लोकसभा आम निर्वाचन में इस बार एक और नयी व्यवस्था की गयी है। इसके तहत मतदान के बाद वज्रगृह में ईवीएम जमा करवाने पीठासीन पदाधिकारी के साथ पहले नंबर
के मतदान पदाधिकारी भी जायेंगे।
इससे पहले सिर्फ पीठासीन की ही यह जवाबदेही होती थी। पीठासीन अधिकारी को ईवीएम के साथ सांविधिक तथा गैर सांविधिक पैकेट भी लौटाने होते हैं। साथ ही खुला पैकेट भी इन सब में मतदान से संबंधित अलग-अलग विवरण दर्ज होती है। मॉक पोल की पर्ची वीवीपैट से निकाल ली जाएगी। उसके बाद उसे सील कर दिया जाएगा।
कोई मतदाता ईवीएम से जिस उम्मीदवार को वोट डाले वह वोट उसी उम्मीदवार को मिला उसकी सत्यापित पर्ची सात सेकेंड तक दिखेगी। फिर वह पर्ची कट कर वोटर वेरीफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल यानि वीवीपैट के बॉक्स में गिर जाएगा।
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