पटना।
पेंशन की पुरानी व्यवस्था की बहाली के लिए संसद मार्च में हिस्सा लेने बिहार के पांच हजार शिक्षक दिल्ली जायेंगे। इसमें चौंतीस हजार पांच सौ चालीस ' कोटि के प्रारंभिक शिक्षकों के साथ ही नियोजित शिक्षक एवं पुस्तकालयाध्यक्ष भी होंगे।
पेंशन की पुरानी योजना की बहाली के लिए ऑल टीचर्स इम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन (अटेवा) ने 26 नवम्बर को नयी दिल्ली में जंतर-मंतर पर संसद मार्च का आह्वान किया है।
26 नवम्बर को संविधान दिवस है।'चौंतीस हजार पांच सौ चालीस '-कोटि के शिक्षकों का संगठन ‘बिहार राज्य शिक्षक महासंघ, नियोजित शिक्षकों का संगठन बिहार शिक्षक संघर्ष समिति' एवं पुस्तकालयाध्यक्षों का संगठन बिहार राज्य पुस्तकालय संघ के साथ विभिन्न संगठनों की संसद मार्च' में भागीदारी होगी।
इसकी तैयारियों को लेकर बिहार शिक्षक संघर्ष समिति के आह्वान पर (धवार को यहां विभिन्न संगठनों की हुई।
इसकी अध्यक्षता समिति के प्रवक्ता संतोष श्रीवास्तव एवं राज्य प्रतिनिधि शिवनारायण पाल ने की। बैठक के बाद शिवनारायण पाल एवं बिहार राज्य शिक्षक महासंघ के
अध्यक्ष नंदकिशोर ओझा ने दावा किया कि तकरीबन पांच हजार से ऊपर शिक्षक दिल्ली जायेंगे।
बैठक में डॉ. महेश कुमार, अरुण कुमार, धनंजय मिश्रा, शंभु कुमार, राजेश कुमारसिंह एवं मीडिया प्रभारी गौरी शंकर भी
शामिल थे।
बैठक में इस बात पर चिंता जतायी गयी कि चौंतीस हजार पांच सौ चालीस'-कोटि के प्रारंभिक शिक्षकों सहित राज्य के तकरीबन चार लाख नियोजित शिक्षक एवं पुस्तकालयाध्यक्ष पेंशन की पुरानी योजना के दायरे में नहीं हैनियोजित शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों के लिए पेंशन के नाम पर यूटीआई पेंशन योजना शुरू कर सिर्फ खानापूरी की गयी है।
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