नई दिल्ली
मोदी सरकार ने सामान्य वर्ग में आने वाले आर्थिक रूप से कमजोर तबके को नौकरी और शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण देने का फैसला लिया है।
केंद्रीय कैबिनेट के इस फैसले में धर्म की अड़चन नहीं रखी गई है. यानी सामान्य श्रेणी में आने वाले देश के हर गरीब नागरिक को इस व्यवस्था का लाभ मिलेगा उसमें हिंदू से लेकर मुस्लिम और दूसरे धार्मिक अल्पसंख्यक भी शामिल हैं।
सूत्रों के मुताबिक, कैबिनेट में सोमवार को जो फैसला लिया गया है, उसमें आरक्षण की मौजूदा व्यवस्था का फायदा पाने वाले किसी भी जाति वर्ग को इसका लाभ नहीं मिलेगा।यानी ओबीसी या एससीएसटी आरक्षण का जो लोग फायदा उठा रहे हैं वे नई व्यवस्था में शामिल नहीं किए जाएंगे
सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने अपने फैसले को धर्म से परे रखते हुए हर संप्रदाय के सामान्य श्रेणी वाले गरीब को इस आरक्षण का लाभ पहुंचाने का फैसला लिया है।
किन लोगों को मिलेगा फायदा
◆ अगर कोई मुस्लिम सामान्य श्रेणी में आता है और वह आर्थिक रूप से कमजोर है तो उसे 10 फीसदी आरक्षण का फायदा मिलेगा.
◆इनके अलावा दूसरे धार्मिक अल्पसंख्यकों के सामान्य श्रेणी
वाले गरीबों को भी आरक्षण दिया जाएगा।जिनकी सालाना आय 8 लाख से कम हो।
◆जिनके पास 5 हेक्टेयर से कम की खेती की जमीन हो।
◆जिनके पास 1000 स्क्वायर फीट से कम का घर हो।
◆जिनके पास निगम की 109 गज से कम अधिसूचित जमीन हो।
◆जिनके पास 209 गज से कम की निगम की गैरअधिसूचित
जमीन हो।जो अभी तक किसी भी तरह के आरक्षण के अंतर्गत नहीं आते थे
आपको बता दें कि मौजूदा आरक्षण व्यवस्था के तहत अनुसूचित जाति (SC) को 15 फीसदी अनुसूचित जनजाति (ST) को 7.5 फीसदी और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को 27 फीसदी आरक्षण दिया जाता है।यानी कुल 49.5 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था अभी लागू है।
अब सरकार ने इससे अलग सामान्य श्रेणी वाले गरीबों को 10 फीसदी आरक्षण का निर्णय लिया है। इसके लिए सरकार संविधान में संशोधन करने जा रही है।
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