आज समान काम समान वेतन की सुनवाई 11:22 AM से शुरू हुई थी। कोर्ट नंबर 11 में सुनवाई शुरू हुई पूरे 15 केसों को लिस्ट किया गया था जिसमे 13 नंबर पर नियोजित शिक्षकों का केस था।
आपको बता दे कि आज सिर्फ बिहार सरकार के वकीलों को ही बोलना था ।लेकिन शिक्षको का पक्ष रखने के लिए बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ की ओर से सर्विस मैटर के वरिष्ठ अधिवक्ता विजय हंसरिया तथा युवा एवं तेज़ तरार अधिवक्ता अनिमेष कुमार सिंह कोर्ट रूम में मौजूद थे ताकि आवश्यकता पड़ने सरकारी वकीलों के गलत तथ्यों का जवाब दे सके।
कोर्ट रूम में सबसे पहले बिहार सरकार के अधिवक्ता दिनेश द्विवेदी ने बोलना शुरू किया था।
दिनेश द्विवेदी ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार को अपने बजट के अनुसार बहाली और नियमावली बनाने का अधिकार है।
जज ने कहा कि केवल वित्त और नियोजन को आधार आप नहीं बना सकते,यह शिक्षक है और संवैधानिक रुप से समान काम करते हैं।
जज ने सरकारी वकील से कहा कि नियम तो आप बनाते हैं लेकिन वह संवैधानिक हो इसका भी ख्याल राज्य सरकार को रखना चाहिए।जिससे कार्य करने वाले का शोषण नही हो सके।
जज ने सरकारी वकील से कहा की अभी तक के सुनवाई से ये साफ पता चलता है कि सभी शिक्षक एक समान काम करते हैं तो कोर्ट को गुमराह क्यों कर रहे हैं।
यू यू ललित ने बिहार सरकार के वकील को यह कहते हुए नकार दिया कि शिक्षकों को समान काम का समान वेतन मिलना चाहिए और लगभग आज जज साहब ने अपने फैसले का संकेत दे दिए।
आपको बता दे कि जज महोदय इस केस के सभी पहलुओं से परिचित हो चुके हैं ।बिहार सरकार के वकील दिनेश द्विवेदी की हर बिंदु को काट रहे थे।
अंततः आज किसी भी तरह का कोई फैसला नहीं आया मामला सराकरी वकील और जज साहब के बीच में ही फसा रहा।कोर्ट ने अगली सुनवाई की तिथि 27 सितंबर घोषित कर दी है अब देखना है कि कल क्या होता है।
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