सुप्रीम कोर्ट में चल रही बिहार के नियोजित
शिक्षकों कि समान काम समान वेतन कि सुनवाई में अब उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्र का संघ भी केविएटर बन चुका है।
अधिवक्ता करूणाकर मलिक ने ये केविएट फाइल कि है
जिससे यह संभावना बन रही है कि ये मामला कुछ और लंबा हो जाए।
जीत के रास्ते पर खडे बिहार के शिक्षकों के लिए यह एक बुरा अनुभव हो सकता है क्योकि इसका एक बुरा प्रभाव भी बिहार के समस्त नियोजितों शिक्षक पर पड़ सकता यैसा माना जा रहा है।।
आपको बता दे कि इस मामले में उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रों के जुडने से बिहार के शिक्षामित्र स्वतः सुरक्षित जोन में आ चुके हैं
क्योंकि दोनों प्रदेश के शिक्षामित्रों के नियुक्ति प्रक्रिया में जो मापदंड अपनाये गये थे वो एकदम भिन्न है।
कुल मिलाकर बात अब यह हो सकती है कि मामला लंबा जरूर हो गया है पर 3.70लाख नियोजित शिक्षक के वकील सरकारी दलील को पुर्णतः विफल करवाने में सक्षम होगें।
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