पटना
विद्यालयों में मध्याह्न भोजन बनवाने का जिम्मा अब शिक्षकों के कंधे से हटा कर जीविका दीदी को दिया जाएगा। शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य यानी एमडीएम से हटाने की मांग पर निदेशालय ने संज्ञान लेते हुए यह निर्णय लिया है।
आपको बता दे कि ट्रायल पर दो जिलो में एक एक प्रखंड को चुना गया है, जहां एक फरवरी से जीविका 3 माह तक मध्याह्न भोजन संचालित करेंगी। इसकी सफलता के बाद निदेशालय सभी प्रखंडों को जीविका के हवाले करेगा।
जीविका ने खुद सर्वे कर मुजफ्फरपुर के मुरौल व जहानाबाद के घोसी प्रखंड को एमडीएम संचालन के लिए चुना है।पटना में सोमवार को इस संबंध में एमडीएम निदेशक ने जीविका पदाधिकारियों और मुजफ्फरपुर व जहानाबाद के डीपीओ एमडीएम,डीपीएम और बीआरपी के साथ बैठक की।
डीपीओ एमडीएम शर्मिला राय ने बताया, लंबे समय से शिक्षकों को एमडीएम कार्य से अलग करने की मांग हो रही थी। जिस पर निदेशक ने यह निर्णय लिया है।
मुरौल प्रखंड को ट्रायल के लिए चुना गया है। जिसके 74 विद्यालयों में फरवरी से जीविका दीदी की निगरानी में भोजन बनेगा इसके लिए जीविका दीदी को 0ने प्रशिक्षण दिया जाएगा।
एमडीएम मद में मिलने वाली राशि निदेशालय से सीधे जीविका के मुख्यालय को दी जाएगी, जो जिले के जीविका कार्यालय और वहां से। संबंधित प्रखंड को हस्तांतरित होगी। चावल पुराने सिस्टम से हा स्कूल पहुचगाजिसे हेडमास्टर और जीविका दीदी संयुक्त रूप से प्राप्त करेंगी। शेष राशन उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी जीविका की होगी।
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