प्रदेश में वर्ष 2003 से बड़ी संख्या में आवश्यकतानुसार अप्रशिक्षित शिक्षकों का नियोजन किया गया।अप्रशिक्षित शिक्षकों को प्रशिक्षित कराने के उद्देश्य से इग्नू के द्विवर्षीय डी० पी० ई० कोर्स में नामांकन कराया गया। परन्तु एन० सी० टी० ई० द्वारा बिहार में उस डीo पी० ई o को को मान्यता प्रदान नहीं की गयी।
भारत सरकार से कई बार पत्राचार करने के बाद दिनांक-22 फरवरी 2012 को छः माह के संवर्धन कार्यक्रम की शर्त के साथ इग्नू0 को डी o पी० ई० एवं छ: माह के संवर्धन कार्यक्रम के प्रशिक्षण को मान्यता प्रदान की गई।
बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को निर्देश दिया कि DPE उत्तीर्ण प्रशिक्षु अगर 6 माह का संवर्धन कोर्स कर लेते हैं तो उन्हें पूर्ण रूप से प्रशिक्षित शिक्षक माना जाएगा।
सरकार के इस आदेश के खिलाफ शिक्षक संघों के द्वारा हाई कोर्ट में याचिका दायर की । हाई कोर्ट ने इस मुद्दे पर शिक्षकों के हक में फैसला सुनाते हुए यह आदेश दिया कि प्रशिक्षित तिथि से ही शिक्षकों को प्रशिक्षित वेतनमान का लाभ दिया जाए।
आपको बता दें कि बिहार के राज्यपाल विनोद कुमार सिंह ने पत्र जारी करके यह आदेश दिया है कि इग्नू से प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले शिक्षकों को प्रशिक्षण उत्तीर्ण होने की तिथि से प्रशिक्षित वेतनमान का लाभ दिया जाए।
इसमें शिक्षकों की जीत हुई है और सरकार की हार तो यह शिक्षकों के लिए बड़ी अच्छी खबर है सरकार ने पत्र जारी कर दिया है अब जल्द से जल्द शिक्षक संघ शिक्षक हो या लाभ दिलवाने की कोशिश करें ताकि शिक्षकों को उनका हक समय से मिल सके। साथी चैनल की तरफ से DPE शिक्षकों को बहुत-बहुत बधाई हो।
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