बुधवार, 19 सितंबर 2018

19 सितंबर की सुनवाई पर एक रिपोर्ट। बे मतलब की रही सुनवाई।


आज सुप्रिमकोर्ट में समान काम समान वेतन की सुनवाई कोर्ट नंबर 11 में 11:24 पर शुरू हुई थी 

कोर्ट ने अटार्नी जनरल को मात्र 30 मिनट का समय दिया था बोलने के लिए लेकिन जब बहस चली तो ये समय बढ़ा दिया गया ।

अटॉर्नी जनरल ने कोर्ट को बताया कि  मैं अपने हिस्से का पूरी राशि बिहार सरकार को देता हूं और बिहार सरकार क्या कर रही है उस राशि का मुझे जानकारी नहीं है।



यू यू ललित और सपरे साहेब ने  अटॉर्नी जनरल को बोला  कि कम से कम समय में अपनी बात को पूरा करते हुए इसका रास्ता निकलने की कोशिश कीजिए।जज साहब ने कहा कि आज सभी पक्ष कम से कम समय में अपनी अपनी बात को रखें। आज बहस फाइनल करें।


AG साहेब ने कोर्ट को बताया कि  सभी को समान वेतन देना मुश्किल है सारे पैसे केवल वेतन पर ही खर्च करेंगे तो और योजना का क्या होगा। इसलिए योग्यता के अनुसार वेतनमान दिया जाए। जो योग्य हैं उन्हें देने में ना मुझे ना बिहार सरकार को कोई ऐतराज है। आप जो ठीक समझे। जैसा आदेश करें।


AG ने कोर्ट से कहा कि  बिहार में शिक्षको की बहाली BPSC से की जाती है जिससे योग्य शिक्षकों का चयन किया जाता है, 


इस पर जज साहब यू यू ललित ने बात  को नकारते हुए  कहा कि आपने ने तो BPSC से बहाली का रास्ता ही बंद कर रखा है तो जो रास्ता बिहार सरकार दे रही है उसी से लोग शिक्षक बनेगें न। 

जज ने कहा कि  संजय हेगड़े ने अपने आर्गुमेंट में BPSC से भी कड़ी परीक्षा TET का होने का प्रमाण हमें दिया है।इसलिये यह कोई मैटर नहीं है।


लंच के बाद पुनः सुनवाई शुरू हुई मखीजा जी ने कोर्ट से मांग की कि  पटना हाइकोर्ट के न्यायादेश के अनुसार बिहार के सभी नियोजित शिक्षकों के लिये समान वेतन दिया जाए।


आपको बता दे कि आज के बहस का कोई फायदा शिक्षको को नही मिला अटर्नी जनरल जब तक बोलते रहेंगे कोई नतीजा नहीं निकलेगा,अब कोर्ट की अगली सुनवाई 25 सितंबर को होगी।





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