शुक्रवार, 30 नवंबर 2018

पारा शिक्षकों का मानदेय बढ़ाने के बाद भी नहीं टूटेगा हड़ताल।



झारखंड

राज्य सरकार ने पारा शिक्षकों का मानदेय बढ़ा दिया है। इसके लिएराज्य सरकार ने आदेश दे दिया है। झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के परियोजना निदेशक उमाशंकर सिंह ने भी इस संबंध में निर्देश जारी कर दिया है।


इस संबंध में जल्द अधिसूचना जारी होने की उम्मीद है।बढ़ा हुए मानदेय की अधिसूचना जारी होती है तो क्लास छह से आठ तक के लिए टेट पास व प्रशिक्षित पारा शिक्षकों को जहां 12 हजार रुपये हर माह मानदेय मिलेगा, वहीं कक्षा एक से पांच तक के लिए टेट पास व प्रशिक्षित पारा शिक्षकों को 11हजार दिए जाएंगे। 



पारा शिक्षकों को अधिसूचना जारी होने की तारीख से बढ़ा हुआ मानदेय मिलेगा। पारा शिक्षकों के मानदेय में बढ़ोतरी केके खंडेलवाल कमेटी की अनुशंसा के आधार पर की गई है। 


क्लास छह से आठ तक के लिए टेट पास प्रशिक्षित पारा शिक्षकों के मानदेय में 1836 और प्रशिक्षित शिक्षकों के मानदेय में 320 रुपये बढ़ोतरी हुई है। वहीं एक से पांच तक के लिए टेट पास प्रशिक्षित पारा शिक्षकों के मानदेय में 1562 रुपये और प्रशिक्षित का 246 रुपये बढ़ोतरी की गई है। अप्रशिक्षित पारा शिक्षकों के मानदेय किसी प्रकार की बढ़ोतरी नहीं की है।




जारी रहेगी हड़ताल


एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोचनेराज्य सरकार की ओर से मानदेय में की गई बढ़ोतरी को मामूली बताया है। मोर्चा के शिक्षकनेताओं का कहना है कि मानदेय में बढ़ोतरी का शिक्षकों के आंदोलन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। हड़ताल जारी रहेगी। सरकार जब तक वेतनमान और सेवा स्थायी नहीं करती है तब तक आंदोलन चलता रहेगा। बुधवार को भी
चौथे दिन सांसदों मंत्रियों व विधायकों के आवाश के बाहर पारा शिक्षक डटे रहे।


गुरुवार, 29 नवंबर 2018

समान काम समान वेतन का फैसला बन कर तैयार। देखिए एक रिपोर्ट




माननीय यू यू ललित जी के साथ कार्य करने वाले एवं बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चैयरमैन मनन मिश्रा जी  ने बताया कि समान काम समान वेतन से सम्बन्धित फैसला लिखकर तैयार है लेकिन फैसला देने की तारीख माननीय मुख्य न्यायाधीश महोदय के कार्यालय से तय की जाती है ।



प्राथमिकता के आधार पर चीफ जस्टिस महोदय के द्वारा जो महत्वपूर्ण मामले हैं उसकी सुनवाई के लिए तारीख तय की जाती है। उन्होंने बताया कि हम लोगों के साथ सुनवाई की गई कई मामलों के फैसले आ रहे हैं जैसे यूपी के प्राथमिक एवं सब इंस्पेक्टर के मामले आदि। 



इसकी सुनवाई माननीय न्यायाधीश यू यू ललित साहब ने की थी । यह तय है कि फैसला सभी तरह के नियोजित शिक्षकों के पक्ष में ही आने वाला है एवं सबको समान कार्य समान वेतन भी मिलने वाला है ।

आपको बता दे की अगर कल फैसला होने वाला है तो आज संबंधित वकील के मोबाइल पर मैसेज चला जाता है और एक घंटे के लिए हाफ टाइम के बाद बेंच बना दिया जाता है।

सभी गुरुजनों से आग्रह है कि धैर्य बनाए रखे और समय का इंतजार करें।

विभाग ने जारी किया पत्र ,अनुकंपा शिक्षक हुए खुश।






जैसा कि आप सभी जानते है कि दिनांक 31.3.2015 के बाद अनुकम्पा के आधार पर नियोजित अप्रशिक्षित शिक्षकों की सेवा समाप्ति का निदेश दिया गया था। 

इस आलोक में विभिन्न जिलों में इस कोटि के शिक्षकों को सेवा से हटाने की कार्रवाई की गयी। ऐसे शिक्षकों द्वारा माननीय उच्च न्यायालय पटना में अनेक वाद दायर किया गया है।


इसी विषय पर माननीय उच्च न्यायालय पटना में प्रमोद कुमार मिश्र द्वारा दायर याचिका  एवं  बनाम बिहार राज्य मामले में  फैसला सुनाते हुए  कोर्ट ने सरकार के आदेश को स्थगित कर दिया  है।और अगले आदेश तक सरकार का यह आदेश स्थगित रहेगा।

इस आदेश के आलोक में विभाग ने एक पत्र जारी किया है जिसमे स्थगित की बात साफ साफ कही गई है।

पत्र डाऊनलोड करने के लिए ऊपर दिए गए बटन पर क्लिक करे।




शिक्षको के 2019 के कैलेंडर की छुट्टी में हुई भारी कटौती।




राज्य सरकार ने सरकारी कार्यालयों में अगले वर्ष होने वाली  छुट्टियों को स्वीकृत कर दिया है। वर्ष का 2019 कैलेंडर में 27 दिन सार्वजनिक अवकाश रहेंगे । गुरु नानक जयंती पर भी सार्वजनिक अवकाश रहेगा। नए वर्ष की छुट्टियों के कैलेंडर को राज्य मंत्रिमंडल ने स्वीकृति दे दी है ।



मत्रिमंडल सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक कुल 17 प्रस्ताव पर स्वीकृति दी गई।नए वर्ष की सरकारी छुट्टियों में वर्ष 2018 की अपेक्षा सात दिन की कटौती हो गई है।


यह कटौती रविवार पड़ने की वजह से हुई है। रविवार को जो छुट्टियां पड़ रही हैं उनमें गुरु गोबिंद सिंह जयंती,बसंत पंचमी,अंबेडकर जयंती, शत्र-ए-बारातऔर छठ पूजा शामिल हैं।2018 कुल 34 सार्वजनिक अवकाश थे।


विलम्ब से आने वाले शिक्षको का स्वत: आकस्मिक अवकाश होगा स्वीकृत।



राज्य के कार्यालयों में अनुशासन बनाये रखने तथा प्रशासनिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए सभी कार्यालयों में अधिकारियों एवं कर्मचारियों की दैनिक उपस्थिति दर्ज करने हेतु बायोमैट्रिक प्रणाली लागू करने की प्रक्रिया शरू हो चुकी है।




प्रथम चरण में सचिवालय (सभी निदेशालय सहित) एवं दूसरे चरण में प्रमंडलीय युक्त कार्यालय प्रक्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक एवं क्षेत्रीय उपमहानिरीक्षक कार्यालय सहित जिला समाहरणालय (वरीय पुलिस अधीक्षक पुलिस अधीक्षक कार्यालय सहित) एवं प्रखंड तथा अंचल में बायोमेट्रिक प्रणाली द्वारा उपस्थिति दर्ज करने की व्यवस्था स्थापित की जाएगी।



इसके लिए गृह विभाग परियोजना की स्वीकृति, कार्यान्वयन तथा राशि का आवंटन सुनिश्चित करायेगा।इस कार्य हेतु बेल्ट्रॉन को कार्यकारी एजेंसी नियुक्त किया गया है। 


प्रथम चरण में ही उच्च विद्यालयों को भी शामिल किया जाएगा। उच्च विद्यालयों में बायोमेट्रिक प्रणाली लगाने का उत्तरदायित्व शिक्षा विभाग का होगा। शिक्षा विभाग ही बेल्ट्रॉन से परियोजना प्रतिवेदन एवं प्रस्ताव प्राप्त करेगा तथा राशि आवंटित कर कार्यान्वयन का पर्यवेक्षण करेगा।



इसके साथ प्रथम चरण में ही प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, अनुमंडलीय अस्पताल एवं जिला अस्पताल भी लिए जाएंगे स्वास्थ्य विभाग इसके लिए बेल्ट्रॉन से परियोजना प्रतिवेदन एवं प्रस्ताव प्राप्त तथा राशि कर कार्यान्वयन का पर्यवेक्षण करेगा



माह के किसी निर्धारित तिथि तक (यथा- प्रत्येक माह की 25 तारीख को उपस्थिति की विवरणी प्राप्त की जा सके। साथ ही विलम्ब से आने वाले कर्मियों को स्वत: आकस्मिक अवकाश स्वीकृत करने का प्रावधान होगा।




बुधवार, 28 नवंबर 2018

शिक्षक बनने के लिए डीएलएड या बीएड करने की जरूरत नहीं।




नईदिल्ली



सरकारी स्कूल में अध्यापक बनना चाहते हैं तो अब आपको बीएड या डीएलएड जैसे कोर्स करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।


राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने दो नए कोर्स लॉन्च किए हैं। इंटीग्रेटड टीचर एजुकेशन प्रोगाम(आईटीईपी) को चार साल का होगा। एनसीटीई ने एक नोटिफिकेशन जारी
कर सत्र 2019-23 के लिए आईटीईपी कोर्स संचालित करने के इच्छुक शिक्षण संस्थानों से ऑनलाइन आवेदन मंगाए हैं।






संस्थान 3 दिसंबर से लेकर 31 दिसंबर तक आवेदन कर सकते हैं। अभी तक प्री प्राइमरी से प्राइमरी स्तर तक की कक्षाओं में पढ़ाने के लिए डीएलएड जरूरी था। वहीं अपर प्राइमरी से सेकेंडरी स्तर तक के स्कूलों में अध्यापन कार्य के लिए बीएड करना अनिवार्य था।





लेकिन अब एनसीटीई चार वर्षीय इंटिग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम शुरू करने जा रहा है। अगर कैंडिडेट ने चार साल का इंटीग्रेटेड टीचर एजूकेशन प्रोग्राम पूरा कर लिया है तो उसके लिए टीईटी,एसटीईटी या स्टेट लेवल के अन्य टेस्ट क्लियर करके टीचर बनने का रास्ता साफ हो जाएगा। 




मंगलवार, 27 नवंबर 2018

पेट्रोल को हिंदी में क्या कहते हैं ?



सवाल : रावण ने पुष्पक विमान किससे छीना था ?

जवाब : अपने भाई कुबेर से।

सवाल : मेवाड़ का स्वर्ण युग किस राणा के शासन काल को कहते हैं ?

जवाब : राणा कुंभा के।

सवाल : राष्ट्रपति द्वारा वित्त आयोग का गठन कितने समय के अंतराल पर किया जाता है ?

जवाब : 5 वर्ष के अंतराल पर

सवाल : रेलगाड़ी को हिंदी में क्या कहते है ?



जवाब : लोह पथ गामिनी।

सवाल : विश्व का ऐसा कौन सा देश है जो आज तक किसी का गुलाम नहीं हुआ है ?

जवाब : नेपाल

सवाल: पेट्रोल को हिंदी में क्या कहते हैं ?

जवाब: शिलातैल।



सवाल : भारत का सबसे छोटा जिला कौन सा है ?

जवाब : मोह पोंडिचेरी में

सवाल : अलीगढ़ आंदोलन किससे संबंधित है ?

जवाब : सर सैय्यद अहमद खान।

75 प्रतिशत उपस्तिथि होने पर ही हेडमास्टर का होगा वेतन भुगतान।




सिवान जिले के सिसवन प्रखंड के उत्क्रमित मिडिल स्कूल नवादा में निरीक्षण के दौरान कई तरह की अनियमितता पाई गई है। इस पर बीईओ गुलाम सरवर ने हेडमास्टर व प्रखंड शिक्षक गौतम कुमार यादव पर शो कॉज किया है।


हेडमास्टर के वेतन भुगतान पर रोक लगा दी गई। निरीक्षण के दौरान बच्चों की संख्या काफी कम पाई गई। साथ ही मिड डे मिल योजना में भी अनियमितता पाई गईबीईओ सोमवार की सुबह 11.55 बजे निरीक्षण किया। इस दौरान प्रखंड शिक्षक गौतम कुमार यादव बिना सूचना अनुपस्थित पाया गया।



क्लास एक से लेकर आठवी तक 161 बच्चे नामांकित है। लेकिन निरीक्षण के दौरान महज 51 बच्चे उपस्थित पाए गएइस तरह औसत उपस्थिति 52.17 प्रतिशत ही पाई गई।जबकि बच्चों की औसत उपस्थिति 75 फीसदी से कम नहीं होनी चाहिए थी। 

जांच के दौरान पाया गया कि मिड डे मील पंजी संधारित नहीं की गई थी। जबकि इसे रोज संधारित करना है। प्रखंड शिक्षक गौतम कुमार यादव का उपस्थिति पंजी में कॉलम खाली था। जबकि वह बिना सूचना अनुपस्थित था। इससे हेडमास्टर की कार्यशैली पर भी संदेह उत्पन्न हो रहा है। 


वहीं जांच के दौरान बीईओ द्वारा सवाल किए जाने पर हेडमास्टर द्वारा उच्च आवाज में बात की गई। उच्चाधिकारी से सरकारी उच्च आवाज में बात करना सरकारी नियम का घोर उल्लंघन है। कई क्लास रूम में जाने पर पाया गया कि उसमें शिक्षक ही नहीं थे। इससे बच्चे हो हल्ला कर रहे थे। जबकि वहां पर शिक्षकों की संख्या 9 है। जांच के दौरान हेडमास्टर ऑफिस में बैठकर गप करते पाया गया। 


उस दौरान क्लास रूम खाली था। हेडमास्टर को भी क्लास लेनी है। बीईओ ने दो दिनों के अंदर शो कॉज का जवाब मांगा है। साथ ही 75 फीसदी बच्चों की उपस्थिति होने तक हेडमास्टर का वेतन भुगतान करने का आदेश दिया है। बीईओ ने इसकी सूचना स्थापना डीपीओ को भेज दी है।

सोमवार, 26 नवंबर 2018

सुप्रीमकोर्ट के फैसले के साथ सेवानिवृत्ति की उम्र 62 वर्ष करने पर विचार करेगी सरकार-शिक्षा मंत्री



गया


प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की उम्र 62 वर्ष करने पर राज्य सरकार विचार कर सकती है। रविवार को शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा ने इसकी संभावना जताई।

अभी सेवानिवृत्ति की उम्र 60 वर्ष है। अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने म्र सीमा में बढ़ोतरी की मांग की है। कृष्णनंदन वर्मा ने गया के गांधी मैदान में संघ के दो दिवसीय सम्मेलन केसमापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। कहा कि राज्य सरकार शिक्षकों का सम्मान करती है ।



बिहार में प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक की सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाए जाने की मांग पर विचार किया जा सकता है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षकों को कभी कर्मचारी की श्रेणी में नहीं रखा गया। वे राष्ट्र निर्माता हैं। राज्य सरकार उनके सुख सुविधा का ख्याल करेगी।


शिक्षा मंत्री ने कहा कि  बिहार में सर्वाधिक नियोजित शिक्षक (चार लाख के करीब ) हैं। शिक्षकों को संविदा पर नियोजित करने की हमारी मंशा नहीं थी, लेकिन सीमित संसाधनों ने मजबूर किया ।राज्य सरकार नियोजित शिक्षकों के साथ अन्याय नहीं होने देगी सुप्रीमकोर्ट का जो भी फैसला होगा उसे माना जायेगा।


नियोजित शिक्षकों के कारण शिक्षा के क्षेत्र में सबसे बेहतर सुधार के लिए बिहार को मिला अवार्ड।



पटना


शिक्षा के क्षेत्र में सबसे बेहतर सुधार के लिए बिहार को अवॉर्ड मिला है। गुरुवार को दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में उप राष्ट्रपति बैंकेया नायडु ने शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा को यह अवॉर्ड दिया।मौके पर आयुक्त विपिन कुमार आदि मौजूद थे। 


आपको बता दे कि पिछले 12-13 वर्षों में बिहार में स्कूलों से बाहर रहने वालों छात्र-छात्राओं की संख्या एक प्रतिशत से भी कम रह गई है। पहले यह 12.5 प्रतिशत थी। स्कूलों की संरचना विकसित हुई है।



बिहार के  साढ़े तीन लाख शिक्षकों के नियोजन से पढ़ाई में सुधार हुआ है। स्कूल में बच्चों की संख्या में खासी बढ़ोत्तरी हुई है। यह राज्य के लिए अहम उपलब्धि है।




रविवार, 25 नवंबर 2018

भारत सरकार ने सरकारी स्कूल के बच्चों के बैग पर बनाया नियम।सभी राज्यो में लागू


शिक्षा मंत्रालय भारत


मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सभी राज्यो के लिए और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए बच्चो के विषयों और उनके बैग के  वजन को नियंत्रित करने के लिए दिशा निर्देश जारी किया है।



भारत सरकार के निर्देशों के अनुसार बच्चो के स्कूल बैग को लेकर जो दिशा निर्देश जारी किए गए है उन्हें स्कूलों को शक्ति के साथ पालन करने का निर्देश दिया है।

निर्देश

1. गृह कार्य 1 और 2 के छात्रों को  नहीं दिया जाएगा।

2.स्कूलों को कक्षा 1और कक्षा 2 में भाषा और गणित के अलावे किसी अन्य विषय था बाहरी किताब को नहीं लाने को कहना है।  

3. छात्रों को अतिरिक्त किताबें या अतिरिक्त सामग्री लाने के लिए नहीं कहना है और ये ध्यान रखना है कि उनके स्कूल बैग का  वजन निर्धारित सीमा से ज्यादा न हो।



इस बॉक्स में छात्रों के स्कूल बैग का वजन कितना होना चाहिए ये भारत सरकार ने निर्धारित कर दिया है।


पत्र डाऊनलोड करने के लिए ऊपर दिए गए बटन पर क्लिक करे

बिहार के इन बीएड कॉलेजो की हो गयी मान्यता रद्द।



मगध विश्वविद्यालय के पूरी 23 बीएड कॉलेज की लिस्ट जिसकी मान्यता रद्द करने के दिये गए आदेश-----



1. जज्बा टीचर ट्रेनिंग कॉलेज,खिजरसराय गया
2. महाबोधि टीचर ट्रेनिंग कॉलेज,तपोवन तेतर गया
3. ज्ञान प्रकाश बीएड कॉलेज,चिरैला    मानपुर गया
4. डीपीएस बीएड कॉलेज दुबहल गया
5. महेश सिंह बीएड कॉलेज केंदुआ बोधगया  रोड गया
6. संत मलिक मेमोरियल बीएड कॉलेज बजौरा,डोभी गया
7. अल मोमिन बीएड कॉलेज अमीनाबाद चेरकी रोड गया




8. बीपी आजाद बीएड कॉलेज बहादुर विगहा गया
9. ब्रिलिएंट इंस्टिट्यूट ऑफ एजुकेशन बजौरा डोभी गया
10. डॉ बीआर अम्बेडकर बीएड कॉलेज मटिहानी सहदेव खाप गया
11. ज्ञान भारती कॉलेज ऑफ एजुकेशन रानीगंज,टेकारी गया
12. ज्ञान भारती टीचर ट्रेनिंग कॉलेज पहाड़पुर गया
13. सिदार्था टीचर ट्रेनिंग कॉलेज जहानाबाद




14. श्री राम सुहाग तिलक कॉलेज ओवा मखदुमपुर जहानाबाद
15. श्री रामचंद्र राम लक्ष्मीनारायन बीएड कॉलेज कुर्था मखदुमपुर जहानाबाद
16. माँ कमला चन्द्रिका जी बीएड कॉलेज जहानाबाद
17. रविकांत पूनम बीएड कॉलेज बारसलिगंज नवादा
18. जेपी टीचर ट्रेनिंग कॉलेज पथरा ओढ़ांपुर नवादा
19. मगध टीचर ट्रेनिंग कॉलेज धनी विगहा औरंगाबाद




20. बीएल बीएड कॉलेज रामपुर रामचंद्रनगर औरंगाबाद
21 गौरेश्वर नारायण (जीएन) सिंह बीएड कॉलेज चन्दरगढ़,नवीनगर औरंगाबाद
22. दशरथ प्रसाद रामानंद पांडे बीएड कॉलेज चित्रगोप औरंगाबाद
23. श्री भगवंत प्रसाद सिंह मेमोरियल बीएड कॉलेज देवमोड़ औरंगाबाद 


20 डीपीओ के ऊपर कारण बताओ नोटिस जारी।


पटना




शिक्षा विभाग ने 20 जिलों के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (डीपीओ योजना एवं लेखा) के खिलाफ शोकॉज जारी किया है साथ ही इनका वेतन भी तत्काल प्रभाव से स्थगित करने का आदेश जारी किया है।



प्राथमिक शिक्षा निदेशक अरविंद कुमार शर्मा के स्तर से जारी इस शोकॉज में कहा गया है कि बार-बार कहने के बाद भी इन डीपीओ ने स्कूलों में छात्रों की 75 फीसदी उपस्थिति से संबंधित सूची अपने-अपने जिलों से नहीं भेजी है। इसे इनके खिलाफ उच्चाधिकारियों के आदेश की अवहेलना और गंभीर लापरवाही का परिचायक मानते हुए यह कार्रवाई की गयी है।





इन पत्र के माध्यम से इन पदाधिकारियों से पूछा गया है कि क्यों नहीं आपके विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई के लिए सक्षम प्राधिकार को अनुशंसा की जाये,इन जिलों के डीपीओ को मुख्यमंत्री पोशाक या बालिका पोशाक योजना के अंतर्गत शैक्षणिक सत्र 2018-19 के दौरान पहले 30 सितंबर तक 75 फीसदी उपस्थिति के आधार पर सूची भेजने के लिए कहा गया था। 





इसके बाद भी जब सूची नहीं आयी, तो इन्हें फिर से रिमाइंडर दिया गयाविभाग में 15 नवंबर को इससे संबंधित बैठक आयोजित हुई थी, जिसमें बचे हुए सभी जिलों को 19 नवंबर तक सूची भेजने के लिए कहा गया था. इसके बाद इन्हें फोन से भी कई बार रिमाइंडर दिया गया।



बावजूद इसके जब इन पदाधिकारियों ने आदेश को अनसुना कर दिया है, तो यह कार्रवाई की गयी है.


शुक्रवार, 23 नवंबर 2018

शिक्षको को नौकरी बचाने का एक और मौका मिला।



डीपीई टीचर ट्रेनिंग कोर्स पूरा नहीं कर पाने वाले अनट्रेड शिक्षकों को इग्नू ने एक और मौका दिया है।

ऐसे शिक्षकों को दुबारा नामांकन करा कोर्स पूरा करने की अनुमति दी गई है। इग्नू के क्षेत्रीय निदेशक प्रभारी राजीव कुमार ने इस संबंध में गाइडलाइन जारी की है।



शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत मार्च 2019 तक सभी अनट्रेंड शिक्षकों को ट्रेनिंग कर लेनी है। इसी के तहत इग्नू के डीपीई कोर्स के माध्यम से अनट्रेंड शिक्षकों को ट्रेंड किया गया इस दौरान जांच में पाया गया कि बड़ी संख्या में ऐसे शिक्षक हैं जिन्होंने कोर्स में नामांकन तो लिया मगर कोर्स पूरा नहीं कर पाए ऐसे सभी शिक्षकों को अपना कोर्स पूरा करने का अंतिम मौका दिया गया है। इनके लिए जून 2019 तक की तिथि निर्धारित की गई है।




क्षेत्रीय निदेशक ने डीईओ के साथ प्रोग्राम कॉर्डिनेटर को इस संबंध में निर्देश दिया है। दिसम्बर के पहले सप्ताह में इसके लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया गया है।

संबंधित शिक्षक कार्यशाला और छूटे हुए कोर्स की गतिविधियों को पूरा करने के लिए निर्धारित शुल्क एक सप्ताह के भीतर जमा करेंगे। निर्धारित शुल्क और फॉर्म जमा करने के बाद उनका अपूर्ण विषय में दोबारा नामांकन हो जाएगा।




विश्व स्तर पर भारत की शिक्षा स्तिथि सबसे घटिया। देखिए एक रिपोर्ट




वाशिंगटन। 



विश्व बैंक ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि भारत 'घटिया' शिक्षा वाली 12 देशों की सूची में दूसरे स्थान पर है जहां दूसरी कक्षा के बच्चे छोटे से पाठ का एक शब्द भी नहीं पढ़ पाते हैं। 



रिपोर्ट के मुताबिक, 12 देशों की इस सूची में मलावी पहले स्थान पर है। भारत समेत निम्न और मध्यम आय वाले देशों में अपने अध्ययन के निष्कर्षों का हवाला देते हुए विश्व बैंक ने चेतावनी दी है कि बिना सिखाये जाने (लर्निग) के स्कूली शिक्षा विकास के अवसर को खत्म कर देती है। 



ऐसी शिक्षा बच्चों और युवाओं के साथ अन्याय है। बैंक ने 'डेवलपमेंट रिपोर्ट 2018 : लर्निग टू रियलाइज एजुकेशन्स प्रॉमिसनाम की यह रिपोर्ट मंगलवार को जारी की थी। रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रामीण भारत में तीसरी कथा के तीन चौथाई छात्र दो अंकों का घटाव तक हल नहीं कर सकते हैं। यही नहीं पांचवीं के आधे छात्र भी ऐसा नहीं कर पाते हैं। 


रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2016 में ग्रामीण भारत में पांचवीं कक्षा के केवल आधे छात्र ही दूसरी कक्षा के स्तर की आसान किताब अच्छे से पढ़ सकते हैं। वर्ष 2010 में आंध्र प्रदेश में पांचवीं कथा के वह छात्र पहली कक्षा के सवाल का सही जवाब नहीं दे पाए, जिनका परीक्षा मेंप्रदर्शन अच्छा नहीं था।



इतना ही नहीं पांचवी कक्षा के औसत छात्रों के लिय यह संभावना महज 50 फीसदी थी। ठोस कदम की सिफारिश रिपोर्ट के मुताबिक, शिक्षा की बदहाली के कारण स्कूल में कई वर्ष बाद भी लाखों बच्चे पढ़लिख नहीं पाते, यहां तक कि गणित का। आसान-सा सवाल तक हल नहीं कर पाते।

रिपोर्ट में 'ज्ञान के संकट' को हल करने के लिए विकासशील देशों की मदद करने के लिए ठोस नीतिगत कदम उठाने की भी सिफारिश की गई है। 


गुरुवार, 22 नवंबर 2018

पुरानी पेंशन योजना के लिए बिहार के शिक्षक करने वाले है कुछ यैसा।


पटना। 


पेंशन की पुरानी व्यवस्था की बहाली के लिए संसद मार्च में हिस्सा लेने बिहार के पांच हजार शिक्षक दिल्ली जायेंगे। इसमें चौंतीस हजार पांच सौ चालीस ' कोटि के प्रारंभिक शिक्षकों के साथ ही नियोजित शिक्षक एवं पुस्तकालयाध्यक्ष भी होंगे।

पेंशन की पुरानी योजना की बहाली के लिए ऑल टीचर्स इम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन (अटेवा) ने 26 नवम्बर को नयी दिल्ली में जंतर-मंतर पर संसद मार्च का आह्वान किया है। 

26 नवम्बर को संविधान दिवस है।'चौंतीस हजार पांच सौ चालीस '-कोटि के शिक्षकों का संगठन ‘बिहार राज्य शिक्षक महासंघ, नियोजित शिक्षकों का संगठन बिहार शिक्षक संघर्ष समिति' एवं पुस्तकालयाध्यक्षों का संगठन बिहार राज्य पुस्तकालय संघ के साथ विभिन्न संगठनों की संसद मार्च' में भागीदारी होगी।



इसकी तैयारियों को लेकर बिहार शिक्षक संघर्ष समिति के आह्वान पर (धवार को यहां विभिन्न संगठनों की हुई।


इसकी अध्यक्षता समिति के प्रवक्ता संतोष श्रीवास्तव एवं राज्य प्रतिनिधि शिवनारायण पाल ने की। बैठक के बाद शिवनारायण पाल एवं बिहार राज्य शिक्षक महासंघ के
अध्यक्ष नंदकिशोर ओझा ने दावा किया कि तकरीबन पांच हजार से ऊपर शिक्षक दिल्ली जायेंगे।

बैठक में डॉ. महेश कुमार, अरुण कुमार, धनंजय मिश्रा, शंभु कुमार, राजेश कुमारसिंह एवं मीडिया प्रभारी गौरी शंकर भी


शामिल थे। 


बैठक में इस बात पर चिंता जतायी गयी कि चौंतीस हजार पांच सौ चालीस'-कोटि के प्रारंभिक शिक्षकों सहित राज्य के तकरीबन चार लाख नियोजित शिक्षक एवं पुस्तकालयाध्यक्ष पेंशन की पुरानी योजना के दायरे में नहीं हैनियोजित शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों के लिए पेंशन के नाम पर यूटीआई पेंशन योजना शुरू कर सिर्फ खानापूरी की गयी है।




शिक्षा विभाग का नया फरमान हजारो शिक्षक होंगे बर्खास्त।



पटना ।


राज्य में नियोजित शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की चल रही जांच में अब तक 829 नियोजित शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी पाये गाये हैं ।

फर्जी प्रमाण पत्र पर बहाल सभी नियोजित शिक्षकों को बर्खास्त करने का आदेश संबंधित नियोजन इकाइयों को दिया गया है। इसके लिए नियोजन इकाइयों को दस दिनों का समय दिया गया है ।



विश्वस्त सूत्रों के अनुसार फर्जी प्रमाण पत्र पर बहाल नियोजित शिक्षकों को दस दिनों में सेवा से निकाल बाहर करने का आदेश शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आरके.
महाजन ने राज्य के सभी जिलों के जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (स्थापना) की राज्यस्तरीय बैठक में दिया है । 


यह बैठक शनिवार को हुई थी, जिसमें सभी जिलों निगरानी के नोडल अफसर भी शामिल हुए थे।


विभाग के निर्देश के मुताबिक फर्जी प्रमाण पत्र पर बहाल नियोजित शिक्षकों पर दस दिनों में बर्खास्तगी की काररवाईन हीं करने वाले नियोजन इकाइयों पर प्राथमिकी दर्ज करायी जायेगी।




आपको बता दे कि राज्य में प्राथमिक विद्यालयों से लेकर उच्च माध्यमिक विद्यालयों तक में नियोजित सभी शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों के प्रमाण पत्रों की जांच निगरानी द्वारा की  जा रही है। 

नियोजित शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों की निगरानी जांच
का आदेश पटना उच्च न्यायालय का  है ।


बुधवार, 21 नवंबर 2018

समान काम समान वेतन मामले में बिहार सरकार को एक बार फिर सुप्रीमकोर्ट में मिली हार।


बिहार होमगार्ड


बिहार ने होम गार्ड के जवान बहुत दिनों से समान काम समान वेतन की लड़ाई बिहार सरकार से लड़ रहे थे ,इसके खिलाफ उन्होंने हाइकोर्ट में याचिका भी दायर की थी जिस पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने  बिहार के होम गार्ड को समान काम समान वेतन देने का फैसला दिया था। 





बिहार सरकार हाइकोर्ट के इस फैसले से खुश नहीं थी और बिहार सरकार ने इस फैसले के  खिलाफ सुप्रीमकोर्ट में slp दायर कर दी। 


सुप्रीम कोर्ट इस केस की सुनवाई करते हुए बिहार सरकार द्वारा दायर slp को खारिज कर दिया और हाईकोर्ट के फैसले को बरकार रखते हुए समान काम समान वेतन देने का फैसला सुना दिया।



आपको बता दे कि बिहार में होमगार्ड के जवानों को एक दिन की मजदूरी 400 रुपए मिलती है लेकिन उनकी माँग थी हमे भी बिहार पुलिश की तरह एक दिन की मजदूरी  774 रुपए दिया जाए।



और इसी माँग को सुप्रीमकोर्ट ने बिहार के होमगार्ड के झोली में डाल दिया और  6 नवंबर 2018 से लागू करने के आदेश दे दिया।



शिक्षको के पितृत्व अवकाश और शिशु देखभाल अवकाश देंने का मिला आश्वासन


बेतिया




परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ की एक शिष्टमंडल ने मंगलवार को जिला शिक्षा पदाधिकारी से मिलकर चार सूत्री मांगों के समर्थन में वार्ता किए।


शिष्टमंडल का नेतृत्व जिला  महासचिव नंदन कुमार ने की उन्होंने डीईओ को एक ज्ञापन सौंपते हुए मांग किया कि जिले की प्रारंभिक विद्यालयों में कार्यरत नियोजित महिला शिक्षकों को 180 दिन का मातृत्व अवकाश, 730 दिन का शिशु देखभाल एवं 15 दिन का पितृत्व अवकाश का लाभ दिया जाए।




साथ ही संगठन ने नियोजित शिक्षकों के अक्टूबर माह के वेतन के लिए राज्य सरकार से राशि की अविलंब डिमांड कर शिक्षकों का भुगतान सुनिश्चित करने, जिले के विभिन्न प्रखंडों के एरियर की राशि अविलंब भुगतान करने, विलंब से सैलरी स्टेटमेंट देने वाले प्रखंडों पर यथोचित कार्रवाई करने,शिक्षकों का वेतन समय पर देने आदि मुद्दे को जिला शिक्षा पदाधिकारी के समक्ष रखा।




शिष्टमंडल में अभयनारायण प्रसाद,सुशील कुमार, कृष्णकांत प्रसाद,उमेश प्रसाद आदि शिक्षकों ने तमाम समस्याओं को डीइओ को अवगत कराया इस बाबत डीईओ हरेंद्र झा ने समस्याओं का निपटारा करने का आश्वासन दिया।

बिहार के सभी संग़ठन अगर मिलकर यह मुद्दा एक साथ उठाए तो निश्चित ही शिक्षको को इस का फायदा मिलेगा।






मंगलवार, 20 नवंबर 2018

हाइकोर्ट के आदेश से शिक्षको की सेवा हुई समाप्त।



शिक्षा विभाग ने शिक्षक प्रशिक्षण की अमान्य डिग्री पर सरकारी विद्यालयों में कार्य कर रहे 40 शिक्षकोंकी सेवा समाप्त कर दी है।30 और शिक्षकों की सेवा समाप्त की प्रक्रिया चल रही है।


पटना हाईकोर्ट के निर्देश पर शिक्षकों की सेवा समाप्त की गयी है। ये सभी 70 शिक्षक ऐसे , जिन्होंने सोगरा कॉलेज ऑफ एजुकशेन बिहार शरीफ से प्रशिक्षण (बीएड) प्रमाणपत्र लिया था।


पटना हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग को निर्देश दिया था कि सोगरा कॉलेज ऑफ एजुकेशन से बीएडनियोजित है उनकी सेवा समाप्त की जाए।



शिक्षा विभाग को भी कई स्रोतों सेबजानकारी मिली थी कि इस कॉलेज की डिग्री पर कार्यरत शिक्षकों की संख्या 70 के करीब है विभाग को इन शिक्षकों की संभावित सूची भी उपलब्ध हुई थी शिक्षा विभाग ने यह सूची सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियोंको भेजी थी तथा डीईओ से इसके बारे में जानकारी मांगी गयी थी।




डीईओ से रिपोर्ट मांगी गयी थी कि इस सूची के शिक्षक उनके जिले में काम कर रहे हैं।या नहीं शिक्षा विभाग को सभी 38 जिलों से रिपोर्ट मिल चुकी है


उसके मुताबिक 40 शिक्षक हटाए गए पूर्णिया एवं नालंदा सहित कई जिला शिक्षा पदाधिकारियों का वेतन समुचित कार्रवाई नहीं करने के चलते अगले आदेश तक स्थगित रखा गया है।





विद्यालय हो तो यैसा। स्वक्षता और खूबसूरती की मिसाल बना सरकारी विद्यालय




प्राथमिक विद्यालय रोहुआ टोला, बगहा-2 (अति०),संकुल - UMS भेड़िहारी कॉलोनी। प्रधान शिक्षक श्री लखन प्रसाद जी द्वारा नियोजन के साथ ही किये गए निरंतर सार्थक प्रयासों के फलस्वरूप PS रोहुआ टोला सभी विद्यालयों के लिए अनुकरणीय बन गया है । ज़िले के सभी विद्यालय स्वच्छता एवं कुशल विद्यालय-संचालन की सीख लेंगे ।
























सोमवार, 19 नवंबर 2018

समान काम समान वेतन मामले से जुड़ी खबर।सुप्रीमकोर्ट ने दिए अच्छे संकेत



नई दिल्ली


बिहार के नियोजित शिक्षकों के समान काम समान वेतन से सम्बंधित सुप्रीम कोर्ट में अंतिम फैसला सुनाने के लिए अभी तक साप्ताहिक केस सूची में फैसला सुनाने के लिए तारीख निर्धारित नही की गई है।



बिहार के नियोजित शिक्षकों के लिए अच्छी खबर ये है कि  माननीय जज साहब श्री ए एस बोबडे और एल नागेश्वर राव जी ने उत्तर प्रदेश के वन विभाग में समूह घ के पद पर अस्थायी कर्मचारियों (दिहाड़ी कर्मचारियों )के एक याचिका पर सुनवाई करते हुए,यह फैसला सुनाया है, कि 1 दिसम्बर 2018 के प्रभाव से इन दिहाडी कर्मचारियों को स्थायी के समान वेतन और ग्रेड पे दिया जाय।



इससे यह साफ जाहिर हो रहा है, कि सुप्रीम कोर्ट मे जब भी समान काम समान वेतन के लिए याचिका दायर किया जा रहा  है उन सभी मे सुप्रीम कोर्ट अपने पूर्व के फैसलों को देखेते हुए निर्णय दे रही है। इससे साफ पता चलता है कि कोर्ट का रुख समान काम समान बेतन देने में है।



बिहार के शिक्षक संघो का मानना है कि भले ही देर कितना भी हो लेकिन फैसला नियोजित शिक्षकों के हक में ही आएगा।

आपको बता दे कि सुप्रीमकोर्ट 14 दिसंबर तक ही खुला हुआ है अगर 14 दिसंबर से पहले कोई फैसला नहीं आता है तब ये फैसला जनवरी के पहले या दूसरे हफ्ते में आने की उमीद जताई जा रही है।




रविवार, 18 नवंबर 2018

शिक्षको को विशेष अवकाश देने पर बिहार सरकार की लगी मुहर।





पटना

शिक्षको को विशेष अवकाश देने पर बिहार सरकार ने मोहर लगा दी है। इसके लिए बिहार सरकार ने पत्र भी जारी कर दिया है।



आपको बता दे कि केंद्र सरकार ने पत्र जारी करके सभी राज्यो को निर्देश दिया था कि ओ अपने राज्य के शिक्षको को 8 दिनों का विशेष अवकाश दे। ये अवकाश शिक्षको को गया में होने वाले 28 वॉ शिक्षक सम्मेलन के लिए दिया जाना है। 




बिहार सरकार के इस पत्र के आधार पर शिक्षक अब 21 नवंबर 28 नवंबर तक यानी 8 दिनों का विशेष अवकाश ले सकते है। बिहार सरकार ने पत्र के माध्यम से ये निर्देश दिया है कि विद्यालय का पठन पाठन का कार्य बाधित नहीं होना चाहिए इसके लिए शिक्षक कोई बैकल्पिक बेवस्था करके जाएंगे।



ऊपर के बटन पर क्लिक करके आप पत्र डाऊनलोड कर सकते है।





शनिवार, 17 नवंबर 2018

1 से 8 तक कि शिक्षा में केंद्र सरकार करेगी बड़ा बदलाव।राज्य सरकार ने दी सहमति



देहरादून।

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि 2019 से पांचवीं और आठवीं की बोर्ड के परीक्षा होगी।जुलाई माह में एक विधेयक लाया जाएगा। सभी राज्य सरकारों ने इसकी मंजूरी दे दी है। 



शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए शिक्षकों व अभिभावकों को जवाबदेह बनाया जाएगा। सभी अभिभावकों को अब उनके बच्चों के प्रदर्शन के संबंध में पत्र भेजे जाएंगे। 

उन्होंने निजी विश्वविद्यालयों पर शिकंजा कसने के भी संकेत दिए। उन्होंने कहा कि जल्द ही सभी निजी विश्वविद्यालयों को गुणवत्ता की समीक्षा होगी।