आज 5 सितंबर को सुप्रिमकोर्ट में समान काम समान वेतन की सुनवाई 11:35 मिनट पर शुरू हुई।
आज कोर्ट में सबसे पहले बोलने की शुरुवात अटर्नी जनरल ने की,उन्होंने कोर्ट को अपनी सारी बाते बताई।
कुछ मुख्य बातों में उन्होंने ने कहा कि हम शिक्षको को बेतनमान नहीं दे सकते।
उसके बाद उन्होंने टीईटी शिक्षको पर बात करते हुए कहा कि ये योग्य शिक्षक है लेकिन इनकी बहाली BPSC के द्वारा नहीं हुई इसलिए इन्हें बेतनमान नहीं मिल सकता।
अटर्नी जनरल ने कहा कि नियमित शिक्षकों की बहाली BPSC से हुई है। इन शिक्षकों की बहाली पंचायती राज संस्था से ठेके पर हुई है।
आपको बता दे कि अटर्नी जनरल के बोलने के बाद लंच का समय हो गया और लंच के बाद प्रशांत भूषण और राजीव धवन ने अपनी बातों को रखा।
जज सहाब बड़े ही ध्यानपूर्वक दोनों वकीलों की बातों को सुन रहे थे। जैसे ही इनकी बहस समाप्त हुई सजय हेगड़े जी बोलना शुरू किए।
संजय जी ने अटर्नी जनरल की योग्यता वाली बात का जवाब देते हुए कोर्ट को बताया कि प्रतिवादी नियोजित शिक्षक हैं।इनकी बहाली बिहार पंचायत प्रारंभिक व बिहार नगर प्रारंभिक नियमावली 2012 के अंतर्गत हुई है। जबकि टीईटी बहाली BTET 2011 उत्तीर्णता उपरांत हुई है।
हेगड़े जी ने कोर्ट को बताया कि BTET कि प्रतियोगिता परीक्षा इतनी कठिन थी कि इसमें शामिल 2680337 में से मात्र 147984 सफलता प्राप्त कर पाये जिसमे पुरुष 110649 और महिला 37335 प्रतिभागियों ने सफलता कर सके जो कुल शामिल प्रतिभागियों का 5.5 प्रतिशत था। सफल अभियर्थियों में से लगभग 110000 का नियोजन हो पाया।
हेगड़े जी ने कोर्ट को बताया कि NCTE के आदेशानुसार बिहार सरकार ने 31 मार्च 2015तक न्यूनतम योग्यता में छूट दी,जिसे 3 अगस्त 2017 के विभगीय आदेश से बढ़ाकर 31 मार्च 2019 किया गया है।
जिसके अनुसार 31 मार्च तक सभी अनट्रेंड को dled ट्रेनिंग पूरा कर लेना है।अब बिहार में कोई अप्रशिक्षित शिक्षक नहीं हैं। बिहार में बहाल सभी अप्रशिक्षित शिक्षक प्रशिक्षण पूरा कर चुके हैं या प्रशिक्षणरत हैं।
उन्होंने ने कोर्ट को बताया कि 2014-16 से लेकर अबतक रेगुलर डीएलएड प्रशिक्षण पूरा कर चुके शिक्षकों का फाइनल परीक्षा बिहार सरकार द्वारा नहीं लेने से शिक्षको का आर्थिक क्षति भी हो रहा है।
संजय जी ने कोर्ट को बताया कि जिस BPSC से टीचर्स बहाली की बात अटार्नी साहब ने अपने काउंटर अफिडेफिट में देकर कोर्ट को उसके कठिनतम स्तर को बताया है उसमें 1998 में लगभग 4.34 लाख लोग शामिल हुए और 5.81% लोग सफल हुए,जबकि TET में 27 लाख लोग शामिल हुए,5.5% लोग ही सफल हो सके।इससे इस परीक्षा के कठिनतम स्तर को समझा जा सकता है कि कौन सा परीक्षा अधिक कठिन था और सबसे महत्वपूर्ण है कि NCTE ने शिक्षक बनने केलिये पूरे देश मे TET अनिवार्य किया है।
हेगड़े साहब ने कोर्ट को बताया कि TET क्वालिफाइड टीचर्स की बहाली बिहार के पड़ोसी राज्य उत्तरप्रदेश और झारखंड में सहायक शिक्षक के पद पर की जाती है और 9300 -34800 स्केल के साथ 4200 ग्रेड पे दिया जाता है जबकि बिहार में सबसे कम वेतन पर TET शिक्षकों को ही दिया जा रहा है। जब RTE लागू होने के बाद TET शिक्षक बनने के लिये राष्ट्रीय मानक है ।
संजय जी ने कोर्ट से कहा कि BTET से चयनित शिक्षक पूर्णतः योग्य तथा RTE व NCTE के सभी मानक को पूरा करते हैं। इसलिए ये बेतनमान के हकदार है।
आपको बता दे कि आज कोर्ट में अटर्नी जनरल साहब जिन विवादों को उत्पन्न कर चले गए थे शिक्षको के वकीलों के द्वारा उन्ही विवादों का जवाब दिया गया और कोर्ट को समझाने की कोशिश की गई कि शिक्षको को वेतनमान मिलना चाहिए।
बहरहाल हेगड़े जी अपनी बातों को आज पूरा नहीं कर पाए कोर्ट ने सुनवाई की तारीख 6 सितंबर घोषित कर दी है अब कल अटर्नी साहब की बातों को रखने के बाद हेगड़े साहब अपनी बात रखेंगे।
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