गुरुवार, 27 सितंबर 2018

27 सितंबर की सुनवाई समाप्त।जानिए क्या हुवा आज कोर्ट में


आज समान काम समान वेतन की सुनवाई 2:18 मिनट शुरू हुई है। कोर्ट नंबर 11 में केस की सुनवाई चल रही थी।

आपको बता दे कि आज कोर्ट फुल डे था। केस नंबर 19 की सुनवाई में आज ज्यादा समय लग गया इसलिए लेट से सुनवाई शुरू हुई।

जज साहब ने सराकरी वकील से कहा  1 घंटे 50 मिंट में आप अपनी बहस खत्म करें लास्ट में 5 मिंट के लिये रंजीत कुमार को बहस करने का मौका शिक्षक की ओर से दिया जाएगा।

सबसे पहले  बिहार सरकार के वकील ने कोर्ट में बोलना शुरू किया ,उन्होंने ने कोर्ट में अपनी पुरानी बातों को दोहराना शरू किया ।


तभी विजय हंसरिया ने कोर्ट से आग्रह किया कि महोदय सरकारी  अधिवक्ता पुरानी बातों को ही दुहरा रहे हैं तथा कोर्ट का मूल्यवान समय नष्ट कर रहे हैं। लम्बे समय से चल रही इस मामले की सुनवाई को समाप्त किया जाए।


जज साहब ने सराकरी वकील से कहा की आप गैर संबैधानिक बात न रखे जिसके बाद दिनेश जी ने अपनी बहस खत्म की और दीवान जी को बोलने का मौका मिला


दीवान जी ने कोर्ट के सामने अपना  रिज्वाइन्डर प्रारंभ किया ।

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श्याम दिवान ने एक जजमेंट पेश किया। जिसमें राज्य की अर्थव्यवस्था कमजोर होने पर शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग में पहली प्राथमिकता स्वास्थ्य विभाग को देने का फैसला दिया है।

दिवान साहब ने कोर्ट से कहा कि  सरकार स्वास्थ्य, कृषि,शिक्षा में किसको प्रथमिकता दे ,ये कोर्ट तय कर दे ।वही बिहार सरकार मानेंगी।

जज साहब ने कहा कि वित्तीय स्थिति को देखते हुए क्यों न लंबी अनुभव वालों को SWSP दिया जाए अब दिवान साहब ने   बोला कि लंबी अनुभव वालों को SWSP  देने में कोई दिक्कत नहीं है ।



जज साहब ने कहा की या फिर Rte act,ncte guidelines  को पुरा करने वालों को पहले समान काम समान वेतन दे सरकार। विभा दत्त माखीजा ने खड़े होकर समर्थन में सिर हिलाया।

दीवान साहब ने कोर्ट से कहा कि जिस तरह धारा 377 मामले मे कोर्ट ने नये ढंग से विचार किया है उसी तरह नियोजित शिक्षकों के मामले में संविधान की पुरानी सोंच से ऊपर उठकर नये सिरे से विचार करे कोर्ट।



अंततः सरकार ने  अंतिम हथियार  अपने वकील के माध्यम से चला दी है ।सरकार का कहना है कि उच्चतम न्यायालय उच्च न्यायालय के फैसले में संशोधन करें और कोई आधार तय करके फेजवाइज देने का निर्णय दे ।,

आज की सुनवाई काफी अच्छी रही बहुत सारी बाते शिक्षको के पक्ष में निकल कर सामने आई जससे शिक्षको के अंदर एक नई उम्मीद जगी है। कोर्ट अंतिम सुनवाई की तिथि 3 अक्टूबर घोषित कर दी है।और साथ ही दोनों पक्षों को एक- एक घंटे का समय भी निर्धारित कर दिया है।





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