पटना।
टीईटी उर्दू-बांग्ला अभ्यर्थियों के मामले में पटना उच्च न्यायालय के फैसले को राज्य सरकार द्वारा एसएलपी के जरिये सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी गयी है।
बिहार विधान परिषद में प्रतिपक्ष के नेता रह चुके प्रो.गुलाम गौस, जो कारवान-ए-उर्दू के संयोजक है, ने बुधवार को बताया कि टीईटी उर्दू -बांग्ला अभ्यर्थियों को प्रत्येक त्रुटिपूर्ण प्रश्न के बदले एक नम्बर देने के निर्णय को गलत करारते हुए 13 त्रुटिपूर्ण प्रश्नों को प्रश्नपत्र से विलोपित करने का आदेश पटना उच्च न्यायालय ने दिया था।
इससे तकरीबन 12 हजार अभ्यर्थी पुनः फेल हो गये। इस मुद्दे पर गत अप्रैल के पहले हफ्ते में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों की बैठक हुई ।
उसमें शिक्षा मंत्री के साथ ही प्रो. गुलाम गौस एवं पूर्व मंत्री अब्दुल गफूर भी शामिल हुए थे । बैठक में सर्वोच्च न्यायालय में जाने का निर्णय लिया गया था।
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