बिहार राज्य ने बच्चों के मुफ्त व अनिवार्य शिक्षा नियमावली 2011 में संशोधन कर इसे नियमावली 2019 का नाम दिया है।इस संशोधन की प्रक्रिया राज्यपाल द्वारा पूरी की गयी है।
आपको बता दे कि यह अधिसूचना 28 फरवरी को जारी कर दी गई है।इस तिथि से यह नियम राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में लागू हो गया है। प्रखंड से लेकर जिले के अधिकतर स्कूलों में परीक्षा की औपचारिकता पूरी की जा रही है।
आपको बता दें कि बिहार राज्यपाल द्वारा बच्चों की मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा नियमावली 2011 में संशोधन का आदेश निर्गत किया गया है। इस आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि पांचवीं तथा आठवीं कक्षा के विद्यार्थी विना वार्षिक परीक्षा उत्तीर्ण किये आगे की कक्षा में नामांकित नहीं किये जाएंगे।
जैसा कि आप सभी जानते है कि इसके पूर्व सरकार द्वारा नियम लागू किया गया था कि प्रारंभिक विद्यालय के बच्चों को किसी भी कक्षा में अनुत्तीर्ण नहीं किया जायेगा, बल्कि बीना परीक्षा पास किए भी विद्यार्थी लगातार आगे की कक्षा में प्रोन्नन्त हो जाते हैं।
ऐसी अवस्था में कमजोर बच्चे भी किसी न किसी प्रकार मैट्रिक की परीक्षा में भी शामिल हो जाते थे।कमजोर बच्चों के असफल होने से मैट्रिक परीक्षा में अनुत्तीर्ण होने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या साल दर साल बढ़ती जा रही थी। अब नए नियम से कमजोर विद्यार्थी मैट्रिक की परीक्षा तक आसानी से नहीं पहुंच सकेंगे तथा मैट्रिक उत्तीर्ण करने वाले विद्यार्थियों को प्रतिशत बढेगी।
हमारे समाज मे एक कहावत है जब जागो तभी सवेरा और बिहार सरकार स्कूलों की परीक्षा को लेकर लगता है कि अब जाग चुकी है।अब देखना है कि इससे शिक्षा के स्तर में कितना सुधार हो पाता है ।
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