NIOS से डीएलएड कर रहे शिक्षकों के लिए एक जरूरी सूचना Nios ने पत्र जारी करके सूचित किया है कि 506 और 507 की परीक्षा दिसंबर 2018 में ली जाएगी , और 507,508,509/510 की परीक्षा फरवरी 2019 में होगी ।
Nios ने अपने पत्र में यह भी कहा है कि 506 507,508,509/510 का जो परीक्षा फीस है ओ 1000 रुपए हैजिसको ऑनलाइन 1 अक्टूबर से 15 अक्टूबर के बीच Nios की वेबसाइट www.nios.ac.in पर जा कर जमा कर देना है ताकि आप परीक्षा मैं बैठ सके।
आपको बता दे कि आप 509 और 510 दोनों में से कोई एक ले सकते है। जैसे ही परीक्षा की तिथि की घोषणा होगी आपको इस वेबसाइट के द्वारा सूचना दी जाएगी।
मोतिहारी में परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ द्वारा जारी अनशन शुक्रवार की शाम समाप्त हो गया।
ये अनशन हरसिद्धि प्रखंड के राजकीय मध्य विद्यालय पंवरिया टोला के शिक्षक अभय सिंह के आत्महत्या मामले के आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी को लेकर किया गया था।
एसडीओ सदर प्रियरंजन राज के सकारात्मक आश्वासन पर अनशन को समाप्त किया गया।आपको बता दें कि परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ की जिला इकाई के सदस्य और शिक्षक अपनी मांगों के समर्थन में बुधवार से कचहरी चौक पर अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे थे।
एसडीओ ने कहा है कि शिक्षक आत्महत्या मामले के आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए एसपी को पत्र लिखा गया है। इस दौरान अनशनकारियों ने कहा था कि जब तक हमारी मांगें। पूरी नहीं होती हैं, तब तक हमारा अनशन जारी रहेगा।
हालांकि जिला शिक्षा पदाधिकारी राजकुमार शर्मा डीपीओ स्थापना रूपढ़ कुमार सिंह ने अनशन स्थल पर जाकर सभी बिंदुओं पर शिक्षकों से बात की। इसके बाद पदाधिकारी मांग पत्र के साथ विमर्श के लिए जिलाधिकारी से मिलने रवाना हो गए।
संघ के जिला संयोजक अनिल कुमार सिंह का कहना है कि प्रशासनिक शिथिलता के कारण शिक्षक अभय सिंह आत्महत्या मामले के आरोपितों को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है।
संघ का कहना है कि हमारी अन्य समस्याओं के प्रति शिक्षा विभाग उदासीन है। सभी बातें जायज है। जब तक इन्हें पूरा नहीं किया जाता है, हम अनशन पर डटे रहेंगे।
इस बीच अनशन स्थल पर पहुंचकर अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा युवा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष रोहित सिंह रैकवार एवं महामंत्री डॉ. अजय कुमार सिंह ने आदोलन को अपना समर्थन दिया।
युवा प्रकोष्ट की टीम ने कहा की अगर प्रशासन शिक्षकों की मांगों को पूरा नहीं करती है तो हमारा संगठन उग्र आंदोलन करने को बाध्य होगा।
अररिया के जिला शिक्षा पदाधिकारी ने 3 अक्टूबर की छुट्टी रद्द करते हुए 1 अक्टूबर को छुट्टी का समाजन करने का निर्देश दिया है आपको बता दें कि 3 अक्टूबर से वर्ग 1 से 8 तक के बच्चों की अर्धवार्षिक परीक्षा शुरू होने वाली है जिसको देखते हुए विभाग ने यह फैसला लिया है।
महिला शिक्षकों का कहना है कि 3 अक्टूबर को जब हम उपवास रहेंगे तो 1 अक्टूबर की छुट्टी का क्या करेंगे इसे देखते हुए शिक्षकों में भी काफी आक्रोश है।
शिक्षकों का कहना है कि विभाग परीक्षा की तिथि में परिवर्तन कर सकती थी जिउतिया महिलाओं के लिए एक बहुत ही बड़ा पर्व है। जिस दिन वह पूरा दिन उपवास करती हैं।
वित्तीय वर्ष को आरंभ हुए छह महीने का समय बीत गया, लेकिन समग्र शिक्षा अभियान पर केंद्र सकार मेहरबान नहीं हुई।आलम यह है की समग्र शिक्षा अभियान में केंद्र सरकार ने योजना प्रारंभ होने के बाद भी स्वीकृत बजट राशि की पहली किस्त तक राज्य सरकार को नहीं दी है।
अब राज्य सरकार अपनी समस्या बता कर केंद्र सरकार को इस संबंध में पत्र लिखने जा रही है।केंद्र सरकार को भेजे जाने वाले पत्र में जहां समग्र शिक्षा अभियान के लिए स्वीकृत बजट की राशि की मांग की जाएगी, वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार से एक बार फिर आग्रह किया जाएगा कि स्वीकृत बजट राशि में वृद्धि की जाए।
क्योंकि नियोजित शिक्षकों के वेतन के लिए राज्य सरकार को अपने संसाधन से पैसा देना पड़ रहा है। सूत्रों की माने तो केंद्र सरकार को अक्टूबर पहले हफ्ते में यह पत्र भेजा जाएगा।
केंद्र से राशि मिलने में हो रहे विलंब को देखते हुए राज्य सरकार ने अब तक राज्य सरकार के सुरक्षित कोष से शिक्षकों के वेतन मद में तकरीबन 39 अरब रुपये जारी किए हैं।
आपको बता दे कि जून में नियोजित शिक्षकों के वेतन के लिए 18 अरब रुपये जारी किए गए थे। गुरुवार 27 सितंबर को दुर्गा पूजा के पर्व को देखते हुए सुरक्षित कोष से एक बार फिर 21 अरब रुपये जारी किए गए हैं।
इस राशि से जुलाई से सितंबर महीने तक का वेतन भुगतान किया जाएगा। बहरहाल इस खबर से शिक्षकों को तो राहत मिली है अब उन्हें उम्मीद है कि आने वाला पर्व उनका अच्छे से गुजरेगा।
सरकारी कार्यालयों में किसी अधिकारी व कर्मी को पान व गुटखा के साथ ही तंबाकू का सेवन नहीं करना है।यह बात जानते हुए भी अनजान बने रहे प्रधान शिक्षक शिवशंकर कुमार को पान चबाना महंगा पड़ गया।
उन्हें गुरुवार को पान चबाते खुद डीएम ने पकड़ा डीएम ने उक्त प्रधान को डांट लगायी और पांच सौ रुपया आर्थिक दंड भी.
दरअसल,डीएम डॉ रणजीत कुमार सिंह प्रखंड के भ्रमण पर आये थे, इसी दौरान उन्होंने विभिन्न स्कूलों का भी औचक निरीक्षण कियामवि, टिकौली के निरीक्षण के क्रम में प्रधान श्री कुमार पान चबाते मिले।
वहीं, 10 में पांच शिक्षक व शिक्षिका अश्वनी कुमार, शत्रुघ्न मंडल,शकुंतला कुमारी,रेखा कुमारी व मो अलत स्कूल से नदारद मिले डीएम ने बीडीओ को उक्त शिक्षक व शिक्षिका को निलंबित करने का आदेश दिया. डीएम डॉ सिंह को हैरानी तब हुई जब नामांकित 783 में से मात्र 130 बच्चों को मौजूद पाया. मवि, गंगवारा व खरपट्टी के साथ ही डीएम ने रामदौन उच्च विद्यालय का भी निरीक्षण किया।
हर घर जल नल की जानकारी ली डीएम डॉ सिंह ने टिकौली के वार्ड नंबर-चार एवं खरपट्टी के वार्ड नंबर नौ में हर घर जल नल योजना का जायजा लेने के साथ ही लोगों से भी जानकारी ली. इसकी पुष्टि बीडीओ सरोज बैठा ने की है. मौके पर डीडीसी प्रभात कुमार, बीडीओ सरोज बैठा एवं थानाध्यक्ष गोरख राम भी मौजूद थे।
सिकटी प्रखंड के टेंगापुर पंचायत के प्राथमिक विद्यालय सतबेर के प्रभारी प्रधानाध्यापक भूपेश कुमार के असामयिक निधन की खबर ने शिक्षा प्रेमी व शिक्षकों को स्तब्ध कर दिया है।
मृतक के पत्नी नीलम देवी ने विभाग पर यह आरोप लगाया है कि अगर उनके चार माह के लंबित वेतन का भुगतान हो गया होता, तो आज उनके पति जिंदा होते।उन्होंने कहा कि रुपयेके परेशानी के कारण ही वे अपने पति का समुचित इलाज नहीं करा पाये।
उन्होंने कहा कि वेतन के रूप में जो भी मिलता है वह भी समय पर नहीं मिलता है. ऐसे में शिक्षक के परिवार का परवरिश कैसे होगा, कह कर रो-रो कर उनका बुरा हाल हो गया।
परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार भूपेश कुमार ने विद्यालय में बच्चे के माध्यम के से गुरुवार लिए आवेदन को आकस्मिक भेज कर अवकाश बेहतर इलाज कराने के लिए बाहर जाने की बात कही थी।
वे करीब तीन दिनों से अपने आप को अस्वस्थ महसूस कर
रहे थे।जैसे तैसे रुपये का बंदोबस्त कर वे गुरुवार को बाहर जाने वाले थे। इस बीच अचानक सुबह आठ बजे उनकी तबीयत बिगड़ गयी.
वे बेहोश हो गये. इसी स्थिति में परिजनों द्वारा उनको पीएचसी सिकटी ले जाया गया जहाँ जांच के बाद डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
वेतन के आभाव में शिक्षकों की जान चली जाना यह बिहार में कोई नई बात नहीं है लेकिन बिहार सरकार इस पर बिल्कुल ध्यान नहीं दे रही है सरकार को शिक्षा में गुणवत्ता तो चाहिए लेकिन शिक्षकों के प्रति क्या दायित्व है इसको सरकार समझना नहीं चाहती है शिक्षक संघों को एकजुट होकर इसके खिलाफ लड़ना होगा और वेतन के आभाव में फिर किसी शिक्षक की जान ना जाए इसके लिए सोचना होगा।
आज समान काम समान वेतन की सुनवाई 2:18 मिनट शुरू हुई है। कोर्ट नंबर 11 में केस की सुनवाई चल रही थी।
आपको बता दे कि आज कोर्ट फुल डे था। केस नंबर 19 की सुनवाई में आज ज्यादा समय लग गया इसलिए लेट से सुनवाई शुरू हुई।
जज साहब ने सराकरी वकील से कहा 1 घंटे 50 मिंट में आप अपनी बहस खत्म करें लास्ट में 5 मिंट के लिये रंजीत कुमार को बहस करने का मौका शिक्षक की ओर से दिया जाएगा।
सबसे पहले बिहार सरकार के वकील ने कोर्ट में बोलना शुरू किया ,उन्होंने ने कोर्ट में अपनी पुरानी बातों को दोहराना शरू किया ।
तभी विजय हंसरिया ने कोर्ट से आग्रह किया कि महोदय सरकारी अधिवक्ता पुरानी बातों को ही दुहरा रहे हैं तथा कोर्ट का मूल्यवान समय नष्ट कर रहे हैं। लम्बे समय से चल रही इस मामले की सुनवाई को समाप्त किया जाए।
जज साहब ने सराकरी वकील से कहा की आप गैर संबैधानिक बात न रखे जिसके बाद दिनेश जी ने अपनी बहस खत्म की और दीवान जी को बोलने का मौका मिला
दीवान जी ने कोर्ट के सामने अपना रिज्वाइन्डर प्रारंभ किया ।
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श्याम दिवान ने एक जजमेंट पेश किया। जिसमें राज्य की अर्थव्यवस्था कमजोर होने पर शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग में पहली प्राथमिकता स्वास्थ्य विभाग को देने का फैसला दिया है।
दिवान साहब ने कोर्ट से कहा कि सरकार स्वास्थ्य, कृषि,शिक्षा में किसको प्रथमिकता दे ,ये कोर्ट तय कर दे ।वही बिहार सरकार मानेंगी।
जज साहब ने कहा कि वित्तीय स्थिति को देखते हुए क्यों न लंबी अनुभव वालों को SWSP दिया जाए अब दिवान साहब ने बोला कि लंबी अनुभव वालों को SWSP देने में कोई दिक्कत नहीं है ।
जज साहब ने कहा की या फिर Rte act,ncte guidelines को पुरा करने वालों को पहले समान काम समान वेतन दे सरकार। विभा दत्त माखीजा ने खड़े होकर समर्थन में सिर हिलाया।
दीवान साहब ने कोर्ट से कहा कि जिस तरह धारा 377 मामले मे कोर्ट ने नये ढंग से विचार किया है उसी तरह नियोजित शिक्षकों के मामले में संविधान की पुरानी सोंच से ऊपर उठकर नये सिरे से विचार करे कोर्ट।
अंततः सरकार ने अंतिम हथियार अपने वकील के माध्यम से चला दी है ।सरकार का कहना है कि उच्चतम न्यायालय उच्च न्यायालय के फैसले में संशोधन करें और कोई आधार तय करके फेजवाइज देने का निर्णय दे ।,
आज की सुनवाई काफी अच्छी रही बहुत सारी बाते शिक्षको के पक्ष में निकल कर सामने आई जससे शिक्षको के अंदर एक नई उम्मीद जगी है। कोर्ट अंतिम सुनवाई की तिथि 3 अक्टूबर घोषित कर दी है।और साथ ही दोनों पक्षों को एक- एक घंटे का समय भी निर्धारित कर दिया है।
देश एवं नगर के विकास के लिए सरकार के द्वारा कई प्रकार के अभियान या मिशन चलाया जाता है जिसके तहत कई प्रकार की सुविधा प्रदान की जाती है |इन अभियानों का इस्तेमाल देश के विकास के लिए किया जाता है | इनमे से एक है ODF ।
क्या आप जानते है यह किस प्रकार की योजना है ? अगर नहीं तो आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे?
ODF क्या है और इसका फुल फॉर्म क्या होता है?
ODF का फुल फॉर्म होता है Open Defecation Free (ओपन डेफिकेसन फ्री) यानी हिंदी में इसका मतलब होता है -खुले में शौच मुक्त।
ODF अर्थात (Open Defecation Free) स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहर गाँव आदि को स्वच्छ रखने के उद्देश्य से इस योजना का आरम्भ किया गया |इस योजना के तहत गाँव एवं शहर के सभी घर में शौचालय का निर्माण किया जा रहा है, और साथ ही लोगो को इस बात की जागरूकता दी जा रही हैव की सौच के लिए शौचालय का इस्तेमाल करे।
शौचालय के इस्तेमाल से हमारा स्वास्थ्य एवं वातावरण स्वस्थ रहेगा | भारत में शुरू की गई स्वच्छ भारत मिशन जिसे स्वच्छ भारत अभियान भी कहा जाता है |
इस अभियान का शुभारम्भ हमारे देश के वर्तमान एवं 14 वें प्रधानमंत्री मोदी जी के द्वारा 2 October 2014 को किया गया था इसके साथ साथ प्रधानमंत्री ने महात्मा गाँधी के 150वें जयंती पर सम्पूर्ण भारत को स्वच्छ बनाने का संकल्प लिया एवं इस संकल्प को पूरा करने के लिए इन्होने स्वच्छ भारत मिशन का शुभारम्भ किया जिसके तहत Open Defecation Free की घोषणा की गई |
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आज समान काम समान वेतन की सुनवाई 11:22 AM से शुरू हुई थी। कोर्ट नंबर 11 में सुनवाई शुरू हुई पूरे 15 केसों को लिस्ट किया गया था जिसमे 13 नंबर पर नियोजित शिक्षकों का केस था।
आपको बता दे कि आज सिर्फ बिहार सरकार के वकीलों को ही बोलना था ।लेकिन शिक्षको का पक्ष रखने के लिए बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ की ओर से सर्विस मैटर के वरिष्ठ अधिवक्ता विजय हंसरिया तथा युवा एवं तेज़ तरार अधिवक्ता अनिमेष कुमार सिंह कोर्ट रूम में मौजूद थे ताकि आवश्यकता पड़ने सरकारी वकीलों के गलत तथ्यों का जवाब दे सके।
कोर्ट रूम में सबसे पहले बिहार सरकार के अधिवक्ता दिनेश द्विवेदी ने बोलना शुरू किया था।
दिनेश द्विवेदी ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार को अपने बजट के अनुसार बहाली और नियमावली बनाने का अधिकार है।
जज ने कहा कि केवल वित्त और नियोजन को आधार आप नहीं बना सकते,यह शिक्षक है और संवैधानिक रुप से समान काम करते हैं।
जज ने सरकारी वकील से कहा कि नियम तो आप बनाते हैं लेकिन वह संवैधानिक हो इसका भी ख्याल राज्य सरकार को रखना चाहिए।जिससे कार्य करने वाले का शोषण नही हो सके।
जज ने सरकारी वकील से कहा की अभी तक के सुनवाई से ये साफ पता चलता है कि सभी शिक्षक एक समान काम करते हैं तो कोर्ट को गुमराह क्यों कर रहे हैं।
यू यू ललित ने बिहार सरकार के वकील को यह कहते हुए नकार दिया कि शिक्षकों को समान काम का समान वेतन मिलना चाहिए और लगभग आज जज साहब ने अपने फैसले का संकेत दे दिए।
आपको बता दे कि जज महोदय इस केस के सभी पहलुओं से परिचित हो चुके हैं ।बिहार सरकार के वकील दिनेश द्विवेदी की हर बिंदु को काट रहे थे।
अंततः आज किसी भी तरह का कोई फैसला नहीं आया मामला सराकरी वकील और जज साहब के बीच में ही फसा रहा।कोर्ट ने अगली सुनवाई की तिथि 27 सितंबर घोषित कर दी है अब देखना है कि कल क्या होता है।
आज समान काम समान वेतन की सुनवाई 11:40 मिनट पर शुरू हुई थी।कोर्ट नंबर 11 में सुनवाई शुरू की गई थी।आपको बता दे कि कोर्ट में सरकार की तरफ से आज फिर अटर्नी ने अपनी बातों को रखना शुरू किया।
अटर्नी जनरल ने कोर्ट से कहा कि सहायक अभियंता और कनीय अभियंता के वेतन अलग-अलग हो सकता है तो फिर नियमित और नियोजित शिक्षकों के वेतन में अंतर स्वाभाविक है।
अटार्नि जनरल ने अपनी पुरानी बाते दोहराते हुए कोर्ट को बताया कि केंद्र सरकार वेतन बढा नही सकती वह अपने हिस्से कि राशि राज्य को देती है पूर्ण वेतनमान राज्य का मसला है।
जज साहब ने अटर्नी जनरल से पुरानी बातों को दोहराने से मना किया उनको अपनी बात समाप्त करने और नई बात बोलने के लिए कहा लेकिन AG बहस समाप्त करने से इंकार करते हुए कहा कि अभी बहुत बात बाकी है।
अटर्नी जनरल ने कोर्ट से कहा कि हमने अपने आर्गुमेंट में पहले ही बता दिया है कि बिहार सरकार नियोजित शिक्षको को दूसरे राज्यो से ज्यादा पैसा देती है अब इसमें मैं कुछ नहीं बोल सकता राज्य सरकार अपना समझे।
अटर्नी जनरल ने कहा कि बिहार सरकार को जो करना है वो करे लेकिन भारत सरकार अपने हिस्से से 1 रुपया ज्यादा नहीं देगी।
लंच के बाद भारत सरकार के ज्वाइंट सेक्रेट्री मनीष गर्ग से ललित साहब ने पूछा की जो आपने 49 पेज का सबमिशन दिया है उसमें आर टी ई के अनुसार राशि देने हेतु आपका क्या दायित्व बनता है ? मनीष गर्ग ने जबाब देने के लिए कल का मांगा है।
Ag साहब से कोर्ट ने पूछा कि आप 8 सालो में भी शिक्षा का अधिकार अधिनियम नही लगा पाए क्यो? इसका Ag साहब के पास कोई जवाब नहीं था।
अटर्नी साहब के बोलने के बाद वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल साहब, अटार्नी जनरल द्वारा समान काम समान वेतन के विरोध में दिये दलीलों को साक्ष्य सहित विन्दुबार करारा जबाब दिया। सिबल साहब के बाद सी ए सुंदरम साहब ने अपनी बात को रखा उसके बाद दिनेश द्विवेदी जी ने कोर्ट में अपनी बात को रखा।
अंत मे कोर्ट ने कहा कि आज आप लोग सब बात पुरा कर ले कल दिवान जी को सूनने के बाद बहस समाप्त किया जयेगा।
और इसी के साथ कोर्ट केस की अगली सुनवाई 26 सितंबर घोषित कर दी।
आज की सुनवाई बेमतलब साबित हुई। यहाँ केंद्र सरकार केस को लटकाना चाहती है।
दर्दनाक हादसे का मामला सामने आया है। शहर के एक निजी
स्कूल की छत ढह गई जिससे एक छात्र की मौत हो गई।
जानकारी के अनुसार यह घटना मंगलवार सुबह की है। क्रिश्चियन क्वार्टर स्थित निजी स्कूल में यह हादसा उस समय हुआ जब स्कूल में कक्षाएं चल रही थी। उसी दौरान एक क्लास रूम की छत गिर गई जिससे एक छात्र की मौत हो गई।इस हादसे में कई अन्य छात्र घायल हो गए।
हादसे में घायल तीन छात्रों की हालत गंभीर बताई जा रही है।
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बच्चों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया। मामले की जानकारी मिलते ही एसपी और सदर एसडीएम घटनास्थल पर पहुंचे।
माननीय उच्चतम न्यायालय में समान कार्य के लिए समान वेतन का केस दिनांक 25/09/2018 को माननीय जस्टिस अभय मनोहर सपरे एवम जस्टिस उदय उमेश ललित जी की बेंच में कोर्ट नंबर 11 में सीरियल क्रमांक 01 पर लिस्टेट कर दिया गया है
25/09/2018 को कोर्ट नंबर 11 फूल डे है यानी सुनवाई शाम 4 बजे तक होगी। उस दिन कोर्ट नंबर 11 में कुल 25 केस लिस्टेट है।
SWSP की सुनवाई 11:45 बजे से शुरू होने की उम्मीद है।सूत्रों की माने तो ये हफ्ता समान काम समान वेतन के लिए आखिरी हफ्ता बताया जा रहा है,लेकिन 25 सितंबर को अटर्नी जनरल फिर से अपनी बातों को रखेंगे और कौन सी बातें निकल कर सामने आएगी ये तो सुनवाई के बाद ही पता चलेगा।
कल का दिन शिक्षको के लिए काफी महत्वपूर्ण है कल की सुनवाई के बाद बहुत सारी बातों से पर्दा उठ जाएगा।
बेगूसराय जिले के डीपीओ स्थापना द्वारा प्रारंभिक स्कूल के 39 शिक्षक में शिक्षिकाओं की सेवा समाप्त करने के आदेश के बाद शिक्षकों में हड़कंप मच गया है।
विभिन्न स्तरों पर शिक्षक नियोजन में फर्जीवाड़े के खेल में
निगरानी द्वारा लगातार दबाव बढ़ाने के बाद शिक्षा विभाग में भी प्रारंभिक स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों को खंगालने का काम शुरू होने से अन्य शिक्षकों की धड़कने तेज हो गयी है।
बीईओ की जांच रिपोर्ट पर डीपीओ स्थापना नसीम अहमद द्वारा गहन जांच पड़ताल की गयी। पड़ताल के बाद भयानक मामले सामने आने लगे।पड़ताल दर पड़ताल के बाद स्पष्ट हुआ कि कई शिक्षक शिक्षिकाएं स्कूल से बिना सूचना के वर्षों से अनुपस्थित चल रही हैं।
निगरानी द्वारा ताबड़तोड़ प्राथमिकी दर्ज कराने के बाद कई शिक्षकों ने स्कूल जाना छोड़ दिया। कई शिक्षकों ने दूसरी नौकरी में चले गये तो कई ने त्याग पत्र दे दिया। जांच के बाद ही स्पष्ट
होगा कि शिक्षकों ने निगरानी के डर से स्कूल छोड़ दिया या किसी ने अन्य कारणों से भी स्कूल छोड़ दिया है।
आपको सभी को ज्ञात है कि आज कल स्कूलो का निरीक्षण जोर शोर से हो रहा है।
लेकिन भगलपुर जिले के वरीय अधिकारियों का कहना है कि निरीक्षण के बाद भी कई विद्यालयों में सुधार नही हो रहा है।
अधिकारी की माने तो कहीं समय पर विद्यालय का संचालन नहीं हो रहा है तो कहीं बच्चों को किताब व पोशाक की राशि ही नहीं मिली है।
आपको बता दे कि गुरुवार को विद्यालय जांच के दौरान मध्य विद्यालय विशनपुर जिच्छो के शिक्षक कृष्णदेव मंडल को
निलंबित करने का निर्देश पदाधिकारी द्वारा दिया गया है।
जिला पदाधिकारी प्रणव कुमार ने बताया कि गुरुवार को विशनपुर जिच्छो स्कूल का निरीक्षण किया गया।इस क्रम में शिक्षक कृष्णदेव मंडल से कुछ सवाल पूछा गया ।
पदाधिकारी ने सवाल का जवाब बोर्ड पर लिखने को कहा गया जिसका जवाब वे नहीं दे सके ।इस कारण उन्हें निलंबित करने का निर्देश जिला शिक्षा पदाधिकारी को दिया गया है।
बिहार राज्य आंगनबाड़ी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले जिले
की आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका ने अपनी मांगों को लेकर शहर के गांधी मैदान से आक्रोश पूर्ण रैली निकाली।जो शहर के मुख्य रास्तों से होते हुए समाहरणालय पहुंची उसके बाद दानी बिगहा बस स्टैंड में पहुंच कर धरना में बैठ गयी।
प्रदर्शन का नेतृत्व जिलाध्यक्ष शांति देवी व जिला मंत्री डेजी ने संयुक्त रूप से कियाइस सेविका-सहायिका ने नारेबाजी करते हुए कहा कि तीन हजार में दम नहीं ,18 हजार से कम नहीं मानदेय नहीं वेतनमान चाहिए आदि नारे लगाये।
जिलाध्यक्ष ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार हमलोगों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है, पिछले कई वर्षों से 15 सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन कर रही हूं, लेकिन सरकार अन्याय कर रही
है।
गोवा,तेलंगाना, दिल्ली, मध्यप्रदेश की तरह बिहार में भी आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका को मानदेय व अन्य सुविधा उपलब्ध करायी जाये नहीं तो 28 नवंबर को मुख्यमंत्री आवास
का घेराव किया जायेगा. यदि इसके बाद भी मांग पूरी नहीं होती है तो पांच दिसंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल की जायेगी।
प्रदर्शन में रविंद्र कुमार सिंह, उपेंद्र नाथ शर्मा,रंजीत कुमार,
सूर्यदेव पांडेयदेवबली सिंहमीना कुमारी, सविता यादवमुनी देवी छाया कुमारीमंजू कुमारीप्रमिला कुमारी सहित हजारों लोग शामिल थे.
बिहार के शिक्षा विभाग को केंद्र सरकार का तगड़ा झटका लगा है। केंद्र से प्रायोजित योजनाओं के लिए राज्य से 5 अरब 43 करोड़63 लाख 99 हजार रुपए का बजट प्रस्ताव भेजा गया था
जिसे नकारते हुए केंद्र सरकार द्वारा सिर्फ 1 अरब 91 करोड़ 17 लाख 99 हजार रुपये का बजट मंजूर किया है। यह स्थिति तब है जब पहली बार शिक्षा का दायरा बढ़ाकर कक्षा एक से 12वीं तक की शिक्षा की जिम्मेदारी राज्य सरकार को सौंपी गई।
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (आरएमएसए) और सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए) दोनों को मिलाकर समग्र शिक्षा अभियान नाम दिया गया लेकिन बजट में कटौती कर दी गई।
केंद्र ने शिक्षा बजट में 3.5 अरब की कटौती कर दिया है। साथ ही सिविल वक्र्स के लिए 1 अरब 13 करोड़ के बजट का प्रस्ताव भेजा गया था। केंद्र ने सिविल वक्र्स में एक भी रुपया नहीं दिया है।
परिणामस्वरूप चालू वित्तीय वर्ष में न तो विद्यालय का भवन बनेगा और न ही वर्ग कक्षा या शौचालय। एमडीएम बनाने के लिए किचन शेड का भी निर्माण नहीं हो सकेगा।डीईओ मनोज कुमार ने बतया कि केंद्र ने इस बार बजट में 3.5 अरब रुपए की कटौती कर दिया है।
साथ ही नए भवन के निर्माण मद में भी एक रुपया नहीं दिया गया है। जिससे भवन निर्माण में असुविधा होगी। शशि आने के बाद बजट के अझुरूप काम कराया जाएगया।
विभाग का कहना है शिक्षको के वेतन भुगतान पर 1 अरब 48 लाख 80 हाजर रुपए खर्च होते अब यैसे में कम बजट मिलने से इसका असर शिक्षको के वेतन पर भी पड़ेगा।
जमुई में चकाई के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी (बीईओ) रामस्वरूप प्रसाद को निगरानी की टीम ने बुधवार की देर शाम 20 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। डीएसपी गोपाल पासवान के नेतृत्व में निगरानी टीम ने कार्रवाई की।
बीइओ रामस्वरूप प्रसाद को चकाई बाजार स्थित अपने किराये के आवास से पकड़े गए। उनके खिलाफ चकाई के एक शिक्षक धर्मेंद्र कुमार सिंह ने सवा दो लाख रुपये एरियर की निकासी के लिए 20 हजार रुपये रिश्वत मांगने की शिकायत निगरानी विभाग से की थी।
टीम ने शिकायत के आधार पर सत्यापन किया और जांच में सही पाये जाने पर बीइओ के खिलाफ जाल बिछाया। बीइओ ने रिश्वत के लिए शिक्षक को अपने आवास पर बुलाया था।
पुलिश की गाड़ी बीइओ के आवास के आसपास लगी थी जिसमे में पुलिस के जवान बैठे थे। जैसे ही शिक्षक ने रिश्वत दी, पहले से जाल बिछायी निगरानी की टीम ने बीइओ को रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया।
बीईओ को ट्रैप करने की सूचना मिलते ही शिक्षा विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मच गया। चकाई के साधन सेवी अमीर दास ने बताया कि बीईओ की गिरफ्तारी की जानकारी उनको भी मिली है।
आज सुप्रिमकोर्ट में समान काम समान वेतन की सुनवाई कोर्ट नंबर 11 में 11:24 पर शुरू हुई थी
कोर्ट ने अटार्नी जनरल को मात्र 30 मिनट का समय दिया था बोलने के लिए लेकिन जब बहस चली तो ये समय बढ़ा दिया गया ।
अटॉर्नी जनरल ने कोर्ट को बताया कि मैं अपने हिस्से का पूरी राशि बिहार सरकार को देता हूं और बिहार सरकार क्या कर रही है उस राशि का मुझे जानकारी नहीं है।
यू यू ललित और सपरे साहेब ने अटॉर्नी जनरल को बोला कि कम से कम समय में अपनी बात को पूरा करते हुए इसका रास्ता निकलने की कोशिश कीजिए।जज साहब ने कहा कि आज सभी पक्ष कम से कम समय में अपनी अपनी बात को रखें। आज बहस फाइनल करें।
AG साहेब ने कोर्ट को बताया कि सभी को समान वेतन देना मुश्किल है सारे पैसे केवल वेतन पर ही खर्च करेंगे तो और योजना का क्या होगा। इसलिए योग्यता के अनुसार वेतनमान दिया जाए। जो योग्य हैं उन्हें देने में ना मुझे ना बिहार सरकार को कोई ऐतराज है। आप जो ठीक समझे। जैसा आदेश करें।
AG ने कोर्ट से कहा कि बिहार में शिक्षको की बहाली BPSC से की जाती है जिससे योग्य शिक्षकों का चयन किया जाता है,
इस पर जज साहब यू यू ललित ने बात को नकारते हुए कहा कि आपने ने तो BPSC से बहाली का रास्ता ही बंद कर रखा है तो जो रास्ता बिहार सरकार दे रही है उसी से लोग शिक्षक बनेगें न।
जज ने कहा कि संजय हेगड़े ने अपने आर्गुमेंट में BPSC से भी कड़ी परीक्षा TET का होने का प्रमाण हमें दिया है।इसलिये यह कोई मैटर नहीं है।
लंच के बाद पुनः सुनवाई शुरू हुई मखीजा जी ने कोर्ट से मांग की कि पटना हाइकोर्ट के न्यायादेश के अनुसार बिहार के सभी नियोजित शिक्षकों के लिये समान वेतन दिया जाए।
आपको बता दे कि आज के बहस का कोई फायदा शिक्षको को नही मिला अटर्नी जनरल जब तक बोलते रहेंगे कोई नतीजा नहीं निकलेगा,अब कोर्ट की अगली सुनवाई 25 सितंबर को होगी।
आज दिनांक 19.09.2018 व बुधवार को लगभग समय 11:30बजे पूर्वहान से कोर्ट नंबर :11में आइटम नंबर:1की सुनवाई प्रारंभ होगी ।आज कोर्ट में पूरे दिन सुनवाई चलेगी।
कोर्ट में पूरे 14 केशो को लिस्ट किया गया है जिसमे नियोजित शिक्षकों का केश एक नंबर पर है और सभी केशो की सुनवाई होने के बाद समान काम समान बेतन की सुनवाई होगी।
केंद्र सरकार की ओर से अटर्नी जरनल के०के०वेणुगोपाल बहस करेंगे।बिहार सरकार और केंद्र सरकार जितने भी चाले चलनी थी ओ चल चुकी है जो बचा रह गया है ओ आज अटर्नी जनरल पुरो करेंगे।
बिहार सरकार और केंद्र सरकार ने न्यायालय को गलत तथ्य देकर हमेशा नियोजित शिक्षकों को समान काम समान वेतन नहीं देने हेतु दिग्भर्मित करने का हर सम्भव प्रयास किया है।
आप सभी को ज्ञात होगा कि केंद्र और राज्य सरकार के अधिवक्ता के द्वारा कुतर्क और गलत तथ्यों को नियोजित शिक्षकों के अधिवक्ता पी०चितम्बरम,सिंधवी जी,रंजीत कुमार,कपिल सिब्बल इत्यादि के द्वारा पूर्ण रूपेण खण्डन कर सार्थक तर्क देकर साक्ष्य सहित कोर्ट में प्रस्तुत कर जज साहब को संतुष्ट कर सफल हो चुके है ।
वर्तमान् समय में कोर्ट में नियोजित शिक्षकों के प्रति सकारात्मक रुख देखा जा रहा है।अर्थात समान काम समान वेतन का पारित आदेश हाई कोर्ट पर कोई प्रश्न चिन्ह अब तक में नहीं उठा है।
आप् सभी एकता में धैर्यपूर्वक रहें और अपने -अपने ईष्ट देवताओं से प्रार्थना करें कि आज दिनांक19.09.2018को अंतिम बहस हो और समान काम समान वेतन की हाई कोर्ट के पारित आदेश को सुप्रीम कोर्ट बरकार का आदेश पारित करें।
बीटीईटी 2011 शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में निगरानी की रिपोर्ट चौंकाने वाली है।
सिर्फ अंकों के हेरफेर का ही मामला नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार
प्रमाणपत्रों के साथ छेड़छाड़ की बात भी है।
दलालों और बिहार बोर्ड में बैठे शातिरों ने ऐसे लोगो को भी शिक्षक बना दिया, जिन्होंने पात्रता परीक्षा ही नहीं दी।बेगूसराय से गिरफ्तार चार शिक्षिकाओं में से तीन के बारे में ऐसी ही जानकारी सामने आई है।
शिक्षिका पूजा भारती, श्वेता और मंजू पात्रता परीक्षा में शामिल ही नहीं हुई थीं। इन तीनों के साथ कई को दूसरे अनुत्तीर्ण अभ्यर्थी की जगह उत्तीर्ण दिखाकर शिक्षक बना दिया गया।
शातिरों ने ऐसेऐसे अभ्यर्थियों को पास दिखाया, जो पेपर वन में पास ही नहीं हुए थे। ऐसे 14 शिक्षकों के नामजद और कछ अज्ञात विरुद्ध निगरानी की टीम ने बेगूसराय के डंडारी थाने में जांच के बाद मामला दर्ज कराया था।
निगरानी के एक सीनियर अधिकारी की माने तो हर जिले में ऐसी बहाली हुई है। बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा हुआ है।
सवाल: बताइये दिल्ली की जामा मस्जिद का निर्माण किसने करवाया था ? जवाब : शाहजहां ने सवाल : बताइये कौन से फसल के लिए भारत में विश्व का सबसे बड़ा कृषि क्षेत्र है ? जवाब : चावल सवाल : भारत में निर्मित प्रथम कंप्यूटर का क्या नाम था ? जवाब : सिद्धार्थ
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सवाल : बताइये कौनसे राज्य में लोकसभा की सर्वाधिक सीटें है ? जवाब : उत्तर प्रदेश मे सवाल : बताइये किस भारतीय नोट पर गांधी जी की फोटो नहीं होती है ? जवाब : गांधी जी की फोटो 1 रुपये के नोट पर नहीं होती है।
सवाल : बताइये ‘रामचरित्र मानस’ नामक ग्रंथ की रचना किसने की थी ? जवाब : तुलसीदास ने सवाल : बताइये भारत की पहली रेल कहाँ पर चली थी ? जवाब : मुंबई और थाणे के मध्य सवाल : बताइये भारत में जनगणना कितने वर्षों के बाद होती है ? जवाब : 10 वर्षों के बाद दोस्तों, ऐसे ही सवालों को रोजाना पढ़ने के लिए आप हमें फॉलो करें और इस आर्टिकल को लाइक अवश्य करें।
सुप्रीम कोर्ट ने समान काम समान वेतन की अगली तिथि घोषित कर दी है नियोजित शिक्षकों के लिए एक बहुत बड़ी खुशखबरी है ।
19 सितंबर को समान काम समान वेतन की तिथि घोषित हुई है कोर्ट नंबर 11 में समान काम समान वेतन की सुनवाई होगी, पूरे 14 केशो को लिस्टेड किया गया है जिसमें से एक नंबर पर नियोजित शिक्षकों के समान काम समान वेतन के केश को रखा गया है।
19 सितंबर को कोर्ट की सुनवाई पूरे दिन चलेगी यानी कि 4:00 बजे तक सुनवाई चलेगी। जज के रूप में ललित साहब और मनोहर सप्रे जी नियुक्त रहेंगे सुनवाई के लिए उम्मीद किया जा रहा है कि समान काम समान वेतन के फैसले में एक अच्छी खबर सुनने को मिले
सबसे पहले अटॉर्नी जनरल साहब अपनी बात को रखना शुरु करेंगे।
बिहार के संविदा कर्मियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में कार्यरत संविदा कर्मियों की सेवा स्थायी होने का रास्ता साफ हो गया है। गुरुवार को बिहार कैबिनेट की बैठक में इनके स्थायीकरण के लिए गठित उच्चस्तरीय समिति की अनुशंसा को मंजूरी मिल गई। माना जा रहा है कि राज्य के करीब तीन लाख संविदा कर्मियों को इसका लाभ मिलेगा। इनकी सेवा अब स्थायी हो जाएगी। माना जा रहा कि तीन महीने बाद जब उच्चस्तरीय कमेटी अपनी अनुशंसा देगी तब जाकर बेल्ट्रान से आउट सोर्स किए गए संविदा कर्मियों की सेवा भी स्थायी कर दी जाएगी। कल की कैबिनेट बैठक में 42 एजेंडों पर मुहर लगी है।
पटना। टीईटी का मूल प्रमाण पत्र प्रखंड शिक्षा कार्यालय से गायब हो गया।
अब डुप्लीकेट लेने के लिए शिक्षक बिहार बोर्ड पहुंच रहे हैं।
लेकिन यहां भी उन्हें निगरानी जांच का हवाला देकर वापस कर दिया जा रहा है।
ऐसे में इन शिक्षकों को परेशानी सता रही है जिन शिक्षकों
का उनके प्रखंड से मूल प्रमाण पत्र गायब हुए हैं, अब उनसे एडमिट कार्ड और मूल प्रमाण पत्र मांगा जार हा है।
अभ्यर्थी संगीता कुमारी ने बताया कि हमें दस दिनों के अंदर
डीईओ के पास मूल प्रमाण पत्र जमा करना है बिहार बोर्ड डुप्लीकेट दे नहीं रहा है, ऐसे में अब नौकरी पर खतरा हो जायेगा।
इधर, टीईटी एसटीईटी उत्तीर्ण शिक्षक संघ ने भी बोर्ड से शिक्षकों को डुप्लीकेट प्रमाणपत्र देने की मांग की है। अश्विनी पांडेय ने बताया कि प्रमाणपत्र गायब होने में शिक्षकों का कोई दोष नहीं है।
आपको बता दें कि भोजपुर के उदवंतनगर और बिहिया प्रखंड
के 70 से अधिक शिक्षकों का मूल प्रमाण पत्र गायब हो गया है।