गुरुवार, 8 नवंबर 2018

बिहार के स्कूलों में कमियों के बावजूद शिक्षक करते है मेहनत:-भारत सरकार




भारत सरकार की ओर से कराये गए नेशनल एचीवमेंट सर्वे में ये बताया गया कि बिहार में स्कूल में कमियों के बावजूद शिक्षक मेहनत करते है।



बिहार में स्कूल नियमित खुलते हैं। 92 फीसदी छात्र और शिक्षक स्कूल भी आते हैं।क्लास रूम में शिक्षक जो पढ़ाते हैं वो 88 फीसदी छात्रों को समझ में भी आता है।




लेकिन आपको बता दे कि बिहार में 50 फीसदी शिक्षक अपने काम से संतुष्ट नहीं है।

शिक्षकों के ऊपर दूसरे कामों का बोझ इतना अधिक है कि वे शिक्षक बने नहीं रहना चाहते हैं। शिक्षकों की ये बातें एनसीईआरटी के नेशनल एचीवमेंट सर्वे 2017-18 में निकल कर सामने आयी हैं।




सर्वे के अनुसार यह स्थिति तीसरी पांचवीं और आठवीं तीनों ही कक्षाओं के शिक्षकों की है।
 
सर्वे के अनुसार तीसरी कक्षा के 81फीसदी छात्र क्लास रूम की पढ़ाई समझते हैं। वहीं 5वीं के 83 फीसदी और 8वीं के 88 फीसदी छात्र अपनी पढ़ाई क्लास रूम के भरोसे ही करते हैं। 




राज्यभर के 88 फीसदी शिक्षकों को राज्य सरकार की शिक्षा संबंधित मेटेरियल आदि की जानकारी है।राज्य के सभी योजनाओं आदि से भी शिक्षक अवगंत हैं।

इस सर्वे 2017-18  में प्रदेशभर के 14,777 शिक्षकों कोशामिल किया गया था। इसमें तीसरी क्लास के 4494, पांचवीं के 4798 और 8वीं क्लास के 5485 शिक्षक शामिल थे।





शिक्षकों के लिए भी एनसीईआरटी ने अलग से प्रश्नावली बनायी थी। जिसका शिक्षको ने अच्छे से जवाब दिया जिससे ये साबित हो गया कि अधिकतर शिक्षकों को अपने विषय की पूरी तरह जानकारी है।





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