पटना
गुरुजी अब अपनी जगह पढ़ाने का ठेका किसी और को नहीं दे देंगे, शिक्षा विभाग ने ऐसे शिक्षकों की चालाकी से निपटने के लिए नया तरीका ढूंढ लिया है।
राज्य के सभी प्रारंभिक स्कूलों में शिक्षकों का फोटो लगाया जायेगा, ताकि स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के साथ ही उनके अभिभावको असली शिक्षकों को पहचान सकें।
स्कूल के सुचना पट्ट पर शिक्षकों को रंगीन फोटो तो होगा ही उसके नीचे नाम भी लिखा जायेगा, ताकि किसी तरह की गलतफहमी न रह जाये। ऐसा इसलिए किया जा रहा है प्रॉक्सी शिक्षक के माध्यम से होने वाली अनियमितताओं को रोका जाये। यह निर्णय विहार शिक्षा परियोजना परिषद ने लिया है।
तीन साल पहले मानव संसाधन विकास मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने शिक्षा विभाग को 'प्रॉक्सी शिक्षक' को लेकर पत्र जारी किया था।
इसमें 'प्रॉक्सी शिक्षक को लेकर चिंता जतायी थी।शिक्षकों के नियमित स्कूलों तक लाने और आरटीई के अनुपालन के लिए कुछ सुझाव भी दिये गये थे। उसी सुझाव पर अमल किया जा रहा है।
शिक्षकों का फोटो सूचना पट पर चिपकाने का मंशा यह है कि बच्चे और अभिभावक अपने शिक्षकों को पहचान सकें, सरकार को भरोसा है कि ऐसा करने से शिक्षक नियमित रूप से स्कूल आयेंगे।
केंद्र सरकार के सुझाव के बाद बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने इस व्यवस्था को लागू करने के लिए सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों, जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को निर्देश जारी कर दिये हैं।
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