पटना।
एक नियोजित शिक्षक को मदद की दरकार है। उनकी दोनों किडनी खराब है। डायलिसिस पर चल रहे शिक्षक के इलाज के लिए उनके परिजन अब पैसे भी नहीं जुटा पा रहे हैं। चार माह से वेतन नहीं मिला है, सो अलग। एक माह से डायलिसिस पर चल रहे राजीव रंजन जिले के पूर्वी मनेर के प्राथमिक विद्यालय सूअरमरवा में नियोजित शिक्षक हैं।
शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पास करने के बाद जुलाई, 2014 में उनका नियोजन हुआ। घर में पत्नी के साथ दो छोटे बेटे भी हैं।एक नौ साल का है, तो दूसरा बारह साल का। बीमार होकर गंभीर स्थिति में पहुंचने के साथ ही घर-परिवार की कुल जमापूंजी उनके इलाज में खर्च हो गयी।
घर-परिवार की माली हालत अब पूरी तरह बिगड़ चुकी है ।इलाज के लिए पैसे के लाले पड़ गये है पत्नी और बच्चे समझ नहीं पा रहे है की उन्हें बचाने के लिए क्या करें । सो, घर-परिवार वाले अब शिक्षकों से मदद की गुहार लगा रहे हैं।
राजीव रंजन स्थानीय महावीर आरोग्य संस्थान में भरती हैं। हफ्ते में दो दिन उनका डायलिसिस चल रहा है।सोमवार को जब आजने उनका हालचाल लिया, तो वे ठीक से बोल नहीं पा रहे थे। जब कुछ स्थिर हुएतो बोले कि मदद के लिए शिक्षा विभाग गये थे पर कुछ नहीं हुआ।
यह कह कर विदा कर दिया गया कि बिल जमा कीजियेगा, तो पैसा मिलेगा। इस बीच टीईटी-एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ (गोपगुट) के प्रदेश प्रवक्ता अश्विनी पाण्डेय ने नियोजित शिक्षकों को चार माह से वेतन नहीं मिलने पर चिंता जतायी है।उन्होंने शिक्षा मंत्री।एवं शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव से आग्रह किया है कि मौत से जीवन की लड़ाई लड़ रहे नियोजित शिक्षक राजीव रंजन की समुचित एवं बेहतर चिकित्सा की व्यवस्था करें।
inko sangh ki taraf se madad kiya jana chahiye
जवाब देंहटाएं