बुधवार, 30 जनवरी 2019

रसोईयों के लिए विभाग का खतरनाक फरमान।



पटना


जैसा कि आप सभी जानते है कि बिहार की सभी रसोईया हड़ताल पर है यैसे में विभाग का  कहना है कि रसोईया-सह-सहायक संघ द्वारा मानदेय वृद्धि एवं 10 माह की जगह 12 माह का मानदेय भुगतान करने के संबंध में बार-बार अनुरोध पत्र प्राप्त हो रहा है। 



रसोईया-सह-सहायक के हड़ताल पर चले जाने के कारण मध्याह्न भोजन योजना बहुत विद्यालयों में बंद होने की सूचना प्राप्त हो रही है। अतः निदेश दिया जाता है कि रसोईया-सह-सहायक द्वारा हड़ताल अवधि में कार्य नहीं किये जाने वाले दिनों का पारिश्रमिक राशि की कटौती करते हुए भुगतान करेंगे। 



यदि अविलम्ब हड़ताल से कार्य पर वापस नहीं आते है, तो उन्हें हटाते हुए नये रसोईया-सह-सहायक का चयन कराना
सुनिश्चित करेंगे।

ऊपर के बटन के पर क्लिक करके पत्र डाउनलोड करे।


रविवार, 27 जनवरी 2019

नियोजित शिक्षकों के वेतन भुगतान में उत्पन्न हो रही है बाधा


पटना


नियुक्ति काल से ही नियोजित शिक्षकों को समय पर वेतन न देने की परंपरा आज भी कायम हैं।उसी परंपरा को बरकरार रखने के लिए सरकार की ओर से नई मुसिबत पैदा कर दी गई हैं।


वर्तमान में अक्तूबर से दिसम्बर 2018 तक का वेतन भुगतान किया जाना हैं,जिसके लिए सरकार ने विभाग को राशि उप्लब्ध करा दी हैं। मगर नियोजित शिक्षकों के वेतन भुगतान में कोटि बाधा बन रही है।SC और सामान्य कोटि के शिक्षकों को अलग-अलग भुगतान किये जाने के निर्देश से विभागी अधिकारी असमंजस की स्थिति में हैं।


पदाधिकारियों के समझ से  बाहर हैं की वेतन भुगतान कैसे किया जाय।जिसका खामियाजा नियोजित शिक्षकों को भुगतान पड़ रहा हैं।

अब शिक्षको के वेतन भुगतान के लिए राज्य स्तरीय अधिकारी से मार्गदर्शन मांगा गया है जिसके प्राप्ति के बाद ही वेतन भुगतान हो पायेगा।


शिक्षकों को वेतन के लिए कुछ दिन और इन्तजार करना पड़ेगा।बिहार सरकार द्वारा नियोजित शिक्षकों को परेशान करना आम बात है।शिक्षकों की क्षमा प्रवृति के कारण सरकार शिक्षकों पर खास नजर नहीं रखती हैं।




बुधवार, 23 जनवरी 2019

बढ़ते ठंड के कारण स्कूल हुवा बंद।




बेतिया



बढ़ती ठंड एवं मौसम के बदलाव को देखते
हुए निलेश राम चंद्र देवरे  जिला दण्डाधिकारी पश्चिम चम्पारण (बेतिया) ने 
सभी सरकारी एवं गैर-सरकारी विद्यालयों में वर्ग षष्टम तक की कक्षाओं में शैक्षणिक कार्य दिनांक 25/01/2019 तक स्थगित रखने का आदेश दिया है।




ऊपर के बटन पर क्लिक करके आप पत्र डॉउनलोड कर सकते है।



नए साल में महिला शिक्षको को मिला विभाग की तरफ से तोहफा।







बिहार शिक्षा परियोजना परिषद की कार्यकारिणी समिति की 2 जनवरी को हुई 82 वी बैठक में विचार करने के बाद यह निर्णय लिया गया कि बिहार शिक्षा परियोजना परिषद् सेवा नियमावली 2010  में प्रावधानित मातृत्व अवकाश की अवधि 90 दिनों से बढ़ा कर 180 दिनों का कर दिया जाए।



यानी कि अब महिला शिक्षको को 90 दिन की जगह 180 दिन का मातृत्व अवकाश वेतन के साथ मिलेगा। 



ऊपर के बटन पर क्लिक करके आप पत्र डाउनलोड कर सकते है।



मंगलवार, 22 जनवरी 2019

महिला शिक्षको के लिए अच्छी खबर।




वैशाली जिला के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने ये निर्देश दिया कि नियमित महिला शिक्षिका के लिये लगातार दो दिनों का विशेष आकस्मिक अवकाश स्वीकृत करने का प्रावधान है, जिसके लिये उस सीमा निर्धारित नहीं है।



इसलिए नियमित या नियोजित महिला शिक्षिकाओं को विशेष आकस्मिक अवकाश स्वीकृत किया जा सकता है। इसमे किसी तरह की कोई परेशानी नहीं है।


ऊपर के बटन पर क्लिक करके आप पत्र डाउनलोड कर सकते है।


सोमवार, 21 जनवरी 2019

राष्ट्र गान जन-गण-मन के एक एक वाक्य का क्या अर्थ होता जानिए इस रिपोर्ट से।


"

जन गण मन अधिनायक जय हे भारत भाग्य विधाता!
पंजाब सिन्ध गुजरात मराठा द्राविड़ उत्कल बंग 
विन्ध्य हिमाचल यमुना गंगा उच्छल जलधि तरंग
तव शुभ नामे जागे, तव शुभ आशिष मागे,
गाहे तव जय गाथा।
जन गण मंगलदायक जय हे भारत भाग्य विधाता!
जय हे, जय हे, जय हे, जय जय जय जय हे।।


वाक्य-दर-वाक्य का क्या अर्थ होता है देखिए

जनगणमन आधिनायक जय हे भारतभाग्यविधाता!

जनगणमन:जनगण के मन/सारे लोगों के मन; अधिनायक:शासक; जय हे:की जय हो; भारतभाग्यविधाता:भारत के भाग्य-विधाता(भाग्य निर्धारक) अर्थात् भगवान जन गण के मनों के उस अधिनायक की जय हो, जो भारत के भाग्यविधाता हैं!




पंजाब सिन्ध गुजरात मराठा द्राविड़ उत्कल बंग
विन्ध्य हिमाचल यमुना गंगा उच्छलजलधितरंग।।

पंजाब:पंजाब/पंजाब के लोग; सिन्धु:सिन्ध/सिन्धु नदी/सिन्धु के किनारे बसे लोग; गुजरात:गुजरात व उसके लोग; मराठा:महाराष्ट्र/मराठी लोग; द्राविड़:दक्षिण भारत/द्राविड़ी लोग; उत्कल:उडीशा/उड़िया लोग; बंग:बंगाल/बंगाली लोग विन्ध्य:विन्ध्यांचल पर्वत; हिमाचल:हिमालय/हिमाचल पर्वत श्रिंखला; यमुना गंगा:दोनों नदियाँ व गंगा-यमुना दोआब; उच्छल-जलधि-तरंग:मनमोहक/हृदयजाग्रुतकारी-समुद्री-तरंग या मनजागृतकारी तरंगें उनका नाम सुनते ही पंजाब सिन्ध गुजरात और मराठा, द्राविड़ उत्कल व बंगाल एवं विन्ध्या हिमाचल व यमुना और गंगा पे बसे लोगों के हृदयों में मनजागृतकारी तरंगें भर उठती हैं




तव शुभ नामे जागे, तव शुभ आशिष मागे
गाहे तव जयगाथा।।

तव:आपके/तुम्हारे; शुभ:पवित्र; नामे:नाम पे(भारतवर्ष); जागे:जागते हैं; आशिष:आशीर्वाद; मागे:मांगते हैं गाहे:गाते हैं; तव:आपकी ही/तेरी ही; जयगाथा:वजयगाथा(विजयों की कहानियां) सब तेरे पवित्र नाम पर जाग उठने हैं, सब तेरी पवित्र आशीर्वाद पाने की अभिलाशा रखते हैं और सब तेरे ही जयगाथाओं का गान करते हैं।




जनगणमंगलदायक जय हे भारतभाग्यविधाता!
जय हे, जय हे, जय हे, जय जय जय जय हे।।

जनगणमंगलदायक:जनगण के मंगल-दाता/जनगण को सौभाग्य दीलाने वाले; जय हे:की जय हो; भारतभाग्यविधाता:भारत के भाग्य विधाता जय हे जय हे:विजय हो, विजय हो; जय जय जय जय हे:सदा सर्वदा विजय हो जनगण के मंगल दायक की जय हो, हे भारत के भाग्यविधाता विजय हो विजय हो विजय हो, तेरी सदा सर्वदा विजय हो ।


उपरोक्‍त राष्‍ट्र गान का पूर्ण संस्‍करण है और इसकी कुल अवधि लगभग 52 सेकंड है।



नियोजित शिक्षकों को मिली हाइकोर्ट से बड़ी जीत।


पटना



विद्वान अधिवक्ता श्री मृत्युंजय कुमार जी के ईमानदार वकालत की बजह से नौकरी से हटा दिए गए जमुई जिले के चकाई प्रखंड के दो शिक्षक भाई रोहित दास और रोहन यादव को माननीय हाई कोर्ट से न्याय दिलवाने में बड़ी सफलता मिली है । 




आपको बता दे कि ये दोनों शिक्षको को आठ साल पहले शिक्षा विभाग ने अमान्य संस्था के आधार पर नौकरी से हटाने का आदेश दिया था ।




न्यायालय में चले लंबे न्यायिक संघर्ष के बाद आज अंतिम सुनवाई के दौरान विद्वान अधिवक्ता श्री मृत्युंजय कुमार के जोरदार व तथ्यात्मक बहस को सुनने के बाद माननीय हाई कोर्ट पटना ने शिक्षा विभाग के नौकरी से हटाने वाले आदेश को खारिज करते हुए रोहन दास और रोहित दास को नौकरी में बहाल रखने और आठ साल का बकाया वेतन भुगतान करने का आदेश पारित कर दिया है ।




आनंद कौशल जी ने कहा कि आज माननीय हाई कोर्ट के आदेश से दोनों शिक्षक भाइयों को मिली शानदार जीत से मेरे मन को बहुत सुकून मिला है । 


आपको बता दे कि अधिवक्ता मृत्युंजय कुमार जी साथ हमेशा शिक्षको को मिलता रहा है। समान काम समान वेतन की लड़ाई में भी इन्होंने शिक्षको का अंत तक साथ दिया है।

शनिवार, 19 जनवरी 2019

बीएड की परीक्षा अब होगी इस दिन से।


पटना


बीआरए बिहार विवि के बीएड सेकेंड ईयर (2017-19) की परीक्षा एक फरवरी से होगी। विवि की ओर से परीक्षा नियंत्रक डॉ. ओपी रमण ने परीक्षा का कार्यक्रम जारी कर दिया गया है।



परीक्षा एक फरवरी से पांच फरवरी तक चलेगी। एक फरवरी को कोर्स7 (बी) की परीक्षा होगी। दो फरवरी को कोर्स8 की परीक्षा होगी। तीन फरवरी को कोर्स9 की परीक्षा होगी। चार फरवरी को कोर्स10 की परीक्षा होगी।

पांच फरवरी को कोर्स11 की परीक्षा होगी। बीएड सेकेंड ईयर (2017-19) के छात्रों के लिए परीक्षा फॉर्म भरने की तिथि विवि ने बढ़ा दी है। परीक्षा नियंत्रक ने कहा कि 23 जनवरी तक छात्र परीक्षा फॉर्म भर सकते हैं। पहले परीक्षा फॉर्म भरने की तिथि 19 जनवरी तक थी।



SCERT डीएलएड परीक्षा रिजल्ट घोषित।जानिए कैसे पता करे रिजल्ट।


पटना


बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनन्द किशोर द्वारा कल दिनांक 18/01/2019 को ERC NCTE से मान्यता प्राप्त एवं बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से सम्बद्धता प्राप्त राजकीय/अराजकीय/डायट/प्राथमिक शिक्षण प्रशिक्षण महाविद्यालयों के डी.एल.एड प्रशिक्षण सत्र 2014-16,2015-17 एवं 2016-18 के वर्ष 2018 में आयोजित परीक्षा के परीक्षाफल की घोषणा की गयी।



परीक्षाफल आज  दिनांक 19.01.2019 से समिति की वेबसाईट पर www.biharboard.online पर उपलब्ध रहेगा ।परीक्षाफल देखने के लिए उक्त वेबसाईट को खोलने पर एक नया पेज खुलेगा। इस पेज पर संबंधित परीक्षार्थी अपना रौल कोड एवं रौल नम्बर अंकित करते हुये परीक्षाफल देख सकते हैं।



आपको बता दे कि समिति द्वारा डी.एलएड, प्रशिक्षण सत्र 2014-16,2015-17 एवं 2016-18 के परीक्षा का आयोजन दिनांक 27/10/2018 से 02.11.2018 के बीच दो पालियों में किया गया था।


इस परीक्षा में कुल 16665 परीक्षार्थी (सत्र 2014-16 में 2704 विद्यार्थी, सत्र=2015-17 में 5417 विद्यार्थी तथा सत्र - 2016-18 में ,544 विद्यार्थी) सम्मिलित हुये थे। कुल 74 विद्यार्थी इस परीक्षा में अनुपस्थित हुये थे तथा 4 विद्यार्थियों को कदाचार के कारण परीक्षा से निष्कासित किया गया था।



इस परीक्षा में 16665 सम्मिलित विद्यार्थियों में से कुल 15291 विद्यार्थी उत्तीर्ण हुये हैं, जिसमें सत्र- 2014-16 में 2,333 विद्यार्थी, सत्र 2015-17 में ,5027 विद्यार्थी तथा सत्र 2016-18 में 7,931 विद्यार्थी सफल हुये हैं।



शुक्रवार, 18 जनवरी 2019

शिक्षको के प्रोन्नति में विभाग ने की हेराफेरी। सकैडो शिक्षको का प्रमोशन अटका।


पटना। 


प्रारंभिक विद्यालयों के सहायक शिक्षकों के की प्रोन्नति तो हो गयी लेकिन पोस्टिंग में हेराफेरी  हो गयी। हेराफेरी का यह मामला शिक्षा विभाग पहुंचा। उसके बाद से प्रोन्नत होने वाले दो सौ से अधिक शिक्षकों की पोस्टिंग अटकी पड़ी है। पूरे मामले को शिक्षा विभाग गंभीरता से देख रहा है। उसके बाद इस मामले में कारवाई होगी। 



आपको बता दे कि की नालंदा मधेपुरा एवं जहानाबाद जिलों में प्रारंभिक विद्यालयों के अर्हताधारी सहायक शिक्षकों की प्रोन्नति प्रधानाध्यापक के पदों पर होनी थी। इस मामले में कोर्ट का आदेश था और इसकी मॉनीटरिंग शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को करना था।



इसके तहत नालंदा जिले के प्रारंभिक विद्यालयों के अर्हताधारी सहायक शिक्षकों की प्रधानाध्यापक के रूप में प्रोन्नति हो गयी। प्रधानाध्यापक के पद पर प्रोन्नत होने वाले शिक्षकों की संख्या दो सौ से ज्यादा है। 



आपको पता होगा कि प्रारंभिक विद्यालयों में सिर्फ मध्य विद्यालयों में ही प्रधानाध्यापक के सृजित पद हैं। यानी, प्रोन्नति से प्रधानाध्यापक बनने वाले दो सौ से अधिक शिक्षकों की पोस्टिंग प्रधानाध्यापक के पदों पर होनी थी।

b>
लेकिनपोस्टिंग की पूरी प्रक्रिया ही विवादों के घेरे में आ गयी। इससे मामला शिक्षा विभाग पहुंच गया। नतीजा यह हुआ कि पोस्टिंग अटकी पड़ी हैविभाग पोस्टिंग में हेराफेरी की शिकायतों को देख रहा है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार स्थानान्तरण के जरिये प्रधानाध्यापक के पद पर पोस्टिंग का मूल नियम कि सबसे पहले आहरण एवं व्ययन।पदाधिकारी के पद की पोस्टिंग होगी, उसके बाद संकुल संसाधन केंद्र के मध्य विद्यालय में और उसके बाद अन्य मध्य विद्यालयों में पोस्टिंग होगी



इस पूरी प्रक्रिया में विशेष  आवश्यकता वाले शिक्षकों, महिला शिक्षकों एवं एक वर्ष में  रिटायर करने वाले शिक्षकों को प्राथमिकता देने का प्रावधान है। इन नियमों का पोस्टिंग में सख्ती से अनुपालन नहीं किया गया।



यह शिकायत शिक्षकों द्वारा शिक्षा विभाग से की गयी। अब यह मामला शिक्षा विभाग के पास लम्बित है। विश्वस्त सूत्रों की मानें, तो ऐसा लगता है। कि जिले द्वारा की गयी कतिपय अनियमितता की वजह से यह मामला सुलझ नहीं पाया है।

आधिकारिक सूत्रों की मानेंतो पोस्टिंग के पूर्व जिले में यह सुनिश्चित होना है कि प्रत्येक प्रखंड में  उपलब्ध रिक्ति के आधार पर समानुपातिक रूप से प्रधानाध्यापकों की पोस्टिंग की जाय ताकि कोई प्रखंड आवश्यक रूप से प्रधानाध्यापक की कमी महसूस नहीं करे।




विभाग ने किया शिक्षको के प्रदेश अध्यक्ष का वेतन बंद।लगाए संगीन आरोप।



मुजफ्फरपुर


परिवर्तन कारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री बंशीधर ब्रजवासी,एवं संगठन प्रभारी मंत्री  श्री लखन लाल निषाद पर विभाग ने  सरकारी कार्यों में व्यवधान डालना पदाधिकारी के साथ दुर्रव्यवहार करना धरना प्रदर्शन करवाना, गलत कार्य के लिए दवाब बनाना,



विद्यालय में बिना कार्य हुए वेतन प्राप्त करना एवं अपने संघ के प्रतिनिधि शिक्षक से नियोजित शिक्षकों का प्रखण्ड स्तर पर अनियमित वेतन निर्माण का कार्य करवाते हुए राशि गबन कराने का प्रयास करने का आरोप लगाया गया है।



विभाग का कहना है कि अधोहस्ताक्षरी को भी धरना प्रदर्शन के माध्यम से प्रताड़ित किया गया है। और क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक, तिरहुत प्रमंडल मुजफ्फरपुर के कार्यालय प्रकोष्ठ में वार्ता के समय उपस्थित पदाधिकारियों के साथ गाली-गलौज कर कुर्सी एवं दरवाजे को तोड़ने का आरोप लगया गया है।



विभाग ने तत्काल प्रभाव से इन दोनो शिक्षकों पर कठोर अनुशासनिक कार्रवाई करते हुए अगले आदेश तक वेतन स्थगित करने का आदेश जारी कर दिया है।


आपको बता दे कि विभाग से अपनी मांगों को मनवाने के लिए हमेशा शिक्षको को धरना प्रदर्शन करना पड़ता है और यैसे में विभाग द्वारा संगठन पर इस तरह का आरोप लगाना कितना न्याय संगत है ये तो समय ही बताएगा।


ऊपर के बटन पर क्लिक करके पत्र डॉउनलोड कर सकते है।



गुरुवार, 17 जनवरी 2019

40 स्कूलों को करेगा विभाग बंद।




सिवान जिले में शिक्षा व्यवस्था की हालत खराब है। इसका मूल कारण है। कि कई स्कूलों में बच्चे ही नहीं हैं। जबकि ऐसे स्कूलों में शिक्षकों की संख्या अच्छी खासी है। 

जिले के पचरुखी प्रखंड के नया प्राथमिक विद्यालय, घोड़गहिया दुसाधपट्टी स्कूल का अपना भवन भी है, लेकिन वहां पर केवल 6 बच्चों का ही एडमिशन है। 6 बच्चों को पढ़ाने के लिए एक शिक्षक भी हैं। जब शिक्षक को घरेलू काम पड़ता है या वे बीमार पड़ते हैं तो स्कूल को बंद करना पड़ता है।



इसी तरह एनपीएच जसौली मुर्गियाटोला में 20 बच्चों का एडमिशन है। लेकिन इस स्कूल में 5 शिक्षक पदस्थापित इस तरह वहां पर 4 बच्चों पर एक शिक्षक पदस्थापित हैं। 



आदर प्रखंड के प्राइमरी स्कूल दोआब में मात्र 31 बच्चे नामांकित हैं। जबकि यहां पर 7 शिक्षक पदस्थापित हैं। इस तरह यहां पर भी 4 बच्चों पर एक शिक्षक पदस्थापित हैं। इसी तरह शिक्षा विभाग ने जिले के 40 ऐसे स्कूलों की सूची जारी कर दी है, जहां पर बच्चों की संख्या काफी कम है। 



इस किसी भी स्कूल में 40 बच्चे नहीं है। यानी की इन 40 स्कूलों में 1344 बच्चे नामांकित हैं। जबकि 133 शिक्षक पदस्थापित हैं।






दो दर्जन शिक्षको का विभाग ने किया वेतन बंद


पश्चिम चंपारण जिले के नियोजित शिक्षकों के निगरानी जांच में 25 शिक्षकों का शैक्षणिक प्रमाण पत्र फर्जी मिला है। डीपीओ स्थापना संजीव कुमार ने बताया कि फर्जी मिले प्रमाण पत्र वाले शिक्षकों का वेतन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया गया है।




डीपीओ ने बताया कि फर्जी प्रमाण पत्र मिलने वालों में मझौलिया प्रखंड के  19 शिक्षक वहीं सिकटा प्रखंड के 3 शिक्षक ,गौनाहा के 1शिक्षक,लौरिया प्रखंड के 1 शिक्षक,बगहा-2 प्रखंड के 1शिक्षक है। यानी कुल मिलाकर 25 शिक्षक है।





डीपीओ ने बताया कि दो दर्जन और शिक्षकों का प्रमाण पत्र जांच से वापस आना है। इसमें भी अधिकतर प्रमाण पत्र फर्जी ही मिला है।



उन्होंने बतया कि फर्जी मिले शिक्षकों पर एफआईआर दर्ज करके कार्रवाई की जाएगी। श्री कुमार ने बताया कि दोषी शिक्षकों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि अभी भी शिक्षकों के  सर्टिफिकेट की जांच चल रही है।


सोमवार, 14 जनवरी 2019

उपेन्द्र कुशवाहा ने शिक्षको के लिए की समान काम समान वेतन की मांग।


पटना। 


सांसद एवं पूर्व कें द्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा अब नियोजित शिक्षकों के पक्ष में बोलने लगे हैं । नियोजित शिक्षकों के पक्ष में उनके बोल पर परिवर्तनकारी शिक्षक संघ ने उन्हें धन्यवाद दिया है ।



उल्लेखनीय है कि सर्वण आरक्षण बिल पर बहस के दौरान श्री कुशवाहा द्वारा कही गयी यह बात कि बिहार के नियोजित शिक्षकों को एक से सौ तक की गिनती नहीं आती पर नियोजित शिक्षक भड़क उठे थे । 



नियोजित शिक्षक संगठनों ने कहा था कि अपने वक्तव्य पर श्री कुशवाहा ने अगर खेद व्यक्त नहीं किया तो उनका विरोध किया जायेगा। परिवर्तनकारी शिक्षक संघ ने फुउनका पुतला फूका था।




परिवर्तनकारी शिक्षक संघ के महासचिव आनंद मिश्रा ने बताया कि श्री कुशवाहा ने रविवार को मोतिहारी में नियोजित शिक्षकों को समान काम के बदले समान वेतन दे ने की मांग की। उन्होंने इसका स्वागत किया है ।


रविवार, 13 जनवरी 2019

उपेंद्र कुशवाहा के काफिले के दौरान शिक्षकों व कार्यकर्ताओं के बीच शनिवार को जमकर हंगामा हुआ है।


मुजफ्फरपुर। 

समस्तीपुर में रालोसपा प्रमुख व पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा के काफिले के दौरान शिक्षकों व कार्यकर्ताओं के बीच शनिवार को जमकर हंगामा हुआ है। 

इस दौरान उनके बीच मारपीट हुई। इसके बाद रोड शो में अफरातफरी मच गई। हंगामा उस वक्त हुआ जब रोड शो का काफिला ओवरब्रीज चौक के समीप से गुजर रहा था। 




जानकारी के अनुसार रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा का समस्तीपुर में रोड शो का कार्यक्रम निर्धारित था। इस दौरान रोड शो निकाला गया जहां कुशवाहा के काफिले को टीईटी पास शिक्षकों ने रोक दिया और जमकर प्रदर्शन करने लगे।



इससे पार्टी कार्यकर्ताओं का आक्रोश बढ़ गया और दोनों के बीच झड़प शुरू हो गई जो मारपीट में बदल गई। इसके बाद जमकर हंगामा भी हुआ। टीइटी शिक्षकों ने पार्टी कार्यकर्ताओं पर महिला शिक्षक अभ्यर्थियों के साथ बदसलूकी करने का भी आरोप लगाया। 



शिक्षकों में उपेंद्र कुशवाहा द्वारा केंद्रीय मंत्री रहते संसद में शिक्षकों के प्रति दिए गए बयान से आक्रोश है।


सरकारी स्कूलों को मिलेगी एक लाख रुपये की विकाश राशि।देखिए एक रिपोर्ट।


पटना


राज्य के 73838 सरकारी स्कूलों को 'समग्र विद्यालय अनुदान मिलेगा। इसमें 68237आठवीं तक की पढ़ाई वाले तथा 5601 दसवीं से बारहवीं कक्षा तक की पढ़ाई वाले हैं ।

समग्र विद्यालय अनुदान के रूप में स्कूलों को साढ़े 12 हजार रुपये से लेकर एक लाख रुपये तक मिलेंगे। यह राशि स्वीकृति के साथ ही जिलों को जारी कर दी गयी है।



वैसे स्कूल जहां नामांकित छात्र छात्राओं की संख्या 15 तक है, को साढ़े 12 हजार रुपये मिलेंगे। इसमें से साढ़े 12 सौ रुपये की राशि स्वच्छता कार्ययोजना हेतु होगी । दूसरी ओर जहां नामांकित छात्र-छात्राओं की संख्या एक सौ तक होगी, उसे 25 हजार रुपये मिलेंगे।इसमें से ढाई हजार रुपये की राशि स्वच्छता कार्ययोजना के लिए होगी। 



जहां नामांकित छात्र-छात्राओं की संख्या ढाई सौ तक होगी, उसे 50 हजार रुपये मिलेंगे। इसमें से पांच हजार रुपये की राशि स्वच्छता कार्ययोजना के लिए होगी। इससे तरह जहां नामांकित छात्र-छात्राओं की संख्या एक हजार तक होगी, उसे 75 हजार रुपये मिलेंगे। इसमें से साढ़े सात हजार रुपये की राशि स्वच्छता कार्ययोजना के लिए होगी।



इसी प्रकार जहां नामांकित छात्र-छात्राओं की संख्या एक हजार से अधिक होगी, उसे एक लाख रुपये मिलेंगे। इसमें से 10 हजार रुपये की राशि स्वच्छता कार्ययोजना के लिए होगी। 

आपको बता दे कि सरकारी स्कूलों के लिए समग्र विद्यालय अनुदान की राशि समग्र शिक्षा कार्यक्रम के तहत स्वीकृत हुई है। सर्व शिक्षा अभियान राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान तथा शिक्षक शिक्षा का विलयन कर 'समग्र शिक्षा' के नाम से केंद्र द्वारा नया कार्यक्रम शुरू किया गया है। 

शनिवार, 12 जनवरी 2019

15 जनवरी को खुला रहेगा विद्यालय।देखिए एक रिपोर्ट



बेतिया




राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहारपटना के पत्रांक 788 दिनांक 2811 2018 के आलोक मे दिनांक 15/01/2019 से खसरा रुबेला टीकाकरण अभियान में आपकी सहभागिता अनिवार्य है।




आपको बता दे कि दिनांक 15/01/2019 को मकर संक्रान्ति के अवसर पर पूर्व से अवकाश घोषित है। दिनांक 15/01/2019 से खसरा=रुबेला टीकाकरण अभियान सफल संचालन हेतु दिनांक 15/01/2019 को विद्यालय खुला रहेगा। 




दिनांक 15/01/2019 का अवकाश बाद में सामजित कर दी जाएगी।इसलिए अभियान के सफल संचालन हेतु स्वास्थ्य विभाग एवं समेकित बाल विकास परियोजना के साथ समन्वय स्थापित कर अपेक्षित सहयोग प्रदान करना सुनिश्चित करेंगे।

ऊपर के बटन पर क्लिक करके पत्र डाउनलोड करे

मध्यान भोजन कर्मियों का बढ़ गया वेतन।


पटना



राज्य में मध्यान भोजन योजना की मॉनिटरिंग एवं मैनेजमेंट से जुड़े अधिकारी कर्मचारियों का वेतन बढ़ गया है। इनमें राज्य मुख्यालय से लेकर प्रखंड स्तर तक के अधिकारी कर्मचारी शामिल हैं ।



अधिकारी-कर्मचारियों के वेतन में चार हजार रुपये से लेकर आठ हजार रुपये तक का इजाफा हुआ है । खास बात यह है कि अधिकारी-कर्मचारियों को वेतनवृद्धि का लाभ एक अप्रैल 2018 से ही मिलेगा।



मध्याह्न भोजन योजना के अधिकारी कर्मचारियों के वेतनवृद्धि के प्रस्ताव पर शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा की मंजूरी मिल गयी है। अब सिर्फ कार्यालय आदेश जारी होने की औपचारिकता भर बाकी है। आदेश मध्याह्न भोजन निदेशालय द्वारा आदेश जारी होने ही वाला है।



वेतनवृद्धि के इस लाभ से राज्य में मध्याह्न भोजन योजना की मॉनिटरिंग एवं मैनेजमेंट से जुड़े निदेशालय से लेकर प्रखंड स्तर तक के तकरीबन 700 अधिकारी-कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले है।




हालांकि, मध्याहन भोजन योजना के उपनिदेशक जितेंद्र कुमार झा ने बताया कि योजना की मॉनिटरिंग एवं मैनेजमेंट से जुड़े निदेशालय स्तर से लेकर प्रखंड स्तर तक के जिन अधिकारी कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि का फैसला लिया गया है, उन सबों की बहाली वर्ष 2007-2008 में ही हुई थी।तब से लेकर इन अधिकारियों की जानकारी मांगी गयी है ।



शुक्रवार, 11 जनवरी 2019

समान काम समान वेतन के फैसले को लेकर जगी एक उम्मीद।



नई दिल्ली



सुप्रीम कोर्ट नई दिल्ली से हमारे AOR एस०के०दिवाकर जी ने फोन द्वारा सूचना दिया की हर्षपूर्वक शीघ्र इंतजार होगा खत्म ।






माननीय सर्वोच्च न्यायालय में जस्टिस ए.ऐम.सप्रे साहब और जस्टिस यू.यू.ललित साहब दिनांक 14-01-2019 को कोर्ट नम्बर 07 में एक साथ बैठ रहे है।सप्लीमेंट्री Couse List शनिवार को निकल सकता है। जिसमे बिहार के सभी नियोजित शिक्षकों के लिए "समान काम समान वेतन" का बहुप्रतीक्षित जजमेंट के लिए समय निर्धारित होने की प्रबल संभावना बनती है।

गुरुवार, 10 जनवरी 2019

उपेन्द्र कुशवाहा के अपमान का शिक्षको ने भी दिया मुँहतोड़ जवाब।


बिहटा


पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा के द्वारा लोकसभा में बिहार के शिक्षकों को गिनती नही आने की बात पर कल बिहटा में आक्रोशित नियोजित शिक्षकों ने परिवर्तनकारी शिक्षक संघ के आहवान पर श्री उपेंद्र कुशवाहा का पुतला दहन किया और 100 जूता भी पुतले पर मेरे।यह पुतला दहन बिहटा रेलवे ओवर ब्रिज के पास किया गया।



आपको बता दे कि सैकड़ो की संख्या में मौजूद शिक्षकों ने उपेंद्र कुशवाहा होश में आओ ,शिक्षकों का अपमान बंद करो,शिक्षक और शिक्षा से खिलवाड़ बन्द करो आदि नारे लगाते हुए आक्रोश प्रदर्शित किया। 



कार्यक्रम का संचालन अध्यक्ष अमित कुमार, विजय यादव ने किया सभा को सम्बोधित करते हुए संघ के प्रदेश महासचिव आनंद मिश्रा ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा का बयान निंदनीय है और अपमान जनक है।



अमित कुमार के कहा कि  वे खुद कुछ किये नही बल्कि जब वे केंद्र में शिक्षा मंत्री थे तो सिर्फ व्यक्तिगत हित में सरकार का इस्तेमाल किए और चुनाव के समय अपने किये गए पापो का ठीकरा बिहार के शिक्षकों के ऊपर डाल रहे। 



बिहार के शिक्षक अपना अपमान कतई बर्दाश्त नही करेंगे उनका बिहार में हर जगह विरोध किया जाएगा जब तक वो माफी न मांग लेते है। संगठन ने कल पूरे बिहार में एक साथ उनका पुतला दहन किया।



पुतला दहन के समय मधुलिका, रेणु कुमारी,सुनीता कुमारी, मनीष कुमार,सुमेंदर,शिव शंकर,राहुल, पिंटू,केशव वर्मा, उपेंद्र मांझी छोटे लाल मुन्ना पांडे,जितेंद्र,अशोक,अरविंद,रामप्रवेश यादव सहित अन्य शिक्षक भी उपलब्ध थे। 




अब शिक्षक नहीं बनवाएंगे मध्यान भोजन।सरकार कर रही है दूसरी व्यवस्था


पटना

विद्यालयों में मध्याह्न भोजन बनवाने का जिम्मा अब शिक्षकों के कंधे से हटा कर जीविका दीदी को दिया जाएगा। शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य यानी एमडीएम से हटाने की मांग पर निदेशालय ने संज्ञान लेते हुए यह निर्णय लिया है।


आपको बता दे कि ट्रायल पर दो जिलो में एक एक प्रखंड को चुना गया है, जहां एक फरवरी से जीविका 3 माह तक मध्याह्न भोजन संचालित करेंगी। इसकी सफलता के बाद निदेशालय सभी प्रखंडों को जीविका के हवाले करेगा। 

जीविका ने खुद सर्वे कर मुजफ्फरपुर के मुरौल व जहानाबाद के घोसी प्रखंड को एमडीएम संचालन के लिए चुना है।पटना में सोमवार को इस संबंध में एमडीएम निदेशक ने जीविका पदाधिकारियों और मुजफ्फरपुर व जहानाबाद के डीपीओ एमडीएम,डीपीएम और बीआरपी के साथ बैठक की। 

डीपीओ एमडीएम शर्मिला राय ने बताया, लंबे  समय से शिक्षकों को एमडीएम कार्य से अलग करने की मांग हो रही थी। जिस पर निदेशक ने यह निर्णय लिया है।

मुरौल प्रखंड को ट्रायल के लिए चुना गया  है। जिसके 74 विद्यालयों में फरवरी से जीविका दीदी की  निगरानी में भोजन बनेगा इसके लिए जीविका दीदी को 0ने प्रशिक्षण दिया जाएगा।

एमडीएम मद में मिलने वाली राशि निदेशालय से सीधे जीविका के मुख्यालय को दी जाएगी, जो जिले के जीविका कार्यालय और वहां से। संबंधित प्रखंड को हस्तांतरित होगी। चावल पुराने सिस्टम से हा स्कूल पहुचगाजिसे हेडमास्टर और जीविका दीदी संयुक्त रूप से प्राप्त करेंगी। शेष राशन उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी जीविका की होगी।

बुधवार, 9 जनवरी 2019

हाइकोर्ट के इस आदेश से शिक्षा विभाग के अधिकारियों की उड़ गई नींद।


पटना


सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 34540 शिक्षकों की नियुक्ति किये जाने के आदेश के बावजूद बिहार कर्मचारी चयन आयोग द्वारा 2213 शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं की जा सकी है। 




आवेदन लिये जाने और मेधा सूची वेबसाइट पर भी डाल दिये जाने के बावजूद नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं किये जाने पर हाईकोर्ट ने आदेश का पालन किये जाने तक बिहार सरकार के अधिकारियों के वेतन पर रोक लगा दी है।



आपको बता दे कि  सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 34540 शिक्षकों की नियुक्ति करनी थी।वरीयता के आधार पर 32327 शिक्षकों की नियुक्ति हो गयी है। लेकिनशेष बचे 2213 शिक्षकों की नियुक्ति अब तक नहीं हो सकी है। 




पटना हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि शेष बचे हुए शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया हर हाल में आठ अप्रैल 2019 तक बिहार कर्मचारी चयन आयोग द्वारा कर ली जाये।



अगर आठ अप्रैल 2019 तक शेष बचे हुए शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी नहीं की जाती है तो कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन सेक्रेटरी समेत बिहार सरकार के संबंधित अधिकारी शिक्षा विभाग के प्रिंसिपल,सेक्रेटरी,एडिशनल सेक्रेटरी और प्राइमरी एजुकेशन के डायरेक्टर के वेतन भुगतान पर रोक लगाने का आदेश दिया है।


टोला सेवको और तालिमी मरकजो को नियिजित शिक्षको की तरह मिलेगा अवकाश।



पटना

प्रधान सचिव शिक्षा विभाग, बिहार पटना के पत्रांक 1570 दिनांक-23/07/2018 के आदेशानुसार शिक्षा सेवक /शिक्षा स्वयंसेवी को कलेंडर वर्ष में 12 बारह दिनों का आकस्मिक अवकाश देय होगा। आपको बता दे कि विद्यालय के प्रधानाध्यापक के द्वारा आकस्मिक अवकाश की स्वीकृति दी जायेगी। 



महिलाओं को 90 (नब) दिनों का मातृत्व अवकाश प्रधानाध्यापक की अनुशंसा पर अधोहस्ताक्षरी द्वारा स्वीकृति किया जाएगा। यह सुविधा मात्र दो बच्चों तक ही देय होगी। 



टोला सेवको और तालिमी मरकजो को साल में अधिकतम 30 (तीस) दिनों का अवैतनिक अवकाश, गंभीर स्वास्थ्य समस्या या अन्य परिस्थिति में प्रधानाध्यापक की अनुशंसा पर अधोहस्ताक्षरी द्वारा देय होगा। 



ग्रीष्मावकाश एवं अन्य बड़ी छुट्टियों में विद्यालय जाने का कार्य बंद रहेगा, परन्तु कोंचिग क्लास एवं माताओं को पढ़ाने का कार्य जारी रहेगा। 


आपको बता दे कि रविवार/उर्दू विद्यालय के लिए शुक्रवार के दिन तथा महत्वपूर्ण पर्व त्योहारों के दिन जिसमें टोला के लोग शामिल होते हो उसी दौरान कोंचिग एवं माताओं के शिक्षण का कार्य स्थगित रहेगा।



ऊपर के बटन पर क्लिक करके के पत्र डॉउनलोड करे