प्रदेश के पांच लाख से अधिक संवदकर्मियों की खुशी पर कुछ सरकारी विभाग ग्रहण लगा रहे हैं।
संविदाकर्मियों को नियमित कर्मचारियों की तर्ज पर संविधाएं देने में ये विभाग लेटलतीफी का कारण बन रहे हैं।सात अगस्त को उच्चस्तरीय समिति ने मुख्यमंत्री को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी
अब तक इस मामले में सरकार नियमितीकरण को लेकर काफी आगे बढ़ गयी होती, परंतु उद्योग, कृषि, राजस्व व स्वास्थ्य विभाग ने अपने-अपने यहां संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों का पूरा डिटेल्स नहीं भेजा।
ऐसे में उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट में कुछ संविदाकर्मी शामिल नहीं हो सके पर मुख्यमंत्री ने छूटे दुए कर्मचारियों का व्योरा शामिल करते हुए रिपोर्ट मांगी है।
जाहिर है, जो विलंब नहीं लेना चाहिए था, वह हो रहा है, इसमें न तो उच्चस्तरीय समिति का कोई दोष है और न ही संविदाकर्मियों का । अब उम्मीद है कि समिति एक माह के अंदर ब्योरा जुटाकर अपनी रिपोर्ट दे देगी।
आपको बता दे कि राज्य सरकार ने संविदाकर्मियों के नियमतीकरण को लेकर वर्ष 2015 में उच्चस्तरीय आठ सदस्यीय समिति बनायी थी.
इसके अध्यक्ष एवं मुख्य सचिव अशोक कुमार चौधरी को बनाया गया था, इसमें सदस्य के रूप में वित्त विभाग, शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पथ निर्माण विभागजल संसाधन विभाग विधि विभाग के प्रधान सचिवों को रखा गया था.
इसके अध्यक्ष एवं मुख्य सचिव अशोक कुमार चौधरी को बनाया गया था, इसमें सदस्य के रूप में वित्त विभाग, शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पथ निर्माण विभागजल संसाधन विभाग विधि विभाग के प्रधान सचिवों को रखा गया था.
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