शुक्रवार, 31 अगस्त 2018

TET फर्जी सर्टिफिकेट के खेल में लाखो कमाए दलालों ने।खुल गया सब राज

 पटना :

 बिहार टीईटी 2011 में किस तरीके से फर्जीवाड़ा हुआ था. फर्जीवाड़ा में कौन—कौन लोग शामिल थे. गलत तरीके से फर्जी सर्टिफिकेट तैयार करवाने के पीछे बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड के कौन—कौन से अधिकारी और स्टाफ मदद कर रहे थे. ये सब कुछ अब साफ हो गया है. दरअसल, इस मामले में पटना पुलिस को एक बड़ी कामयाबी मिली है. फर्जीवाड़ा के इस खेल में शामिल विजय कुमार तिवारी को गिरफ्तार कर लिया गया है. इसेे कोतवाली थाना की पुलिस ने पकड़ा है.

पकड़े जाने के बाद हुए पूछताछ में विजय ने बिहार टीईटी 2011 में हुए फर्जीवाड़ा का सारा राज उगल दिया है. आपको बता दें कि विजय कुमार तिवारी फर्जीवाड़ा के इस खेल का सबसे बड़ा बिचौलिया है. इसका पकड़ा जाना पुलिस के लिए काफी महत्वपूर्ण था.



इन लोगों ने की थी मदद बिहार टीईटी 2011 की परीक्षा फेल करने वाले कैंडिडेट्स को विजय कुमार ने रुपए के बल पर पास करवा दिया था. एसएसपी मनु महाराज के अनुसार सर्वर और कप्यूटर से छेड़छाड़ कर फेल हुए कैंडिडेट्स के नकली सर्टिफिकेट बनाए गए थे. इस काम में विजय की मदद बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड के स्टाफ अरविंद कुमार, अमित कुमार, अमितेश कुमार, जटा शंकर मिश्र, रंजीत मिश्रा, माइकल फ्रांसिस और अरूण कुमार ने मदद की थी.

कमाए 20 लाख से अधिक फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर एग्जाम फेल करने के बाद भी कई ऐसे कैंडिडेट्स हैं, जो टीचर की सरकारी नौकरी कर रहे हैं. ये खेल ऐसे ही नहीं खेला गया है. इस पूरे खेल में लाखों रुपए खर्च किए गए हैं. इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सिर्फ अकेले विजय कुमार तिवारी ने 20 लाख रुपए कमाए थे. पुलिस की पूछताछ में इस बात की उसने खुद पुष्टि की है.

अब तक ये लोग जा चुके हैं जेल बिचौलिया विजय कुमार तिवारी से पहले इस मामले में पटना पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए 10 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. जिसमें बोर्ड के स्टाफ और फर्जी सर्टीफिकेट पर टीचर की नौकरी कर रही महिलाएं थीं. इनमें बोर्ड के प्रभारी अभिलेखागार जटा शंकर मिश्र, कंप्यूटर के सेल के सहायक प्रभारी अमितेश कुमार, अमित कुमार, सुजीत कुमार, राजेश रंजन उर्फ राजा, अरूण कुमार, पूजा भारती, सुमन कुमारी, श्वेता कुमारी और मंजू कुमारी शामिल हैं.

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