पटना
सरकारी स्कूलों के बच्चों अब स्कूल में बैठने के लिए घरों से बोरा लेकर नहीं आना पड़ेगा। अभी तक स्कूलों में वर्ग एक से लेकर पांचवीं तक के बच्चों को बैठने के लिए कोई सही व्यवस्था नहीं थी।
बच्चों को स्कूलों में या तो मिड डे मील के बोरा में बैठाया जाता था, या फिर बच्चे घर से ही बोरा लेकर आते थे। सबसे अधिक परेशानी बच्चों को ठंड के दिनों में होती थी। उन्हें ठंड में जमीन पर ही बैठकर पढ़ाई करना होता था।
शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने भी स्कूलों में निरीक्षण के दौरान यह देखा है कि विद्यालयों में बच्चे जमीन पर बैठकर पठन-पाठन कर रहे हैं।
11 मार्च को हुई विभागीय बैठक में सभी स्कूलों को निर्देश दिया गया कि जहां बैंचडेस्क उपलब्ध नहीं है। वे स्कूल फिलहाल समग्र अनुदान मद में प्राप्त राशि से बच्चों को बैठने की व्यवस्था करें। अगर बैंच डेस्क उपलब्ध नहीं हो पा रहा है तो तत्काल बच्चों के पढ़ाई करवाने के लिए उन्हें दरी पर बैठाने की व्यवस्था करें।
डीपीओ नीरज कुमार ने इस बावत सभी स्कूलों।को पत्र भेजा है। साथ ही निर्देश दिया है कि वे प्राथमिकता के आधार पर स्कूलों में सुनिश्चित करें कि एक भी बच्चे को फर्श पर बैठकर पढ़ाई नहीं करवाई जाए।
समग्र अनुदान मद से प्राप्त राशि से दरी खरीदें, किसी भी हाल में बच्चों को जमीन पर बैठाकर पढ़ाई नहीं करवाएं।
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