पटना
बिहार राज्य में नियोजन इकाइयों द्वारा 31 अक्तूबर2017 के बाद की गयी शिक्षकों की बहाली (नियोजन) अमान्य हैं। इस आशय का निर्देश शिक्षा विभाग ने सभी शिक्षक नियोजन इकाइयों को दिया है ।
विभाग के अपर मुख्य सचिव आरके. महाजन द्वारा राज्य के सभी नगर निगमों के नगर आयुक्तों, जिला परिषदों के मुख्य कार्यकारी पदाधिकारी-सहउप विकास आयुक्तों, नगर परिषदों एवं नगर पंचायतों के कार्यपालक पदाधिकारियों, प्रखंड विकास पदाधिकारियों एवं पंचायत सचिवों को दिये गये निर्देश में समान काम समान वेतन मामले में पटना उच्च न्यायालय के न्यायादेश का हवाला दिया गया है।
नियोजित शिक्षकों को समान काम का समान वेतन देने का फैसला पटना उच्च न्यायालय ने 31 अक्तूबर, 2017 को दिया। इसके आलोक में प्रारंभिक विद्यालयों में शिक्षक नियोजन से संबंधित प्रावधान, जो नियम-11 में अंकित है, वह भी वर्तमान में रीड डाउन है ।
यह बात अपर मुख्य सचिव द्वारा अपने निर्देश में कही गयी है। अपर मुख्य सचिव के पत्र के मुताबिक पटना उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ सरकार सर्वोच्च न्यायालय गयी। इस मामले की सुनवाई गत तीन अक्तूबर को पूरी हो चुकी है और न्याय निर्णय सुरक्षित रखा गया है।
अपर मुख्य सचिव ने अपने पत्र में नगर निगमों के नगर आयुक्तोंजिला परिषदों के मुख्यू कार्यकारी पदाधिकारीसहउप विकास आयुक्तोंनगर परिषदों एवं नगर पंचायतों के कार्यपालक पदाधिकारियों प्रखंड विकास पदाधिकारियों एवं पंचायत सचिवों से कहा है कि कतिपय अभ्यर्थियों द्वारा यह जानकारी प्राप्त हो रही है कि 31 अक्तूबर, 2017 को पटना उच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी नियोजन की कारवाई की गयी है।
नगर निगमों के नगर आयुक्तों, जिला परिषदों के मुख्य कार्यकारी पदाधिकारी-सह-उप विकास आयुक्तों नगर परिषदों एवं नगर पंचायतों के कार्यपालक पदाधिकारियों, प्रखंड विकास पदाधिकारियों एवं पंचायत सचिवों से कहा गया है कि यदि कोई नियोजन न्यायालय के आदेश के अनुपालन में किया गया हो, तो उससे संबंधित सूचना शिक्षा विभाग को उपलब्ध करायें।
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