी नियोजित शिक्षक संघर्ष के बल पर ही लेंगे। 




प्रस्तावित संघर्ष के तहत चार लाख नियोजित शिक्षक एकजुटता के साथ संघर्ष पर उतरेंगे। उन्होंने कहा है कि शिक्षकों को एकजुट कर एक साथ लड़ाई के लिए सभी शिक्षक संगठनों के राज्यस्तरीय नेतृत्वकर्ताओं की संयुक्त बैठक 25 मई को ग्यारह बजे दिन में वीर कुंवर सिंह पार्क में बुलायी गयी है। 




बैठक में सर्वसम्मति से व्यापक आंदोलन की रणनीति तय होगी। श्री कुमार ने कहा कि नियोजित शिक्षकों को एकसाथ
लाने के लिए ही उन्होंने बिहार पंचायत-नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ मूल का प्रदेश अध्यक्ष पद एवं बैनर का त्याग करते हुए बैठक बुलायी है


शिक्षको के इस कार्य से विभाग को लगा झटका।देखिए एक रिपोर्ट


पश्चिम चंपारण


रामनगर के नियोजित शिक्षको ने मतदान केन्द्र स्तरीय पदाधिकारी के पद को सामूहिक रूप से त्याग दिया है। प्रखंड के 90 मतदान केन्द्रो पर तैनात बीएलओ ने सामूहिक रूप से बीएलओ का पद छोडने संबंधी आवेदन अंचलाधिकारी सह प्रभारी प्रखंड विकास पदाधिकारी विनोद कुमार मिश्र को सौंपा।



बीडीओ को सौंपे अपने आवेदन में शिक्षको ने कहा है कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य में नही लगाया जा सकता है। लेकिन इसके बाद भी हमलोगो ने इसका विरोध नहीं किया और निष्ठापूर्वक इस कार्य को करते रहे।



लेकिन समान काम समान वेतन मामले में सर्वोच्च न्यायालय में नियोजित शिक्षको के विरूद्ध आये फैसले ने शिक्षको को निराश कर दिया है। वही केन्द्र व राज्य सरकार का रवैया भी शिक्षको के हक में नही है।



इस कारण हमलोगो ने इस पद को छोड़ने का फैसला किया है। नियोजित शिक्षको ने शैक्षणिक कार्यों के अतिरिक्त अन्य कार्यों से अपने को अलग रखने संबंधी लिये गये निर्णय से भी प्रभारी बीडीओ को अवगत कराया। सीओ सह प्रभारी बीडीओ श्री मिश्र ने कहा कि शिक्षको के आवेदन को अग्रेतर कार्रवाई के लिये जिला को भेज दिया जायेगा।



आवेदन सौंपने वालों में राजकेश्वर राम, राजन चौधरी, जितेन्द्र राम, नवेन्दु कुमार मिश्र, राजेश कुमार, विजय कुमार शुकला, प्रदीप कुमार, विजय कुमार पाल, अमित अनुराग, आयुष सिंह, बुनीलालप्रसाद, विजय कुमार, सुधीर कुमार आदि थे।


शुक्रवार, 17 मई 2019

सरकार के रवैये से आजिज होकर शिक्षको ने उठाया ये कदम। देखिए एक रिपोर्ट




मंगलवार को बाराहाट स्थित डॉ. हरिहर चौधरी उच्च विद्यालय में प्रारंभिक विद्यालयों की गुरुगोष्ठी आयोजित की गई। बैठक के दौरान बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष पंकज कुमार के नेतृत्व में बड़ी संख्या में शिक्षकों ने बीईओ तुषारकांत सिन्हा को विद्यालय प्रभारी सहित सभी गैर शैक्षणिक कार्यो से मुक्त करने का पत्र सौंप दिया।



इस संबंध में करीब 105 प्रभारी प्रधानाध्यापक जो नियोजित शिक्षक हैं, ने पद छोड़ने का पत्र बीईओ सौंप दिया।जानकारी के अनुसार बाराहाट में करीब 170 प्रधानाध्यापक हैं। जिसमें चार दर्जन के करीब नियमित वेतनमान वाले शिक्षक हैं उनको छोड़ कर बैठक में उपस्थित अधिकांश प्रधानाध्यापकों ने पद छोड़ दिया है। 



इससे प्रखंड की शिक्षा व्यवस्था को बड़ा झटका लगने की उम्मीद है। शिक्षकों ने समान काम, समान वेतन पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले और सरकार के रवैये से आजिज होकर यह कदम उठाया है। 

जिलाध्यक्ष ने कहा कि प्रखंड के बाद जिला भर में यह अभियान जोर शोर से चलेगा। जिसका पुरजोर विरोध का आगाज बाराहाट के शिक्षकों ने करना आज शुरु कर दिया है।



जिला सचिव अमरेंद्र कुमार ने शिक्षकों से कहा कि नियोजित शिक्षकों के इतिहास की सबसे बड़ी लड़ाई का आगाज हो चुका है। जिसमें शिक्षकों को खुद आगे आकर अपनी लड़ाई लड़नी होगी। 

जिला मीडिया प्रभारी अभिनव कुमार ने शिक्षकों कल बाराहाट में होने वाले बैठक को सफल बनाने की अपील किया। साथ ही जिले के तमाम संघों के संघीय पदाधिकारियों से अपील की कि एक मंच पर आकर शिक्षक हित में इस निर्णायक लड़ाई को ईमानदारी पूर्वक लड़ते हुए, बाराहाट के शिक्षकों इस निर्णय से कदम में कदम मिलाकर चलें।



इसके पहले माध्यमिक विद्यालय के प्रधानों ने भी पद छोड़ने का प्रस्ताव बैठक में लिया है। शिक्षकों ने कहा कि वे केवल प्रभारी का पद छोड़ रहे हैं। अब वे निश्चिंत होकर बच्चों को मनोयोग से पढ़ाएंगे।

शनिवार, 11 मई 2019

समान काम समान वेतन पर शिक्षा मंत्री ने शिक्षको को संयम रखने को कहा।देखिए एक रिपोर्ट




तेजस्वी यादव की पार्टी ने कहा कि हम पूरी करेंगे नियोजित टीचर्स की मांग, शिक्षा मंत्री ने बताया- चुनावी बयानबाजी सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर जीतन राम मांझी की पार्टी हम की भी प्रतिक्रिया आई है। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कोर्ट के इस फैसले पर दुख जताते हुए कहा कि जीतन राम मांझी ने शिक्षकों को समान काम समान वेतन लागू कर दिया था।


   
बिहार के 3.5 नियोजित शिक्षकों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बिहार में राजनीति गरम हो गई है मीसा ने कहा कि हमारी सरकार बनी तो हम नियोजित शिक्षकों को देंगे वेतनमान। इस बयान पर बिहार के शिक्षा मंत्री ने तुरंत पलटवार किया. बिहार के शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा ने शिक्षकों के जख्म पर मरहम लगाते हुए कहा कि हमारी सरकार सदैव से ही शिक्षकों के साथ है।



वर्मा ने कहा कि आपके साथ आगे आने वाले दिनों में हितों को ख्याल रखते हुए उचित कदम उठाया जाएगा. शिक्षा मंत्री ने बिहार के शिक्षकों से फिलहाल संयमित रहने की अपील की. मीसा भारती के बयान पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि अभी दो चरण का चुनाव बाकी है और इस चुनाव को देखते हुए लोग तरह-तरह की बयानबाजी करेंगे.

उन्होंने कहा कि नियोजित शिक्षकों की असली शुभचिंतक हमारी सरकार और नीतीश कुमार है न कि कोई दूसरा. कोर्ट के फैसले पर जीतन राम मांझी की पार्टी हम की भी प्रतिक्रिया आई है पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कोर्ट के इस फैसले पर दुख जताते हुए कहा कि जीतन राम मांझी ने शिक्षकों को समान काम समान वेतन लागू कर दिया था। 




निजी स्कूल मालिकों की मिलीभगत से नीतीश कुमार ने शिक्षकों के समान काम समान वेतन का फैसला पलटा है. दानिश ने कहा कि हमारी सरकार बनी तो शिक्षकों को समान काम के बदले समान वेतन मिलेगा साथ ही कांट्रेक्ट कर्मियों को भी हमारी सरकार नियमित करेगी.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करेंगे बिहार के नियोजित शिक्षक।


मंगलवार, 7 मई 2019

2213 सहायक शिक्षको की बहाली प्रक्रिया शुरू।देखिए एक रिपोर्ट





पटना उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में राज्य में 'चौंतीस हजार पांच सौ चालीस'-कोटि के खाली रह गये 2213 पदों पर पुराने वेतनमान में प्रारंभिक शिक्षकों की नियुक्ति जल्द होने वाली है ।



नियुक्ति प्रारंभिक विद्यालयों में जिला संवर्ग के सहायक शिक्षकों के पदों पर होगी । शिक्षकों की नियुक्ति बिहार कर्मचारी चयन आयोग की अनुशंसा पर होगी।अनुशंसा को अंतिम रूप देने के लिए अभ्यर्थियों के कागजातों की जांच का कार्य पूरा हो गया है।



इसके मद्देनजर अनुशंसा से संबंधित कार्य में सहयोग के लिए शिक्षा विभाग द्वारा बिहार कर्मचारी चयन आयोग में जिन 16 अधिकारी-कर्मचारियों को प्रतिनियुक्त किया गया था,उन्हें मूल पदस्थापन स्थल पर योगदान के लिए विरमित
कर दिया गया है।

आपको बता दे कि अब बहाली से जुड़ी सभी प्रक्रिया को सम्पन्न कर लिया गया है बहुत जल्द इन खाली पदों को भर दिया जाएगा।







गुरुवार, 2 मई 2019

समय से भुगतान के लिए विभाग ने अधिकारियों को लगाई फटकार।





शिक्षा विभाग के अपर सचिव गिरिवर दयाल सिंह ने मंगलवार को राज्य के सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों की मंगलवार को क्लास लगायी। 


यह क्लास वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से सीएफएमएस अन्तर्गत नियोजित शिक्षकों के वेतन भुगतान को लेकर लगी।अपर सचिव गिरिवर दयाल सिंह शिक्षा विभाग के CFMS कोषांग के प्रभारी पदाधिकारी भी हैं। 


आपको बता दे कि राज्य में पहले शिक्षक-कर्मचारियों को CTMIS की व्यवस्था के तहत वेतनादि का भुगतान किया जा रहा था। लेकिन राज्य सरकार के निर्देश पर एक अप्रैल से राज्य भर में शिक्षक-कर्मचारियों के वेतनादि के भुगतान की व्यवस्था बदल गयी है। बदली हुई व्यवस्था में CTMIS की CFMS ने ले ली है।



राज्य सरकार के सम्पूर्ण वित्तीय कार्यों को पूर्णतः ऑनलाइन करने के लिए CTMIS के स्थान पर CFMS का क्रियान्वयन किया गया है । इसके लिए सीटीएमआईएस में संघारित राज्यकर्मियों से संबंधित मास्टर डाटा सीएफएमएस में अंतरित किया गया है।





इस व्यवस्था में शिक्षक-कर्मियों के इम्पलाई डाटा वेलीडेशन एवं एप्रूवल के बाद ही।वेतन भुगतान किया जाना है। अपर सचिव गिरिवर दयाल।सिंह ने जिला शिक्षा पदाधिकारियों एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को बताया कि नयी व्यवस्था के तहत नियोजित शिक्षकों के वेतन का भुगतान कैसे होगा।



उन्होंने निर्देश दिया कि नियोजित माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षकों तथा पुस्तकालयाध्यक्षों के वेतन की राशि पहुंचने के साथ ही उसका भुगतान सुनिश्चित करें।वीडियो कान्फ्रेंसिंग में अपर सचिव श्री सिंह के साथ विशेष कार्य पदाधिकारी योगेश कुमार भी थे।